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बुधवार, 29 जनवरी 2014

चंद्रावती की खुदाई में मिली हड्डियां


चंद्रावती की खुदाई में मिली हड्डियां 

 




खुदाई में मिली हड्डियां और अन्य अवशेष, जांच के बाद ही पता लगेगा ये हड्डियां मानव की या पशुओं की

 आबूरोड शहर के निकट चंद्रावती की खुदाई में मंगलवार को विशेषज्ञों को कुछ हड्डियां और अन्य अवशेष मिले हैं। जिससे विशेषज्ञों की जिज्ञासा भी काफी बढ़ गई है। हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि ये हड्डियां मानव की हैं या पशुओं की, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जांच के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि ये हड्डियां किस प्राणी की हैं। इससे हम उस समय के रहन सहन, भोजन और पर्यावरण का अध्ययन कर सकेंगे।

प्रोफेसर जीवन खरगवाल ने बताया कि दो दिन पूर्व नये स्थान को चिह्नित कर नदी किनारे पर नए ट्रेन्च में खुदाई शुरु की गई। जहां हड्डियों के अवशेष मिले हैं। इसी परिसर में मिट्टी के बने ढक्कन नुमा संरचनाएं मिली हैं। शोधार्थी प्रांजल गर्ग के अनुसार हड्डियों के बारे में बताना मुश्किल है कि हड्डियां पशुओं की हैं या इंसानों की। यह तो बाद में किये जाने वाले शोध में यह पता लगाने के प्रयास किया जाएगा कि हड्डियां किसकी है। यदि यह हड्डियां पशुओं की है तो, कौनसे पशुओं की अस्थियां है और उनका रहन सहन व भोजन पर्यावरण कैसा रहा होगा। इसका अध्ययन विशेषज्ञ करेंगे। इन हड्डियां में नाखून व दांत जैसा अवशेष मिला है। यह किस पशु का है यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा।

खंडित प्रतिमा भी मिलीत्नचंद्रावती के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र के बस्ती क्षेत्र में खुदाई के दौरान महिला की खंडित प्रतिमा मिली है। उत्खनन अधिकारी विनीत गोधल के ने बताया कि महिला की खंडित प्रतिमा का एक हाथ कमर के पास नृत्य की मुद्रा की तरह है। साथ ही प्रतिमा के हाथ पर बाजूबंध की आकृति है। गोधल ने बताया कि इसे अनुमान होता है कि तत्कालीन लोग नृत्य जानते होंगे व महिलाएं कमरबंध व बाजूबंध धारण करती होंगी। एक ही सेंड स्टोन पर बनाई गई प्रतिमा के पीछे की तरफ कोई आकृति नहीं है। खनन के दौरान सेंड स्टोन से निर्मित कूटने का एक पत्थर भी मिला है।

शनिवार, 14 मई 2011

दिल्ली से नागरिक उड्डयन विभाग के विशेषज्ञों की टीम घटनास्थल पर पहुंची


दिल्ली से नागरिक उड्डयन विभाग के विशेषज्ञों की टीम घटनास्थल पर पहुंची

जोधपुर। आबूरोड की पहाडिय़ों में शुक्रवार को बीएसएफ के,हेलिकॉप्टर 
 दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच करने शनिवार को दिल्ली से नागरिक उड्डयन विभाग के विशेषज्ञों की टीम घटनास्थल पर पहुंची। विशेषज्ञों ने करीब पांच घंटे हेलिकॉप्टर के मलबे की गहन जांच कर हादसे की वजह जानने की कोशिश की। मेडिकल टीम ने दोनों पायलटों, इंजीनियर व बीएसएफ के सब इंसपेक्टर के शवों का पोस्टमार्टम करने के बाद जोधपुर,पिलानी व अमृतसर भेज दिया।

गांधीनगर से जोधपुर आ रहा बीएसएफ का हेलिकॉप्टर चेतक शुक्रवार दोपहर बाद आबूरोड की पहाडिय़ों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। पुलिस ने हादसे के बाद घटनास्थल को अपने कब्जे में ले लिया था। शनिवार सुबह गांधीनगर से बीएसएफ के गुजरात सीमांत के आईजी अरुण कुमार सिन्हा ने मौका मुआयना किया। बाद में दिल्ली से नागरिक उड्डयन विभाग की ग्यारह सदस्यीय टीम ने वहां पहुंचकर पड़ताल शुरू की।

टीम ने हेलिकॉप्टर के बिखरे मलबे में काकपिट वाइस रिकार्डर सहित महत्वपूर्ण उपकरणों की जांच कर हादसे की वजह जानने की कोशिश की। साथ ही बिखरे पड़े सामान और मोबाइल फोन से हेलिकॉप्टर में आई अचानक तकनीकी खराबी के कारण जानने का प्रयास किया। इधर पुलिस ने दोपहर में हादसे में मारे गए कैप्टन बल का शव अमृतसर, कोपायलट बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट विवेक चौधरी का शव पिलानी ,बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर सोहन राम व इंजीनियर चौपड़ा का शव जोधपुर भेज दिया गया।