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मंगलवार, 28 अगस्त 2012

गहलोत का भविष्य टिका हें सोनिया गाँधी की रेली पर

गहलोत का भविष्य टिका हें सोनिया गाँधी की रेली पर


बाड़मेर कांग्रेस की अध्यक्ष और यु पि ए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी का तीस अगस्त का राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर का दौरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए महत्वपूर्ण मन जा रहा हें .लम्बे अरसे बाद सोनिया गांधी राजस्थान आ रही हें ,बाड़मेर जिले में पेयजल योजना का उद्घाटन करेगी सोनिया .सोनिया गाँधी के दौरे को सफल बनाने के लिए अशोक गहलोत ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी .गहलोत को करीब एक लाख की भीड़ एकत्रित करनी हे जो मौजूदा समय में किसी चुनौती से कम नहीं हें ,गहलोत राज्य में असंतुष्टो द्वारा उनके खिलाफ किये जा रहे बार बार अभियान और राज्य में गहलोत की पकड़ ढीली होने जैसे बयानों का जवाब देने के लिए इससे उपयुक्त मौका नहीं मिल सकता .अशोक गहलोत जानते हें की असंतुष्टो की गतिविधियों से उनकी छवि आलाकमान के समक्ष काफी हद तक प्रभावित हुई हें ,गहलोत इस रेली के माध्यम से राज्य में जनता पर अपनी पकड़ साबित करने के लिए स्थानीय विधायको तथा सांसद को ख़ास जिम्मेदारी सौंपी हें ,इन विधायको में सबसे अधिक असंतुष्ट और चर्चित विधायक कर्नल सोना राम भी शामिल हें ,सोनिया गांधी के दौरे का सोना राम ने विरोध किया था ,बात समाचार पत्रों तक गई तब कांग्रेस महासचिव अहमद पटेल ने सोनाराम को समझाईस कर सोनिया गाँधी के दौरे को सफल बनाने के निर्देश दिए तब जाकर सोनाराम सोनिया की रेली की तयारी में जुटे .गहलोत के मंत्रिमंडल के दो सदस्य भी बाड़मेर जिले से हें हेमाराम चौधरी और अमीन खान ,दोना अपने समाजो में अच्छी पकड़ रखते हें ,गहलोत सोनिया की रेली में लोगो की तादाद एक लाख के पर पंहुचा कर सोनिया के समक्ष अपनी ताकत दिखाना चाहते हें ,की असंतुष्टो की बातो में दम नहीं हें ,मगर स्वयं अशोक गहलोत की तीन दिन पूर्व बाड़मेर में उसी स्थान पर आम सभा का आयोजन किया गया था जहा सोनिया की सभा राखी जा रही वहा उस वक़्त महज हज़ार पन्द्र सौ लोग ही आये उसमे भी अधिकांस अधिकारी कर्मचारी थे ,इतमी कम भीड़ ने अशोक गहलोत के माथे पर चिंता की लकीरे जरुर खींच दी हें ,गहलोत ने अपने पुरे प्रशासन को सोनिया की रेली सफल बनाने में झोंक दिया हें ,इसके बावजूद रेली को लखी बना पाएंगे इसमे शक हें ,रेली में भीड़ कम हुई तो उसका खामियाजा अशोक गहलोत को भुगतना पड़ सकता हें

दो लाख की भीड़ जुटाने के लिए हाथ पैर मार रहे नेता

सोनिया के लिए लाओ 1600 बसें! 

दो लाख की भीड़ जुटाने के लिए हाथ पैर मार रहे नेता

बाड़मेर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाड़मेर दौरे ने परिवहन अधिकारियों की हालत पतली कर दी है। बाड़मेर में प्रस्तावित सोनिया गांधी की सभा में भीड़ जुटाने के लिए परिवहन विभाग को करीब एक हजार छः सौ बसें उपलब्ध करवानी है। इनदिनों परिवहन विभाग के ज्यादातर अधिकारी सारे काम छोड़कर सोनिया गांधी के बाड़मेर दौरे के लिए बसों का इंतजाम करने में लगे हैं। विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि सोमवार दोपहर को उन्हें जानकारी मिली कि सोनिया गांधी की बाड़मेर में प्रस्तावित आम सभा में बसों की व्यवस्था करनी है। दर्जनों बसों की बात हो तो व्यवस्था करने में आसानी रहती लेकिन यहां एक हजार बसों की व्यवस्था करनी है जो कि मुश्किल कार्य है।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से दौ सौ बसों का लक्ष्य

यु पी ए अध्यक्षा सोनिया गाँधी के दौरे में एक लाख की भीड़ एकत्रित करने का लक्ष्य हें जिसमे बाड़मेर जिले की सात विधान सभाओ में प्रत्येक विधान सभ से दौ सौ बसे लाने का लक्ष्य निर्धारित किया हें ,वहीं जैसलमेर से बीस हज़ार ,जालोर सिरोही जोधपुर ,पाली से करीब तीस हज़ार लोगो को लाने के प्रबंध किये जा रहे हें ,इतनी बड़ी संख्या में बसे नहीं मिल रही .

भीड़ कम होने की आशंका

हाल ही में हुई बारिश के बाद ग्रामीण लोग अपने खेतो में जुटे हें ,खेतो का काम छोड़ कर किसान और ग्रामीणों के आने की संभावना कम हें ,दो रोज पूर्व मुख्यमंत्री की आदर्श स्टेडियम में आम सभा रखी जिसमे बमुश्किल हज़ार लोग पहुंचे ,इस सभा में कम भीड़ देख मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का माथा ठनक गया ,उन्होंने बसों की व्यवस्था से लेकर भीड़ जुटाने का काम की कमान अपने हाथ में ले ली ,

लाख नहीं दो लाख की भीड़ करो

श्रीमती सोनिया गांधी के तीस अगस्त को दौरे को लेकर स्थानीय नेता एक लाख की भीड़ करने का दम भर रहे थे मगर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ चन्द्रभान ने कहा की भीड़ एक लाख की नहीं दो लाख की करनी हें ,चंद्रभान के इस बयां ने स्थानीय नेताओ की नींद उड़ा दी ,क्योंकि भीड़ जुटाने वाले नेता को ही विधानसभा चुनाव में टिकेक मिलेगी ,

कहां से कितनी बसें

आधिकारिक तौर पर अधिकारियों ने बताया कि एक हजार बसें जोधपुर संभाग के परिवहन अधिकारियों को जुटानी हैं। इसमें जोधपुर कार्यालय को अनुमानित 600 बसें, पाली को 200 बसें, बाड़मेर को 600 बसें और जालोर, सिरोही व जैसलमेर कार्यालय को 600 बसों की व्यवस्था करने को कहा गया है। ज्यादातर अधिकारी इस काम में लगने से परिवहन विभाग का निरीक्षण, परमिट, लाइसेंस और राजस्व संग्रहण का कार्य प्रभावित होगा।

कहां से लाएं इतनी बसें

उच्चाधिकारियों के निर्देश पर संभाग के सभी जिलों के जिला परिवहन अधिकारी, निरीक्षक और उप निरीक्षक सारे काम छोड़कर बसों की व्यवस्था करने में लगे हैं। परेशानी यह है कि बसों के बदले बस संचालकों को नाम तेल के दाम दिए जाएंगे। ऎसे में मैंटेनेस सहित अन्य खर्चो का भुगतान नहीं होने से बस संचालक बसें लगाने के लिए राजी नहीं हो रहे हैं।--