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मंगलवार, 15 जनवरी 2013

"सर्द हवा" में अलर्ट सरहद के रखवाले

"सर्द हवा" में अलर्ट पश्चिमी सरहद के रखवाले

बाड़मेर । राजस्थान फ्रंटियर में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल का वार्षिक अभ्यास "सर्द हवा" सोमवार रात शुरू हो गया। यह अभ्यास उन दिनों में होता है जब उत्तर भारत कड़ाके की ठंड व कोहरे की चपेट में होता है। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर की घटना को लेकर उत्पन्न तनाव के बीच शुरू हुए अभ्यास के लिए सीमा चौकियों पर जवानों की संख्या बढ़ाई गई है। वाहिनी मुख्यालयों पर तैनात अधिकारियों को भी सीमा पर भेज दिया गया है। खुफिया एजेंसियों के पाक प्रशिक्षित आतंककारियों के भारत में घुसपैठ करने की आशंका जताए जाने पर सीमा सुरक्षा बल ने सीमा पर पहले से ही हाई अलर्ट घोषित किया हुआ है।


बाड़मेर सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक  ने बताया कि 28 जनवरी तक चलने वाले अभ्यास के दौरान बल के जवानों की विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता की परख होती है। रात्रि में घने कोहरे के बीच जब हाथ को हाथ दिखाई नहीं देता तब बल के जवान तारबंदी के साथ-साथ गश्त करते हुए सीमा पार की हर हलचल पर नजर रखते हैं। चौहान ने बताया कि अभ्यास के दौरान जवान तारबंदी के आसपास उन झाड़-झंखाड़ों की सफाई करेंगे जो सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखने में बाधक बनते हैं।

पैदल गश्त पर जोर

रात्रि के समय सीमा की चौकसी के लिए सीमा सुरक्षा बल को थर्मल इमेजर व नाइट विजन जैसे अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया हुआ है। लेकिन कोहरे के समय इन उपकरणों की क्षमता पर असर पड़ता है। ऎसे में तारबंदी के साथ पैदल गश्त बढ़ा दी गई है। इसके अलावा नाकों की संख्या भी बढ़ाई गई है। गश्ती और नाकापार्टी एक-दूसरे से समन्वय रखते हुए सीमा की चौकसी करते हैं।