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रविवार, 9 फ़रवरी 2020

जैसलमेर *मरू महोत्सव के अंतिम दिन सम में आकर्षक कार्यक्रमों को देखने उमडा जनसैलाब* *कैमल रेस हॉर्स रेस कैमल डांस आदि ने मोहा सैलानियों का मन*

जैसलमेर *मरू महोत्सव के अंतिम दिन सम में आकर्षक कार्यक्रमों को देखने उमडा जनसैलाब*
 *कैमल रेस हॉर्स रेस कैमल डांस आदि ने मोहा सैलानियों का मन*

 जैसलमेर 9 फरवरी ।
अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त मरू महोत्सव के अंतिम दिन जैसलमेर जिले के रेतीले धोरों की वजह से जग विख्यात सम में रविवार शाम हुए विभिन्न कार्यक्रमों को देखते जबरदस्त जनसैलाब उमडा।
 इनमें भारतीय और विदेशी पर्यटक भी बहुत बड़ी संख्या में मौजूद थे।
 विभिन्न प्रतिस्पर्धा के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने करतल ध्वनि से कार्यक्रमों को सराहा।
 रस्साकशी प्रतिस्पर्धा में भारतीय पुरुष  टीम विजेता रही।
 इसी प्रकार कैमल रेस प्रतियोगिता में फाइनल में उर्स खान धनाना प्रथम रहे जबकि हाफिज खान तुर्कों की बस्ती द्वितीय तथा  भगले खान तीसरे स्थान पर रहे।
प्रतियोगिता का संचालन विजय बल्लानी ने किया।
जिला खेल अधिकारी राकेश विश्नोई एवं खेल विशेषज्ञों ने विभिन्न स्पर्धाओं में निर्णायक की भूमिका अदा की।
 विभिन्न प्रतिस्पर्धा के विजेताओं व दलों को जिला कलेक्टर नमित मेहता, जिला प्रमुख श्रीमती अंजना मेघवाल , नगर परिषद सभापति हरीवल्लभ कला, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमीन खान, मरू महोत्सव के नोडल अधिकारी भारत भूषण गोयल आदि ने नगद पुरस्कार और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया सम सैंड ड्यून्स सोसायटी की ओर से सभी अतिथियों का अभिनंदन किया गया ।
इस दौरान मरू श्री ओम प्रकाश वैष्णव भी मौजूद थे।
कैमल डांस के दौरान जबरदस्त आकर्षण बिखरा वही लोक वाद्यों के साथ कलाकारों ने जमकर गीत संगीत की धूम मचाई।
सम के धोरों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने भारी हुजूम उमडा ।
देशी विदेशी पर्यटको की भारी संख्या में मौजूदगी के बीच सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की शुरुआत हुई।

रविवार को दिन में सम में काइट फ्लाइंग के दौरान आसमान में अलग-अलग आकार प्रकार और रंगों के पतंग उड़ते रहे और मीलों तक आकर्षण बिखेरते रहे।

रविवार को दिन भर सम के रेतीले लहरदार और मखमली धोरों  पर जनगंगा उमड़ती रही।
 शाम को बड़ी संख्या में सैलानियों ने धोरों पर कैमल सफारी जीप सफारी आदि का आनंद लिया।

सोमवार, 14 अक्टूबर 2019

जैसलमेर सप्ताह भर पहले जीप सफारी पर रोक लगाई जिला कलेक्टर ने,रोक बेअसर,दर्जन भर जीप दौड़ रही सम के सुनहरे धोरों पर*

जैसलमेर सप्ताह भर पहले जीप सफारी पर रोक लगाई जिला कलेक्टर ने,रोक बेअसर,दर्जन भर जीप दौड़ रही सम के सुनहरे धोरों पर*

*सेकड़ो लोगो के बीच जीप चालको की लगी होड़,कभी भी हो सकता हादसा*


*जैसलमेर गत सप्ताह ही जिला कलेक्टर नमित मेहता और पुलिस अधीक्षक डॉ किरण कंग सिंधु की उपस्थिति में सेंड ड्यून विकास समिति की बैठक में आदेश दिया था कि सम के धोरों के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ छेड़छाड़ करने वाली जीप सफारी बन्द की जाए।कोई भी वाहन धोरों पे सफारी नही कराएगा।इस आदेश की सम में सरे आम धज्जियां उड़ाई जा रही है।।आज रविवार है सेकड़ो पर्यटक सम का सौंदर्य निहारने पहुंचे।।सम के धोरों पे पर्यटन माफिया जीप चालक बेख़ौफ़ होकर गति सीमा से कही अधिक स्पीड में दर्जन भर से अधिक जीप दौड़ा रहे है। इस वक्त सेकड़ो लोगो की भीड़ जमा है उनके बीच जीप सफारी चालक अपनी ज
जीपों को दौड़ाकर न केवल धोरों का प्राकृतिक सौंदर्य तहस नहस कर रहे वरन पर्यटकों की सुरक्षा का भी कोई ख्याल नहीं रख रहे। सेकड़ो पर्यटकों के बीच तेज गति से अपने वाहन बेख़ौफ़ होकर चला रहे है।जबकि इस वक़्त सेकड़ो लोग ऊंट सफारी का भी धोरों पे आनंद ले रहे है।खुदा न खास्ता बाडमेर की तर्ज कोई हादसा हो गया तो जिम्मेदार कौन होगा।।समिति में निर्णय के बावजूद जीप संचालक धोरों का सौंदर्य तो खराब कर ही रहे है बल्कि पर्यटकों की जिन्दगि के साथ भी खिलवाड़ कर रहे है।जबकि सम पुलिस मूकदर्शक बनी तमाशा देख रही है।।

शनिवार, 27 सितंबर 2014

टूरिज्म: जैसलमेर विश्व पर्यटन दिवस विशेष। टूरिज्म: रेत पर अब सुरीली रात का समां



विश्व पर्यटन दिवस  विशेष। टूरिज्म: रेत पर अब सुरीली रात का समां    


विमल भाटिया 


जैसलमेर राजस्थान के रेगिस्तान की शाम तब और भी खूबसूरत लगती है जब यहां लगे तंबुओं में बैठकर लोकनृत्य का आनंद उठाने का मौका मिल जाए. और जब तंबू में फाइव स्टार सुविधाएं भी हों तो आनंद कई गुना बढ़ जाता है. इसीलिए तो जैसलमेर के थार रेगिस्तान से 20-25 किलोमीटर दूर सम गांव की तरफ ढेरों टेंट रिसॉर्ट विकसित हो चुके हैं. यहां लगभग एक हजार सर्व सुविधायुक्त टेंट लगे हैं.


विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इन भव्य लक्जरी टेंटों में फाइव स्टार होटलों जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. इनमें एसी लगे होते हैं, लाइव बारबेक्यू, गोल्फ कोर्स से लेकर स्विमिंग पूल जैसी लक्जरी भी मुहैया करवाई जा रही है. सैलानियों के लिए कैमल रेस (ऊंट दौड़), कैमल पोलो जैसे मनोरंजन के इंतजाम भी किए जा रहे हैं.

थार रेगिस्तान में बसी टेंटों की यह दुनिया वाकई अद्भुत है. सम के रेतीले धोरों की तरफ जाने वाले मार्ग पर दोनों ओर देखकर लगता है, जैसे यह टेंट रिसोर्ट का कोई छोटा-मोटा शहर हो. सारा इंतजाम देशी-विदेशी सैलानियों की पसंद को देखते हुए किया गया है. दरअसल रेगिस्तान में रात को रुकना पर्यटकों के लिए हमेशा रोमांच भरा रहा है. लेकिन सुविधाओं के अभाव में ज्यादा पर्यटक अपनी इस इच्छा को पूरा नहीं कर पाते थे.


इसलिए लगभग पांच साल पहले यहां आधुनिक सुविधाओं वाले टेट लगाने का चलन शुरू हुआ, जिसके चलते अब सालाना तीन लाख पर्यटक लक्जरी टेंटों का आनंद उठाने के लिए यहां आने लगे हैं. वे इन टेंटों में एक रात रुकने के लिए 3,000-10,000 रु. तक खर्च करने से गुरेज नहीं करते. टेंट का किराया उसमें मौजूद सुविधा के मुताबिक तय होता है.


सम के रेगिस्तान में सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित डेजर्ट स्प्रिंग नाम का टेंट रिसोर्ट बना रहे पर्यटन कारोबारी मयंक भाटिया कहते हैं, ‘‘पर्यटक आधुनिक सुविधाओं से युक्त टेंट चाहते हैं. उनकी मांग को देखते हुए हम 25 टेंटों का एक ऐसा लक्जरी टेंट रिसोर्ट बना रहे हैं जिसमें बड़ा गोल्फ कोर्स, टेनिस कोर्ट और बैडमिंटन कोर्ट होगा. टेंट के भीतर स्टडी टेबल, वार्डरोब, इलेक्ट्रॉनिक सेफ, फ्रिज, सोफा, मिनी बार, लाइव बारबेक्यू सहित और भी ढेरों सुविधाएं होंगी.’’


रेगिस्तान में पानी की जबरदस्त कमी तो हमेशा से ही रही है लेकिन रेगिस्तान के मध्य में होते हुए भी इन टेंटों में ठंडे और गरम पानी की लगातार सप्लाई होती है. टेंटों का निर्माण करवाने वाले ज्यादातर होटल व्यवसायी हैं जो पर्यटकों की शाम को रूमानी बनाने के लिए तरह-तरह के और भी कई प्रयोग कर रहे हैं. वे रेत के टीलों पर कैंडल लाइट डिनर की व्यवस्था करते हैं. ठेठ राजस्थानी लोक संगीत से सैलानियों की शामों को सुरीला बनाया जाता है. इसलिए इन यादगार लम्हों का लुत्फ उठाने के लिए आने वालों की तादाद बढ़ती चली जा रही है.


सम के टेंट रिसोर्ट राजस्थान डेजर्ट सफारी कैंप के मालिक उपेंद्र सिंह राठौड़ कहते हैं, ‘‘जैसलमेर के रेगिस्तान में लक्जरी टेंट दुबई के रेतीले टीलों पर बने हुए लक्जरी टेंटों की तर्ज पर बनाए जा रहे हैं. रेतीले टीलों पर मशाल लाइट डिनर, कैंडल लाइट डिनर की पर्यटकों के बीच खासी मांग है.’’


राठौड़ शाम-ए-जैसलमेर नाम से एक लक्जरी टेंट रिसोर्ट का निर्माण करवा रहे हैं. इस रिसोर्ट्स में रेतीले टीलों के बीच स्विमिंग पूल भी बनाया जा रहा है. इसमें नए शादीशुदा जोड़ों के लिए एक्सक्लूसिव कैंडल लाइट डिनर की सुविधा भी होगी, जो उनकी शाम को यादगार बना देगी.


लक्जरी टेंट के नए चलन की वजह है यहां पर आने वाले ऐसे सैलानियों का इस तरह की सुविधाओं की नियमित मांग करना. रेगिस्तान में ये सैलानी कुछ अलग और रोमांचक करने की इच्छा रखते हैं. जन्मदिन, शादी की सालगिरह और हनीमून मनाने के लिए रेत की धरती पर आने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.


कई चर्चित हस्तियां भी गुपचुप तरीके से रेगिस्तानी शाम का लुत्फ उठाने के लिए थार आती हैं. भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रॉबर्ट ब्लैकविल भी अभी हाल ही अपनी पत्नी का जन्मदिन मनाने यहां आए थे. यहां पर ठेठ ग्रामीण परिवेश के बीच उन्होंने केक कैटरिंग सेरेमनी आयोजित की थी और इसके साथ ही कैंडल लाइट डिनर भी किया था. उनके अलावा पॉप स्टार मीका, दिवंगत ‘‘ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह और दूसरी शख्सियतें भी खास मौकों पर जश्न मनाने के लिए यहां आ चुकी हैं.


टेंट कारोबारी टेंट पर्यटन को लोकप्रिय बनाने के लिए और भी कई तरह की योजनाओं पर काम कर रहे हैं. जैसा कि भाटिया बताते हैं, ‘‘यहां आने वाले सैलानी ढेर सारा फन और रोमांच चाहते हैं. इसलिए उनकी मांग को देखते हुए हम रेगिस्तान में चलने वाले डेजर्ट स्कूटर और दूसरे वाहन लाने की योजना पर भी काम कर रहे है. इसके अलावा डिनर ऑफ ड्यून्स (रेत के टीले पर बैठकर भोजन) के नाम से खास इंतजाम किए गए हैं, जिसके तहत अनगिनत लजीज व्यंजन उपलब्ध करवाए जाते हैं.’’


मेहमानों की सुख-सुविधा के लिए जितने भी इंतजाम किए जाते हैं उनमें हनीमून मनाने के लिए यहां आने वालों का खास ध्यान रखा जाता है. राठौड़ की सुनिए, ‘‘नव विवाहितों का हम पूरा ख्याल रखते हैं. खास उनके लिए रात के समय राजस्थानी लोक गीत-संगीत के अलावा ऑस्ट्रेलियन बैले डांस का भी आयोजन किया जाता है.’’


रोमांच को बढ़ाने के लिए उपेंद्र सिंह राठौड़ कुछ और भी प्रयोग कर रहे हैं. वे बताते हैं, ‘‘हम अपने टैंट रिसॉर्ट में एक स्पेशल मचान रेस्टोरेंट भी बना रहे हैं. सैलानी इस पर बैठकर सूर्यास्त के मनोहारी दृश्य का आनंद उठा सकेंगे. साथ में लजीज भोजन का लुत्फ भी ले सकेंगे.’’ यहां आने वाला बोर हो, इसकी संभावना कम होती है क्योंकि मनोरंजन के तमाम साधन मौजूद रहते हैं.


इनमें कैमल पोलो, कैमल रैस और कैमल सफारी तो है ही, इन सब से मन भर जाए तो कई सारे इंडोर गेम भी मौजूद हैं. रोमांच के बाद अगर थोड़ी शांति की जरूरत महसूस हो तो आप यहां की लाइब्रेरी में बैठकर पसंदीदा किताबें पढ़ सकते हैं.


पर्यटन व्यवसायी महासंघ के अध्यक्ष और रॉयल डेजर्ट सफारी कैंप के मालिक जितेंद्र सिंह राठौड़ कहते हैं, ‘‘पर्यटक रेगिस्तान के बीचोबीच रुकना चाहते हैं. इसीलिए संचालक अपने टेंटों में बेहतरीन आधुनिक सुख-सुविधाएं उपलब्ध करवाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. सम और खुहड़ी के रेतीले धोरों पर पसरे 1,000 से ज्यादा टेंटों में कैमल सफारी के लिए 700 से ज्यादा ऊंटों को लगाया गया है.’’


अपने शानदार किलों और हवेलियों के लिए प्रसिद्घ राजस्थान मुमकिन है, जल्द ही दुनिया भर में अपने खूबसूरत और अनोखे टैंट रिसॉर्ट्स के लिए भी पहचाना जाने लगे.