थाने के सामने ही जहर खा लिया।
भीलवाड़ा। पुलिस की ढिलाई के चलते भीलवाड़ा में एक व्यक्ति ने थाने के सामने ही जहर खा लिया। अस्पताल ले जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई। मामला सोमवार देर रात भीलवाड़ा के गंगापुर थाने का है। इस मामले में फिलहाल किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मौत के बाद थाना क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।
एक साल पहले किया था दो लाख में सौदा : मिली जानकारी के अनुसार, भीलवाड़ा निवासी मांगीलाल ने गंगापुर थाना क्षेत्र में स्थित पोटला
गांव में एक साल पहले करीब दो लाख रूपए में एक जमीन खरीदी थी।
जमीन खरीदने के बाद मांगीलाल को पता चला कि जमीन पहले भी किसी और ने खरीदी है। इसकी शिकायत करीब छह महीने पहले मांगीलाल ने गंगापुर थाने में की। शिकायत करने के के बाद अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई न होने से वह बेहद क्षुब्ध था।
छह महीनों में उसने गंगापुर थाने के दर्जनों चक्कर काटे लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी। सोमवार रात मांगीलाल फिर से थाने पहुंचा। थाने पहुचंने के बाद जब पुलिसकर्मियों से उसने अपने केस के बारे में जानकारी लेनी चाही ,तो उसे फिर से थाने से भगा दिया गया। थाने के बाहर आकर उसने जेब में रखा जहर खाया और वहीं अचेत होकर गिर पड़ा। पुलिसकर्मियों को इस बारे में जानकारी मिली, तो उनके हाथ-पैर फूल गए। बाद में उसे भीलवाड़ा जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि छह महीने में पुलिस ने उसके मामले पर एफआईआर तक दर्ज नहीं की थी। मांगीलाल सूरत में पताशी का ठेला लगाता था। इसी झमेले में उलझ कर वह गुजरात वापस नहीं गया और यहीं अपने मामले की पैरवी करने लगा।
।एक साल पहले किया था दो लाख में सौदा : मिली जानकारी के अनुसार, भीलवाड़ा निवासी मांगीलाल ने गंगापुर थाना क्षेत्र में स्थित पोटला
गांव में एक साल पहले करीब दो लाख रूपए में एक जमीन खरीदी थी।
जमीन खरीदने के बाद मांगीलाल को पता चला कि जमीन पहले भी किसी और ने खरीदी है। इसकी शिकायत करीब छह महीने पहले मांगीलाल ने गंगापुर थाने में की। शिकायत करने के के बाद अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई न होने से वह बेहद क्षुब्ध था।
छह महीनों में उसने गंगापुर थाने के दर्जनों चक्कर काटे लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी। सोमवार रात मांगीलाल फिर से थाने पहुंचा। थाने पहुचंने के बाद जब पुलिसकर्मियों से उसने अपने केस के बारे में जानकारी लेनी चाही ,तो उसे फिर से थाने से भगा दिया गया। थाने के बाहर आकर उसने जेब में रखा जहर खाया और वहीं अचेत होकर गिर पड़ा। पुलिसकर्मियों को इस बारे में जानकारी मिली, तो उनके हाथ-पैर फूल गए। बाद में उसे भीलवाड़ा जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि छह महीने में पुलिस ने उसके मामले पर एफआईआर तक दर्ज नहीं की थी। मांगीलाल सूरत में पताशी का ठेला लगाता था। इसी झमेले में उलझ कर वह गुजरात वापस नहीं गया और यहीं अपने मामले की पैरवी करने लगा।