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शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2018

*बाड़मेर विधानसभा उम्मीदवारों का चयन तय करेगा हार जीत का फैसला* *नए चेहरों पर कर सकते है दोनो दल भरोसा,भजपा के पास उम्मीदवारों का टोटा*

*थार चुनाव रणभेरी 2018*

*बाड़मेर विधानसभा उम्मीदवारों का चयन तय करेगा हार जीत का फैसला*

*नए चेहरों पर कर सकते है दोनो दल भरोसा,भजपा के पास उम्मीदवारों का टोटा*

*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक*


बाड़मेर पश्चिमी सरहद की जिला मुख्यालय विधान सभा सीट पर दोनो दल प्रभावशाली प्रत्यासी खोज रहे है। इस सीट पर व्यक्तिगत प्रभाव ही उम्मीदवार की हार जीत तय करेगा।।कांग्रेस के पास दो दमदार प्रत्यासी है तो भाजपा जितने की संभावना वाले नए चेहरों की तलाश कर रहा। पिछले दो चुनाव कांग्रेस के मेवाराम जैन जीते है।।इस बार भाजपा की टारगेट सीटों में से *बाड़मेर एक सीट है।।जिसे वो हर हाल में जितना चाहती है।।*

*दो लाख बतीस हजार मतदाता करेंगे मतदान*

इस बार बाड़मेर विधानसभा चुनावों में दो लाख बतीस हजार दो सौ उनतीस मतदाता है जिसमे पुरुष मतदाता एक लाख बाईस हजार आठ सौ तीन तो महिला मतदाताओं की संख्या एक लाख नो हजार चार सौ छब्बीस है। इस बार विधानसभा क्षेत्र में लिंगानुपात बढ़ा है गत चुनाव में जंहा 883 था इस बार बढ़कर 891हो गया।।

*गत चुनाव में मृदुरेखा बनी तारणहार*

गत चुनाव में भाजपा की डॉ प्रियंका चौधरी और कांग्रेस के मेवाराम जैन के बीच तीसरी ताकत के रूप में निर्दलीय श्रीमती मृदुरेखा मैदान में थी।।भाजपा प्रत्यासी डॉ प्रियंका चौधरी अपने स्वजातीय वोट मिलने के यटी आत्मविश्वास के कारण पिछड़ गई।।21 हजार जाट वोट मृदुरेखा ने लेकर एक तरह से प्रियंका को हरा दिया। जाट वोट के बिखराव का फायदा मेवाराम जैन को मिला वो लगातार दूसरी बार चुनाव जीते। प्रियंका की हार में भाजपा के ही नेताओ का खुला हाथ था।।जाट वोट के अतिरिक्त उन्हें अन्य समाजो से खुलकर वोट मिले।।मेवाराम जैन के व्यक्तिगत प्रभाव के चक्रव्यूह को प्रियंका भेद नही पाई।।अतिआत्मविश्वास उन्हें ले डूबा।साथ ही सहयोगियों की सलाह को दरकिनार करना उन्हें भारी पड़ा।

*इस बार मुकाबला कड़ा और दिलचस्प होगा*

इस बार विधानसभा चुनावों में अभी उम्मीदवारों की स्थति स्पस्ट नही है। कांग्रेस में वर्तमान विधायक मेवाराम जैन और उदय हुए सितारे आज़ाद सिंह राठौड़ के बीच टिकट को लेकर कशमकश है।।मेवाराम जैन टिकट के कई मोर्चो पर कमज़ोर साबित हो रहे उन्हें स्थानीय कांग्रेस नेताओं का समर्थन नही मिल रहा ।।तो आज़ाद सिंह के पास खोने को कुछ नही है।गत दो सालों में आज़ाद सिंह ने क्षेत्र में अपनी खास पहचान बनाई खासकर युवाओ के बीच उनको शानदार छवि है तो स्थानीय कांग्रेस नेता आज़ाद सिंह के समर्थन में। मेवाराम जैन को भी कमतर आंकना भूल होगी।।
भाजपा के पास उम्मीदवारों के रूप में सीमित नाम है।।डॉ प्रियंका चौधरी, पीयूष डोशी, कर्नल सोनाराम चौधरी ,प्रबल दावेदार है।।प्रियंका चौधरी राजनीति में अपनी पकड़ साबित नही कर पाई गत पांच सालों में।।प्रियंका पर मतदाताओ का आरोप है कि जिन लोगो ने चुनाव में उन्हें वोट नही किये उन्हें तवज्जो देती रही।जातिवाद के आरोप भी है। गत बार उन्हें गैर जाट वोट बड़ी तादाद में मील गए थे मगर इस बार गैर जाट मतदाताओं की नाराजगी उन्हें बेहद कमजोर करती है। प्रियंका की राजनीति बयानों में बचकानी हरकतों और उनके पास कोई सही सलाहकार नही होने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।उनके द्वारा विभिन समाजो पर की गई टिपानिया भी उनके खिलाफ जाएगी।।

भाजपा से पीयूष डोशी भी सशक्त दावेदार है।।अमूमन बाड़मेर सीट पर महाजन जाति के नेताओ का दबदबा रहा है।।वृद्धि चंद जैन और मेवाराम जैन इसके उदाहरण है।।भाजपा के पास जैनों में कोई दमदार चेहरा नही है।।पीयूष डोशी के पारिवारिक राजनीति पृष्टभूमि उनके लिए रामबाण है।।भगवान दास डोशी विधायक रह चुके है।डोशी परिवार की क्षेत्र में विभिन समाजो में अच्छी पकड़ है।पीयूष वर्तमान में बूथ समिति के जिला संयोजक है।।वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा को सफल बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।।पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओ से उनकी नजदीकियां उन्हें मजबूती दिलाती है।।भाजपा से ही कर्नल सोनाराम बाड़मेर से टिकट के प्रयासो में लगे है।।उन्हें कितनी सफलता मिलती है यह भबिष्य के गर्भ में है।।

भाजपा में चोंकाने वाला नाम भी आ सकता है। सूत्रों की माने तो इस सीट पर भाजपा नए चेहरे की तलाश में है।।भाजपा की सर्वे रिपोर्ट में बाड़मेर क्षेत्र में बेहद कमजोर स्थिति आंकी गई है।।भाजपा के पास मजबूत दावेदार नही है ऐनवक्त स्वामी प्रतापपुरी पर भी दांव खेला सकती है भाजपा।।

शुक्रवार, 17 अगस्त 2018

बिशाला गाँव में हुआ राठौड़ अभिनन्दन व सम्मान समारोह

बिशाला गाँव में हुआ राठौड़ अभिनन्दन व सम्मान समारोह




Image may contain: 1 person, standing and indoorबिशाला। कांग्रेस के युवा नेता आज़ाद सिंह राठौड़ के आर. सी. ए. कोषाध्यक्ष बनने पर बिशाला के सर्व समाज के युवाओं व गणमान्य निवासियों द्वारा बिशाला में सम्मान और अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया गया । इस दौरान उपस्थित स्थानीय ग्रामीणों द्वारा उनका स्वागत व सम्मान किया गया । इस दौरान आज़ाद सिंह राठौड़ ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि “कुछ ही महीने बचे हैं चुनावों में , इस जनविरोधी , दमनकारी और भ्रष्ट शासन का अंत होने वाला है और साथ ही मैं आज परिवार के सदस्यों के बीच में यह बात कहना चाहता हूँ कि आगे भी मेरा भविष्य यही परिवार तय करेगा तथा इसी तरह बुजुर्गों का आशीर्वाद व युवा साथियों का साथ मिलता रहे ।



इस अवसर पर हिन्दू सिंह (पूर्व सरपंच बिशाला ), बांकाराम प्रजापत (पूर्व सरपंच बिशाला), रिडमल सिंह, बाबूलाल जैन, रिखबदास खत्री, इशाक खान, रामाराम मेघवाल, छगनाराम भील, देरावर सिंह, जवाहरनाथ जोगी , भीखाराम देशांतरी , मोहन परबत , रावतमल सोनी, गोपाल जोशी व देवाराम प्रजापत सहित कई गणमान्य नागरिक व युवा उपस्थित रहे।



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शनिवार, 10 मार्च 2018

बाड़मेर कांग्रेस को आज़ाद के रूप में ब्रह्मास्त्र मिला।बाड़मेर जैसलमेर की नो विधानसभा में राजपूत वोट होंगे प्रभावित*



बाड़मेर कांग्रेस को आज़ाद के रूप में ब्रह्मास्त्र मिला।बाड़मेर जैसलमेर की नो विधानसभा में राजपूत वोट होंगे प्रभावित*



*बाड़मेर लम्बे समय से कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट,पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,पूर्व मंत्री अमीन खान सहित कई नेता कांग्रेस में राजपूतो को जोड़ने की पैरवी कर चुके है।ऐसे बयानों के बीच बाड़मेर की राजनीति में एक राजपूत युवा के कांग्रेस के बैनर पर उदय हुआ।युवाओ के आइडियल रहे उद्द्यमी और सामाजिक सरोकार ग्रुप फ़ॉर पीपल ,राजस्थान क्रिकेट संघ सहित कई संगठनों में सक्रिय आज़ाद सिंह राठौड़ ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद बहुत कम समय मे अपनी खास पहचान बाड़मेर में बना ली।आज़ादी के बाद यह पहला मौका है कि कांग्रेस के बैनर पर एक राजपूत युवा का ध्रुव तारे की तरह उदय हुआ।आज़ाद को युवाओ ने हाथों हाथ लिया ही आम जन ने भी उन्हें बहुत जल्द अपना लिया।जॉइन करते किसी नेता को जनता ने इतनी ऊंचाई किसी को नही दी जितनी आज़ाद को मिली।मात्र चार माह में बाड़मेर शहर सहित ग्रामीण इलाकों में अब तक साठ से अधिक सभाएं पब्लिक डिमांड पर हो चुकी है।दो दर्जन से अधिक सामाजिक कार्यक्रमो में भी शिरकत कर चुके।यहां यह सब इसीलिए बताया जा रहा है कि आज़ाद सिंह के आने से कांग्रेस का राजपूत वोट बैंक बढ़ने के आसार साफ नजर आ रहे।हाल ही में जिला परिषद के उप चुनावो में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ राजपूत बाहुल्य क्षेत्रों में बड़ी सभाएं कर राजपूतो को प्रभावित करने में सफल रहे।दिग्गज नेता अमीन खान ने खुद आज़ाद सिंह को निमंत्रण भेज उनका उप चुनाव में बेहतर इस्तेमाल किया।




*उप चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार खिमावती कांग्रेस जिला अध्यक्ष सहित वरिष्ट नेताओंके साथ आज़ाद सिंह का आभार धन्यवाद देने उनके कार्यालय जीत के तुरंत बाद पहुंच गई।।यह आज़ाद सिंह के कद को बयां करता है।।*



कांग्रेस के नेता भी एक ऐसा राजपूत नेता चाहते है जो विधानसभा चुनावों में उनका सहयोग कर सके। यह कमी आज़ाद सिंह पूरी करते है ।।शिक्षित होने के साथ सकारात्मक सोच उन्हें और मजबूती प्रदान करती है।मुद्दों पे उनकी अच्छी पकड़ के साथ भाषण देने का बिशिष्ट अंदाज़ भी लोगो को भा रहा हैं।




*बाड़मेर जैसलमेर की नो विधानसभा सीट में राजपूत वोटर प्रभावी हैं।आज़ाद सिंह युवा होने के साथ आकर्षक व्यक्तित्व और अपने खास कुशल व्यवहार के चलते लोगो मे काफी लोकप्रिय है।इसीलिए आज़ाद सिंह का उपयोग कांग्रेस युवा राजपूत नेता के रूप में सभी विधानसभा में करना चाहेगी ताकि कांग्रेस के साथ राजपूत सीधे जुड़े।ऐसा नही है कि आज़ाद सिंह राजपूत होने के कारण सिर्फ राजपूतो में प्रभावी है।आज़ाद सिंह अपने व्यवहार,और मृदु भाषा के लिए सभी समाजो में बराबर लोकप्रिय है।खासकर युवा वर्ग उनका दीवाना है।सबसे बड़ी बात आज़ाद सिंह कांग्रेस में आने के बाद बड़ी संख्या में युवाओ को कांग्रेस के साथ लाने में न केवल सफल रहे बल्कि इन युवाओ को किसी खास मौके पर कांग्रेस की सदस्यता दिलाने में जुटे हैं।कांग्रेस वर्तमान परिस्थितियों में अच्छी स्थति में है ऐसे में आज़ाद सिंह जैसे युवा को मैदान में उतार विरोधियों को हैरान करने के साथ राजपूतो को पार्टी में जोड़ने की मुहिम के

को मूर्त रूप दे सकते हैं।कांग्रेस के स्थानीय वरिष्ठ नेता आज़द सिंह का उपयोग अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में कर सकते है।कांग्रेस को आजाद के रूप में एक ब्रह्मास्त्र मिला जिसे विधानसभा चुनावों में चलाया जा सकता हैं।कांग्रेस में बाड़मेर जिले में एक भी कद्दावर राजपूत नेता कांग्रेस में 1971 के बाद से नही है।इसकी कमी कुछ हद तक आज़ाद सिंह ने पूर्ति करने का प्रयास किया।।सबसे बड़ी बात लोग उन्हें स्वीकर कर रहे हैं।सबसे बड़ी बात की कम समय मे आज़ाद ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का विश्वास हासील किया!