सोने से जगमगाएगा सोमनाथ मंदिर, 1250 कलशों पर मढ़ा जाएगा सोना
वेरावल (गुजरात). देश में 12 ज्योतिर्लिंग हैं। इनमें सबसे पहले है सोमनाथ। अत्यंत वैभवशाली होने के कारण इतिहास में कई बार यह मंदिर तोड़ा गया और इसे फिर बनाया गया। सोमनाथ ट्रस्ट ने पिछले दिनों मंदिर के 1250 कलशों को सोने से मढ़ने का निर्णय लिया है। इस सिलसिले में ट्रस्ट के पास 325 श्रद्धालु पहुंचे और अपना नाम दर्ज करवाया। कहा- 'बताइए इस काम में कितना सोना लगेगा। हम देने को तैयार हैं।'
10 किलो सोना लगेगा
अनुमान है कि सभी कलशाें को सोने की परत से मढ़ने में करीब 10 किलो सोना लगेगा। अभी ट्रस्ट के पास कुल 36 किग्रा सोना उपलब्ध है। दरअसल, सोमनाथ ट्रस्ट ने इस काम के लिए श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की थी। छोटे-मध्यम और बड़े कलश के लिए क्रमश: 1.11, 1.21 लाख और 1.51 लाख रुपए का दान स्वीकार किया जा रहा है। ट्रस्ट के न्यासी पीके लहरी ने बताया कि 'ज्योर्तिलिंगधाम के शिखर के सभी कलश पर स्वर्ण परत चढ़ाने की योजना बनाई है। ट्रस्ट की अपील के बाद पखवाड़े भर में कई दान दाता सहयोग के लिए आगे आए हैं। अभी जितने सोने की जरूरत थी, वह पूरी हो गई है। इसलिए हमें विश्वास है कि हम बहुत जल्द ही काम शुरू कर देंगे।
एक साल में काम पूरा हो जाएगा
एक साल में इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। एक निजी एजेंसी को इस कार्य का ऑर्डर दे दिया गया है।' शिखर में लगभग 1250 कलश हैं। इनमें 80 बड़े कलश हैं। एक कलश औसतन 3 किलोग्राम वजन का है। अगले एक साल में सभी कलश स्वर्ण परत से जगमगा उठेंगे। पिछले 70 सालों में मंदिर के शिखर पर मौसम के कारण जो प्रभाव पड़ रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए भी जरूरी काम किया जा रहा है।
ट्रस्ट के पास अभी 36 किग्रा सोना
सोमनाथ मंदिर के गर्भगृह और इसकी दीवारों पर सोने की परत पहले ही चढ़ाई जा चुकी है। ट्रस्ट के पास अभी 36 किलोग्राम सोना रिजर्व में रखा हुआ है। गर्भ गृह को सोने की परत से मढ़ने की योजना का पता चलने पर गुजरात के श्रद्धालु दिलीप लखी ने साल भर पहले 110 किलोग्राम सोना दान में दिया था।
वेरावल (गुजरात). देश में 12 ज्योतिर्लिंग हैं। इनमें सबसे पहले है सोमनाथ। अत्यंत वैभवशाली होने के कारण इतिहास में कई बार यह मंदिर तोड़ा गया और इसे फिर बनाया गया। सोमनाथ ट्रस्ट ने पिछले दिनों मंदिर के 1250 कलशों को सोने से मढ़ने का निर्णय लिया है। इस सिलसिले में ट्रस्ट के पास 325 श्रद्धालु पहुंचे और अपना नाम दर्ज करवाया। कहा- 'बताइए इस काम में कितना सोना लगेगा। हम देने को तैयार हैं।'
10 किलो सोना लगेगा
अनुमान है कि सभी कलशाें को सोने की परत से मढ़ने में करीब 10 किलो सोना लगेगा। अभी ट्रस्ट के पास कुल 36 किग्रा सोना उपलब्ध है। दरअसल, सोमनाथ ट्रस्ट ने इस काम के लिए श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की थी। छोटे-मध्यम और बड़े कलश के लिए क्रमश: 1.11, 1.21 लाख और 1.51 लाख रुपए का दान स्वीकार किया जा रहा है। ट्रस्ट के न्यासी पीके लहरी ने बताया कि 'ज्योर्तिलिंगधाम के शिखर के सभी कलश पर स्वर्ण परत चढ़ाने की योजना बनाई है। ट्रस्ट की अपील के बाद पखवाड़े भर में कई दान दाता सहयोग के लिए आगे आए हैं। अभी जितने सोने की जरूरत थी, वह पूरी हो गई है। इसलिए हमें विश्वास है कि हम बहुत जल्द ही काम शुरू कर देंगे।
एक साल में काम पूरा हो जाएगा
एक साल में इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। एक निजी एजेंसी को इस कार्य का ऑर्डर दे दिया गया है।' शिखर में लगभग 1250 कलश हैं। इनमें 80 बड़े कलश हैं। एक कलश औसतन 3 किलोग्राम वजन का है। अगले एक साल में सभी कलश स्वर्ण परत से जगमगा उठेंगे। पिछले 70 सालों में मंदिर के शिखर पर मौसम के कारण जो प्रभाव पड़ रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए भी जरूरी काम किया जा रहा है।
ट्रस्ट के पास अभी 36 किग्रा सोना
सोमनाथ मंदिर के गर्भगृह और इसकी दीवारों पर सोने की परत पहले ही चढ़ाई जा चुकी है। ट्रस्ट के पास अभी 36 किलोग्राम सोना रिजर्व में रखा हुआ है। गर्भ गृह को सोने की परत से मढ़ने की योजना का पता चलने पर गुजरात के श्रद्धालु दिलीप लखी ने साल भर पहले 110 किलोग्राम सोना दान में दिया था।