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रविवार, 2 अगस्त 2020

जैसलमेर , भाजपा ने कांग्रेस सरकार की सदबुद्धि के लिए ईश्वर से की प्रार्थना।

 जैसलमेर , भाजपा ने कांग्रेस सरकार की सदबुद्धि  के लिए ईश्वर से की प्रार्थना।
इधर उधर दौड़ रही सरकार के लिए सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन आज।


जैसलमेर 2 अगस्त । राज्य की कांग्रेस  सरकार इधर-उधर डोल रही है अधिकांश  मंत्री विधायक बाड़े बंदी
के अंतर्गत जैसलमेर की होटलों में मौज मस्ती कर रहे हैं  जनता की इन्हे परवाह नहीं है  कोरोना आपदा के समय  आमजन की चिंता  छोड़ दी है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेसी विधायको के ही बल पर हुई अपनी  अस्थिर सरकार को बचाने के लिए तड़प रहे है और इस तड़फडाहट मे अपने  आलाकमान व विद्रोही कांग्रेसी विधायको को राजी करने के लिए भाजपा पर अनर्गल आरोप लगा रहै है ऐसी विवेकहीन मंदबुद्धि सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए भारतीय जनता पार्टी जैसलमेर द्वारा रविवार को हनुमान सकिॅल गांधी जी की मूर्ति के सामने ईश्वर से प्रार्थना की गई ।

जिला अध्यक्ष चंद्रप्रकाश शारदा ने इस अवसर पर कहा कि यदि कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होता तो इतने दिनों तक होटलों में तमाशा नहीं होता कांग्रेस के आपसी झगड़े ने जनता को फुटबॉल बना रखा है और कोरोनाकाल आपदा में सिर्फ तमाशा देख रही है ऐसी मंद बुद्धिहीन सरकार के लिए हमने ईश्वर से सद्बुद्धि की प्रार्थना की की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार के साथ प्रदेश की जनता जो आस लगाए बैठी है वह विकास कार्य करें न कि इधर उधर  डोले। कांग्रेस की इधर  उधर  डोल रही  सरकार के दिए  आज सोमवार को सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया जाएगा।

सद्बुद्धि प्रार्थना मे जिला उपाध्यक्ष हिम्मताराम चौधरी करूणा कंवर राठौड  महामंत्री सुशील व्यास सवाईसिंह गोगली मंत्री कंवराजसिंह चौहान महेन्द्र तुंवर  पूर्व विधायक छोटूसिंह भाटी सांगसिह भाटी वरिष्ठ नेता विक्रमसिंह नाचना पूर्व मण्डल अध्यक्ष कमल औझा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष मनोहर सिंह दामोदरा महामंत्री नरेन्द्र व्यास समता व्यास संगीता गोस्वामी  किरणकंवर मधु शर्मा मण्डल अध्यक्ष पूनमसिह दूजासर सुकर्ण मेघवाल पूर्व मण्डल अध्यक्ष  नरेंद्र सिंह बैरसियाला मनोहर सिंह कुण्डा  पार्षद पुरखाराम अशोकराम नरेन्द्र गोयल पारस गर्ग सहित नारायण सिंह आदि अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

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शनिवार, 1 अगस्त 2020

जैसलमेर सचिन हाई कमान से माफी मांग ले,गले लगा लूंगा;गहलोत

जैसलमेर   सचिन हाई कमान से माफी मांग ले,गले लगा लूंगा;गहलोत

जैसलमेर  अशोक गहलोत ने कहा की भाजपा में वसुंधरा राजे जैसी दमदार नेता से आजकल के नए नेता लेना चाहते हे इन नए नेताओ में दम नहीं हैं,वसुंधरा राजे भाजपा की बड़ी नेता हैं ,नए नेता पार्टी मुख्यमंत्री बनने के सपने देखते हैं ,इनके प्लेन बीच में ही क्रेस हो जाते हैं ,उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा की राजस्थान में जनता की चुनी हुई सरकार गिराने का गंदा खेल अब बंद कर देना चाहिए ,गृह मंत्रालय ,धर्मेंद्र प्रधान ,पियूष गोयल राजस्थान सरकार गिराने में लगे ,हैं गहलोत जैसलमेर से जयपुर जाते वक़्त एयरपोर्ट के बाहर मिडिया से रूबरू हो रहे थे

सियासी जंग के नए कुरुक्षेत्र जैसलमेर में विधायकों के साथ आये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर जाने से पहले मीडिया को दिए बयान में कहा कि सचिन पायलट गुट के लिए बोले आलाकमान अगर उनकी गलतियां माफ कर देगा तो मैं गले लगा लूंगा सबको।।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भी किया तंज पता नहीं कहां गायब हो गई है वसुंधरा जी

कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर गहलोत बोले पीएम को आज फिर लिखूंगा पत्र कोरोना को लेकर एक बार फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने की इच्छा जताई पीएम के साथ गहलोत ने....

सचिन गुट पर किया वार बोले हमारे यहां बाड़ा बंदी नहीं सिर्फ एक साथ रखा गया विधायकों को, पूरी तरह स्वतंत्र हैं सभी विधायक..... उनके यहां कुछ भी करने की आजादी नहीं ना ही फोन पर बात करने की आज़ादी है..…।।.

मंगलवार, 5 नवंबर 2019

जैसलमेर*प्रथम चरण में ही कांग्रेस हासिये पर,भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची निकाल बढ़त हासिल की* *कांग्रेस आंतरिक कलह और टिकट वितरण में पिछड़ी*

जैसलमेर*प्रथम चरण में ही कांग्रेस हासिये पर,भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची निकाल बढ़त हासिल की*

*कांग्रेस आंतरिक कलह और टिकट वितरण में पिछड़ी*

जैसलमेर नगर परिषद चुनावो को लेकर जेसलमेर में उत्साह का माहौल है।।पार्षद बनने के प्रति युवाओ में जोरदार क्रेज देखा जा रहा है।।इधर आज नामांकन की अंतिम तिथि है मगर सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी अपने उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक नही पाई जिसका कारण आंतरिक कलह है।स्थानीय जन प्रतिनिधियों को डर है कि सूची सार्वजनिक होने के साथ विरोध चरम पर होगा।।उधर भाजपा ने देर रात अपने उम्मीदवारों की सूची जाहिर कर प्रथम चरण में कांग्रेस पर बढ़त हासिल कर ली।।भाजपा ने व्यवस्थित तरीके से अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की।चार वार्डो में उम्मीदवारों के नाम तय नहीं हुए।।संभावना है इन वार्डो में निर्दलीय प्रत्याशियों को समर्थन देगी।।कांग्रेस में सोमवार को हुए विधायक के खिलाफ बिरोध प्रदर्शन के बाद कांग्रेस हासिये पर आ गई।।कांग्रेस के समीकरण गड़बड़ा गए।।खासकर अशोक तंवर की टिकट काटने के बाद कम से कम आठ वार्डो में जंहा कांग्रेस मजबूत थी।अब संभावनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है।इन वार्डो में निर्दलीयों की पो बारह होनी है तो कुछ वार्डो में सीधे सीधे भाजपा उम्मीदवार बढ़त में आ गए।।45 वार्डो में कांग्रेस ने नाम तय करने के साथ चयनित प्रत्याशियों को फोन पर ही सूचना देकर फार्म भरवाए जा रहे है।।सूची सार्वजनिक करने की हिम्मत कांग्रेसी जुटा नही पाए।।कांग्रेस का असंतोष मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे तक पहुंच चुका है।।कांग्रेस में असंतोष के चलते भाजपा को इसका लाभ मिलता नजर आ रहा है।।जजेसलमेर में कांग्रेस का बोर्ड बनाने का सारा दारोमदार विधायक रूपाराम धनदे पर रहेगा।।टिकट वितरण में विधायक की ही चली।।जिसके चलते पार्टी दो गुटों में  खुले में आ गई।।अंदरूनी कलह सड़को पे आने का भी असर कांग्रेस में दिख रहा है।बिरोधियो से कोई वरिष्ठ नेता बात के लिए आगे नहीं आया है।।भाजपा ने जातीय संतुलन के साथ टिकट वितरण कर प्रथम चरण में निशित तौर पर कांग्रेस पर बढ़त हासिल कर ली।।कांग्रेस सोसल इंजीनियरिंग में भी असफल रही।।कांग्रेस के परंपरागत वोटर हजूरी समाज मे भी कांग्रेस के टिकट वितरण को लेकर आक्रोश है।।कई वार्डो में समाज ने निर्दलीय उम्मीदवार उतार दिए जिससे कांग्रेस में हड़कम्प मच गया।।

शनिवार, 14 सितंबर 2019

सतीश पुनिया भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष

 सतीश पुनिया भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष 
राजस्थान को लोकसभा अध्यक्ष का तोहफा मिलने के बाद अब प्रदेश भाजपा संगठन में भी बड़े बदलाव के तहत सतीश पुनिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया । चर्चा थी कि प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी की जगह आमेर से विधायक सतीश पूनिया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। भाजपा के लगातार चार बार प्रदेश महामंत्री रह चुके पूनिया नए अध्यक्ष की सोशल इंजीनियरिंग में सबसे फिट बताए जा रहे थे । उन्हें संघ पृष्ठभूमि का भी माना जाता है।

प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए तीन नामों को लेकर काफी दिन से राष्ट्रीय स्तर पर मंत्रणा चल रही  थी । अन्य दावेदारों में सांसद राज्यवर्धन राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ शामिलथे । सियासी गलियारों में चर्चाथी कि जोधपुर सांसद गजेंद्रसिंह राठौड़ को केंद्र में केबिनेट मंत्री बनाए जाने और लोकसभा अध्यक्ष भी राजस्थान से बनाए जाने के बाद के बाद अचानक पूनिया का नाम उभर कर आया। बाकी नाम पिछड़ गए  ।


पूनिया लो प्रोफाइल जाट नेताओं में गिने जाते हैं। राष्ट्रीय स्तर के सूत्रों के अनुसार राजपूत जाति से गजेंद्रसिंह को केंद्र में मंत्री बनाने, अर्जुनराम मेघवाल को केंद्र में मंत्री बनाने के बाद सोशल इंजीनियरिंग के लिहाज से ब्राह्मण और जाट नेताओं में से प्रदेशाध्यक्ष चुनने पर बात चली। पूनिया लगातार 14 साल तक भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे। वे अभी प्रदेश प्रवक्ता हैं।

गुरुवार, 15 नवंबर 2018

भाजपा ने उतारे सभी सीटों पर उम्मीदवार,मुकाबला दिलचस्प होंगे थार में

बाड़मेर भाजपा ने उतारे  सभी सीटों पर उम्मीदवार,मुकाबला दिलचस्प होंगे थार में  

बाड़मेर. बीजेपी ने बुधवार को 31 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी. जिसमें बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से खुमान सिंह सोढ़ा और चौहटन विधानसभा सीट से आदुराम मेघवाल को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं अभी तक कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है.


इन दोनों सीटों पर वर्तमान में भाजपा चौहटन विधानसभा से भाजपा के विधायक तरुण राय कागा का टिकट काटकर आदूराम मेघवाल को दिया गया है. तो वहीं शिव विधानसभा सीट में वर्तमान के पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह जो कि वर्तमान में कांग्रेस में आ चुके हैं, उनकी जगह बीजेपी ने खुमान सिंह सोढा पर अपना भरोसा जताया है. बाड़मेर जिले के भाजपा के सातों उम्मीदवारों को देखते हुए इस बार साफ तौर पर देखा जा रहा है कि वसुंधरा राजे की जमकर चली है. जो भी राजे के करीबी नेता थे उनको टिकट मिला है.

इस तरीके के कयास लगाए जा रहे थे कि शिव विधानसभा सीट से संघ के करीबी नेता को टिकट मिल सकता है, लेकिन भाजपा की दूसरी लिस्ट से साफ हो चुका है कि इस सीट पर भी वसुंधरा राजे की चली है. बाड़मेर जिले से सातों विधानसभा में बीजेपी ने अपने प्रत्याशी उतार दिए है. वहीं लोगों को कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार है. वर्तमान में भाजपा के पास में बाड़मेर जिले की सात विधानसभा सीटें में से 6 विधानसभा भाजपा के कब्जे में हैं.

पिछले विधानसभा की तुलना में बाड़मेर जिले के भाजपा ने तीन जगह से अपने प्रत्याशी बदले हैं. बाड़मेर विधानसभा से सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी को प्रियंका चौधरी की जगह पर टिकट दिया गया. तो वहीं वर्तमान चौहटन विधायक तरूण राय कागा की जगह चौहटन विधानसभा से अधूरा मेघवाल को भाजपा ने टिकट दिया है. आदूराम मेघवाल इससे पहले एक बार सिवाना विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी रह चुके हैं, लेकिन उनको हार का मुंह देखना पड़ा था. संघ के करीबी है लम्बे समय से चोहटन विधानसभा में लोगों के संपर्क में नजर आते रहे हैं.

जैसलमेर-पोकरण में भाजपा ने नए चेहरों पर लगाया दांव, फिर खेला हिंदू कार्ड

जैसलमेर-पोकरण में भाजपा ने नए चेहरों पर लगाया दांव, फिर खेला हिंदू कार्ड

जैसलमेर. भारत-पाक सीमा से सटे जैसलमेर में भाजपा ने जैसलमेर और पोकरण विधानसभा सीटों से नए चेहरों पर दांव लगाया है. भारतीय जनता पार्टी ने जैसलमेर से सांगसिंह भाटी और पोकरण से महंत प्रतापपुरी को मैदान में उतारा है.

जैसलमेर विधानसभा से विधायक छोटूसिंह भाटी और पोकरण विधायक शैतानसिंह राठौड़ का टिकट काट दिया गया है. भाजपा की बुधवार को जारी हुई दूसरी सूची में दोनों विधायकों का पत्ता काटकर नए चेहरों को मौका दिया गया. जैसलमेर विधानसभा से किसान नेता सांगसिंह भाटी पर दाव खेला गया है. किसान नेता सांगसिंह विधानसभा चुनाव 2003 में भारतीय जनता पार्टी को जैसलमेर विधानसभा से जीत दिलवा चुके हैं.
वहीं 2008 और 2013 में जैसलमेर विधानसभा से लगातार दो बार विधायक छोटूसिंह भाटी धोरों में कमल का फूल खिलाने में सफल रहे हैं. लगातार दो बार विधायक रहने के बावजूद टिकट कटने से जैसलमेर में चर्चाओं के बाजार गर्म है. वहीं आरएसएस और भाजपा की प्रतिष्ठित सीट मानी जाने वाली पोकरण विधानसभा पर बाड़मेर के तारातारा मठ के संत प्रतापपुरी को मैदान में उतारा है. पोकरण विधानसभा से कांग्रेस से संभावित उम्मीदवार सालेह मोहम्मद के खिलाफ हिन्दू कार्ड खेलते हुए भाजपा ने महंत प्रतापपुरी को मौका दिया है.

पोकरण से विधायक शैतानसिंह का टिकट काटा गया है. गत चुनावों में शैतानसिंह ने कांग्रेस के सालेह मोहम्मद को करीबन 35 हजार मतों से हराया था. करीबन 35 हजार मतों से जीतने के बावजूद शैतान सिंह राठौड़ का टिकट कटना भी चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं जैसलमेर जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दोनों विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा का इंतजार है.

गौरतलब है कि प्रदेश में चुनाव 7 दिसम्बर को हैं. भाजपा अपनी दो सूची जारी कर चुकी है. जिसमें पहली सूची में करीब 131 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की गई थी. दूसरी सूची में कुल 31 नाम जारी किए गए हैं। 38 सीटों पर अभी भी प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी हैं. वहीं कांग्रेस ने फिलहाल अपनी कोई भी सूची जारी नहीं की है.

शनिवार, 27 अक्टूबर 2018

*थार चुनाव रणभेरी 2018 सिवाणा विधानसभा क्षेत्र* *भाजपा कांग्रेस का खेल बिगाड़ेंगे हनुमान बेनीवाल के मोहरे* *राजपूत बाहुल्य सीट पर राजपूतों की अनदेखी दोनो दलों की*



*थार चुनाव रणभेरी 2018 सिवाणा विधानसभा क्षेत्र*

*भाजपा कांग्रेस का खेल बिगाड़ेंगे हनुमान बेनीवाल के मोहरे*

*राजपूत बाहुल्य सीट पर राजपूतों की अनदेखी दोनो दलों की*

*गढ़ सिवाना*

*बाड़मेर न्यूज ट्रैक*

राजस्थान में विधानसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह लगातार प्रदेश का दौरा कर नेताओं को लेकर जनता और कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोल रहे हैं.  राजधानी जयपुर में चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में अमित शाह आगे की रणनीति तय करेंगे.

सीटों के लिहाज से राजस्थान के सबसे बड़े क्षेत्र मारवाड़ में जोधपुर संभाग के 6 जिले-बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, पाली, सिरोही की कुल 33 सीट और नागौर जिले की 10 सीटों को मिलाकर कुल 43 विधानसभा क्षेत्र हैं. कभी कांग्रेस का गढ़ रहे मारवाड़ में पिछले चुनाव में बीजेपी ने 39 सीट जीत कर इस गढ़ को ढहा दिया. कांग्रेस के खाते में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सीट समेत महज तीन सीटें आईं जबकि एक सीट पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया.

बाड़मेर जिले की बात करें तो यह जैसलमेर के बाद राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा जिला है. जिले की सात विधानसभा-शिव, बाड़मेर, बायतु, पचपदरा, सिवाना, गुड़ामलानी और चौहटन सीटों में बाड़मेर छोड़कर सभी 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. सिवाना विधानसभा क्षेत्र संख्या 138 की बात करें तो यह सामान्य सीट है. 2011 की जनगणना के अनुसार इस विधानसभा की जनसंख्या 364066 है और यह पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है. कुल आबादी का 17.21 फीसदी अनुसूचित जाति और 8.81 फीसदी अनुसूचित जनजाति हैं.

2017 की वोटर लिस्ट के अनुसार इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 226381 है और 269 पोलिंग बूथ हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 69.36 फीसदी मतदान हुआ था. जबकि 2014 लोकसभा चुनाव में 60.59 फीसदी मतदान हुआ था.

2013 विधानसभा चुनाव का परिणाम

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हमीर सिंह भयाल ने कांग्रेस के महंत निर्मलदास को 20701 वोटों से पराजित किया. बीजेपी के हमीर सिंह भयाल को 69014 और कांग्रेस के महंत निर्मलदास को 48313 वोट मिले थे. वहीं 10020 वोट पाकर बीएसपी के विजयराज तीसरे मंबर पर रहे थे.

2008 विधानसभा चुनाव का परिणाम

साल 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कानसिंह ने बीएसपी के महेंद्र कुमार को 3982 मतों से शिकस्त दी. वही 28018 वोट पाकर कांग्रेस के बाला राम तीसरे नंबर पर रहे. बीजेपी के कानसिंह को 32040 और बीएसपी के महेंद्र कुमार को 28058 वोट मिले थे.

*इस बार दावेदार दोनो पार्टीयां राजपूत उम्मीदवार से कर रही परहेज*

सिवाना विधानसभा क्षेत्र में आज भी मूलभूत सुविधाओं की दरकार है।।गत बार मानवेन्द्र सिंह को पसन्द पर कान सिंह कोटड़ी की टिकट काट के हमीर सिंह भायल को दी।हमीर सिंह विधानसभा चुनाव जीत गए।मगर पांच साल के कार्यकाल में हमीर सिंह विकास के नाम कोई उपलब्धि हासिल नही कर पाए।।लोगो की नाराजगी बढ़ी है।।वर्तमान में हमीर सिंह भायल,कान सिंह कोटड़ी,महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी राजपुरोहित टिकट की कतार में है।।यहां संभावना कान सिंह और विजयलक्ष्मी के बीच ज्यादा है।।विजय लक्ष्मी राजपुरोहित समाज से जिन्हें लुभाने के लिए उनको टिकट दी जा सकती है।।कांग्रेस इस सीट पर राजपुरोहित या   कलबी उम्मीदवार को उतारने का प्रयास कर रहे रहे।। 2008 में कलबी समाज से बालाराम कलबी को कांग्रेस को प्रत्यासी बनाया ।।बालाराम निर्दलीय महेंद्र टाइगर से पिछड़ कर बुरी तरह हार गए।जबकि क्षत्रिय युवक संघ संस्थापक तन सिंह जी के लड़के ने टिकट मांग थी नही मिली।।इस बार निर्मलदास,पृथ्वी सिंह रामेदरिया, गोपाराम मेघवाल,प्रबल दावेदार है।।आज़ाद सिंह राठौड़ को भी यहां से आजमाया जा सकता है।।किसान नेता केसर सिंह राठौड़ भी दावेदारी जता रहे है।।
बी एस पी के महेंद्र टाइगर 2008 में अठ्ठाईस हजार वोट लाकर चर्चा में आये।फिर भी अगले चुनाव में किसी दल ने घास नही डाली।इस बार फिर मैदान में उतरेंगे।दोनो दलों के समीकरण बिगाड़ेंगे यह तय है।।राजपूत बाहुल्य सीट होने के बावजूद राजपूतो की अनदेखी दोनो दल कर कर रहे है।।जो भारी पड़ सकती है।।

मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018

भारतीय जनता पार्टी दो समानांतर संगठन से दुविधा में,अब मुख्य संगठन को मिली जिम्मेदारी,वसुंधरा राजे फिर आहत*

*भारतीय जनता पार्टी दो समानांतर संगठन से दुविधा में,अब मुख्य संगठन को मिली जिम्मेदारी,वसुंधरा राजे फिर आहत*

*लम्बे समय से भारतीय जनता पार्टी में चल रही वर्चस्व की लड़ाई अब लोगो की जुबान पर आ गई तो आलाकमान को भी अब दो समानांतर संगठन स्पस्ट नजर आनेवलगे तो डोर भाजपा के मुख्य संगठन के विश्वासपात्रों को सौंप दी।।जिससे वसुंधरा राजे आहत हैं।

लम्बे समय से वसुंधरा राजे और भाजपा अपने अपने समानांतर संगठन के जरिये चुनावी गतिविधियां चला रहे थे।वसुंधरा राजे अपने विश्वास पात्र अशोक परनामी,राजेन्द्र राठौड़,यूनुस खान आदि के साथ तो मदनलाल सैनी ,ओमप्रकाश माथुर, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल अमित मोदी की टीम में थे। रणकपुर में रायशुमारी के नाम पर जो खेल वसुंधरा राजे ने रचा उससे अमित शाह खफा बताये जा रहे।रणकपुर में प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी की पूरी उपेक्षा की गई। कार्यकर्ताओ और नेताओं के साथ भेदभाव की खबरे अमित शाह तक पहुंची तो उन्होंने रायशुमारी के लिए अलग अलग जॉन बना ओमप्रकाश ममथुर को कमान सौंप दी।।वसुंधरा राजे के बाड़मेर जोधपुर दौरे में व्यस्त होने के बावजूद ओमप्रकाश माथुर टीम ने जयपुर में उम्मीदवारों से रायसुमारी जारी रखी।यानी वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति में रायसुमारी करवा ली। दो समानांतर संगठन चलने की वजह से भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता असमंज की स्थति में थे।आखिर किसके हुकुम माने। अपने क्षेत्र की दावेदारियों आखिर किस गट के नेताओ को दे।कसुंधर राजे गुट को या मदनलाल सैनी गुट को। अब विभिन क्षेत्रो के वसुंधरा राजे द्वारा दरकिनार किये भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को फील्ड में भेजा गया है जिताऊ उम्मीदवार की रायसुमारी के लिए।।ये वरिष्ठ नेता पांच साल ठाले बेठे थे एकाएक माथुर और गजेंद्र सिंह ने ऐसे नेताओं को सक्रिय कर वसुंधरा राजे पर नकेल कसने की कवायद शुरू की है।पार्टी की बुरी स्थति को भांप लिया।कई स्थानों पर पार्टी को अपेक्षानुरूप दावेदार नही मिल रहे। टिकट चयन के अंतिम दौर में अमित शाह वीटो का इस्तेमाल कर सर्वाधिकार अपने गुट के विश्वनीय नेताओ को कमान सौंपी है।ये सभी कभी न कभी वसुंधरा राजे के विरोधी रहे।।वसुंधराराजे की हिटलिस्ट में रहे।।इन तमाम बातों से भाजपा को कितना फायदा होगा यह भविष्य के गर्भ में है मगर एक बार फिर वसुंधरा राजे को अमित शाह ने देर से सही आहत जरूर किया।।केंद्र संगठन से अविनाश पांडे और प्रकाश जावड़ेकर भी काफी सक्रिय दिख रहे है।

*बाड़मेर जेसलमेर भारतीय जनता पार्टी के पिटारे से निकले उम्मीदवार,तीन नए चेहरों के साथ*

*बाड़मेर जेसलमेर भारतीय जनता पार्टी के पिटारे से निकले उम्मीदवार,तीन नए चेहरों के साथ*

*बाड़मेर दिसम्बर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपना चुनावी पिटारा लगभग खोल दिया।इस पिटारे से तीन नए चेहरे निकले है तो बाकी जगह पुराने चेहरों को ही तहजीर दी है।।सूत्रानुसार भाजपा में टिकट का मंथन लगभग पूरा हो गया।अधिकृत प्रत्यासियो की घोषणा दीपावली के असपास होगी ।मगर जितने की संभावना वाले प्रत्यासियो को चुनाव प्रचार में उतरकर अपना काम शुरू करने के संकेत दे दिए है। हमने जिन दावेदारों पर चर्चा की लगभग वही दावेदार सामने आए है। बाड़मेर विधान सभा से पूर्व मंत्री दिग्गज जाट नेता स्व गंगाराम चौधरी की पोती यू आई टी चेयरप्रसन डॉ प्रियंका चौधरी की जगह सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी को बाड़मेर से लड़ाने का मांनस बनाया है तो चौहटन से वर्तमान विधायक तरुण कागा की टिकट काट आदूराम मेघवाल को मैदान में उतार रहे है। आदूराम पूर्व में सिवाना से चुनाव लड़े थे बुरी तरह हार गए थे ।।शिव विधानसभा क्षेत्र से दो नामो पर गहन चर्चा के बाद खुमान सिंह सोढा को मैदान में उतारने के संकेत है। सोढा की पैरवी संगठन प्रभारी प्रो महेंद्र सिंह राठौड़ और सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने की थी।दूसरे नाम की चर्चा ओबीसी के दावेदार धन सिंह मौसेरी की चर्चा भी हुई।।इधर गुड़ामालानी में वर्तमान विधायक लादूराम विश्नोई और पचपदरा में अमराराम चौधरी को ही आज़माने का तय हुआ।।सिवाना विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक हमीर सिंह भायल का मुख्यमंत्री के कदमो में झुखन भी टिकट नही बचा सका। यहां से भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी राजपुरोहित को उतारने के संकेत दिए गए है।।इसी तरह जैसलमेर से शिव के पूर्व विधायक डॉ जालम सिंह रावलोत को मैदान में उतारने का मानस भाजपा ने बनाया है। तो बायतु से वर्तमान विधायक कैलाश चौधरी मैदान में उतरेंगे।।।उम्मीदवारों का टोटा और प्रभावी उम्मीदवार न होने के कारण अमराराम चौधरी और लादूराम विश्नोई की टिकट बच गई।।खैर अभी इसे अंतिम सूची नही मन जा सकता जब तक अधिकृत सूची न आ जाये। अलबत्ता इन प्रत्यासियो को संकेत दे दिए गए हैं।

गुरुवार, 11 अक्टूबर 2018

बाड़मेर भाजपा का अंतिम विकेट कभी भी गिर सकता है,*


बाड़मेर भाजपा का अंतिम विकेट कभी भी गिर सकता है,*

*बाड़मेर दलबदल के इस चुनावी दौर में एक से नो विकेट भाजपा के शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह के साथ गिर चुके है अंतिम विकेट कभी भी गिर सकता है। एक यॉर्कर का इंतज़ार है।हमने यही पूर्व में लिखा था कि भाजपा की सत्ता वापसी की संभावना नही देख कई नेता दलबदल करेंगे।सत्ता के साथ चलने वाले ये नेता किसी एक पार्टी के सिद्धांतों के साथ नही बंधे।।ये सत्ता की आंधी के साथ उड़ते है।।मानवेन्द्र सिंह जैसे पार्टी के वफादार पार्टी छोड़ते है उसके पीछे बड़े कारण होते है। सत्ता का मोह इन्हें नही रह।इन्होंने पार्टी को अलविदा कर दिया। इनके साथ कई कर्मठ कार्यकर्ता पार्टी को तिलांजलि दे चुके है।।सूत्रों की माने तो एक और धमाका भाजपा में जल्द होने वाला  है ।पार्टी के नए नवेले दिग्गज पार्टी को अलविदा कहने जा रहे है ।सूत्रों ने बताया कि यह अंतिम विकेट जब चुनावी मैच पूरे रोमांच पर होगा मैच के आखरी बाल यॉर्कर होगी उसी पे यह विकेट गिरेगा। भाजपा के राजस्थान में जो हालात सामने आ रहे उससे पार्टी आलाकमान भी चिंतित है मगर वो अपने द्वारा ही कि गई भयंकर गलती के कारण कोई कदम नही उठा पा रहे वार्ना सामने हार दिखने पर सब तरह के प्रयोग जीतने के लिए किए जाते है।मगर अमित शाह और नरेंद्र मोदी की जोड़ी राजस्थान में कोई निर्णय वसुंधरा राजे के खिलाफ नही ले रहे इसके पीछे बहुत बड़ा कारण है।।सूत्रों ने बताया भाजपा में अभी राज्य के विभिन हिस्सो में त्याग पत्र के सिलसिले शुरू होंगे जो भाजपा को और अधिक परेशानी में डालेंगे।।

बुधवार, 10 अक्टूबर 2018

*चुनाव रणभेरी 2018 चोहटन विधानसभा क्षेत्र* *नए चेहरे देख सकते है चौहटन के मतदाता,वर्तमान विधायक कागा को दोहराना मुश्किल*


*चुनाव रणभेरी 2018 चोहटन विधानसभा क्षेत्र*

*नए चेहरे देख सकते है चौहटन के मतदाता,वर्तमान विधायक कागा को दोहराना मुश्किल*

भारत पाकिस्तान सरहद के सीमावर्ती चौहटन विधानसभा क्षेत्र में इस बार दिलचस्प मुकाबले दिसम्बर के रणभेरी में दिखने की संभावना है।।कभी अब्दुल हादी का चौहटन की राजनीति में दबदबा रहा।।हादी के दबदबे की सबसे पहले कांग्रेस के भगवानदास डोसी ने तोड़ा ,जब हादी दलबदल कर कांग्रेस अर्स में गए उनके चिन्ह पर चुनाव लड़ा,दूसरी मर्तबा गंगाराम चौधरी ने अब्दुल हादी को हराया,तीसरी बार फिर भगवानदास डोसी ने निर्दलीय चुनाव लड़ कर हराया।।चौहटन की राजनीति अब्दुल हादी परिवार के इर्द गिर्द आज भी रहती है।।अशोक गहलोत और अब्दुल हादी के काफी नजदीकियां थी।।अब्दुल हादी इस दुनिया मे नही है मगर लोगो के दिमाग मे आज भी हादी है।हादी के पुत्र गफूर अहमद राजनीति में बराबर सक्रिय है।।सचिन के काफी नजदीक भी माने जाते है इसीलिए माना जा सकता है कि चौहटन में कांग्रेस का उम्मीदवार हादी परिवार की रहनुमाई से आएगा।।

चोहटन विधान सभा क्षेत्र में इस बार कुल 2,61,776 मतदाता मतदान में भाग ले सकेंगे जिसमे 1,39,292 पुरुष और 1,22,482 महिला मतदाता है।।क्षेत्र का लिंगानुपात औसत से काफी कम 879 है।।यानी एक हजार पुरुषों पे मात्र 879 महिलाए है।।क्षेत्र में चुनाव की हलचल शुरू हो गई है दोनो प्रमयख दलों में दावेदार अपनी अपनी दौड़ कर रहे है।वर्तमान में भाजपा के तरुण कागा विधायक है। कागा ने अपने कार्यकाल में ठीक ठाक काम किया।।कागा सरल स्वभाव के सहज इंसान है।।लोगो के बीच बराबर रहे। काम काज रूटीन में ठीक ठाक हुआ।मगर चौहटन के चार बड़े मुद्दे जस के तस बकाया पड़े है।।जिसमे प्रमुख रूप से  सरहदी इलाके में नमक का उत्पादन बाखासर के ऋण में करने की योजना परवान चढ़ी नही।।नमक खनन क्षेत्र के उत्पादकों के पट्टे आवंटी,हस्तशिल्पियों के लिए बिक्री सेवा केंद्र,पाक विस्थापितों की खालसा की गई जमीनों का पुन आवंटन,सीमाक्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव, पर कोई काम नही हुआ।तरुण कागा सहज,सरल स्वभाव के है।।उनमें आक्रामकता नही होने के कारण उनका कार्य समय पर नही हुआ।।भाजपा से तरुण कागा के लिये टिकट के दरवाजों का खुलना मुश्किल लग रहा यह भी दीगर है उनके अलावा कोई दमदार नया चेहरा मैदान में दिख नही रह।। इस बार भाजपा से आदूराम मेघवाल और पुराराम मेघवाल ने अपनी सशक्त दावेदारी पेश की है।।आदूराम मेघवाल चौहटन जब से सुरक्षित हुई तब  से लोगो के बीच आ जा रहे है मगर आदूराम मेघवाल अपने ही समाज अनुसूचित जाति का विश्वास हासिल नही कर पा रहे।।विगत चुनाव में आदूराम सिवाना विधानसभा से 2003 का चुनाव लड़े थे भाजपा की टिकट से मगर दुर्भाग्य से आदूराम अपनी जमानत नही बचा पाए तीसरे नम्बर पर रहे।।आदूराम के स्थानीय नही होने के कारण स्थानीय शरणार्थी मेघवालों और रहवासी मेघवाल खुलकर उनके समर्थन में नही आ रहे।साथ ही अन्य जातियों के मतदाता भी खामोश है।।भाजपा से एक और युवा दावेदार है।गत विधान सभा चुनाव में पुराराम मेघवाल का नाम गया था।।मगर गत बार टिकट से वंचित रह गए।।मगर इस बार वो दावेदारी केलिए जीतोड़ लगे है।।भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और संघ के धुरंधरों के साथ संपर्क साध रहे है।।पुराराम कोनरा पंचायत के मेहरानगढ़ गांव के निवासी है।।उच्चतम शिक्षित होने के साथ उनकी युवा सोच और सकारात्मक व्यवहार लोगो को भा रहा है।।
तो कांग्रेस के पास पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल की सशक्त दावेदारी है ।पदमाराम हादी परिवार का विश्वासपात्र भी है।मगर सचिन पायलट इस सीट पर बड़ा गेम खेलने के मूड में है। हालांकि धनाऊ प्रधान भगवती मेघवाल,सुरताराम मेघवाल भी दावेदारी कर रहे है। मगर अभी तक दमदार नाम सामने नही आया अलबत्ता कयास यह भी है कि चौहटन में बाहर से प्रत्यासी आने की पूर्ण संभावना है।।कांग्रेस के पत्ते मानवेन्द्र सिंह की जॉइनिंग के बाद ही खुलेंगे यह तय है। कांग्रेस में बड़े फेरबदल की संभावना से भी इंकार नही किया जा सकता।।चोहटन में जीत का समीकरण हमेशा मुस्लिम मेघवाल,जाट गठजोड़ रहा,मगर गत चुनाव में जाट और मेघवाल मतदाताओ का ध्रुवीकरण होने से तरुण कागा की राह आसान हो गई थी।इस बार जाट भाजपा के साथ बंटने की संभावना है।।मेघवाल ,मुस्लिम का गठजोड़ चुनाव के परिणाम तय करेंगे अलबत्ता अभी उम्मीदवारों को लेकर असमंज की स्थति है।।

शुक्रवार, 5 अक्टूबर 2018

*बाड़मेर विधानसभा उम्मीदवारों का चयन तय करेगा हार जीत का फैसला* *नए चेहरों पर कर सकते है दोनो दल भरोसा,भजपा के पास उम्मीदवारों का टोटा*

*थार चुनाव रणभेरी 2018*

*बाड़मेर विधानसभा उम्मीदवारों का चयन तय करेगा हार जीत का फैसला*

*नए चेहरों पर कर सकते है दोनो दल भरोसा,भजपा के पास उम्मीदवारों का टोटा*

*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक*


बाड़मेर पश्चिमी सरहद की जिला मुख्यालय विधान सभा सीट पर दोनो दल प्रभावशाली प्रत्यासी खोज रहे है। इस सीट पर व्यक्तिगत प्रभाव ही उम्मीदवार की हार जीत तय करेगा।।कांग्रेस के पास दो दमदार प्रत्यासी है तो भाजपा जितने की संभावना वाले नए चेहरों की तलाश कर रहा। पिछले दो चुनाव कांग्रेस के मेवाराम जैन जीते है।।इस बार भाजपा की टारगेट सीटों में से *बाड़मेर एक सीट है।।जिसे वो हर हाल में जितना चाहती है।।*

*दो लाख बतीस हजार मतदाता करेंगे मतदान*

इस बार बाड़मेर विधानसभा चुनावों में दो लाख बतीस हजार दो सौ उनतीस मतदाता है जिसमे पुरुष मतदाता एक लाख बाईस हजार आठ सौ तीन तो महिला मतदाताओं की संख्या एक लाख नो हजार चार सौ छब्बीस है। इस बार विधानसभा क्षेत्र में लिंगानुपात बढ़ा है गत चुनाव में जंहा 883 था इस बार बढ़कर 891हो गया।।

*गत चुनाव में मृदुरेखा बनी तारणहार*

गत चुनाव में भाजपा की डॉ प्रियंका चौधरी और कांग्रेस के मेवाराम जैन के बीच तीसरी ताकत के रूप में निर्दलीय श्रीमती मृदुरेखा मैदान में थी।।भाजपा प्रत्यासी डॉ प्रियंका चौधरी अपने स्वजातीय वोट मिलने के यटी आत्मविश्वास के कारण पिछड़ गई।।21 हजार जाट वोट मृदुरेखा ने लेकर एक तरह से प्रियंका को हरा दिया। जाट वोट के बिखराव का फायदा मेवाराम जैन को मिला वो लगातार दूसरी बार चुनाव जीते। प्रियंका की हार में भाजपा के ही नेताओ का खुला हाथ था।।जाट वोट के अतिरिक्त उन्हें अन्य समाजो से खुलकर वोट मिले।।मेवाराम जैन के व्यक्तिगत प्रभाव के चक्रव्यूह को प्रियंका भेद नही पाई।।अतिआत्मविश्वास उन्हें ले डूबा।साथ ही सहयोगियों की सलाह को दरकिनार करना उन्हें भारी पड़ा।

*इस बार मुकाबला कड़ा और दिलचस्प होगा*

इस बार विधानसभा चुनावों में अभी उम्मीदवारों की स्थति स्पस्ट नही है। कांग्रेस में वर्तमान विधायक मेवाराम जैन और उदय हुए सितारे आज़ाद सिंह राठौड़ के बीच टिकट को लेकर कशमकश है।।मेवाराम जैन टिकट के कई मोर्चो पर कमज़ोर साबित हो रहे उन्हें स्थानीय कांग्रेस नेताओं का समर्थन नही मिल रहा ।।तो आज़ाद सिंह के पास खोने को कुछ नही है।गत दो सालों में आज़ाद सिंह ने क्षेत्र में अपनी खास पहचान बनाई खासकर युवाओ के बीच उनको शानदार छवि है तो स्थानीय कांग्रेस नेता आज़ाद सिंह के समर्थन में। मेवाराम जैन को भी कमतर आंकना भूल होगी।।
भाजपा के पास उम्मीदवारों के रूप में सीमित नाम है।।डॉ प्रियंका चौधरी, पीयूष डोशी, कर्नल सोनाराम चौधरी ,प्रबल दावेदार है।।प्रियंका चौधरी राजनीति में अपनी पकड़ साबित नही कर पाई गत पांच सालों में।।प्रियंका पर मतदाताओ का आरोप है कि जिन लोगो ने चुनाव में उन्हें वोट नही किये उन्हें तवज्जो देती रही।जातिवाद के आरोप भी है। गत बार उन्हें गैर जाट वोट बड़ी तादाद में मील गए थे मगर इस बार गैर जाट मतदाताओं की नाराजगी उन्हें बेहद कमजोर करती है। प्रियंका की राजनीति बयानों में बचकानी हरकतों और उनके पास कोई सही सलाहकार नही होने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।उनके द्वारा विभिन समाजो पर की गई टिपानिया भी उनके खिलाफ जाएगी।।

भाजपा से पीयूष डोशी भी सशक्त दावेदार है।।अमूमन बाड़मेर सीट पर महाजन जाति के नेताओ का दबदबा रहा है।।वृद्धि चंद जैन और मेवाराम जैन इसके उदाहरण है।।भाजपा के पास जैनों में कोई दमदार चेहरा नही है।।पीयूष डोशी के पारिवारिक राजनीति पृष्टभूमि उनके लिए रामबाण है।।भगवान दास डोशी विधायक रह चुके है।डोशी परिवार की क्षेत्र में विभिन समाजो में अच्छी पकड़ है।पीयूष वर्तमान में बूथ समिति के जिला संयोजक है।।वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा को सफल बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।।पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओ से उनकी नजदीकियां उन्हें मजबूती दिलाती है।।भाजपा से ही कर्नल सोनाराम बाड़मेर से टिकट के प्रयासो में लगे है।।उन्हें कितनी सफलता मिलती है यह भबिष्य के गर्भ में है।।

भाजपा में चोंकाने वाला नाम भी आ सकता है। सूत्रों की माने तो इस सीट पर भाजपा नए चेहरे की तलाश में है।।भाजपा की सर्वे रिपोर्ट में बाड़मेर क्षेत्र में बेहद कमजोर स्थिति आंकी गई है।।भाजपा के पास मजबूत दावेदार नही है ऐनवक्त स्वामी प्रतापपुरी पर भी दांव खेला सकती है भाजपा।।

गुरुवार, 27 सितंबर 2018

बाड़मेर शिव में भाजपा का ओ बी सी दांव,दावेदारी मांगी ,धन सिंह मौसेरी की प्रबल दावेदारी

बाड़मेर शिव में भाजपा का ओ बी सी दांव,दावेदारी मांगी ,धन सिंह मौसेरी की प्रबल दावेदारी

*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की खास रिपोर्ट*

*बाड़मेर शिव बिधायक मानवेन्द्र सिंह के कमल का फूल हमारी भूल के नारे के साथ असमंज की स्थति में आई भाजपा शिव बिधानसभा में कई बिकल्प खोज रही है ।।संगठन मंत्री चंद्रशेखर द्वार करवाये सर्वे में भाजपा यहां बड़ी हार के साथ विदा होती दिख रही।।संगठन मंत्री ने मानवेन्द्र सिंह के विकल्प के तौर पर राजपूत और ओबीसी वर्ग से छानबीन शुरू की।।आरएसएस लॉबी द्वारा अपने प्रत्यासी का नाम भेज दिया गया।।तो फोगेरा सरपंच ने भी अपने दो कार्यकाल में सरपंच का चुनाव निर्विरोध जितने को आधार बना टिकट की दावेदारी की।।पार्टी स्तर पर यह मंथन हुआ कि शिव क्षेत्र में परिस्थतियां अनुकूल नही है ऐसे में राजपूत उम्मीदवार के साथ साथ ओबीसी वर्ग से भी दावेदारी लेनी चाहिए साथ ही ओबीसी को टिकट देने पर इस बार न सही मगर अगले विधानसभा चुनाव में इसका क्या नफा नुकसान हो सकता चर्चा कर ओबीसी वर्ग से धन सिंह मौसेरी को दावेदारी पेश करने को निर्देशित किया गया। सूत्रानुसार धन सिंह मौसेरी आरएसएस से जुड़े स्वयं सेवक है जो भाजपा में संगठन के विभिन पदों पर अपनी जिम्मेदारी निर्वहन कर रहे।मौसेरी AA क्लास ठेकेदार है।।राणा राजपूत समाज से है। शिव के मौसेरी गांव के निवासी है। सरल और सहज व्यवहार के कारण जाने जाते है। मौसेरी ने आदर्श बिद्या मन्दिर गिराब में अध्यापन के साथ तीन साल तक शाखा का संचालन कर सीमावर्ती लोगो को संघ की विचारधारा से जोड़ने में सफलता पाई।संघ पृष्ठभूमि के साथ ही वो भाजपा व्यावसायिक प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक पद पर कार्यरत है तो भाजपा के कई कार्यक्रमो में शिव के प्रभारी,सह ससंयोजक भी रहे।।उनकी दावेदारी का मुख्य कारण उनका मिलनसार होना है।पार्टी द्वारा यह सोच के की ओबीसी को टिकट देने पर जिले की बाकी आठ सीट पर ओबीसी को भाजपा से जोड़ने में सफलता मिल सकती है।विकल्प पे विचार कर रहे है। सूत्रानुसार धन सिंह मौसेरी की जाट, ओबीसी,मेघवाल वर्ग में अच्छी पकड़ है साथ ही शिव के निवासी होने का भी उन्हें फायदा मिल सकता है।।भाजपा ओबीसी कार्ड खेलने की इच्छुक लग रही। आज़ादी के बाद पहली बार भाजपा ने ओबीसी से दावेदारी मांगी है।।भाजपा राजपूतो की नाराजगी के आगे झुकने की बजाय अन्य विकल्प खोजने शुरू कर दिए। सूत्रानुसार धन सिंह मौसेरी व्यवसाय में है।।उनका राजनीतिक दायरा भी लम्बे है।।ओबीसी होने से जाट मतदाता उनके साथ सीधे तौर पे भाजपा के नाम पर जुड़ सकते है।क्योंकि शिव में कॉंग्रेस नेरा अमीन खान से जाटों की नाराजगी जग जाहिर है।राणा राजपूतो के अच्छी खासी संख्या में शिव में वोटर है।।साथ ही कुम्हार,पुरोहित,माली,सुथार भी लगभग तीस हजार के करीब है।।राणा राजपूतो की संख्या करीब अट्ठाइस हज़ार है। जिसको देखते हुए ओबीसी में राणा राजपूत को प्राथमिकता दी है।।इधर धन सिंह मौसेरी चुनाव लड़ने में भी आर्थिक रूप से सक्षम है।भाजपा राजस्थान भर में नाराज राणा राजपूतो को यह संदेश देना चाहती है कि आप भले नाराज हो मगर हम आपको टिकट दे रहे।शिव की चुनावी सियासत अब गर्माने लगी है।तीन युवा एक साथ दावेदारी पेश कर रहे।।पार्टी ने तीनों के सी वी मंगवाए है।।आंकलन और निर्णयय पार्टी का होगा पर एक बार क्षेत्र में हलचल मचा दी है।।

मंगलवार, 25 सितंबर 2018

थार की चुनाव रणभेरी 2018 शिव विधानसभा चुनाव तब से अब तक,लगातार दूसरी बार अमिन खान कभी नहीं जीते , दस चुनावो में एक मात्र महिला उतरी मैदान में ,छह बार कांग्रेस तो पांच बार गैर कांग्रेस जीती

थार की चुनाव रणभेरी 2018

 शिव विधानसभा चुनाव तब से अब तक,लगातार दूसरी बार अमिन खान कभी नहीं जीते ,

दस चुनावो में एक मात्र महिला उतरी मैदान में ,छह बार कांग्रेस तो पांच बार गैर कांग्रेस जीती

-भाटी चन्दन सिंह- बाड़मेर


 सरहदी जिले बाड़मेर कि शिव विधानसभा क्षेत्र में अब तक दिलचस्प मुकाबले हुए। ज़िसमे कांग्रेस छह बार तो भाजपा दो बार ,जनता पार्टी दो बार जीती। शिव विधानसभा क्षेत्र विषम परिश्ठियो में बसा हें। एक तरफ उण्डू कश्मीर ,दूसरी तरफ हरसाणी गिराब ,तीसरी तरफ रामसर गागरिया ,चौथी तरफ गड़रा रोड सुन्दर तो छठी तरफ बिजराड और गफणो के गाँव शुमार हें। संसाधनविहीन इन गाँवों में मतदान करना किसी चुनौती से कम नहीं हें। कहने को शिव सर्वाधिक महत्त्व पूर्ण विधान सभा क्षेत्र हें ,यह वो क्षेत्र हें जहा कभी प्रत्यासी चुनाव लड़ने को तैयार नहीं होते थे। उन्हें जोर जबर्दस्ती घरो से उठाकर पर्चे भराये जाते थे ,

*जातिगत आंकड़े शिव*

 विधानसभा क्षेत्र में इस बार करीब डॉ  पांच हज़ार या इससे अधिक मतदाता होंगे। नाम जुड़ने कि प्रक्रिया चल रही हें। शिव में मुसलमान 58000 ,राजपूत रवाना राजपूत 48 हजार हज़ार ,अनुसूचित जाती चौंतीस हज़ार जाट  पैंतीस हज़ार ,प्रजापत आठ हज़ार चारण छह हज़ार ,पुरोहित चार हज़ार।  यह हे जातिगत आंकड़े जिससे राजनितिक खेल फिट होते हे
शिव निरीक्षक मंडल। . विधान सभा क्षेत्र में आर आई सर्किल शिव के 11 ,भींयाड कि दस ,हरसाणी कि 11 गडरा रोड कि दस ,रामसर कि सात ,खड़ींन कि छह गागरिया कि आठ तथा बिजराड के 11 पटवार मंडल शामिल हें जिसमे 470 गाँव 74 ग्राम पंचायते आठ राजस्व मंडल 74 पतवार मंडल शामिल हें
सबसे कम अंतर कि जीत। । शिव विधानसभा क्षेत्र में दूसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हुकम सिंह मात्र नौ मतों से जीते उन्होंने स्वतंत्र पार्टी के कान सिंह को नौ मतों से हराया वाही सर्वाधिक वोटो से गत चुनावो में कांग्रेस के अमिन खान उन्तीस हज़ार से अधिक मतों से विजयी रहे।।


*प्रथम विधानसभा चुनाव 1967*

शिव विधानसभा सन 1967 में पहली बार स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आया। प्रथम चुनावो में शिव विधानसभा के 58752 मतदाताओ में से 21888 मतदाताओ ने वोट डाले ,जिसमे कांग्रेस के हुकम सिंह को 11564 स्वतंत्र पार्टी के कान सिंह को 9335 वोट मिले प्रथम विधायक बनाने का गौरव हुकम सिंह को मिला।


*दूसरा चुनाव 1972*

शिव विधानसभा क्षेत्र का दूसरा चुनाव 1972 में हुआ ,जिसमे शिव के 61444 मतदाताओं में से 29089 वोटरो ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इन चुनावो में कांग्रेस ने फिर हुकम सिंह को मैदान में उतरा जिन्हे 9376 मत मिले तो स्वतंत्र पार्टी के कान सिंह को 9367 ,केवल चंद को 6953 तेजूराम को 2413 मत मिले। हुकम सिंह मात्र नौ मतों से विजयी घोषित हुए

*तीसरा चुनाव 1977*

तीसरे चुनावो में शिव विधानसभा क्षेत्र के 72169 मतदाताओं में से 39495 मतदाताओ ने 97 मतदान केन्द्रो पर वोट डाले जिसमे जनता पार्टी के कान सिंह को 12680 कांग्रेस के तगाराम चौधरी को 12155 शोभ सिंह को 3136 ,केवल चंद को 2560 सवाई सिंह को 1847 शांकतरदान को 1605 मदन लाल 1573  लाल चंद को 1350 भीखाराम को 1293 जोगराज सिंह को 346 मत मिले ,पहली बार जनता पार्टी के कान सिंह 525 मतों से विजयी हुए ,

*चौथा चुनाव 1980*

शिव के चौथे चुनाव में शिव के 94449 मतदाताओ में से 43619 मतदाताओं ने 116 मतदान केन्द्रो पर वोट डाले जिसमे कांग्रेस के अमिन खान को 16700 निर्दलीय शोभ सिंह को 11731 सवाई सिंह जनता पार्टी को 9141 सोमी उर्फ़ शोभ को 3532 गणपत सिंह को 1105 कण सिंह को 450 सोहन सिंह को 215 मत मिले। इस बार अमिन खान 4969 मतों से विजयी हुए।

*पांचवा चुनाव 1985*

 शिव के पांचवे और राज्य विधानसभा के आठवे विधान सभा चुनावो में शिव विधानसभा के 112787 मतों में से 70220 मतदाताओ ने 155 मतदान केन्द्रो पर वोट डाले जिसमेजनता पार्टी के रावत उम्मेद सिंह को 40002 कांग्रेस के अमिन खान को 28865 और निम्बाराम को 459 मत मिले। बाड़मेर के रावल उम्मेद सिंह ने 11137 मतों से शानदार जीत हासिल कि।

*छठा चुनाव 1990*

छठा चुनाव शिव का सताईस फरवरी को सम्पन हुआ जिसमे 155 मतदान केन्द्रो पर 127854 मतदाताओ में से 77362 मतदाताओ ने वोट डाले जिसमे कांग्रेस के अमिन खान को 38576 जनता दल के हरी सिंह को 34169 कन्हैयालाल को 2055 शोभ सिंह को 375 गोमती देवी को 340 अन्य चार उम्मीदवारो को डॉ सौ और उससे कम मत मिले। इस बार पुनः अमिन खान 4587 मतों से विजयी होकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे

*सातवा चुनाव 1993*

सातवा चुनाव शिव में 145151 मतदाताओ में से 98098 मतदाताओं ने १५५ मतदान केन्द्रो पर वोट डाले जिसमे भाजपा के हरी सिंह सोढ़ा को 47881 कांग्रेस के अमिन खान को 41739 पृथ्वी राज को 2232 गफूर को 1255 अर्जुनदान को 805 अन्य पांच को पांच सौ या कम मत मिले। शिव में पहली बार हरी सिंह ने कमल खिलाया भाजपा ने यह सीट 6142 वोटो से जीती।

*आठवां चुनाव 1998*

आठवे चुनाव में शिव के 162087 मतदाताओं में से 115051 मतदाताओ ने 350 मतदान केन्द्रो पर वोट डाले। जिसमे अमिन खान को 64552 भाजपा के हरी सिंह को 45235 बसपा के मूल चंद तंवर को 3396 मत पड़े। अमिन खान ने हरी सिंह को 19317 मतों से अंतर से जित विधायक बने

*नोवां चुनाव*

बेहद दिलचस्प रहा। इन चुनावो में 192409 मतदाताओ में से 146143 मतदाताओ ने 405 मतदान केन्द्रो पर वोट डाले जिसमर भाजपा के डॉ जालम सिंह रावलोत को 72526 अमिन खान कांग्रेस को 61529 ,इनेलो के मंगलाराम सुथार को 5412 अली मोहम्मद को 2715 सोनाराम को 2553 हरकलहाराम को 1354 वोट मिले। भाजपा के डॉ जालम सिंह ने यह सीट 10997 मतों से जीत कर भाजपा कि झोली में डाली


*दशवां चुनाव 2008*

 तेहरवीं विधानसभा के लिए परिसीमन के बाद जैसलमेर जिले के बसिया क्षेत्र कि 13 पंचायते इस क्षेत्र से अलग हो गयी वाही चौहटन के बिजराड क्षेत्र कि पंचायते जुड़ने से राजपूत वोट कम हो गए।  शिव में हुए चुनावो में शिव के 197153 मतदाताओ में से 143659 मतदाताओ ने 516 मतदान केन्द्रो पर वोट डाले जिसमे कांग्रेस के अमिन खान को 75787 जालम सिंह रावलोत को 45927 , कुन्दनदान को 6657 नीम्ब सिंह को 6157 अचलाराम को 3914 गोर्धन सिंह को 3126 जान मोहम्मद को 2297 पदमाराम को 2232 मत मिले ,अमिन खान पुनः इस सीट पर सर्वाधिक 29861 मतों से विजयी हुए

*ग्याहरवा चुनाव 2013*


शिव. विधानसभा क्षेत्र शिव में कांग्रेस के अमीन खान को 69509, भाजपा के मानवेन्द्र सिंह को 100934, बहुजन समाज पार्टी के रेखाराम को 2619, बहुजन संघर्ष दल के किशनाराम मेघवाल को 886, भारत नव निर्माण पार्टी के दमाराम को 562, जागो पार्टी के सवाईसिंह को 431, भारतीय युवा शक्ति पार्टी के हसन को 756 तथा निर्दलीय कैलाश बेनीवाल को 1960 मत मिले।मानवेन्द्र सिंह ने तेंतीस हज़ार मतों से विजयी हासिल की।

*खासियत*- शिव क्षेत्र के चुनावो में अमिन खान लगातार दो चुनाव जीतने में कभी सफल नहीं हुए। एक चुनाव जीतने के बाद दूसरा चुनाव हारे अमिन खान। शिव के चुनावो के इतिहास में एक मात्र महिला उम्मीदवार गोमती देवी ही चुनाव लड़ी जीने करीब साढे तीन सौ मत ही मिल सके

मंगलवार, 18 सितंबर 2018

राजस्थान चुनाव 2018 तो अमित शाह का विश्वास खो चुकी वसुंधरा राजे,अमित शाह के दौरों से यही लगता है*

राजस्थान चुनाव 2018

तो अमित शाह का विश्वास खो चुकी वसुंधरा राजे,अमित शाह के दौरों से यही लगता है*

*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक*

*राजस्थान की भाजपा की राजनीति में खलबली मची हुई है।।वसुंधरा राजे के प्रभाव के आगे नतमस्तक हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने राजस्थान के दौरों में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से दूरी बना के रखी है जो सत्ता के गलियारों में चर्चा बनी वही।राजनीति के धुरंधर कयास लगा रहे है। संघ और खुफिया एजेंसियों के रिपोर्टों ने केंद्रीय नेतृत्व की नींद उड़ा दी है।।संघ और खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा पर विपरीत टिपणियां की रिपोर्ट पेश की जिसमे बताया कि वसुंधरा राजे यात्रा के दौरान प्रदेश संगठन के नेताओ को कोई तवज्जो नही दे रही।संगठन के समानांतर संगठन बना गौरव यात्रा निकाल रही जिससे भाजपा का कार्यकर्ता कन्फ्यूज हो रहा।।साथ ही राजस्थान गौरव यात्रा के विरोध,वसुंधरा राजे की खिलाफत विभिन वर्गों और समाजो द्वारा करने का उल्लेख भी इन रिपोर्ट में किया गया है।बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक ने इसी पटल पर पूर्व में संकेत दिए थे कि राजस्थान की बागडौर खुद अमित शाह और नरेंद्र मोदी खुद संभालेंगे।।केंद्रीय नेतृत्व जान गया कि वसुंधरा राजे राजस्थान जीत नही सकती।।अमित शाह के दौरे उसी अनुरूप  बनाये गए।पूर्व में जोधपुर प्रवास के दौरान अमित शाह और वसुंधरा राजे का संयुक्त रोड शो का प्रस्ताव भेजा गया था।।मगर वसुंधरा राजे की यात्रा का जोधपुर संभाग में हुए विरोध को देखते हुए अमित शाह ने एकल कार्यक्रम को अंतिम रूप देकर वसुंधरा राजे को झटका दे दिया। एक और जंहा वसुंधरा राजे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी,राजेन्द्र राठौड़,यूनुस खान ,सुमन शर्मा की टीम के साथ अपनी यात्रा में लगी है तो अमित शाह ने भाजपा संगठन को तवज्जो देकर प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी,संगठन महामंत्री चंद्र शेखर,भूपेंद्र यादव,ओमप्रकाश माथुर, गजेंद्र सिंह शेखवत के साथ अपने दौरे पूरे कर भाजपा कार्यकर्ताओ को संकेत दे रहे है कि उनके लिए भाजपा और कमल निशान महत्वपूर्ण है व्यक्ति विशेष नही। चुनाव में कमल को ध्यान में रखे। अलबत्ता सूत्रों की माने तो अमित शाह जोधपुर में कार्यकर्ताओं की कम उपस्थिति को भी अमित शाह ने गम्भीरत से लिया। आने वाले दिनों में भाजपा की अंदरूनी राजनीति में उठापटक की संभावनाओं से इनकार नही किया जा सकता। यह स्पष्ठ हो गया कि राजस्थान में भाजपा को ध्रुवों में बंट कर काम कर रही है।जो शुभ संकेत नही है।।*

सोमवार, 18 दिसंबर 2017

गुजरात फेक्टर का फायदा राजस्थान में लेंगे मोदी।मुख्यमंत्री का नया चेहरा आएगा सामने।100 विधायको की टिकट कटेगी।*



गुजरात फेक्टर का फायदा राजस्थान में लेंगे मोदी।मुख्यमंत्री का नया चेहरा आएगा सामने।100 विधायको की टिकट कटेगी।*



*गुजरात चुनाव जितने के बाद उत्साह से लबरेज भाजपा इसका फायदा राजस्थान के चुनावों में उठाने को लेकर तैयार है।।गुजरात चुनावो के दौरान ही भाजपा ने राजस्थान में चुनावो में नये सिरे से उतरने की रणनीति बना ली थी।जिसे लागू करने से पहले गुजरात के नतीजों का इंतज़ार कर रहे थे।सब कुछ ठीक रहा तो जनवरी में मलमास समाप्ति के साथ भाजपा में उठापटक जोरो से होगी।कई नए चेहरे दस्तक देंगे।राजस्थान के चुनावों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हैंडल करेंगे।अपने विश्वशनीय साथी को राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करेंगे।।संकेत है कि पश्चिमी राजस्थान से ये चेहरा ह्योग।।साथ ही साथ पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह परिवार के सदस्य को अहम जिम्मीदरी दी जानी तय हुई।इनका प्रतिनिधित्व केंद्र में ह्योग।मोदी एक तीर से दो निशाने साधेंगे।दो दमदार राजपूत नेताओ पे भरोसा कर उन्हें राजपूतो को भाजपा के साथ वापस जोड़ने की अहम जिमेदारी देंगे।।सूत्रानुसार मोदी राजड़तहँ में फ्री हैंड अपने विश्वश्तो को चुनावी जिमेदारी देंगे।।मुख्यमंत्री का दावेदार इस बार पश्चिमी राजस्थान से होना तय माना जा रहा है।मोदी ने पूर्व में बीकानेर सांसद अर्जुन मेघवाल और केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह को साबित करने का अवसर प्रदान किया था।।इन दोनों नेताओं को भी अहम जिम्मीदरी दी जाएगी।।सत् ही ऐंटी इंकमबेसी पे अंकुश के लिए संगठन द्वारा वर्तमान एक सौ भाजपा विधायकों को घर बिठाने की तैयारी की गई है।भाजपा करीब साठ से सत्तर फीसदी नये चेहरे उतरेगी ताकि सत्ता विरोधी लहर को कंट्रोल किया जा सके।।नये चेहरों की तलाश शुरू हो गई।।राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को केंद्र में बुलाने की तैयारी की खबर हैं।।सूत्रों की माने तो राजस्थान के चुनावों को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहम मान इसको ख़ुद हैंडल करेंगे।।भाजपा को इसका कितना फायदा ह्योग यह समय के गर्भ में है मगर भाजपा में राजथान को हर हाल में जितने की रणनीति पे काम हो चुका है।*

गुरुवार, 4 सितंबर 2014

बाड़मेर भाजपा नेताओं के बेटों ने बाड़मेर फायरिंग रेंज में चलाई गोलियां -

बाड़मेर  69 सेकेंड के एक वीडियो ने राजस्थान भाजपा के दो नेताओं के बेटों की करतूत और बीएसएफ अधिकारियों की लापरवाही की पोल खोल दी है।sons of rajasthan bjp leaders fire in barmer bfs shooting range
वीडियो में भाजपा नेताओं के बेटों को बाड़मेर में बीएसएफ के फायरिंग रेंज में सुरक्षाबलों के हथियारों से फायरिंग करते दिखाया गया है।

इस वीडियो के सामने आने के बाद मचे बवाल को देखते हुए बीएसएफ ने मामले की जांच का आदेश दिया है।

बीएसएफ ने उस डिप्टी कमांडेंट को कारण बताओ नोटिस भेजा है जिसे वीडियो में उन दो लड़कों को फायरिंग में मदद करते हुए देखा गया है।

यह वीडियो मंगलवार शाम को एक स्थानीय टीवी चैनल पर प्रसारित हुआ था। उस वीडियो में भाजपा के वरिष्ठ नेता जोगराज सिंह के बेटे गौरव सिंह को कम से कम 7 बार फायरिंग करते हुए दिखाया गया है।

एक अन्य भाजपा नेता और पूर्व सरपंच रूप सिंह के बेटे शिव प्रताप सिंह को भी फायरिंग करते देखा गया है। बताया जाता है कि उस वीडियो को शिव प्रताप के भाई अजीत सिंह ने रिकॉर्ड किया था।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि शिव और गौरव के पिता क्षेत्र के राजपूत नेताओं में गिने जाते हैं। उन दोनों ने पिता के रसूख का इस्तेमाल करके बीएसएफ अधिकारियों के साथ फायरिंग रेंज में पहुंच गए और सुरक्षाबलों के हथियारों से निशानेबाजी की।

क्या कहना है भाजपा नेता और उनके बेटे का
भाजपा नेता रूप सिंह का कहना है कि उनको इस घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि बीएसएफ को ऎसी अनुमति नहीं देनी चाहिए। ऎसा नहीं होना चाहिए। वह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है। वे लोग ऎसी चीजों की अनुमति कैसे दे सकते हैं?

गौरव सिंह का कहना है कि उस वीडियो में वह नहीं हैं। एक मीडियाकर्मी सेव्यक्तिगत विवाद के कारण उनको जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है। वह जालिपा फायरिंग रेंज में गए ही नहीं थे। फायरिंग रेंज उनके गांव के रास्ते में ही पड़ता है लेकिन वे कभी भी वहां नहीं रूके।

एक सप्ताह पहले की है घटना
बीएसएफ के एक उच्च सूत्र ने बताया कि यह घटना एक सप्ताह पहले की है। उस समय फायरिंग का वार्षिक अभ्यास हो रहा था। उसमें जवानों के निशानेबाजी की दक्षता देखी जाती है।

बीएसएफ के आईजी संतोष मेहरा ने कहा कि इस घटना के बारे में उनको रिपोर्ट मिली है। वे लोग वीडियो की जांच कर रहे हैं और एक जांच समिति का भी गठन कर दिया है।

मंगलवार, 24 जून 2014

बाड़मेर भाजपा न घर के रहे न घाट के पार्टी के प्रति वफ़ादारी महँगी पड़ी


बाड़मेर भाजपा न घर के रहे न घाट के पार्टी के प्रति वफ़ादारी महँगी पड़ी

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में लोकसभा चुनावो में पूर्व वित्त विदेश मंत्री जसवंत सिंह के मैदान में उतरने के बाद आये चक्रवात में पार्टी के प्रति वफ़ादारी दिखने वाले भाजपा की जिला संघठन को चुनावो में जीत के बाद भी पूरी कार्यकारिणी को बर्खास्त कर पार्टी नेता की स्थति न घर के न घाट के वाली हो गयी हैं ,पार्टी के प्रति वफ़ादारी के बदले उन्हें पार्टी से पद गंवाने पड़े ,दबी जुबान में लोग कहते हैं  की पार्टी के लोगो ने जसवंत सिंह का साथ नहीं दिया इसीलिए उन्हें पद गंवाना पड़ा ,भाजपा जिला अध्यक्ष सहित पार्टी के कई अग्रिम संघठनो के नेता पार्टी प्रत्यासी कर्नल सोनाराम के पक्ष में काम कर रहे थे ,इन लोगो ने ईमानदारी से अपना काम पार्टी हिट में किया ,मगर कांग्रेस संस्कृति से भाजपा में आये कर्नल सोनाराम ने इनकी वफ़ादारी पर शक करते हुए इनकी शिकायत चुनाव परिणाम से पहले पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और दी की इन लोगो ने अप्रत्यक्ष रूप से जसवंत सिंह का साथ दिया ,नए नवेले उम्मीदवार कर्नल सोनाराम की बात मन प्रदेश इकाई ने आनन फानन में जिला कार्यकारिणी भांग कर बाड़मेर से अस्तित्व ही ख़त्म कर दिया क्यूंकि पूर्व में पार्टी के जिन लोगो ने बागी जसवंत सिंह का साथ खुले में दिया उन्हें पहले ही निष्कद्शित कर दिया ,जबकि जिला संघठन के परीति के साथ होते हुए भी उन्हें हटाने से कार्यकर्ता मायूस हैं ,कार्यकर्ताओ को अब लगने लगा हे की संघठन पर कांग्रेसनीत लोगो का कब्ज़ा होने जा रहा हैं।जीत के बाद भाजपा संसद ने भाजपाईयों से दूरी बने राखी हैं वाही कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ से नज़दीकियां बना राखी हैं। अब भांग जिला संघठन के पदाधिकारी पछता रहे हैं की उन्होंने जसवंत सिंह जैसे कद्दावर नेता का साथ छोड़ कर्नल का साथ देकर गलती की थी ,बहरहाल वफ़ादारी के बड़कले पद गंवाने की यह पहली अनूठी घटना राजनीती में हुई ,इस सदमे से संघठन उबार नहीं पा रहा हैं ,

सोमवार, 5 मई 2014

ऍन डी ए के बहुमत से दूर रहने रहने समभावना ?नए साथियों की तलाश ?पुराने दिग्गजों की होंगी पुछ ?

ऍन डी ए के बहुमत से दूर रहने रहने समभावना ?नए साथियों की तलाश ?पुराने दिग्गजों की होंगी पुछ ?


देश भर में चल रहे लोकसभा चुनावो में अंतिम दौर जैसे जैसे नजदीक आ रहा हें भाजपानीत ऍन ड़ी ऍ खी चिनता बढ्ती जाए रहि ह। पुरे देश में नरेंद्र मोदी की लहर का दावा करने वाली भाजपा खो संकेत मिल गए हें खी उन्हें पुरण बहमत नही मील रहा ,एस मे भजपा की नैता नयें राजनैतिक साथीयों क़ी जुगाड़ मे लग गाये ह। सूत्रानुसार भाजपा को 212 से 217 और एन डी ए को 230 से 235 सीट मिलाने की संभावनाए अधिक हे। ऐसे में नरेंद्र मोदी खो प्रधानमंत्री बानाना भजपा की लीये दुष्कर होगा भाजपा खो सरक़ार बानाने की लीये ममता बॅनर्जी ,मुलायम सिंह यादव ,जय ललिता ,नितीश कुमार ,नवीन पटनायक ,शरद पंवार ,मायावती जैसे धुरंधर नेताओ की दलोँ की सह्योग खी ज़रूरत पड सकती हेन। चूँकि ऊपर लिखित सभी नरेंद्र मोदी के नाम पर समर्थन नहीं देंगे। ऐसे में भाजपा के सामने सरकार बनाने में दिक्कत हो सकती हैं। राजनाथ सिंह को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद तक पहुँचाने नही देंगे। ऐसे में पुराने दिग्गज नेता  लाल कृश्णा आडवाणी ,सुषमा स्वराज ,लालजी टंडन ,मुरली मनोहर जोशी ,और जसवंत सिंह खी पार्टीं मे पुछ बढेगी । जोड़ तोड़ खी राजनीती में माहिर समझे जाने वाले जसवंत सिंह खो मुलायम सिंह ,जे ललिता ,नीतीष कूमार ,नविन पटनायक खो साठ लेनी खी जिम्मेदारि दिए जाए सकती हेन। चूँकि जसवंत सिंह अभी भजपा से निष्काशित ह एस मे उन्हें ऍन ड़ी ऍ मे जिम्मदारी क़ी चर्चाए शुरू हो गईं हैं। जसवंत सिंह एन डी ए में बाखूबी ला सकते हैं मगर खी यह दल नरेन्द्रा मोदी खो प्रधनमंत्री पद पार स्वीकार्य नही करेँगे ऐसे मे लाल कृश्न आडवाणी और सुषमा स्वराज खा भाग्य खूल सकते हं। भाजपा को सरकार समझौते करने पड़ेंगे।

सोमवार, 14 अप्रैल 2014

नरेंद्र मोदी के बयान से भाजपा में खलबली ,जसवंत समर्थको में नया जोश

नरेंद्र मोदी के बयान से भाजपा में खलबली ,जसवंत समर्थको में नया जोश


बाड़मेर एक निजी चैनल में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार और लोक प्रिय नरेंद्र मोदी को अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजनाथ सिंह के खेल और षड़यंत्र का सारा मामला समझ में आ गया। नरेंद्र मोदी ने जनता की अदालत में स्पष्ट कहा की जसवंत सिंह की टिकट काटने की मैं कैसे जुर्रत कर सकता हूँ ,लाल क्रिंष्ण आडवाणी और जसवंत सिंह की अंगुली पकड़ कर मैंने राजनीती सीखी हैं ,जसवंत मेरे आदर्श हैं ,नरेंद्र मोदी के इस बयान ने भाजपा और वसुंधरा राजे की नींद उड़ा दी ,कल तक मोदी को प्रधानमंत्री बनाने वाले भाजपा कार्यकर्ता मोदी के इस सन्देश को समझ गए ,भाजपा के कांग्रेसी प्रत्यसि का साथ छोड़ जसवंत की राह में लौट आये ,जसवंत मई हुए बाड़मेर जैसलमेर के क्षेत्रो में नरेंद्र मोदी की बालोतरा सभा चर्चा में हैं ,इस सभा में पहली बार नरेंद्र मोदी ने अपने प्रत्यासी के लिए वोट नहीं मांगे। पहली बार नरेंद्र मोदी ने कहा की मुझ पर विशवास हो तो वोट देना नहीं तो मत देना। जब नरेंद्र मोदी को भी पता हैं की उनका प्रत्यासी भरोसे लायक नहीं हैं ,नरेंद्र मोदी जसवंत के गाँव के समीप सभा ले रहे थे मगर उन्होंने जसवंत के शब्द नहीं बोला। उन्होंने अपनी पार्टी के प्रत्यासी का नाम तक नहीं लिया उन्हें वोट देने की अपील करना तो दूर की बात थी। नरेंद्र मोदी की अनुभवी नज़रो ने कांग्रेसी भीड़ और थोड़े बहुत नरेंद्र मोदी भक्तो के बुझे चेहरों का भांप लिया।