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शनिवार, 21 जून 2014

सेना के तोपखाने में जल्द शामिल होगा "धनुष"

जोधपुर। भारतीय सेना के तोपखाने में जल्द ही देसी बोफोर्स "धनुष" को शामिल कर लिया जाएगा। शुक्रवार को पोकरण फाइरिंग रेंज में आयोजित देसी बोफार्स (155/45 कैलीबर) का अंतिम परीक्षण सफल रहा। इस दौरान रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के साथ ही सैन्य अधिकारी और ऑर्डेन्स फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के वैज्ञानिक भी मौजूद थे। बोफोर्स के तीन दशक बाद भारतीय सेना में किसी तोप को शामिल किया जाएगा। बोफोर्स की तुलना में करीब सात किमी अधिक मारक क्षमता वाली देसी बोफोर्स को 130 एमएम तोपों को अपग्रेड कर जबलपुर की गन कैरेज फैक्ट्री में तैयार किया गया है। There will soon army artillery "bow"
इसकी मारक क्षमता करीब 40-45 किमी तक आंकी गई है। सेना को 1500 से अधिक आर्टिलरी तोपों की जरूरत है, जिनकी अनुमानित कीमत 10 हजार करोड़ है, लेकिन बोफोर्स की तैनाती के बाद से अब तक एक भी तोप सेना में शामिल नहीं की गई है।

धमाकों के साथ ध्वस्त किए टारगेट
भारतीय थल सेना की ओर से अंगारो की तरह तपती जैसाणे की धरती पर ऑपरेशन धनुष के तहत देसी बोफोर्स (स्वदेशी बोफोर्स 155/45 कैलीबर) के चल रहे अंतिम परीक्षण के दौरान शुक्रवार को ताकत, युद्धक क्षमता का प्रदर्शन व मूल्यांकन किया गया। परीक्षण के दौरान अनगिनत धमाको से पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज दहल उठी।

हर वर्ष तैयार होंगे 100 धनुष
रक्षा सूत्रों के अनुसार ओएफबी इस वर्ष 18 धनुष तैयार कराएगा। इसके बाद अगले वर्ष तैयार 50 और उसके बाद हर वर्ष 100 धनुष तैयार कराने की योजना है। ओएफबी द्वारा 114 धनुष तैयार कराने के आदेश दिए जा चुके हैं।

धनुष के 80 फीसदी पार्ट स्वदेशी
देसी बोफोर्स "धनुष" के 80 फीसदी पार्ट स्वदेशी हैं। इसके एपीयू (सहायक विद्युत इकाई) इलेक्ट्रोनिक डायल साइट और अन्य कुछ छोटे पार्ट ही विदेश से आयात किए गए हैं। -