बालोतरा नगर परिषद आदेश:5 करोड़ के स्वच्छता टेंडर पर हाईकोर्ट की रोक
आरटीआई कार्यकर्ता एवं सिविल रिट पिटिशन याचिकाकर्ता सुमेर लाल शर्मा ने बताया कि नगर परिषद बालोतरा की ओर से साफ-सफाई, अनुबंधन पर कर्मचारी रखना, घर-घर कचरा संग्रहण एवं मैन विद मशीन कार्य सहित कुल 14 कार्यों कि एक निविदा क्रमांक न.पाबा/ई - निविदा /2020/15101 दिनांक 24.02.2020 को ई निविदा आमंत्रण सूचना 1-14/2020 जिसका कुल मूल्य 5 करोड़, 1 लाख रुपए थी, वो आमंत्रित की थी। लेकिन इस निविदा मे सभापति कि बिना अनुमति के नगर परिषद आयुक्त व सफाई निरीक्षक ने मिलकर संशोधित निविदा जारी कर दी। जिसमें ऐसी विचित्र शर्तें डाल दी, जिससे चहेते ठेकेदारों के अलाव सभी ठेकेदार दाैड़ से बाहर हो गए।
इस मामले मे कई लोगों ने नगर परिषद से शिकायतें की, लेकिन फिर भी आयुक्त नगर परिषद ने टेंडर जारी कर दिए। इस टेंडर में जो भी विज्ञापन जारी किए गए, वे सभी बाहर के अखबारों में जारी किए थे। बिना सक्षम कमेटी अनुमति के टेंडर जारी कर कई अनियमितताएं बरती गई। इसको लेकर सुमेरलाल शर्मा व रामसिंह ने अवैधानिक ताओं व अनियमितताओं के आरोप लगाए थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर दोनों ने पूरे प्रकरण को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में याचिका दायर कर टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की।
सोमवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 501 लाख के टेंडर पर स्टे लगाते हुए सभी चारों पक्षकारों को नोटीस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही तब तक के लिए पूरी प्रकिया पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट में परिवादियों की ओर से अधिवक्ता कुनाल विश्नोई ने पैरवी की।
बालोतरा नगर परिषद बालोतरा के बहुचर्चित 501 लाख के स्वच्छता टेंडर पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता सुमेरलाल शर्मा व ठेकेदार रामसिंह हाईकोर्ट गए थे। इस पर सोमवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए टेंडर प्रकिया पर रोक लगाते हुए सचिव स्थानीय निकाय विभाग जयपुर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बालोतरा, आयुक्त नगर परिषद बालोतरा व सभापति नगर परिषद बालोतरा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
आरटीआई कार्यकर्ता एवं सिविल रिट पिटिशन याचिकाकर्ता सुमेर लाल शर्मा ने बताया कि नगर परिषद बालोतरा की ओर से साफ-सफाई, अनुबंधन पर कर्मचारी रखना, घर-घर कचरा संग्रहण एवं मैन विद मशीन कार्य सहित कुल 14 कार्यों कि एक निविदा क्रमांक न.पाबा/ई - निविदा /2020/15101 दिनांक 24.02.2020 को ई निविदा आमंत्रण सूचना 1-14/2020 जिसका कुल मूल्य 5 करोड़, 1 लाख रुपए थी, वो आमंत्रित की थी। लेकिन इस निविदा मे सभापति कि बिना अनुमति के नगर परिषद आयुक्त व सफाई निरीक्षक ने मिलकर संशोधित निविदा जारी कर दी। जिसमें ऐसी विचित्र शर्तें डाल दी, जिससे चहेते ठेकेदारों के अलाव सभी ठेकेदार दाैड़ से बाहर हो गए।
इस मामले मे कई लोगों ने नगर परिषद से शिकायतें की, लेकिन फिर भी आयुक्त नगर परिषद ने टेंडर जारी कर दिए। इस टेंडर में जो भी विज्ञापन जारी किए गए, वे सभी बाहर के अखबारों में जारी किए थे। बिना सक्षम कमेटी अनुमति के टेंडर जारी कर कई अनियमितताएं बरती गई। इसको लेकर सुमेरलाल शर्मा व रामसिंह ने अवैधानिक ताओं व अनियमितताओं के आरोप लगाए थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर दोनों ने पूरे प्रकरण को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में याचिका दायर कर टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की।
सोमवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 501 लाख के टेंडर पर स्टे लगाते हुए सभी चारों पक्षकारों को नोटीस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही तब तक के लिए पूरी प्रकिया पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट में परिवादियों की ओर से अधिवक्ता कुनाल विश्नोई ने पैरवी की।