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शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

जैसलमेर ,कोरोना रिपोर्ट में संशय की स्थति ,एक ही व्यक्ति एक ही दिन एक जगह पॉजिटिव दूसरी जगह नेगिटिव*

जैसलमेर  ,कोरोना रिपोर्ट में संशय की स्थति ,एक ही व्यक्ति एक ही दिन एक जगह पॉजिटिव दूसरी जगह नेगिटिव*




जैसलमेर जैसलमेर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे से जंहा भयभीत है वही जैसलमेर स्वास्थ्य बिभाग द्वारा लिए जा  रहे सेम्पल और उनकी रिपोर्ट पर संशय बना हुआ है।कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली पर हमेशा प्रश्न चिन्ह लगता है।एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में सेम्पल की करवाई जा रही जांच रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर  सवालिया निशान लग गया।।बुधवार को जैसलमेर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी कोरोना बुलेटिन में अमर सागर की बुजुर्ग महिला केन्कु देवी को पॉजिटिव बताया गया।।जबकि बुधवार को ही केन्कु देवी की जोधपुर के एम्स हॉस्पिटल की रिपोर्ट में उन्हें नेगिटिव बताया गया।।एम्स की रिपोर्ट के बाद बाडमेर मेडिकल कॉलेज द्वारा की जा रही जांच को विश्वशनियता पर तो सवाल खड़े हो ही गए।साथ ही जिसे पॉजिटिव बताया गया वो किस मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजरता है यह शायद विभागीय अधिकारी नहीं जानते।।अमर सागर निवासी केन्कु देवी भारी शरीर के कारण कही आने जाने में असमर्थ है।।उम्र के हिसाब से छोटी मोटी बीमारी से ग्रसित है।।ऐसे में सत्ताईस जुलाई को स्वास्थ्य विभाग द्वारा केन्कु देवी के करोना सेम्पल लिए।इस सेम्पल को बाडमेर मेडिकल कॉलेज जांच के लिए भेजा गया।।दो दिन बाद यानी उनतीस जुलाई की शाम को आई रिपोर्ट में केन्कु देवी को पॉजिटिव बताया गया।इधर जांच के लिए सेम्पल देने के बाद केन्कु देवी को परिजन जोधपुर स्थित एम्स हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले गए।इलाज से पहले नियमानुसार एम्स द्वारा केन्कु देवी के करोना जांच के लिए सेम्पल लिया।।बुधवार को एम्स ने केन्कु देवी को कोरोना नेगिटिव की लिखित रिपोर्ट दी तथा उनकी अन्य बीमारी का इलाज शुरू किया।।बुधवार देर शाम को उन्हें जैसलमेर से कोरोना पॉजिटिव होने की  सूचना दी गई।।इस सूचना से केन्कु देवी मानसिक वेदना में आ गई।एम्स के चिकित्सकों द्वारा उन्हें आश्वस्त किया कि उन्हें कोरोना नहीं है उनको रिपोर्ट नेगिटिव है।।

सवाल उठता है कि केन्कु देवी की किस रिपोर्ट को सही माने।।एम्स जैसे प्रतिष्ठित अस्पताल की रिपोर्ट को या बाडमेर मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट को।।इस तरह से लोगो के साथ कोरोना संक्रमण के नाम पर खेल खेला जा रहा है।।

डॉ आर के आसेरी प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज बाडमेर ने बताया कि  ऐसा होता नही है।।एक संभावना बनती है कि मरीज के सेम्पल नाक और गले के अलग अलग लिए हो।।एक जगह का नेगिटिव और एक जगह का पीजिटिव आया हो।।एम्स की रिपोर्ट को झुठला नही सकते।।मेडिकल कॉलेज बाडमेर की जांच भी पूरे मानकों के साथ कि जाती है।।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी के बारूपाल ने बताया कि ये टेक्निकल इश्यू है।हमारा काम सेम्पल लेकर उसे जाँच के लिए भेजना।।इस वक़्त सेम्पल जांच के लिए बाडमेर मेडिकल कॉलेज जाते है।वही से रिपोर्ट जारी होती है।।