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सोमवार, 4 मई 2020

जैसलमेर सोनिया गाँधी के फोन के बाद जैसलमेर से रायबरेली और अमेठी के मजदूरों को केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और पूर्व सभापति अशोक तंवर ने किया रवाना

 


श्रीमती सोनिया गाँधी ने अपने संसदीय क्षेत्र के श्रमिकों की ली सुध

सोनिया गाँधी के फोन के बाद जैसलमेर से रायबरेली और अमेठी के मजदूरों को केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और पूर्व सभापति अशोक तंवर ने किया रवाना


जैसलमेर कोरोना संकरणम और लॉक डाउन में बहरी प्रांतो के श्रमिक जैसलमेर में विभिन  जगहों पर फंसे हैं,हालाँकि जिला प्रशासन ने बेहतरीन इंतज़ामात कर करीब सात हज़ार श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेज दिया मगर कांग्रेस की हाई  कमान श्रीमती सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के संसदीय क्षेत्रों प्रवासी मजदुर अभी भी फंसे हुए थे ,रविवार शाम को श्रीमती सोनिया गाँधी के कार्यालय से केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद के पास फोन आया की जैसलमेर में जो अमेठी और रायबरेली के  प्रवासी श्रमिक  फंसे हे उन्हें व्यवस्था कर रवाना करे ,केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद ने हनुमान ट्रेवल्स के प्रबंधक और पूर्व सभापति  अशोक तंवर के नंबर सोनिया गाँधी के कार्यालय में दिए ,तंवर को पुनः फोन करके राय बरेली और अमेठी के श्रमिकों के लिए बसों की व्यवस्था की जिम्मेदारी  तंवर को देते हुए श्रमिकों को रवाना करने के  जिस पर हनुमान ट्रेवल्स ने  तुरंत प्रभाव से दो बसों व्यवस्था कर रविवार देर रात रायबरेली और  करीब एक सौ बीस मजदूरों को रवाना किया,श्रमिकों ने श्रीमती सोनिया गाँधी , केबिनेट मंत्री शाले  मोहम्मद ,पूर्व सभापति अशोक तंवर का आभार जताया ,नगर परिषद सभापति  हरिवल्ल्भ कला  ने श्रमिकों के भोजन की व्यवस्था जन रसोई से करवाई ,

कांग्रेस की राष्ट्रिय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी  कार्यालय से उनके संसदीय क्षेत्र  के प्रवासी श्रमिकों को तत्काल भेजने के निर्देश मिलने पर हनुमान ट्रेवल्स के अशोक तंवर द्वारा दो बसें उपलब्ध कराई गयी इनमे क्रीब्ब एक सौ बीस प्रवासी श्रमिकों को रायबरेली अमेठी रवाना किये ,शाले मोहमद केबिनेट मंत्री राजस्थान सरकार  

शनिवार, 1 सितंबर 2012

गहलोत की सियासती चाल से मारवाड़ की जाट राजनीती में आया भूचाल


गहलोत की सियासती चाल  से मारवाड़ की जाट राजनीती में आया भूचाल

बाड़मेर कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गाँधी के बाड़मेर दौरे ने कांग्रेस में असंतुष्टो की खाई को और छोड़ा कर दिया .सोनिया के दौरे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा संसद हरीश चौधरी को प्रमुख जात नेता के रूप में सोनिया के समक्ष प्रस्तुत कर नए विवाद को जन्म दे दिया .गहलोत की यह चल वरिष्ठ जाट नेताओ राजस्व मंत्री हेमा राम चौधरी ,कर्नल सोनाराम चौधरी ,अल्प्संखयक मामलात मंत्री अमीन खान को तथा उनके समर्थको को फूटी आँख नहीं सुहाया .गहलोत जात विरोधी मने जाते रहे हें ,जिस प्रकार विधान सभा चुनावो में उन्होंने जात उम्मीदवारों का सफाया किया बाद में परसराम मदेरण परिवार को कांग्रेस की राजनीति से दरकिनार किया ,अब वैसी हालत बाड़मेर के जात नेताओ की लग रही हें ,गहलोत ने हेमाराम चौधरी और कर्नल सोनाराम को दरकिनार कर संकेत दिया की उनके समर्थक जात नेताओ की ही उनके राज में चंडी होगी ,सोनिया के दौरे में जात नेताओ के साथ हुए रूखे व्यवहार से समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता खासे नाराज़ हें ,कार्यकर्ताओ का विरोध समाचार पत्रों की दहलीज़ तक पहुँच गया .गहलोत हरीश चौधरी को मारवाड़ की राजनीती में जातो का कद्दावर नेता बनाने में जुटे हें ,ऐसे में कांग्रेस के पुराने वफादार जात नेताओ में अपने राजनितिक भविष्य को लेकर खलबली मच गई हें ,गहलोत का ,मेवाराम जैन को तवज्जो देना नए समीकरणों का आगाज़ हें ,


कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाड़मेर और जयपुर दौरे में पार्टी के अंदरूनी सियासत के तनाव और बदले हुए समीकरण खुलकर सतह पर आए। प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को जहां मंच पर बिठाने के बावजूद बोलने का मौका नहीं दिया गया, वहीं सरकार में वरिष्ठ मंत्री हेमाराम चौधरी और विधायक कर्नल सोनाराम जैसे नेता नीचे से निहारते रहे।

मंच पर पार्टी के सांसद हरीश चौधरी का सियासी सिक्का चला। इसे हैरानीजनक इसलिए माना गया कि पिछले दिनों सीडी कांड में चर्चित हुए विधायक मेवाराम जैन ने सोनिया का आभार जताया और केंद्रीय मंत्री तथा प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक के बार-बार कुर्ता खींचने के बावजूद सरकार की तारीफों के जमकर पुल बांधे।  कांग्रेस के नए-पुराने प्रमुख नेताओं से बात कर इन समीकरणों को समझने की कोशिश की तो सोनिया के दौरे में कांग्रेस का नया सियासी चेहरा सामने आया। पूरे संसाधन झोंककर भीड़ जुटाने की कोशिश की गई, ताकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पांव और ज्यादा मजबूती से जमाए रख सकें। अलबत्ता, वे जहां बाड़मेर में बेहतर पॉलिटिकल मैनेजर होने का संदेश दे गए, वहीं जयपुर में उनका सफल शो उस समय दरक गया, जब अफसरों की लीपापोती से नाराज लोग सामने आए। पहले गहलोत के न चाहते हुए विरोधी जयपुर में सोनिया का कार्यक्रम बनवाने में सफल रहे। इससे उनके सियासी प्रबंधन को धक्का लगा। अब कांग्रेस के सियासी समीकरण आने वाले दिनों में करवट बदलते नजर आ रहे हैं।

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शनिवार, 25 अगस्त 2012

बाड़मेर सोनिया गाँधी को काले झंडे दिखाए जायेंगे



सांजटा प्रकरण को लेकर ५०2 वें दिन धरना जारी

सरपंच की हठधर्मिता से 33 मुस्लिम परिवार न्याय की लड़ाई मे हुए हताश


बाड़मेर सोनिया गाँधी  को काले झंडे दिखाए जायेंगे 

बाड़मेर, 30 अगस्त। सांजटा प्रकरण को लेकर ५०१ दिन से कलक्टर कार्यालय के बाहर बेमियादी आंदोलन पर बैठे 33 मुस्लिम परिवारों के लोगों को न्याय की कोई उम्मीद नहीं बची ,न्याय की यह लड़ाई एक सरपंच की हठधर्मिता के कारन दम तोड़ रही हें ,तेंतीस गरीब परिवार गत पांच सौ एक दिन से बेमियादी धरने पर चल रहे हें ,इधर यु पी ऐ अध्यक्षा सोनिया गाँधी के बाड़मेर तीस अगस्त की प्रस्तावित यात्रा देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने राज्य सरकार को आगाह किया हें की पीड़ित पक्ष द्वारा उन्हें काले झंडे दिखाए जाने की आशंका हें ,

संवेदनशील और पारदर्शी सरकार देने की बात करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस दौरान कई मर्तबा बाड़मेर यात्रा पर आये उन्होंने पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाना तो दूर मिलना भी उचित नहीं समझा .यह ग्रामीण एक सरपंच के कारण अपना अधिकार नहीं ले प् रहे जबकि जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को पत्ते जारी करने के आदेश कई बार ग्राम पंचायत को दिए । ग्राम पंचायत ने जिला प्रशासन के आदेशो को धुए में उड़ा दिया ,यह परिवार रमजान के पवित्र महिने मे भी 20 साल के बाद दूसरी बार से महरूम रहे थे।
पीड़ित करीम खां ने बताया कि 33 मुस्लिम एवं दो अन्य परिवारों को सांजटा से जबरन बेदखल कर खदेडऩे के मामले मे आरोपियों की गिरफ्तारी व पुनर्वास करने की मांग को लेकर वे पीडि़तों के साथ ५०१ दिन से आंदोलन पर है। यहां सच्चूखां 18 अगस्त२०११ से भूख हड़ताल पर चल रहा है।

लेकिन उनकी मांगों पर प्रशासन व सरकार ने आज तक वार्ता नही की और न सुलह की कोशिश की। उलटे ही पीडि़त परिवारों को आंतकित किया जाने लगा है। ऐसे मे प्रताडऩा का शिकार हुए मुस्लिम परिवारों के लोगों ने दूसरी बार बड़ी ईद को काली ईद के रूप मे मनाई .इधर यु पी ऐ अध्यक्षा सोनिया गाँधी तीस अगस्त को बाड़मेर की एक दिवसीय यात्रा पर आ रही हें ,सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने राज्य सरकार को आगाह करते हुए गोपनीय रिपोर्ट भिजवाई हें जिसमे आशंका जाहिर की हें की सोनिया गांधी और अशोक गहलोत को धरने पर बेठे आक्रोशित लोग काले झंडे दिखा कर रोष व्यक्त कर सकते हें ,जिला प्रशासन के माध्यम से यह रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई हें