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शुक्रवार, 3 अप्रैल 2020

जैसलमेर मानवता की मिशाल बने अस्पताल के कार्मिक रसोइये भागे भोजनशाला छोड़ तो सरकारी कारिंदों ने उठाई जिम्मेदारी

जैसलमेर  मानवता की मिशाल  बने अस्पताल के कार्मिक 

 रसोइये भागे भोजनशाला छोड़ तो सरकारी कारिंदों ने उठाई जिम्मेदारी 



जैसलमेर  सरहदी  जिला जैसलमेर कोरोना संक्रमण से  मुक्त रहने के लिए लॉक डाउन में हर सम्भव प्रयास कर रहा ,यह प्रयास जिला प्रशासन,जन प्रतिनिधियों ,समाज सेवी बखूबी कर  रहे हैं। लॉक डाउन के दौरान कोई जरूरतमंद परिवार भूखा न सोये सभी इसी प्रयास में जुटे हैं ,सामूहिक प्रयासों से जैसलमेर मानवता की मिशाल बना हैं,ऐसे ही जिला मुख्यालय पर एक मात्रा सबसे बड़े जवाहर राजकीय अस्पताल में  संचालित सोयदृदेवी लीलाधर राठी ट्रस्ट द्वारा संचालित  भोजनशाला में कोरोना संक्रमण के डर से रसोइये भोजनशाला से भाग खड़े हुए ,प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एल बुनकर ने बताया की इस भोजन शाला से मरीजों और उनके साथ  के लिए भोजन की व्यवस्था होती थी ,रसोइये के चले जाने से भोजनषजाला को बंद कर ने का निर्णय किया ,मगर जवाहर चिकित्सालय में कार्यरत सरकारी कारिंदो चिकित्सा कर्मी  कैलाश छंगाणी,सुशील भाटिया व आनंद पुरोहित , शेफ बिरमा राम, छुगे खान हाबूर ने मानवता का परिचय देते हुए उक्त कार्य को करने का जिम्मा भामाशाह के सहयोग से अपने हाथों में लिया ,उन्होंने  चिकित्सा कार्मिको की प्रशंसा करते हुए बताया की  भोजनशाला को चलाने की जिम्मेदारी उठा मानवता की मिशाल पेश की ,ये कार्मिक  अपनी नियमित ड्यूटी करने के साथ साथ भोजनशाला में दो वक़्त का खाना  भी खुद बनाते हैं तथा जरुरतमंदो को वितरित भी खुद  करते हैं ,वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक कैलाश छंगाणी ने बताया की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ वी के वर्मा की प्रेरणा  भोजनशाला में  23मार्च से सुबह व शाम लगभग 100 व्यक्तियों का भोजन नियमित रूप से वितरित किया जा रहा  है। उक्त भोजनशाला में चिकित्सालय में भर्ती मरीजों व परिजनों के अलावा अन्य व्यक्ति लॉक डाउन नियमो का पालन करते हुए कोई भी व्यक्ति सुबह 12से 2 व शाम 6 से 8 बजे तक भोजन कर सकता है।


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