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बाड़मेर। जीते जी बाप को किया चुप, मरने के बाद करते है धूप : साध्वी सुरंजना

बाड़मेर। संस्कृति विकृति में बदल गई और विकृति ने पुरी प्रकृति को ही बदल दिया: साध्वी सुरंजना