लखपत जेल में बंद भारतीय कैदी। . फाइल फोटो |
मौत मांग रहे हैं पाकिस्तानी जेल में बंद 28 भारतीय कैदी
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर पडौसी मुल्क पाकिस्तान ली लखपत जेल में बंद करीब अठाईस भारतीय कैदी मौत मांग रहे हें। इनमे से सतरह कैदी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुके हें जिनमे बोलने सुनाने और समझने की शक्ति समाप्त हो चुकी हें। लखपत जेल से एक कैदी ने सभी कैदियों के हस्ताक्षर शुदा चिठ्ठी हें। इन केडिया में तीन कैदी बाड़मेर जिले के भी हें जो विक्षिप्त हो चुके हें। पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदियों को इतनी शारीरिक और मानसिक यातनाए दी जा रही हें की उनके जीने की इच्छा ख़त्म हो गई। उन्होंने अपने पत्र में लिखा हें की दोनों देशो की संयुक्त न्यायिक कमेटी को जेलों के निरिक्षण करना बंद कर दे क्यूंकि इस कमिटी का कोई महत्त्व। दूसरी बात लिखी हें की भारतीय दूतावास इसलामाबाद को आदेश जारी करे की पाकिस्तान की जेलों में किसी भी भारतीय कैदी से ना मिले क्यूंकि उनके हाथ में कुछ नहीं हें नहीं कर सकते। तीसरे बिंदु में लिखा हें की पाकिस्तान सरकार को इतनी सत्ता प्रदान करे की वह हमें शूट के घात उतार दे ताकि हमारे कष्टों और नर्क सामान जीवन का अंत हो जेलों लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद 28 भारतीय कैदियों ने अपने 'दुखभरे जीवन' से मुक्ति पाने के लिए मौत मांगी है।
सांसद अविनाश राय खन्ना और मीडिया संस्थानों को संयुक्त रूप से संबोधित किए गए बयान में कैदियों ने भारत और पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया है कि उन सभी को गोली मार दी जाए ताकि वे अपने 'दुखभरे जीवन' से छुटकारा पा सकें क्योंकि 'बिना किसी लक्ष्य या उद्देश्य के' यह जीवन नर्क के समान है।
हिन्दी में लिखे इस पत्र पर कैदियों कृपाल सिंह, कुलदीप सिंह, धरम सिंह, मोहम्मद फरीद, तिलक राज, मकबूल लोके, अब्दुल माजिद, सम्भु नाथ, सुरज राम, मोहिन्दर सिंह और पुनवासी के हस्ताक्षर हैं।
पत्र में यह भी दावा किया गया है कि कोट लखपत जेल में 'बहुत ज्यादा प्रताड़ना' के कारण चार महिलाओं सहित अन्य 21 भारतीय कैदियों ने अपने होश गंवा दिए हैं और उन्हें अपने नाम भी नहीं पता। राज्यसभा सदस्य खन्ना ने आज पत्र की प्रतियां संवाददाताओं को उपलब्ध करायीं और कहा कि वे इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।
बीजेपी नेता ने कहा कि आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी जेलों में कम से कम 200 भारतीय कैदी हैं।
--