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शनिवार, 17 अगस्त 2013

मौत मांग रहे हैं पाकिस्तानी जेल में बंद 28 भारतीय कैदी

लखपत जेल में बंद भारतीय कैदी। . फाइल फोटो 

मौत मांग रहे हैं पाकिस्तानी जेल में बंद 28 भारतीय कैदी
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर पडौसी मुल्क पाकिस्तान ली लखपत जेल में बंद करीब अठाईस भारतीय कैदी मौत मांग रहे हें। इनमे से सतरह कैदी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुके हें जिनमे बोलने सुनाने और समझने की शक्ति समाप्त हो चुकी हें। लखपत जेल से एक कैदी ने सभी कैदियों के हस्ताक्षर शुदा चिठ्ठी हें। इन केडिया में तीन कैदी बाड़मेर जिले के भी हें जो विक्षिप्त हो चुके हें। पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदियों को इतनी शारीरिक और मानसिक यातनाए दी जा रही हें की उनके जीने की इच्छा ख़त्म हो गई। उन्होंने अपने पत्र में लिखा हें की दोनों देशो की संयुक्त न्यायिक कमेटी को जेलों के निरिक्षण करना बंद कर दे क्यूंकि इस कमिटी का कोई महत्त्व। दूसरी बात लिखी हें की भारतीय दूतावास इसलामाबाद को आदेश जारी करे की पाकिस्तान की जेलों में किसी भी भारतीय कैदी से ना मिले क्यूंकि उनके हाथ में कुछ नहीं हें नहीं कर सकते। तीसरे बिंदु में लिखा हें की पाकिस्तान सरकार को इतनी सत्ता प्रदान करे की वह हमें शूट के घात उतार दे ताकि हमारे कष्टों और नर्क सामान जीवन का अंत हो जेलों लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद 28 भारतीय कैदियों ने अपने 'दुखभरे जीवन' से मुक्ति पाने के लिए मौत मांगी है।

सांसद अविनाश राय खन्ना और मीडिया संस्थानों को संयुक्त रूप से संबोधित किए गए बयान में कैदियों ने भारत और पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया है कि उन सभी को गोली मार दी जाए ताकि वे अपने 'दुखभरे जीवन' से छुटकारा पा सकें क्योंकि 'बिना किसी लक्ष्य या उद्देश्य के' यह जीवन नर्क के समान है।

हिन्दी में लिखे इस पत्र पर कैदियों कृपाल सिंह, कुलदीप सिंह, धरम सिंह, मोहम्मद फरीद, तिलक राज, मकबूल लोके, अब्दुल माजिद, सम्भु नाथ, सुरज राम, मोहिन्दर सिंह और पुनवासी के हस्ताक्षर हैं।
पत्र में यह भी दावा किया गया है कि कोट लखपत जेल में 'बहुत ज्यादा प्रताड़ना' के कारण चार महिलाओं सहित अन्य 21 भारतीय कैदियों ने अपने होश गंवा दिए हैं और उन्हें अपने नाम भी नहीं पता। राज्यसभा सदस्य खन्ना ने आज पत्र की प्रतियां संवाददाताओं को उपलब्ध करायीं और कहा कि वे इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।

बीजेपी नेता ने कहा कि आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी जेलों में कम से कम 200 भारतीय कैदी हैं।
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सोमवार, 29 अप्रैल 2013

पाकिस्तान की जेलों में बंद बाड़मेर जैसलमेर के कैदियों की सुरक्षा को लेकर घरवाले चिंतित

पाकिस्तान की जेलों में बंद बाड़मेर जैसलमेर के कैदियों की सुरक्षा को लेकर घरवाले चिंतित

बाड़मेर पाकिस्तान की लखपत जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत पर हुए कातिलाना हमले के बाद राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर जैसलमेर जिले के पाकिस्तानी जेलों में बंद नागरिको की सुरक्षा को लेकर घरवाले चिंतित हें ,बाड़मेर जिले के चौहटन तहसील के धनाऊ गाँव के भग सिंह ,स्वरूपे का तला निवासी सहुराम भीलो का तला निवासी तील सिंह ,जैसलमेर के रामगढ़ निवासी जमालदीन पिछले अट्ठाईस सालो से पाकिस्तान की जेलों में बंद हें .लम्बे समय से उनकी वतन वापसी की राह देखि जा रही हें ,इसके लिए उच्च स्तरीय प्रयास भी किये गए ,अब जबकि पक्लिस्तान की लखपत जेल में बंद सरबजीत पर हमले के बाद इस कैदियों के परिवार भी इनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हें ,पाकिस्तान की जेल में बंद भाग सिंह के बीस वर्षीय पुत्र अर्जुन सिंह ने बताया की पिछले दो दशको से मेरी माँ मेरे पिता के लौटने का इंतज़ार कर रही हें .पहले उनकी चिठ्ठी पटरी आती थी मगर अब वो भी बंद हो गई ,वो कान्हा और किस हल में हें यह जानकारी नहीं हें मगर उनकी सुरक्षा को को लेकर अब चिंता हो रही हें .उन्होंने बताताया की भारत सरकार को इसके लिए पहल करनी चाहिए ताकि भारतीय बंदियों की सुरक्षा का दबाव पाकिस्तान पर बने .उनका मानना हें की भारत में कसब और अफज़ल को फांसी देने के बाद से कट्टरपंथी भारतीय नागरिको के जानी दुश्मन बन गए हें .इधर टीलाराम के भाई हुकमाराम और बहन राधा अपने भाई की सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखे.वहि भाग सिंह की पत्नी लक्ष्मी कँवर कई दशको से अपने सुहाग के लौटने का इंतज़ार कर रही हें ,अब उसे अपने सुहाग की चिंता सता रही हें ,भाग सिंह के पुत्र अर्जुन सिंह और प्रताप सिंह अपने पिता की सुरक्षा की खबर पाने वके लिए हर संभव प्रयास कर रहे हें .जैसलमेर जिले के रामगढ़ निवासी जमालदीन की पत्नी हनीफा भी उसके लौटने का इंतज़ार कर राझी हें .उसकी आँखों में विशवास झलकता हें की जमालदीन वापस जरुर आएगा अलबता सरबजीत पर हमले के बाद चिंतित हें .हनीफा का मानना हें की भारत सरकार भरिय कैदियों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता प्रबंध करे .पूर्व संसद मानवेन्द्र सिंह ने बताया की पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीयों की सुरक्षा को लेकर वो जल्द भारत सरकार के उच्च स्तरीय अधिकारियो से मिलेंगे .उनकी रिहाई के प्रयास करेंगे .