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सोमवार, 30 सितंबर 2019

जैसलमेर,सैन्य एवं राजकीय ससम्मान मोहनगढ के शहीद राजेन्द्रसिंह भाटी की हुई अंत्येष्टि

जैसलमेर,सैन्य एवं राजकीय ससम्मान मोहनगढ के शहीद राजेन्द्रसिंह भाटी की हुई अंत्येष्टि

मुख्यमंत्री की ओर से अल्पसंख्यक मामलात् मंत्री ने शहीद के पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर दी श्रंद्वाजली

केन्द्रीय कृषि एवं कल्याण राज्यमंत्री ने भी पार्थिव देह पुष्प् अर्पित कर दी श्रंद्वाजली

हजारों लांेगों ने नम आंखों से शहीद को दी अन्तिम विदाई, भाई ने दी मुखाग्नि



       जैसलमेर, 30 सितम्बर। जैसलमेर जिले के मोहनगढ (सत्ता) निवासी राजेन्द्रसिंह भाटी भारतीय थल सेना के जाबांज जवान नायक राजेन्द्रसिंह भाटी 28 नवम्बर को जम्मू कष्मीर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड में लोहा लेते हुए शहीद हुए। सोमवार को शहीद नायक राजेन्द्रसिंह भाटी का पार्थिव देह मोहनगढ में ज्यांे ही प्रवेष किया तो हजारों लोगों ने शहीद राजेन्द्रसिंह अमर रहें, भारत माता की जय के नारों के साथ शहीद को श्रंद्वाजली दी। शहीद भाटी का राजकीय एवं सैनिक ससम्मान के साथ मोहनगढ श्मसान घाट में अंत्येष्टि की गई। शहीद के भाई गोविन्द सिंह व समुन्द्रसिंह ने शहीद के पार्थिह देह को मुखाग्नि दी तो पूरा माहौल गमहीन हो गया। हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद को अन्तिम विदाई दी। इस दौरान आर्मी के जवानों द्वारा शहीद के सम्मान में गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया।           

       मुख्यमंत्री की ओर से अल्पसंख्यक मामलात्, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने शहीद की पार्थिह देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्वांजली अर्पित की एवं कहा कि राजेन्द्रसिंह भाटी ने देष की रक्षा के लिए आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों का न्यौछावर किया वह सदैव अमर रहेगा। केन्द्रीय कृषि एवं कल्याण राज्यमंत्री कैलाष चैधरी, जैसलमेर विधायक रूपाराम धनदेव, जिला प्रमुख श्रीमती अंजना मेघवाल, जिला कलक्टर नमित मेहता, जिला पुलिस अधीक्षक डाॅ.किरण कंग, पूर्व विधायक डाॅ. जितेन्द्रसिंह, छोटूसिंह भाटी, शैतानसिंह राठौड, सांगसिंह भाटी के साथ ही आर्मी के अधिकारियांे, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल भोजराजसिंह राठौड, सम समिति की प्रधान श्रीमती उषा सुरेन्द्रसिंह राठौड ने भी शहीद के पार्थिह देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्वांजली दी।

       इस मौके पर उपखण्ड अधिकारी जैसलमेर अजय, उपायुक्त उपनिवेषन जैसलमेर देवाराम सुथार, तहसीलदार ताराचंद वैंकट, विकास अधिकारी हीराराम कलवी, समाजसेवी गोविन्द भार्गव, पूर्व नगरपरिषद अध्यक्ष अषोक तंवर, पूर्व प्रधान मूलाराम चैधरी, पूर्व नगर विकास न्यास अध्यक्ष उम्मेदसिंह तंवर, समाजसेवी जुगलकिषोर व्यास, सरपंच मोहनगढ दोस्तअली सांवरा, समाजसेवी हिम्मताराम चैधरी, कंवराजसिंह चैहान, एडवोकेट चैनाराम साथ ही सैंकडों लोगों ने शहीद के पार्थिह देह पर पुष्पचक्र एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्वांजली दी।

       केन्द्रीय कृषि कल्याण मंत्री के साथ ही अल्पसंख्यक माम्लात मंत्री एवं अन्य जनप्रतिनिधियों व जिला कलक्टर तथा पुलिस अधीक्षक ने शहीद के परिजनों के साथ ही उनके छोटे भाई गोविन्दसिंह व समुन्द्रसिंह को ढांढस बंधाया एवं कहा कि शहीद की शहादत सदैव अविस्मरणीय रहेगी।

       शहीद राजेन्द्रसिंह भाटी का पार्थिह देह ज्यों ही मोहनगढ उनके आवास पर पहुंचा तो पूरा माहौल गमहीन हो गया एवं उनकी दादी श्रीमती जवारांे, शहीद की वीरांगना श्रीमती जमना को भी जिला प्रमुख श्रीमती अंजना मेघवाल, प्रधान श्रीमती उषा राठौड के साथ ही उनके परिजनों ने ढांढस बंधाया एवं उस माहौल क समय सभी की आंखे शहीद की शहादत के लिए नम हो गई एवं पूरा गांव ही नहीं जैसलमेर जिले के विभिन्न अंचलों के लोग हजारों की संख्या में शहीद को अन्तिम विदाई देने के लिए एकत्रित हुए। शहीद का पार्थिव देह ज्यों ही श्मसान के लिए रवाना हुआ तो सभी लोगों ने उनके उपर पुष्पवर्षा की। शहीद की दादी एवं उनकी धर्मपत्नी के साथ ही अन्य महिलाओं ने उसकी देह को देखकर रो पडी एवं पूरा माहौल गमगीन हो गया। यही नहीं शहीद के 2 वर्षीय पूत्र भूपेन्द्रसिंह को उसके चाचा गोविन्दसिंह ने अपने गोद में लेकर शहीद के अन्तिम दर्षन करवाए तो सभी की आंखों में अश्रुधारा बह उठी।

       शहीद की शवयात्रा में हजारों लोग शामिल हुए एवं पूरे मार्ग में शहीद राजेन्द्रसिंह भाटी अमर रहें-अमर रहें, राजेन्द्रसिंह तेरा यह बलिदान सदैव याद रखेगा हिन्दुस्तान, जब-तक सूरज चांद रहेगा, राजेन्द्रसिंह तेरा नाम अमर रहेगा के नारे लगाते हुए श्मषान घाट पंहुचें। मोहनगढ के वीर सपूत शहीद राजेन्द्रसिंह के  पार्थिव देह को श्मसान घाट लोगों ने दर्षन किए एवं पुष्प अर्पित कर श्रंद्वाजंली दी। शहीद राजेन्द्रसिंह ने जम्मू कष्मीर मे आतंकवादियांे से मुठभेड के दौरान अद्मय साहस दिखाते हुए कई आतंकवादियों को ढेर कर दिया एवं अन्तिम दम तक लडते रहें। राजेन्द्रसिंह का अद्म्य साहस सदैव यादगार रहेगा एवं उसने देष की रक्षा के लिए नक्सलवादियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया।               

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