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शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

बाड़मेर रात में मास्क तैयार कर सर्वे के दौरान बांट रही आशा सहयोगिनी

बाड़मेर रात में मास्क तैयार कर सर्वे के दौरान बांट रही आशा सहयोगिनी

धोरीमन्ना गर्भवती महिला से लेकर बच्चे के जन्म के साथ उसकी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सभी प्रकार के टीकाकरण का जिम्मा निभाने वाली आशा सहयोगिनी समाज में हर मोर्चें पर कोरोना वॉरियर्स के रूप में सामने आई है। कोरोना वायरस को लेकर चिकित्सा विभाग के घर-घर सर्वे अभियान से लेकर समाज सेवा के लिए सुभाष नगर आशा सहयोगिनी शायरी बिश्नोई निशुल्क मास्क बनाकर कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए और गरीब व जरूरतमंद लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिये ये स्वयं के खर्चे से मास्क बनाकर उन्हें सर्वे के दौरान गरीबों में बांटकर घरों में रहने की अपील कर रही है। सुबह घर का काम निपटा कर देर रात तक अपने खर्चे से मास्क बनाकर सर्वे के दौरान जरूरतमंद व गरीब लोगों को बांटती है। इसके साथ ही कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए आमजन को होम आइसोलेशन, सोशियल डिस्टेंस तथा बरती जानें वाली सावधानियों के बारे मेें जानकारी देती है। इस कार्य मे उसके पति मेडिकल व्यवसायी भजनलाल बिश्नोई सहयोग देते हुए अपने मेडिकल से दवाई व टेबलेट देते हैं जिसे जरूरतमंदो के बीच बांट देती हैं

गुरुवार, 11 सितंबर 2014

बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग में हेराफेरी भाग तीन,आशा सहयोगिनी प्रशिक्षण विभागीय कर्मचारी के घर तीन सालो से हो रही संचालित

बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग में हेराफेरी भाग तीन

आशा सहयोगिनी प्रशिक्षण विभागीय कर्मचारी के घर तीन सालो से हो रही संचालित

प्रशिक्षण के नाम होती हे खाना पूर्ति ,लाखो के बजट की बंदरबांट


बाड़मेर बाड़मेर का मुख्य चिकित्सा  विभाग भरष्टाचार की आकंठ में पूरी तरह डूबा हे ,विभाग में संचालित हर योजना को विभागीय कार्मिक ही सांठ गाँठ कर अपने व्यक्तियों को निविदाए दिलाते हे फिर सरकारी बजट की अधिकारियो से लेकर कार्मिको और संथाओ के बीच बंदरबांट हो रही हैं , बन्दर बाँट का यह खेल पिछले तीन सालो से खुले आम चल रहा हैं। एक मर्तबा बाड़मेर उप खंड अधिकारी द्वारा मामले की जाँच भी की गयी मगर जाँच रिपोर्ट को दबा दिया गया ,

जानकारी के अनुसार बाड़मेर जिले में नियुक्त आशा सहयोगिनियों को दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा खंड स्तर पर प्रशिक्षण देने  प्रावधान हैं प्रतिवर्ष जिले में नियुक्त आशा सहयोगिनियों को प्रशिक्षण देने के लिए आवासीय शिविर खंड स्तर पर आयोजित होने होते हैं ,मगर  तीन सालो से आवासीय शिविर विभाग के एक कार्मिक के स्वयं के माकन बलदेव नगर में आयोजित किये जा रहे हैं ,विभागीय अधिकारियो को इसकी जानकारी होते हुए भी इसे अनदेखा कर रहे हैं क्यूंकि इस बन्दर बाँट में उनका भी हिस्सा होता हैं।  अनुसार प्रशिक्षण का आयोजन खंड चिकित्सा अधिकारी को आयोजित करणा होता हैं। मगर विभाग के कार्मिक और अधिकारियो के दबाव के चलते यह प्रशिक्षण विभाग के भोजन सप्लायर और आवास निविदा करता जो एक ही संस्था हे के द्वारा जिला मुख्यालय पर आयोजित किया जाता हैं। यह मक़ाम विभाग के कार्मिक जिसकी पोस्टिंग पचपदरा हे मगर कई सालो से प्रतिनियुक्ति पर जिला मुख्यालय विभाग में नियुक्त हे और  समदस्थ कार्यभार इनके पास हे के माकन में चलता हैं। जिसका प्रतिदिन का किराया लगभग दो से तीन हज़ार रुपये वसूला जाता हैं।

 विोभागीय सूत्रों की की माने तो प्रशिक्षण महज खाना पूर्ति के लिए आयोजित होता हे ,इस अवष्य प्रशिक्षण में किसी आशा सहयोगिनी का ठहराव नहीं होता सात दिवसीय इन प्रशिक्षणों में शिविर के शुरुआत और समापन में उन्हें बुलाया जाता हैं। बन्दर बाँट का यह खेल लम्बे अरसे से उच्च पदस्थ अधिकारियो की शाह पर चल रहा हैं। जिसके चलते इस वर्ष आवास तथा भोजन के लिए विभागीय स्तर पर हुई निविदाएं इस कार्मिक और संस्था को फायदा देने के लिए निरस्त कर दी गयी ताकि इस संस्था के नाम नई  निविदाए जारी होने तक कार्य जारी रखने का आदेश हो सके इस वर्ष  जुलाई में आयोजित निविदाए कार्मिक और अधिकारियो  से निरस्त कर इस संस्था को कार्य जारी रखने का आदेश जारी किया ,आदेश जारी होने के दस दिन के भीतर आशा सहयोगिनियों का अवष्य प्रशिक्षण इसी कार्मिक के माकन में शुरू कर दिया। जबकि नई निविदा होने तक अधिकारियो ने इंतज़ार करना मुनासिब नहीं समझ।

आठ ब्लॉक के प्रशिक्षण एक ही स्थान जिला मुख्यालय क्यों आयोजित किये जा रहे हैं। एक आवासीय मकान में पेंतालिस से पेंसठ आशा सहयोगिनी किस प्रकार रहती होगी यह विभागीय अधिकारी ही  हैं