बाड़मेर अशरफ तेली को उर्दू अकादमी का अध्यक्ष बनाने के बाद सरहद के सिंधी मुस्लिमो ने बीजेपी से नाता तोड़ने का निर्णय लिया।*
बाड़मेर वसुंधरा राजे सरकार द्वारा राजस्थान उर्दू अकादमी का चेयरमैन अशरफ अली को बनाने की खबर के बाद बीजेपी से जुड़े सिंधी मुस्लिम समुदाय में जोरदार रोष हैं। लम्बे अर्से से बीजेपी के साथ जुड़े सिंधी मुस्लिम नेताओं का कहना था कि अशरफ अली मुस्लिमो का नेतृत्व नही करते उन्होंने सिंधी मुस्लिमो को गुमराह कर उन पर राजनीती कर गलत तरीके से फायदा उठाया ।।इस पद पर सिंधी मुस्लिमो का अधिकार था ।मौलाना ताज मोहम्मद ,मौलाना अब्दुल करीम जैसे लोगो ने दो दो दशक से बीजेपी में अपनी निष्ठां राखी।उन्होंने बीजो में सारी उम्र गुजरने के बाद कोई पद की लालसा नही की।अब जब उन्हें नवाजने का वक़्त आया तो तेली समुदाय से चंद वोटो का प्रतिनिधित्व करने वाले अशरफ अली को नवाजा गया।जबकि अशरफ अली अपने वार्ड में नगर परिषद के उप चुनावो में बीजेपी के उम्मीदवार को अपने परिवार के वोट नही दिला पाए।।जिसके कारण बीजेपी उम्मीदवार हार गया।खुद भी वार्ड पार्षद का चुनाव हारे ।।अशरफ अली ने पाकिस्तान से आये जिलानी जमात के पीर को बाड़मेर लाने का श्रेय लेकर सिंधी मुस्लिमो विशेष कर जिलानी जमात को लेकर राजनीती शुरू की।इन्ही पीर पर भड़काऊ ऑडियो सरहदी जिलो में भेजकर सिंधी मुस्लिमो को आपस में लड़ने और सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने का आरोप भी हैं। सरहद पर पहली बार सिंधी मुस्लिमो के बीच सिया सुन्नी के मसले पर आपस में मनभेद हुआ।।सिंधी मुस्लिमो के करीब चार लाख वोट हे जिसमे से करीब डेढ़ लाख लोग बीजेपी से जुड़े थे।अशरफ अली के नाम की घोषणा के बाद जिले के मुस्लिमो में कोई हलचल नही दिखी।सिंधी मुस्लिमो ने आज कई स्थानों पर बैठके कर बीजेपी को अलविदा करने का मानस बना लिया।उनकी एक मत राय बनी की कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को बुलाकर उनके समक्ष कांग्रेस ज्वाइन करे।।बीजेपी में सिंधी मुस्लिमो की कोई क़द्र नही ।अशरफ अली मुस्लिमो की अगुवाई नही करते।फिर उन्हें अकादमी अध्यक्ष बनाना समझ से परे।अकादमी का अध्यक्ष बनाने के लिए सिंधी मुस्लिमो में कई योग्य लोग थे जिन्हें मौका देना चाहिए था।।सिंधी मुस्लिमो ने एकमत राय दी की बीजेपी में उनका भला नही होना।।इसीलिए कांग्रेस ही बेहतर विकल्प हैं।।