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सोमवार, 17 जून 2019

बाड़मेर,विशेष पैकेज के तहत खुलेंगे पशु शिविर,प्राथमिकता से ऑनलाइन प्रस्ताव भिजवाएं

बाड़मेर,विशेष पैकेज के तहत खुलेंगे पशु शिविर,प्राथमिकता से ऑनलाइन प्रस्ताव भिजवाएं

-जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने उपखंड एवं विकास अधिकारियांे को दिए आवश्यक निर्देश। 


बाड़मेर,17 जून। बाड़मेर जिले मंे पशुधन संरक्षण के लिए विशेष पैकेज के तहत पशु शिविर खोले जाएंगे। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने पशु शिविर खोलने के लिए ऑनलाइन प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए है।
कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे आयोजित बैठक के दौरान जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने कहा कि बाड़मेर जिले मंे पशुधन संरक्षण के लिए 20 करोड़ रूपए विशेष पैकेज के रूप प्राप्त हुए है। नए दिशा-निर्देशांे के अनुरूप शिविरांे मंे अब समस्त केटेगरी के पशुआंे को लाभांवित किया जाना है। उन्हांेने उपखंड एवं विकास अधिकारियांे को संबंधित ग्राम पंचायतांे के जरिए पशु शिविर खोलने के प्रस्ताव आनलाइन करवाने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि विभागीय अधिकारी सकारात्मक सोच के साथ कार्य करते हुए अधिकाधिक पशुपालकांे को लाभांवित करवाएं। जिन राजस्व गांवांे मंे पशु शिविरांे की जरूरत है, उनके प्रस्ताव ऑनलाइन करवाएं, ताकि वित्तीय स्वीकृति जारी की जा सके। गुप्ता ने पूर्व मंे स्वीकृत हो चुके पशु शिविरांे को भी प्राथमिकता से शुरू करवाने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर गुप्ता ने पशु शिविरांे का निरीक्षण कर रिपोर्ट भिजवाने, मनरेगा मंे बेरियांे के जीर्णाेद्वार संबंधित कार्य शुरू करवाने एवं महिलाआंे के पेंशन संबंधित आवेदन मंे आवश्यक संशोधन करवाने के संबंध मंे आवश्यक निर्देश दिए। बैठक के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू समेत उपखंड अधिकारी एवं विकास अधिकारी उपस्थित रहे।
शिविरांे मंे मिलेगा पशु आहारः शिविरांे मंे बड़े पशु को प्रति दिन एक किलो एवं छोटे पशु को आधा किलोग्राम पशु आहार मिलेगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने राजफेड को 55 लाख रूपए अग्रिम राशि के तौर पर जमा करवाए गए है। समीपवर्ती पंचायत समिति मुख्यालय स्थित राजफेड के गोदाम मंे पशु आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। जहां से संबंधित शिविर संचालक को पशु आहार उपलब्ध होगा। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने विकास अधिकारियांे को पशु आहार का उठाव सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए।

पशुआंे के टीकाकरण एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करेंःराठौड़

बाड़मेर,17 जून। नोडल अधिकारी संबंधित क्षेत्र मंे संचालित गौशालाआंे एवं पशु शिविरांे मंे संघारित पशुधन संरक्षण के लिए प्रत्येक सप्ताह आवश्यक रूप से भ्रमण करने के साथ टीकाकरण एवं उपचार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ दशरथसिंह राठौड़ ने बाड़मेर जिला मुख्यालय पर पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारियांे की बैठक के दौरान यह बात कही।
इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक डॉ दशरथसिंह राठौड़ ने कहा कि जिले मंे पशुओं की अकाल की मौत संबंधित प्रकरणांे की तथ्यात्मक जांच करने के साथ सर्वे एवं उपचार दल बनाकर दो दिन मंे तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने अकाल राहत एवं पशु गणना कार्याें की समीक्षा करने के साथ विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। डॉ राठौड़ ने सभी संस्थाओं में आवश्यक औषधियों एवं टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए। उन्हांेने पशुगणना कार्य में सुपरवाइजर स्तर से बाड़मेर मंे 25 हजार, सिणधरी मंे 22 हजार, चौहटन,रामसर एवं शिव मंे 7-7 हजार, सिवाना मंे 2 हजार तथा बालोतरा मंे 6 हजार हाऊसहॉल्ड फाइनलाइजेशन के बकाया कार्य को 19 जून तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्हांेने वेलिडेशन कार्य सजग होकर करने के निर्देश देते हुए कहा कि नोडल अधिकारी प्रतिदिन पशुगणना कार्य की मोनेटरिंग करते हुए निर्धारित समय सीमा मंे डाटा फाइनलाइजेशन का कार्य पूरा करें। इस दौरान पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ अमीलाल सहारण ने बताया कि गौशालाओं एवं पशु शिविरों में संधारित पशुओं का समय-समय पर भ्रमण कर संबंधित क्षेत्र के पशु चिकित्सा अधिकारियों की ओर से मिनरल मिक्चर वितरण एवं डोजिंग करवाकर उपचार व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। उन्हांेने बताया कि जिले में पशुओं में किसी भी प्रकार का संक्रामक रोग नहीं है। पशुओं में टीकाकरण का कार्य प्रगति पर है। अतिरिक्त निदेशक राठौड़ ने बाड़मेर जिले का भ्रमण कर अकाल की स्थिति का जायजा लिया। 

सोमवार, 10 जून 2019

बाडमेर ढाई सौ से अधिक पशु शिविरों में 35 हजार पशुओं का सरंक्षण, केंद्र सरकार द्वारा लागू लघु सीमांत कृषक नियम बाधा बने शिविर खुलने में

बाडमेर ढाई सौ से अधिक पशु शिविरों में 35 हजार पशुओं का सरंक्षण,

केंद्र सरकार द्वारा लागू लघु सीमांत कृषक नियम बाधा बने शिविर खुलने में
वसुंधरा राजे ने पांच साल के कार्यकाल में एक भी पशु शिविर नहीं खोला



पश्चिमी राजस्थान के सरहदी जिले बाडमेर में गो वंश के सरंक्षण को लेकर बड़ा हल्ला मचा रहा है।।साधु संत सड़को पे उतर आए।।गोवंश पे राजनीति की जा रही है।।बाडमेर जिले में जिला प्रशासन ने त्वरित गति से  आपदाग्रस्त गांवो में तीन सौ बाईस पशु शिविर स्वीकृत किये जिनमे 248 पशु शिविर आज संचालित ही रहे है।।इन शिविरों में करीब चालीस हजार गई वंश सरंक्षित हो रहा है।।इन शिविरों की जिला प्रशासन की विभिन टीमें नियमित निरीक्षण कर रही जिसमे चारे की मात्रा और गुणवत्ता प्रमुखता से जांची जा रही है।।लापरवाही बरतने वाले कुछ सरकारी कारिंदे निलंबित भी हुए।।पशु शिविरों के अलावा पचास पंजीबद्ध गो शालाओं में करीब छतीस सौ चार पशुओं के सरंक्षण के लिए नियमित अनुदान दिया जा रहा है।।जिला प्रशासन ने आपदाग्रस्त गांवो में 518 चारा डिपो स्वीकृत किये जिनमे 412 डिपो सुचारू संचालित हो रहे है।।जिला प्रशासन द्वारा 883 नॉन कमीशन्ड गांवो में टेंकरो के जरिये पेयजल सप्लाई कर आमजन को राहत देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।।

जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार के निर्देशानुसार गो वंश सरंक्षण के हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है इन प्रयासो को अनदेखा नही किया जा सकता।ग्राम पंचायतों से पशु शिविर खोलने के जितने प्रस्ताव जिला प्रशास
न को मिले उन सब मे पशु शिविर खोल दिये ।जिन गांवो से प्रस्ताव आ रहे है उनमें भी प्राथमिकता से खोले जा रहे। ।

केंद्र सरकार का अड़ंगा 

पूर्व में पशु शिविर खोलने के लिए पशु का आवारा होने काफी था ।मगर केंद्र  सरकार ने आपदा प्रबंध नियमो में संशोधन कर पशु शिविर सीमांत  लघु कृषकों की अनिवार्यता लागू कर दी जिसके कारण पशु शिविर खोलने में दिक्कतें आ रही है जबकि पूर्व में शिविर पटवारी,ग्राम सेवक की रिपोर्ट पर खोले जाते।।इस बार आपदा प्रबंध नियमो के तहत सहकारी समिति,ग्राम पंचायत ही शिविर संचालन के लिए योग्य माने गए।।जबकि पूर्व में स्वयं सेवी संस्थाओं ने सफलतापूर्वक शिविर संचालित किए।

भाजपा राज में एक भी शिविर नही खोला, अब राजनीति कर रहे

पशु शिविरों को लेकर क्षेत्र में राजनीति शुरू हो गई।। कांग्रेस के युवा नेता रिड़मल सिंह दांता ने बताया कि भाजपा के पांच साल के शासन काल मे लगातार अकाल पड़े।।गांवो को आपदाग्रस्त भी घोषित किये।मगर पांच साल में एक भी पशु शिविर या चारा डिपो नही खोला गया।।अब जबकि कांग्रेस सरकार ने शिविर खोल दिये और खुल भी रहे है।पर भाजपा और उनके समर्थित लोग अनावश्यके राजनीति कर रहे है।।केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंध का बजट रोक रखा था।।केंद्र सरकार के नए नियमो के कारन पशु शिविर खोलने में प्रशासन को समस्या आ रही है।।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने बताया कि अकालग्रस्त गांवो में पशु शिविर संचालित हो रहे है।इनकी नियमित मोनिटरिंग की जा रही है। चारे की उपलब्धता के साथ गुणवत्ता भी परखी जा रही है।जिन गांवो से शिविर खोलने के प्रस्ताव आये उनमें खोल दिये।।जंहा से प्रस्ताव आ रहे है उनमें भी खोलने की प्रक्रिया हाथों हाथ पूर्ण कर स्वीकृतियां जा की जा रही है। जिले में चार सौ से अधिक चारा डिपो संचालित हो रहे है। पेयजल समस्या से ग्रस्त गांवो में टेंकरो से पानी पहुंच रहा है।