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शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

नागौर, खुल गई खेतों की राह, खिल उठे चेहरे,निराली पहल, जिले में रास्ता खोलो अभियान का आगाज

नागौर, खुल गई खेतों की राह, खिल उठे चेहरे
नागौर की निराली पहल, जिले में रास्ता खोलो अभियान का आगाज
पहले दिन 38 प्रकरणों का निस्तारण, प्रषासन ने पुलिस जाप्ते के बीच ग्रामीणों के सहयोग से खुलवाए रास्ते


नागौर, 31 जुलाई। जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी की ओर से किसानों व ग्रामीणों के लिए गांव-ढाणी तथा खेतों की राह आसान करने के लिए रास्ता खोलो अभियान नाम के नवाचार का आगाज शुक्रवार को किया गया।
अभियान का पहला दिन जिले भर में दर्जनों गांवों के हजारों ग्रामीणों के लिए राहत और खुषियों भरा रहा। रास्ता खोलो अभियान का पहला दिन प्रषासन, पुलिस और ग्रामीणों के लिए अविस्मरणीय रहेगा, क्योंकि इसके तहत कई गांवों में दो-चार साल नहीं बल्कि तीस साल से चले रास्तों के विवादों का भी निबटारा हुआ। जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी के मार्गदर्षन में उपखण्ड तथा तहसील स्तरीय प्रषासन व पुलिस के अधिकारियों तथा राजस्व विभाग कार्मिकों ने संयुक्त रूप से रास्ता खोलो अभियान के तहत कार्रवाई की और इसमें सफलता भी हासिल की। जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी के मार्गदर्षन में चलाए गए इस रास्ता खोलो अभियान के पहले दिन जिले भर में 38 गांवों में रास्ते संबंधी विवादों का निस्तारण किया गया। अतिरिक्त जिला कलक्टर मनोज कुमार ने बताया कि रास्ता खोलो अभियान के पहले दिन नागौर व मूंडवा तहसील में छह, खींवसर तहसील में दो, जायल में दो, लाडनूं में चार, कुचामन दो, डीडवान दो, नावां तीन, परबतसर छह, डेगाना तीन, मकराना तीन, रियां तीन तथा मेड़ता तहसील में रास्ते संबंधी तीन प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
अभियान के तहत जिले में जहां रास्ता संबंधी विवाद निस्तारण की कार्रवाई हुई, वहां ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों ने जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक का आभार जताया।

छह घंटे तक चली मषक्कत, 33 साल पुराना प्रकरण सुलझाया,

जिले की परबतसर तहसील के गांव लिखियास में कुछ ग्रामीणों के बीच 1.5 किलोमीटर लंबे रास्ते का 33 साल से विवाद चल रहा था। लिखियास से गांव राबड़ियाद को जोड़ने वाले इस मार्ग को खुलवाने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता आर.सी. भट्ट की परिवेदना पर रास्ता खोलो अभियान के पहले दिन ही कार्रवाई हुई। इस रास्ते को खुलवाने के लिए कई दोनो गांव के कई ग्रामीण भी प्रयासरत थे, जिन्होंने अभियान के पहले दिन रास्ता खोलने की कार्रवाई करने आए तहसीलदार राजेष मीणा और उनकी टीम का पूरा सहयोग किया। हालांकि यहां कई ग्रामीणों से रास्ता खेालने के लिए तहसीलदार राजेष मीणा को करीब पांच से छह घंटे समझाईष और मषक्कत भी करनी पड़ी, अंततोगत्वा ग्रामीणों और पुलिस के सहयोग से 33 साल से बंद पड़े इस रास्ते के अवरोध हटवाए गए। तहसीलदार मीणा ने बताया कि इस रास्ते के खुलने से पांच सौ से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। यहां बिटिया गौरव पट्टिका भी लगाई गई।

3.6 किलोमीटर रास्ते का विवाद निपटाया

कड़लू गांव से झुंझंडा गांव की सीमा को जोड़ने वाला 3.6 किलोमीटर लंबा कटानी रास्ता, दो समुदायों के बीच सीमाज्ञान के विवाद के चलते बंद पड़ा था। कड़लू निवासी महेन्द्र जाजड़ा इस रास्ते को खुलवाने के लिए छह माह से प्रयासरत थे। रास्ता खोलो अभियान जाजड़ा के लिए आषा की किरण लेकर आया और प्रषासन ने उनकी परिवेदना पर कार्रवाई की। अभियान के पहले दिन ही नायब तहसीलदार भंवरलाल सैन और उनकी टीम ने पुलिस जाप्ते के साथ सरपंच लालाराम व ग्रामीणों के सहयोग से शुक्रवार को अभियान के पहले दिन ही यह रास्ता खुलवाया। इस कटाणी रास्ते के खुलने से सौ से अधिक ग्रामीण लाभान्वित हुए हैं, जिन्हें अब अपने खेत जाने में भी परेषानी का सामना करना पड़ता था। इस रास्ते को खुलवाने के साथ-साथ यहां पर बिटिया गौरव पट्टिका भी लगाई गई।

20 साल पुराने रास्ते का विवाद खत्म

ग्राम पीलवा की रोही में खेतों की जाने वाले रास्ते को लेकर 20 साल से विवाद चल रहा था। इस रास्ते के बंद होने से ग्रामीणों को अपने खेतों में जाने के लिए परेषानी का सामना करना पड़ता था। परबतसर तहसीलदार राजेष कुमार मीणा ने बताया कि ग्रामीणों की परिवेदना पर प्रषासनिक व पुलिस अमले ने अभियान के दिन कार्रवाई करते हुए इस रास्ते को खुलवाया और रिकाॅर्ड में कटाणी रास्ते का सीमाज्ञान करते हुए पुख्ता इंतजाम किया। 20 साल बाद 350 मीटर लंबे इस कटाणी रास्ते के खुलने से 350 से अधिक ग्रामीण लाभान्वित हुए है। इस मौके पर ग्रामीणों ने जिला कलक्टर के प्रति रास्ता खोलो अभियान चलाने पर आभार जताया।