जो करे अपनो से प्यार, यातायात नियमों से रखे सरोकार: डाॅ.सेठिया
बाड़मेर। जीवन सबसे बहुमूल्य है, जो व्यक्ति जीवन का समान करता है वह ट्रैफिक नियमों के प्रति गंभीर होता है। अपने घर-परिवार से प्यार करने वाला व्यक्ति सदैव यातायात नियमों की पालना करता है। यह बात बाड़मेर के मूल निवासी और राजधानी दिल्ली के प्रख्यात अस्थि रोग विशेषज्ञ डाॅ. विमल सेठिया ने सिंधी मुस्लिम छात्रावास में भारत सरकार के क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय और नेहरू युवा केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित ‘सड़क सुरक्षा सप्ताह’ के तहत आयोजित कार्यक्रम को सबोंधित करते हुए कही।
डाॅ.सेठिया ने कहा कि ट्रैफिक नियमों की पालना करके हादसों के बचा जा सकता है, लेकिन आपात स्थिति में एम्बूलेंस का इंतजार करने के बजाय मौके पर खड़ा व्यक्ति प्राथमिक उपचार से घायल व्यक्ति की जान बचा जा सकता है। डाॅ.सेठिया ने 40 गांवों के ग्रामीण युवाओं को आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार से घायल व्यक्ति की जान बचाने के तरीकों की जानकारी भी दी।
इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नरेन्द्र तनसुखानी ने कहा कि सुरक्षा नियमों को लेकर प्रत्येक व्यक्ति को जागरुक होना चाहिए। आज के इस दौर में वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और सड़कों सिकुड़ कर छोटी हो गई है। जिसके कारण हादसों का हमेशा अंदेशा बना रहता है। उनका कहना था कि हादसों को तभी रोका जा सकता है, जब हमें ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी हो और हम नियमों का पालना करते हो। विदेशों में वाहनों की संख्या अत्याधिक होने के बावजूद भी दुर्घटनाएं कम होती है। इससे साफ है कि ट्रैफिक नियमों की पूरी पालना की जाती है। हम ट्रैफिक नियमों की पालना कर अपने जीवन के साथ-साथ दूसरे व्यक्ति की भी जिंदगी बचा सकते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेहरू युवा केन्द्र के राजेन्द्र पुरोहित ने ग्रामीण युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि हर वर्ष एक से सात जनवरी तक राष्ट्रीय सघ्क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा व यातायात के नियमों बारे शिक्षित व जागृत करके सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाना है।
स्थानीय उधमी मुकेश वडेरा ने कहा कि यातायात नियमों के बारे में लोगों को जितना ज्यादा शिक्षित व जागरूक किया जाएगा, उतनी ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। उन्होंने कहा ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से सड़क सुरक्षा व यातायात के नियमों की शिक्षा व जागृति आएगी, वहीं आमजन तक भी यह जागृति संदेश पहुंचेगा। सामाजिक कार्यकर्ता इमदाद ने कहा कि सुरक्षा में ही सुरक्षा है। इसलिए सभी लोगों को यातायात के नियमों का पूरी संजीदगी से पालन करना चाहिए। वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करे, सीट बैल्ट अवश्य लगाएं व शराब पीकर गाड़ी न चलाएं और दोपहिया वाहन चलाते समय हैलमेट का प्रयोग जरूर करे।
इस मौके पर क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय और नेहरू युवा केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में एक प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का भी आयोजन कर, विजेताओं को मुख्य अतिथि के हाथों पुरस्कार प्रदान किए गए।
डाॅ.सेठिया ने कहा कि ट्रैफिक नियमों की पालना करके हादसों के बचा जा सकता है, लेकिन आपात स्थिति में एम्बूलेंस का इंतजार करने के बजाय मौके पर खड़ा व्यक्ति प्राथमिक उपचार से घायल व्यक्ति की जान बचा जा सकता है। डाॅ.सेठिया ने 40 गांवों के ग्रामीण युवाओं को आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार से घायल व्यक्ति की जान बचाने के तरीकों की जानकारी भी दी।
इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नरेन्द्र तनसुखानी ने कहा कि सुरक्षा नियमों को लेकर प्रत्येक व्यक्ति को जागरुक होना चाहिए। आज के इस दौर में वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और सड़कों सिकुड़ कर छोटी हो गई है। जिसके कारण हादसों का हमेशा अंदेशा बना रहता है। उनका कहना था कि हादसों को तभी रोका जा सकता है, जब हमें ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी हो और हम नियमों का पालना करते हो। विदेशों में वाहनों की संख्या अत्याधिक होने के बावजूद भी दुर्घटनाएं कम होती है। इससे साफ है कि ट्रैफिक नियमों की पूरी पालना की जाती है। हम ट्रैफिक नियमों की पालना कर अपने जीवन के साथ-साथ दूसरे व्यक्ति की भी जिंदगी बचा सकते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेहरू युवा केन्द्र के राजेन्द्र पुरोहित ने ग्रामीण युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि हर वर्ष एक से सात जनवरी तक राष्ट्रीय सघ्क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा व यातायात के नियमों बारे शिक्षित व जागृत करके सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाना है।
स्थानीय उधमी मुकेश वडेरा ने कहा कि यातायात नियमों के बारे में लोगों को जितना ज्यादा शिक्षित व जागरूक किया जाएगा, उतनी ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। उन्होंने कहा ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से सड़क सुरक्षा व यातायात के नियमों की शिक्षा व जागृति आएगी, वहीं आमजन तक भी यह जागृति संदेश पहुंचेगा। सामाजिक कार्यकर्ता इमदाद ने कहा कि सुरक्षा में ही सुरक्षा है। इसलिए सभी लोगों को यातायात के नियमों का पूरी संजीदगी से पालन करना चाहिए। वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करे, सीट बैल्ट अवश्य लगाएं व शराब पीकर गाड़ी न चलाएं और दोपहिया वाहन चलाते समय हैलमेट का प्रयोग जरूर करे।
इस मौके पर क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय और नेहरू युवा केन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में एक प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का भी आयोजन कर, विजेताओं को मुख्य अतिथि के हाथों पुरस्कार प्रदान किए गए।