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शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

जैसलमेर सरहदी क्षेत्र तनोट में बदमाशों ने फायरिंग कर टेक्सी चालक को मौत के घाट उतारा ,टेक्सी ले उड़े

जैसलमेर सरहदी क्षेत्र तनोट में बदमाशों ने फायरिंग कर  टेक्सी चालक को मौत के घाट उतारा   ,टेक्सी ले उड़े 


जैसलमेर सरहदी जैसलमेर जिले के तनोट रोड पर शुक्रवार दोपहर चार युवक एक चालक को गोली मार उसकी कार लेकर फरार हो गए। घायल चालक को इलाज के लिए जैसलमेर उपचार के लिए लाया गया जंहा अस्पताल पहुंचने से पहले चालक की मौत हो गई । पुलिस ने पूरे क्षेत्र में नाकाबंदी करवा कर लुटेरों की तलाश शुरू कर दी है।जैसलमेर में इस तरह  लूट हत्या की यह पहली वारदात हैं ,वारदात के बाद क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गयी

पुलिस सूत्रों के अनुसार जोधपुर के जम्बा गांव निवासी भारमलराम मेघवाल अपनी स्वयं की कार टैक्सी चलाता है। आज सुबह वह जैसलमेर से चार युवकों को भारत-पाक सीमा पर स्थित तनोट लेकर जा रहा था। रामगढ़ से थोड़ा आगे निकलते ही युवकों ने कार को रूकवा दिया। उन्होंने चालक को नीचे उतार कर गोली मार दी। गोली भारमल की जांघ के पार निकल गई। भारमल को वहीं पर पटक चारों युवक कार लेकर फरार हो गए। बाद में वहां से निकलने वाले कुछ लोगों ने भारमल को रामगढ़ अस्पताल पहुंचाया और पुलिस को सूचना दी। प्राथमिक उपचार के पश्चात भारमल को जैसलमेर रैफर कर दिया गया. बीच रस्ते उसने डीएम तोड़ दिया ,वहीं पुलिस ने पूरे क्षेत्र की नाकाबंदी करवा कर चारो युवकों की तलाश शुरू की है.।

शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

सीमा पार से आते हैं शिकारी बाज

सीमा पार से आते हैं शिकारी बाज

जोधपुर। पाकिस्तान से सटी राजस्थान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ट्रंासमीटर व एंटीना लगे बाजों का आना सालों से जारी है।
सीमा सुरक्षा बल के जवानों को गश्त के दौरान राजस्थान सरहद पर ऎसे शिकारी बाज पहले भी मिलते रहे हैं। बल के अधिकारियों का कहना है कि अरब के शेख पाकिस्तान में शिकार करने के लिए आते हैं, जो अपने साथ प्रशिक्षित बाज लाते हैं। ये शेख पाकिस्तान के पंजाब में रहीमयार खां और सिन्ध के घोटकी जिले में शिकार करते हैं। ये शिकारी बाज उड़ते-उड़ते जैसलमेर और बाड़मेर तक आ जाते हैं।

आज भी जिंदा है तनोट का बाज
सीमा सुरक्षा बल ने 8 फ रवरी 2011 को तनोट क्षेत्र में एक बाज पकड़ा था, जिसके दांये पैर में एल्युमिनियम का एक छोटा सा छल्ला पड़ा हुआ था, जिस पर “503 Aश्व त्रह्रङक्-ङख्ज्ज् अंकित हो रखा था, जो 9 फ रवरी 2011 को वन विभाग जैसलमेर के सुपुर्द कर दिया गया था। यह बाज आज भी जिंदा है।

बछिया छोर : गुलाबी छल्ला
सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने 18 जनवरी 2011 को थार की सीमा के बछिया छोर से एक बाज पकड़ा था, जिसके दांये पैर में एल्युमिनियम का गुलाबी रंग का छल्ला था, उस पर 10/4 अंकित था और 22 सीएम का एक एन्टीना लगा हुआ था।

शाहगढ़ बल्ज : एंटीना लगा
बीएसएफ ने 29 जनवरी 2008 को शाहगढ़ बल्ज में भी एक बाज पकड़ा था। उस बाज के शरीर में भी एंटीना लगा हुआ था।

जासूसी का संकेत नहीं
अरब के शेख शिकार करने के लिए आते हैं तो यह तरीका अपनाते हैं। अब तक पकडे गए बाजों में से किसी भी बाज के माध्यम से जासूसी करने का कोई संकेत नहीं मिला है क्यों कि इन बाजों में जो एंटीना और टं्रासमीटर लगे मिले हैं, उनकी रेंज केवल तीन से पांच किलोमीटर ही है।
-आर के थापा, उप महानिरीक्षक, सीमा सुरक्षा बल राजस्थान सीमांत मुख्यालय जोधपुर