थार चुनावी रणभेरी 2018
पचपदरा विधानसभा क्षेत्र चित्रा मानवेन्द्र सिंह हो सकती हे दमदार प्रत्यासी ,
रिफायनरी का फायदा दोनों दलों को नहीं भाजपा के पास उम्मीदवारों का टोटा
बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर की पचपदरा सीट पर सबकी निगाहें 2013 के चुनावो में भी लगी थी इस बार भी सबकी निगाहें लगी हे क्यूंकि गत चुनावो से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी ने रिफायनरी का शिलान्यास किया था तो इस बार चुनावो से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिफायनरी का शिलान्यास कर गए ,गत बार सोनिया गाँधी के द्वारा रिफायनरी का शिलान्यास के बावजूद कांग्रेस प्रत्यासी मदन प्रजापत चुनाव हार गए ,इस बार नरेंद्र मोदी द्वारा शिलान्यास के बावजूद वर्तमान विधायक अमराराम चौधरी बुरे दौर में हे ,
भाजपा के पास अमराराम के आलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं हे,पांच सालो में कोई नेता भाजपा तैयार ही नहीं कर पाई आज अमराराम का भाजपा के पास कोई विकल्प नहीं हे ,अमराराम की कार्यशैली इस बार बेहद्द निराशाजनक रही ,राजस्व मंत्री जैसी धाकड़ पद पर रहते हुए अमराराम की गिनती बेचारे मंत्री के रूप में होती रही ,जमीन विवादों से लेकर छोटे स्तर के स्थानांतरण में उनका नासम आया ,लोगो के काम नहीं करवा पाए ,रिफायनरी जैसा बड़ा काम भी उनकी लोकप्रियता बरकरार नहीं रख सका ,आज अमराराम की स्थति सबसे बुरी हे ,भाजपा के सर्वे में जिले की सात सीटों में सबसे कमजोर पचपदरा को ाँकि गयी हैं ,इसके बावजूद अमराराम भाजपा की मजबूरी हैं ,हालाँकि अमराराम ने अपने पुत्र अरुण की दावेदारी देकर उसको टिकट देने की मांग राखी हे मगर अरुण राजनीती में हे न ही आमजन में लोकप्रिय ,अमराराम के पुत्र होने की पहचान ,पचपदरा में दूसरे उम्मीदवारों में भगवत सिंह जसोल,गणपत बांठिया हे ,जो ज्यादा दमदार नहीं हे ,भाजपा के पास नए चेहरों का टोटा हैं ,किसको उतरे समस्या बनी हुई हैं
कांग्रेस में २००८ में मदन प्रजापत जीते ,फिर 2013 में चुनाव हार गए ,मदन प्रजापत कांग्रेस की नैया पार करवाने वाले उम्मीदवार नहीं रहे ,कांग्रेस में ही उनका जोरदार विरोध हैं,मदन प्रजापत सर्व मान्य नहीं होने के साथ कई समाज उनके खिलाफ उत्तर आये हैं ,मदन प्रजापत पहले अशोक गहलोत के फिओर हरीश चौधरी के नजदीक माने जाते हैं ,मगर प्रजापत जनता की छवि बनाने में नाकाम रहे ,माली ,कुम्हार ,राजपूत ,रावणा राजपूत ,जैन ,मुसलमान और दलित मतदाताओं का दबदबा हे ,गत माह यहाँ मानवेन्द्र सिंह जसोल ने स्वाभिमान रैली कर पुरे प्रदेश को हिल्ला दिया ,जसोल के कांग्रेस ज्वाइन के बाद पचपदरा क्षेत्र में विशेष फॉक्स रखा गया,मानवेन्द्र सिंह को क्षेत्र के लोगो ने हाथो हाथ लिया ,उनकी लोकप्रियता का ग्राफ काफी ऊँचा हे साथ ही उनके साथ विभिन्न समाज सीधे तौर से जुड़े हे ,हालाँकि मानवेन्द्र सिंह सांसद का चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हे ऐसे में पार्टी किसको उम्मीदवार बनाएगी यह भविष्य के गर्भ में हे ,कांग्रेस के लिए यह सीट जसोल परिवार आसानी से निकाल सकता हे ,पचपदरा के साथ पड़ौसी विधानसभा सिवाना में इसका प्रभाव रहेगा ,पार्टी को दमदार उम्मीदवार के रूप में श्रीमती चित्रा मानवेन्द्र सिंह को मैदान में लाना चाहिए ,मदन प्रजापत या अन्य से कई गुना ज्यादा लोकप्रिय होने के साथ उनका गत बीस वर्षो से मतदाताओं से सीधा जुड़ाव हे ,चित्रा सिंह का सससुराल जसोल इसी विधानसभा क्षेत्र में आता हे जिसका फायदा मिलना तय हैं ,
जसवंत सिंह का इस क्षेत्र में बड़ा आदर मान हैं ,मानवेन्द्र सिंह यहाँ काम कर चुके हे। लोगो के साथ सीधा जुड़ाव होने के साथ ही जातिगत समीकरण भी जसोल के पक्ष में हैं,मदन प्रजापत लगातार विवादों में रहने के कारन भी पिछड़े हैं,कांग्रेस में और कोई दमदार उम्मीदवार नहीं हैं
आंकड़े इस प्रकार हे
पचपदरा विधानसभा क्षेत्र में कुल दो लाख बाईस हजार नो सौ छियालीस मतदाता हे जिसमे एक लाख सत्रह हजार डॉ सौ छपन पुरुष मतदाता और एक लाख पांच हजार छह सौ नबे महिला मतदाता हैं ,जबकि यहाँ की कुल आबादी तीन लाख चौरानवे हजार हैं ,पचपदरा आने वाले समय में जिला मुख्यालय बनने की क्षमता रखता हैं ,औद्योगिक क्षेत्र के रूप में पचपदरा रिफायनरी के साथ ही विकसित होने की सम्भावना हैं ,
बहरहाल पचपदरा पर सबकी निगाहें हे ,मुकाबला भाजपा कांग्रेस के बीच तय हैं ,बदलती परिस्थतियो में भाजपा कमज़ोर पड़ी हे ,सत्ता विरोधी लहर का यहाँ भी प्रभाव देखने को मिल रहा हैं ,कांग्रेस यहाँ दिग्गजों के साथ संकल्प रैली कर चुकी हे जिसमे लाखो लोगो की भीड़ ने बदलाव के संकेत दिए थे ,सूरज यात्रा में वसुंधराराजे की भी यहाँ सभा हुई मगर उसमे भीड़ नहीं जुट पाई ,तीसरी सभा मानवेन्द्र सिंह की स्वाभिमान रैली हुई जिसमे में भी लाखो लोगो ने शिरकत की थी ,