अरब का प्रेमी जोड़ा था लैला-मजनूं. अरबपति शाह अमारी के बेटे कैस की किस्मत में इश्क की बीमारी शुरू से ही लिखी थी. दमिश्क के मदरसे में उसने नाज्द के शाह की बेटी लैला को देखा तो पहली नजर में उसका आशिक हो गया.
कैस की मुहब्बत का असर लैला पर भी हुआ और दोनों ही प्यार के दीवाने हो गए. नतीजतन लैला को घर में कैद कर दिया गया और जुदाई का मारा कैस दीवानों की तरह मारा-मारा फिरने लगा. उसकी दीवानगी देखकर लोगों ने उसे 'मजनूं' नाम दिया.
लैला-मजनूं को अलग करने की लाख कोशिशें की गईं. लैला की किसी और से शादी कर दी गई.
लैला-मजनूं को अलग करने की लाख कोशिशें की गईं. लैला की किसी और से शादी कर दी गई.
लैला बीमार पड़ गई और चल बसी. बाद में लैला की कब्र के पास ही मजनूं की लाश भी बरामद हुई. मजनू ने अपनी कविता के तीन चरण यहीं एक चट्टान पर उकेर रखे थे. लैला के नाम यह मजनू का आखिरी संदेश था.
उनकी मौत के बाद दुनिया ने जाना कि दोनों की मोहब्बत कितनी अजीज थी. दोनों को साथ-साथ दफनाया गया ताकि इस दुनिया में न मिलने वाले लैला-मजनूं जन्नत में जाकर मिल जाएं.