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सोमवार, 27 जुलाई 2020

सत्ता की जंग में नया मोड़:बसपा का अपने 6 विधायकों को व्हिप; कांग्रेस के खिलाफ वोट दें,

सत्ता की जंग में नया मोड़:बसपा का अपने 6 विधायकों को व्हिप; कांग्रेस के खिलाफ वोट दें, इन विधायकों का नौ माह पहले कांग्रेस में हो चुका विलय, आज हाईकोर्ट में भी सुनवाई

राजस्थान में गहलाेत सरकार पर रविवार देर रात संकट और बढ़ गया। बसपा ने अपने सभी 6 विधायकाें काे व्हिप जारी करते हुए कहा कि वे किसी भी तरह के ‘अविश्वास प्रस्ताव’ या किसी भी तरह की कार्यवाही में कांग्रेस के खिलाफ वाेट देंं। जादूगर कहे जाने वाले अशाेक गहलाेत पर यह माया-जाल उस समय फेंका गया है, जब बसपा के इन 6 विधायकाें के कांग्रेस में 9 माह पहले हुए विलय काे चुनाैती देने वाली याचिका पर साेमवार काे हाईकाेर्ट में सुनवाई हाेनी है।बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद मिश्र की ओर से ये व्हिप अपने छह विधायकों राजेंद्र गुढ़ा, लखन सिंह, दीपचंद खेरिया, जाेगेंदर अवाना, संदीप यादव और वाजिब अली को जारी किया गया है। बसपा के प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि पार्टी के आदेश नहीं मानने पर इन विधायकों की विधानसभा की सदस्यता खत्म हाे सकती है। इस संबंध में स्पीकर और राज्यपाल काे भी पत्र भेजा गया है।

बता दें कि बसपा के कुल छह ही विधायक जीते थे और ये 16 सितंबर 2019 को कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद उस समय बहुमत के मुहाने पर खड़ी कांग्रेस सरकार के विधायक बढ़कर 107 हो गए थे।

भाजपा ने दे रखी है विलय को चुनौती : बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय का मामला पायलट खेमे को स्पीकर की ओर से 14 जुलाई को जारी किए गए अयोग्यता नोटिस के बाद ज्यादा गरमा गया। इस मामले को चुनौती देते हुए भाजपा विधायक मदन दिलावर ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की है। इसी पर सोमवार को सुनवाई होगी। दिलावर ने याचिका में कहा है कि इस मामले में उनकी शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष पिछले 4 महीने से कोई फैसला नहीं ले रहे हैं जबकि पायलट गुट के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर आधे घंटे में नोटिस दे दिया गया।

बसपा के 6 विधायकों का 16 सितंबर, 2019 को कांग्रेस में विलय हुआ था। दिलावर ने कहा कि उन्होंने इस विलय के खिलाफ इसी साल 16 मार्च को स्पीकर के सामने आपत्ति दर्ज कराई थी। उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की तो 17 जुलाई को स्मरण पत्र लगाया। इसके बाद स्पीकर ने बिना उन्हें सुने और नोटिस दिए उनकी याचिका को ही निरस्त कर दिया। यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध है।

गहलोत बोले- मोदी चुनी हुई सरकारों को गिराने का इरादा छोड़ें

प्रदेश में गहलोत सरकार पर छाए सियासी संकट को दूर करने के लिए कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर स्पीक अप फाॅर डेमोक्रेसी अभियान छेड़ा है। इसके तहत कांग्रेस ने लोगों से लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अभियान को लेकर अपना वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की वजह से ही नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी चुनी हुई सरकारों को गिराने का इरादा छोड़ें, वरना जो गलती करेगा उसे उसकी कीमत चुकानी होगी। गहलोत ने कहा कि आज पूरा मुल्क चिंतित है क्योंकि डेमोक्रेसी खतरे में है। आज जिस प्रकार का माहौल देश में है, वह चिंताजनक है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में क्या हुआ सबको मालूम है।

राजस्थान में राष्ट्रपति शासन की मांग कर चुकी हैं मायावती

प्रदेश में विधायकाें की खरीद-फराेख्त के ऑडियाे टेप सामने आने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने 18 जुलाई को मांग की थी कि राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। गहलोत ने उनके विधायकों का दलबदल कराने के बाद अब फोन टेप कराकर एक और गैरकानूनी व असंवैधानिक काम किया है।

कांग्रेस ने असंवैधानिक तरीके से बसपा के विधायकों का विलय किया : राठौड़

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस की अशाेक गहलाेत सरकार ने असंवैधानिक तरीके से बसपा के छह विधायकाें का कांग्रेस में विलय किया है। इस मामले में भाजपा की ओर से हाईकाेर्ट में चुनाैती दी है। हरियाणा में हाई काेर्ट इस तरह के विलय काे गलत ठहरा चुका है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा-इमरजेंसी लगाना, चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त करना कांग्रेस की नीति रही है।

बसपा विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया तो अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे : महासचिव

बसपा के महासचिव सतीश चंद मिश्रा ने कहा, सभी छह विधायकों को अलग अलग और एक साथ भी नोटिस भेजा गया है। इसमें साफ किया गया है कि बसपा एक नेशनल पार्टी है, इसलिए जब तक राष्ट्रीय स्तर पर मर्जर नहीं होता, तब तक वहां 6 विधायकों का राज्य स्तर पर किसी तरह का कोई मर्जर नहीं हो सकता। अगर वो व्हिप का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। इस संबंध में स्पीकर और राज्यपाल काे भी पत्र भेजा गया है।