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गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

21 फरवरी को अंतराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस मनाने के निर्देश* *राजस्थान सरकार ने राजस्थानी भाषा मे विभिन आयोजन के निर्देश जारी किए*

21 फरवरी को अंतराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस मनाने के निर्देश*

*राजस्थान सरकार ने राजस्थानी भाषा मे विभिन आयोजन के निर्देश जारी किए*

*राज्य सरकार के आदेश का अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने किया स्वागत*

जैसलमेर राज्य सरकार ने सभी महाविद्यालयों और विद्यालयों में 21 फरवरी को अंतराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर राजस्थानी भाषा मे विभिन आयोजन करने के निर्देश जारी किए।।राज्य सरकार के निर्देशों का अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने स्वागत किया तथा राजस्थानी भाषा की सुध लेने पर आभार जताया।।

राज्य सरकार के शिक्षा परिषद और आयुक्त कॉलेज शिक्षा द्वारा पत्र जारी कर सभी बिद्यालयो और महाविद्यालयों में मातृ भाषा दिवस 21 फरवरी को वृहद स्तर पर राजस्थानी भाषा को मायड़ भाषा के रूप में मनाने के निर्देश जारी किए।।आयुक्त कॉलेज शिक्षा प्रदीप कुमार बैरड़ ने जारी पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता के लिए पत्र लिखा था।राज्य सरकार द्वारा राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता के लिए विधानसभा से सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भिजवाया गया था। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पुनरसमरण करते हुए राजस्थानी भाषा को मान्यता की मांग की ।।उन्होंने लिखा है कि समस्त महाविद्यालयों में 21 फरवरी को मातृ भाषा दिवस पर राजस्थानी भाषा मे चर्चा,विचार गोष्टी,राजस्थानी भाषा के संविधान,लोक गीत ,भाषा के समृध्द होने की चर्चा आदि कार्यक्रमो का आयोजन के निर्देश दिए है।उन्होंने लिखा कि भाषा अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम है।हमे अपनी मायड़ भाषा राजस्थानी के वैभव पर अधिक से अधिक कर्र्यक्रम आयोजित करने है।।21 फरवरी को महाशिवरात्रि का अवकाश होने के कारण ये आयोजन एक दिन पूर्व 20 फरवरी को आयोजित करने के निर्देश जारी किए।।रजत सरकार के इस कदम का अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रदेश पाटवी डॉ राजेन्द्र बारहट,प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी,अंतराष्ट्रीय संयोजक प्रेम भंडारी ने स्वागत करते हुए सरकार का आभार जताया।।प्रदेश में पहली बार आधिकारिक तौर पर मायड़ भाषा दिवस पर आयोजन होंगे।।राजस्थानी भाषा प्रेमियों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया।

मंगलवार, 17 सितंबर 2019

जोधपुर राष्ट्रीय प्रगतिशील लेखक संघ ने राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किये जाने की मांग को फिर से दोहराया

 जोधपुर  राष्ट्रीय प्रगतिशील  लेखक संघ ने  राजस्थानी भाषा को  संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किये जाने की मांग को फिर से दोहराया 

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जोधपुर ।राष्ट्रीय प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से जयपुर में आयोजित 17वें  राष्ट्रीय सम्मेलन  के समापन  समारोह के अवसर पर  राजस्थानी को  स्वतन्त्र, समृद्ध  एवं वैज्ञानिक भाषा मानते  हुए भारत  सरकार से राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देकर  संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को फिर से दोहराया  है ।


राजस्थान  प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष मंडल के सदस्य एवं  राजस्थानी व  हिन्दी के साहित्यकार मीठेश निर्मोही के द्वारा राजस्थानी लेखकों की भावनाओं के अनुरूप यह प्रस्ताव रखा गया था जिसे  सर्व सम्मति से स्वीकार  करते हुए  राष्ट्रीय प्रगतिशील लेखक संघ ने यह निर्णय लिया । इससे पहले  प्रलेस की ओर से 1982 में जयपुर में  आयोजित नवें  राष्ट्रीय सम्मेलन में साहित्यकार विजयदान देथा, मरुधर मृदुल एवं वेद व्यास  के प्रस्ताव पर भारत सरकार   से यह मांग की गई थी।


राजस्थानी देश के सबसे बड़े भूभाग वाले प्रांत राजस्थान के दस करोड़ राजस्थानियों की मातृभाषा है। प्रदेश में राजस्थानी  भाषा,साहित्य एवं संस्कृति के  संवर्द्धन  के लिए राजस्थान सरकार की ओर से बीकानेर में भाषा,साहित्य एवं संस्कृति अकादमी स्थापित है।इसके अतिरिक्त विश्व भाषाओं में  उपलब्ध शब्द कोशों में  पद्मश्री सीताराम लालस द्वारा  संपादित  राजस्थानी - हिन्दी  शब्दकोश  सबसे बड़ा कोश माना जाता है जिसमें  लगभग  सवा दो लाख शब्द संग्रहीत हैं ।राजस्थानी भाषा का प्राचीन एवं आधुनिक साहित्य विपुल मात्रा में उपलब्ध है । राजस्थानी भाषा के विभिन्न विद्वानों द्वारा तैयार किये व्याकरण एवं  अन्य कोश भी उपलब्ध हैं।राज्य के अनेक विश्व विद्यालयों  में राजस्थानी के स्वतंत्रत विभाग संचालित हैं जहां  स्नातकोत्तर तक का शिक्षण एवं शोध कार्य  सम्पन्न  होता है।


ज्ञातव्य रहे कि पिछले दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने और इसे संवैधानिक मान्यता देने का अनुरोध किया था।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा था  कि मेरे पिछले कार्यकाल में राजस्थान विधानसभा द्वारा वर्ष 2003 में सर्वसम्मति से एक संकल्प पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा गया था, जिसमें राजस्थानी को संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित करने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद भी कई बार राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने के लिए राज्य सरकार की ओर से अनुरोध किया जाता रहा है।

राजस्थानी देश की समृद्धतम स्वतंत्र भाषाओं में से एक है जिसका अपना इतिहास है। राजस्थानी के बारे में लगभग 1000 ई. से 1500 ई. के कालखंड को ध्यान में रखकर गुजराती भाषा एवं साहित्य के मर्मज्ञ स्व. श्री झवेरचंद मेघाणी ने भी लिखा है कि राजस्थानी व्यापक बोलचाल की भाषा है और इसी की पुत्रियां बाद में ब्रजभाषा, गुजराती का नाम धारण कर स्वतंत्र भाषाएं बनी। अन्य भाषाओं की तरह ही राजस्थानी की भी मारवाड़ी, मेवाड़ी, ढूंढ़ाड़ी, वागड़ी आदि कई बोलियां हैं। ये बोलियां इसे वैसे ही समृद्ध करती हैं जैसे पेड़ को उसकी शाखाएं।

संविधान में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि एक भूभाग की अगर कोई भाषा है तो उसे बचाया और संरक्षित किया जाए। राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलना हमारी संस्कृति और समृद्ध परम्पराओं से नई पीढ़ी को अवगत करवाने के साथ ही भावी पीढ़ियों के मानवीय अधिकारों के संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम होगा।

संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओं के अलावा दूसरी भाषाओं को इसमें शामिल करने एवं इसके लिए वस्तुनिष्ठ मानदंड तैयार करने के लिए श्री सीताकांत महापात्र की अध्यक्षता में गठित समिति ने भी अपनी सिफारिशों में राजस्थानी को संवैधानिक भाषा के दर्जे के लिए पात्र बताया था। यह विडम्बना है कि इतना समय गुजरने के बाद भी समिति की सिफारिशें केन्द्रीय गृह मंत्रालय में विचाराधीन हैं और अभी तक राजस्थानी को संवैधानिक भाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है।

प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राजस्थान विधानसभा द्वारा वर्ष 2003 में भेजे गये राजस्थानी को संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित करने संबंधी संकल्प का सम्मान करते हुए राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता देने के संबंध में यथोचित आदेश प्रसारित करावें।

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मीठेश निर्मोही

गुरुवार, 12 सितंबर 2019

सीएम अशोक गहलोत ने पीएम को लिखा पत्र राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने का किया अनुरोध -

सीएम   अशोक गहलोत ने पीएम को लिखा पत्र 

राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने का किया अनुरोध - मुख्यमंत्री

जयपुर, 12 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने और इसे संवैधानिक मान्यता देने का अनुरोध किया है।
राजस्थान विधानसभा ने 2003 में पारित किया था संकल्प मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि उनके पिछले कार्यकाल में राजस्थान विधानसभा द्वारा वर्ष 2003 में सर्वसम्मति से एक संकल्प पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा गया था, जिसमें राजस्थानी को संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित करने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद भी कई बार राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने के लिए राज्य सरकार की ओर से अनुरोध किया जाता रहा है।
राजस्थानी देश की समृद्धतम स्वतंत्र भाषाओं में से एक श्री गहलोत ने पत्र में आगे लिखा है कि राजस्थानी देश की समृद्धतम स्वतंत्र भाषाओं में से एक है जिसका अपना इतिहास है। राजस्थानी के बारे में लगभग 1000 ई. से 1500 ई. के कालखंड को ध्यान में रखकर गुजराती भाषा एवं साहित्य के मर्मज्ञ स्व. श्री झवेरचंद मेघाणी ने भी लिखा है कि राजस्थानी व्यापक बोलचाल की भाषा है और इसी की पुत्रियां बाद में ब्रजभाषा, गुजराती का नाम धारण कर स्वतंत्र भाषाएं बनी। अन्य भाषाओं की तरह ही राजस्थानी की भी मारवाड़ी, मेवाड़ी, ढूंढ़ाड़ी, वागड़ी आदि कई बोलियां हैं। ये बोलियां इसे वैसे ही समृद्ध करती हैं जैसे पेड़ को उसकी शाखाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि एक भूभाग की अगर कोई भाषा है तो उसे बचाया और संरक्षित किया जाए। राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलना हमारी संस्कृति और समृद्ध परम्पराओं से नई पीढ़ी को अवगत करवाने के साथ ही भावी पीढ़ियों के मानवीय अधिकारों के संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम होगा।
महापात्र समिति ने भी की थी सिफारिश श्री गहलोत ने कहा कि संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओं के अलावा दूसरी भाषाओं को इसमें शामिल करने एवं इसके लिए वस्तुनिष्ठ मानदंड तैयार करने के लिए श्री सीताकांत महापात्र की अध्यक्षता में गठित समिति ने भी अपनी सिफारिशों में राजस्थानी को संवैधानिक भाषा के दर्जे के लिए पात्र बताया था। यह विडम्बना है कि इतना समय गुजरने के बाद भी समिति की सिफारिशें केन्द्रीय गृह मंत्रालय में विचाराधीन हैं और अभी तक राजस्थानी को संवैधानिक भाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राजस्थान विधानसभा द्वारा वर्ष 2003 में भेजे गये राजस्थानी को संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित करने संबंधी संकल्प का सम्मान करते हुए राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता देने के संबंध में यथोचित आदेश प्रसारित करावें।
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बुधवार, 16 जनवरी 2019

अपनी मातृभाषा में शपथ न लेने देना दुर्भाग्यपूर्ण,14 करोड़ राजस्थानियों का अपमान*

अपनी मातृभाषा में शपथ न लेने देना दुर्भाग्यपूर्ण,14 करोड़ राजस्थानियों का अपमान*

*चारो विधायको का आभार,मातृभाषा के प्रति उनकी निष्ठा को सलाम*

*मंगलवार को नव निर्वाचित विधायको को अपनी मातृभाषा में शपथ लेने से विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर द्वारा रोकना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि 14 करोड़ राजस्थानियों का सीधा सीधा अपमान है।।आखिर कब तक जनप्रतिनिधियों को अपनी मातृभाषा में शपथ में लेने से रोकते रहोगे।।जिस भाषा को अमेरिका सीनेट और नेपाल जसए देशों ने मान्यता दे दी उसी भाषा को अपने ही घर मे रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है।।गत विधानसभा में भी कई विधायक राजस्थानी भाषा मे शपथ लेने की जिद कर बेठे थे। आखिर राजस्थानी कब तक अपमान का घूंट पीते रहेंगे।।नोखा के विधायक बिहारीलाल विश्नोई को दंडवत धोक जिन्होंने राजस्थानी भाषा को मान्यता और विधानसभा में राजस्थानी भाषा मे शपथ के लिए मुंह पर पट्टी बांध पूरे देश का ध्यान अपनी मायड़ भाषा के प्रति आकर्षित किया।।खुद अशोक गहलोत राजस्थानी भाषा को मान्यता देने का प्रस्ताव दस साल पहले केंद्र सरकार को भेज चुके है।।इसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह कई मौकों पर राजस्थानी भाषा को भोजपुरी के साथ मान्यता देने की बात कह चुके है। राजस्थानी भाषा को आठवी संवैधानिक सूची में शामिल करने को लेकर राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति कई सालों से आंदोलनरत है।।विश्व भर में लोकप्रिय राजस्थानी भाषा को जानबूझ कर मान्यता से रोका जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर है।।मंगलवार को करीब आधा दर्जन विधायको को राजस्थानी में शपथ लेने से रोकने से ऐसे ही लगा घर से माँ को घसीट के बाहर निकाला जा रहा है।।आखिर कब तक राजस्थानीयो की भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर अपमान का दौर चलता रहेगा।।दुनिया की सबसे समृद्ध भाषा के रूप में राजस्थानी अपना खास स्थान रखती है । इस का शब्दकोश विश्व की किसी भी भाषा से सबसे बड़ा है।।विख्यात कवि दिनकर तो राजस्थानी भाषा को हिंदी की माँ बता चुके है।।इसके बाद भी राजस्थानी भाषा बार बार दुत्कारी जा रही है।।आज छोटी से छोटी भाषा को मान्यता मिल चुकी है मगर चौदह करोड़ लोगों की भाषा मान्यतके लिए तरस रही है।।एक बार फिर उन सभी विधयकों का आभार जिन्होंने मायड़ भाषा का मान रखा ।।

*चन्दन सिंह भाटी*

*प्रदेश उप पाटवी*
*अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति

शनिवार, 31 दिसंबर 2016

बाड़मेर राजस्थानी भाषा को मान्यता अंतिम पड़ाव पे।।मोदी जी करेंगे करोडो राजस्थानियों का सपना साकार।।

राजस्थानी भाषा समिति ने मेघवाल का किया बहुमान


बाड़मेर  राजस्थानी भाषा को मान्यता अंतिम पड़ाव पे।।मोदी जी करेंगे करोडो राजस्थानियों का सपना साकार।।

बाड़मेर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि राजस्थानी भाषा को अगले सत्र में मान्यता हर हाल में मिलेगी।सरकार के सारे पैरामीटर तय कर दिए।हंगामे की वजह से इस सत्र में मान्यता नही हो पाई।

0अर्जुन मेघवाल राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर तथा भारत विकास परिषद द्वारा कैलाश इंटरनेशनल में आयोजित समारोह में बोल रहे थे।।मेघवाल ने कहा कि राजस्थानी को मान्यता में पेचीदगी थी।गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिल कर उन प्रादेशिक भाषाओं को मान्यता देने का मानस बनाया जी को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता हो।ऐसे में राजस्थानी को मान्यता का मार्ग प्रसस्त हुआ। अब इंतज़ार ख़त्म।राजस्थानियों को भाषा मान्यता की सौगात मिलेगी।।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने भारत के विकास का जो सपना देखा वो पूरा हो रहा हैं।उन्होंने कहा कि नोटबन्दी के बाद केसलेश ट्रांजेक्शन लागू करने से देश में एक नम्बर और दो नम्बर का सारा खेल खत्म हो जायेगा।उन्होंने कहा मोदी जी के इस मास्टर स्ट्रोक से देश से काला धन ,भृष्टाचार,कालाबाज़ारी तो खत्म होगी ही।इनकम टैक्स रेंज बढ़ेगी।।उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है युवाओ के सपने साकार हो रहे हैं।।


बहुमान किया

अर्जुन मेघवाल का राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति,भारत विकास परिषद,धारा संसथान,महिला मंडल आगोर,साहित्य परिषद की विभिन संस्थाओं ,मिशन बाड़मेर जैसलमेर द्वारा साफा,शॉल,मालाएं पहना अभिनन्दन किया,वही उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए।।

मोदी के सपनो का भारत वीडियो का विमोचन किया।जम कर की तारीफ़।।

अर्जुन मेघवाल ने साहित्यकार डॉ बंशीधर तातेड़ द्वारा लिखित मोदी के सपनो का भारत वीडियो का विमोचन किया।उन्होंने रजनीकांत शर्मा और सुनीता चौधरी द्वारा गाये इस फिल्मांकन वीडियो को प्रोजेक्टर से पूरा देखा।तथा लेखक सहित गायकों की तारीफ़ करते हुए इस वीडियो को मोदी तक पहुंचने की बात कही।।

अर्जुन मेघवाल के साथ ओम् प्रकाश मुथा,डॉ अशोक तंवर और आदूराम मेघवाल विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे।।


ये थे उपस्थित।

समिति के प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी,महेश पनपालिया,डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी,संजय शर्मा,रिड़मल सिंह दांता,रावत त्रिभुवन सिंह राठौड़,हरीश धनदे,रमेश सिंह इंदा,पुरुषोत्तम खत्री,रामकुमार जोषी, प्रीतम हालवाल,संपत जैन,नरेंद्र खत्री,आदिल भाई,दुर्जन सिंह गुडिसर,धन सिंह मौसेरी,स्वरुप सिंह भाटी,डूंगर सिंह बाना,ललित छाजेड़,हितेश मूंदड़ा,छगन सिंह चौहान,जीतेन्द्र सिंह सेतराऊ। मुकेश बोहरा अमन ,दिग्विजय सिंह चुली,महेंद्र सिंह तेजमालता,शंकर लाल गोली,कैलाश भंसाली,ओम् प्रकाश जोशी,जसवंत गौड़,जगदीश माली,राजेंद्र लहुआ,जय परमार,छोटू सिंह पंवार,मदन कटारिया ,लूणकरण नाहटा ,जालम सिंह महेचा सहित कई मौजिज लोग उपस्थित थे।।

सोमवार, 9 नवंबर 2015

बाड़मेर राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा, मानव श्रृंखला बनाई.



बाड़मेर एक दिवलो मायड़ भाषा रे नांव आयोजित

बाड़मेर राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा, मानव श्रृंखला बनाई..

बाड़मेर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करने वाले राजस्थानी भाषा प्रेमियों नें दीपावली की पूर्व संध्या पर एक दीपक राजस्थानी भाषा के नाम जला कर अपनी मांग के समर्थन में एकजुटता का प्रदर्शन किया. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम भाषा की मान्यता के लिए हजारों पोस्टकार्ड भेजे जाने की कड़ी में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया.साथ ही मानव श्रृंखला बनाकर अपनी मांग पुरजोर तरीके से रखी. इस कार्यक्रम का नाम अेक दिवलो मायड़ भासा रै नांव’ दिया गया.


इस कार्यक्रम के तहत बाडमेर के गांधी चौक पर सैकडों दीपक राजस्थानी भाषा के नाम जलाऐ गये. पूरा शहर इस कार्यक्रम में भाग लेने उमड पडा.कार्यक्रम में अनिल सुखानी , सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी, रमेश सिंह इंदा, छोटू सिंह पंवार ,भगवान आकोदा ,ललित छाजेड़ ,हितेश मूंदड़ा ,स्वरुप सिंह भाटी ,बाबू भाई शेख,कमल शर्मा राही ,मदन सिंह सिसोदिया ,लूणकरण नाहटा , दिग्विजय सिंह चुली, छगन सिंह चौहान, स्वरुप सिंह भाटी, थानाराम चौधरी , , मगाराम माली और नरेंद्र खत्री सहित शहर के तमाम वरिष्ठ नागरिकों नें राजस्थानी भाषा के नाम दीपक जला भाषा की मान्यता के लिऐं संकल्प लिया.




राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाडमेर के प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि कार्यक्रम में भाहर के तमाम साहित्यकार कवि जन प्रतिनिधियो तथा राजस्थानी भाषा प्रेमियों नें सैकडों दीपकजलाऐं॥ आंदोलन से जुड़ा हर व्यक्ति नें इस दिन एक दीपक जलाकर भाषा की मान्यता के प्रति संकल्पना जताई. अनिल सुखानी ने कहा है कि यह आंदोलन की सकारात्मक रणनीति का हिस्सा है. दीया आस और विश्वास का प्रतीक है. हम इसके माध्यम से एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहते हैं. निश्चित रूप से केंद्र सरकार तक हमारा संदेश पहुंचेगा और भाषा की मान्यता का मार्ग प्रशस्त होगा.गांधी चौक में जय राजस्थान जय राजस्थानी के नारे लगा आम जन ने राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए जोरदार समर्थन किया.







रविवार, 8 नवंबर 2015

बाड़मेर एक दिवलो मायड़ भाषा रे नाम कार्यक्रम सोमवार शाम को मायड़ भाषा प्रेमी डीप जलाएंगे मान्यता की कामना के साथ

बाड़मेर एक दिवलो मायड़ भाषा रे नाम कार्यक्रम सोमवार शाम को

मायड़ भाषा प्रेमी डीप जलाएंगे मान्यता की कामना के साथ

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघरशा समिति बाड़मेर द्वारा हर साल की भांति दिवाली के पावन पर्व पर एक दिवलो मायड़ भाषा रे नाम कार्यक्रम सोमवार को आयोजित करेगा ,प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता मिलने तक दिवाली पर्व पर मायड़ भाषा प्रेमी मान्यता की कामना को लेकर दीपक जलाएंगे ,उन्होंने बताया सोमवार को गांधी चौक में शाम पांच बजे कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा जिसमरे समिति के समस्त पदाधिकारी और सदस्य भाग लेंगे .

शनिवार, 26 सितंबर 2015

मोदी से मिले प्रेम भंडारी, जयपुर फुट, डिजिटल इंडिया, हेल्थकेयर राजस्थानी भाषा पर की चर्चा


मोदी से मिले प्रेम भंडारी, जयपुर फुट, डिजिटल इंडिया, हेल्थकेयर राजस्थानी भाषा पर की चर्चा


भगवान महावीर विकलांग समिति और डीआर मेहता के प्रयासों की प्रशंसा




न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी दौरे के दौरान भारतीय समुदाय के उन सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी मिल रहे हैं जो अपनी माटी से लगातार जुड़े हुए हैं और देश के लिए कुछ करने की ख्वाहिश रखते हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को जयपुर फुट न्यूयॉर्क के चेयरमैन प्रेम भंडारी ने उनसे मुलाकात की और विकलांग कल्याण, डिजिटल इंडिया, हेल्थकेयर सुधार और राजस्थानी भाषा की मान्यता से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की। भंडारी ने मोदी को बताया कि मप्र के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की पहल पर जयपुर फुट का एक विशाल शिविर अंबेडकर जयंती पर मध्यप्रदेश के महू में लगाया जाएगा। उन्होंने जयपुर फुट की मातृ संस्था भगवान महावीर विकलांग समिति की ओर से फुट को और उन्नत बनाने के लिए प्रतिष्ठित स्टेनफोर्ड विवि, हार्वर्ड विवि और एमआईटी से हुए टाई अप्स की भी जानकारी दी। मोदी ने इसके लिए समिति के अध्यक्ष डीआर मेहता के प्रयासों की प्रशंशा की। साथ ही मेहता भंडारी को नवंबर में विस्तृत चर्चा के लिए नवंबर में मिलने का न्यौता दिया। इस मौके पर भंडारी के साथ नेक्स्ट जेनरेशन फाउंडेशन के को-फाउंडर परमीत माकोड़े और फोरम फॉर ग्लोबल लीडरशिप ऑफ इंडिया के संस्थापक कंचन बनर्जी भी मौजूद थे।
चर्चा में भंडारी ने मोदी को बताया कि वे डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। राजस्थान और मध्यप्रदेश में महिलाओं विकलांगों को कम्प्यूटर साक्षर बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ करार हुआ है जिसके तहत 14 घंटे का सर्टिफिकेट कोर्स कराया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट नागौर और पाली से शुरू किया जाएगा। इसके लिए नागौर सांसद सीआर चौधरी पाली सांसद पीपी चौधरी आगे आए हैं। भंडारी ने बताया कि मोदी से भारत के ग्रामीण क्षेत्र में टेलीमेडिसिन सेवाएं देने की योजना पर भी वे काम कर रहे हैं।
इस मौके पर अभा राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की ओर बतौर अंतरराष्ट्रीय संयोजक भंडारी ने मोदी से राजस्थानी की मान्यता की मांग भी की। उन्होंने कहा कि 10 करोड़ लोगों की मातृभाषा का मान्यता से वंचित रहना राजस्थानियों और प्रवासी राजस्थािनयों की सबसे बड़ी पीड़ा है।

शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

दीकरी का भव्य विमोचन

दीकरी  का भव्य विमोचन 
बाड़मेर राजस्थान प्रसासनिक सेवा के अधिकारी डाॅ. नखतदान बारहठ द्वारा रचित 81 सोरठौं की मार्मिक पुस्तिका ’’दीकरी का भव्य विमोचन जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा और राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिती के प्रदेष महामंत्री डाॅ. राजेन्द्रसिंह बाहरठ द्वारा स्थानीय जय नारायण व्यास महिला षिक्षक महाविद्यालय सभागार में समारोह पूर्वक किया गया। डाॅ. नखतदान बाहरठ छोटी पुस्तक में अपनी पैनी लेखनी से ’’दीकरी’’ (पुत्री) अर्थात नारी शक्ति को अलंकारिक सोरठौं के माध्यम से महिमा मंडित किया है। पुस्तक में बेटी को देवी,लक्ष्मी,रिद्धी-सिद्धि,किस्मत,पुरुषार्थ विधना,पृथ्वी,श्रृद्धा आदि रुपों में अभिव्यंजित किया है। पुस्तक के लेखक कवि डाॅ. नखतदान ने पुस्जक सृजन का उद्देष्य स्पष्ट करते हुए मातृषक्ति के प्रति सकारात्मक सामाजिक दृष्टि कोण उभरने की आषा व्यक्त की। वरिष्ठ डिंगळ कवि और षिक्षाविद महादानसिंह बाहरठ और मेघूदान वीठू ने पुस्तक समीक्षा पर अपने विचार प्रकट किए। महाविद्यालस की छात्रा सुश्री कविता द्वारा ’’दीकरी री पुकार’’ काव्य पाठ प्रस्तुत किया। डाॅ. राजेन्द्रसिंह बारहठ ने दीकरी पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि पुस्तक के भाव और कला पक्ष और भाषा सौष्ठव सुग्राह्य और समीचीन है। जिला कलक्टर मधुसूदन षर्मा ने अपने उद्बोधन में ’’दीकरी’’ पुस्तक को वर्तमान समय की जरुरत बताते हुए कहा कि इस पुस्तक को जो भी ध्यान से पढेगा उस पाठक का सिर मातृषक्ति के प्रति श्रृद्धा से झुक जायगा और समाज में अनेतिक आचरण निष्चित रुप कम होंगे। समारोह का संचालन वरिष्ठ षिक्षक दीपसिंह रणधा ने किया। इस मौके डाॅ. लक्ष्मीनारायण जोषी, पीताम्बर सुखानी, चंदनसिंह भाटी, रिड़मलसिंह दांता, मगरसिंह खारा, सुरतानसिंह देवड़ा, मानसिंह दूधोड़ा, नेपालसिंह तिबनियार, हिंदुसिंह तामलोर, नरेसदेव सारण, गणपतसिंह कालूड़ी, बी.डी. चारण मुकेष बोहरा, मीठे खां मीर, प्रकाष बिष्नोई, माँगीदान बीठू, दुजर्नसिंह, भगवान आकोड़ा, मदनबारुपाल सहित सैंकड़ों भाषा प्रेमी उपस्थ्ति रहे । पुस्तक विमोचन के बाद अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खां और बाबू खां रेडाणा ने बेटी की विदाई के समय गाया जाने वाला मार्मिक लोकगीत ’’अरणी’’ की संगीत में प्रस्तुति देकर वाातावरण को भावुक बना दिया। समारोह में उपस्थ्ति लोगों के आँखें नम हो गई।

बाड़मेर समृद्ध शब्द कोष की स्वामिनी है राजस्थानी भाषा- डाॅ. राजेन्द्रसिंह बारहठ




बाड़मेर समृद्ध शब्द कोष की स्वामिनी है राजस्थानी भाषा- डाॅ. राजेन्द्रसिंह बारहठ
बाड़मेर ’’ वृहद् साहित्य और काव्य की जननी, राजस्थानी भाषा अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखती है, ऐसा अथाह शब्द भंडार विष्व की अन्य किसी भी भाषा में नहीं मिलता। साहित्य सृजक, कवियों, लेखकों, ;ऋषियों, मुनियों, समीक्षकों के गहन अध्ययन से यह सिद्ध हुआ है कि राजस्थानी भाषा समृद्ध शब्द कोष की स्वामिनी है।’’ ये शब्द राजस्थानी भाषा संघर्ष समिति के प्रदेष महामंत्री डाॅ. राजेन्द्रसिंह बारहठ ने मातृ-भाषा दिवस पर स्थानीय जय नारायण व्यास महिला षिक्षक प्रषिक्षण महाविद्यालय में आयोजित समारोह में सैकड़ों मायड़ भाषा प्रेमियों को सम्बोधित करतेहुएकहे। समारोह के मुख्य अतिथि जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।कवि मीठा खं मीर द्वारा डिंगळ काव्य में गण्ेाष वंदना की गई वहीं छात्राध्यापिकाओं द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया।अन्तर्राष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खां और बाबू खां रेडाणा द्वारा परम्परागत स्वागत गीत ’मिठिया मेहमान भलां आविया सा.......’की प्रस्तुति ने वातावरण को संगीतमय बना दिया। समारोह की अध्यक्षता षिक्षाविद् और राजस्थानी भाषा संघर्ष समिति के प्रदेष महामंत्री डाॅ. राजेन्द्रसिंह बारहठ ने की।इस मौके जिला कलक्टर मधूसूदन शर्मा ने कहा कि बालक की प्रारम्भिक षिक्षा मातृ भाषा में होनी चाहिए ताकि प्रदत्त ज्ञान को बच्चा सहज रुप से समझ सके। डाॅ. लक्ष्मीनारायण जोषी ने स्वागत भाषण दिया और समिति के प्रदेष उपाध्यक्ष चन्दनसिंह भाटी ने राजस्थानी को 8 वीं अनुसूचि में सम्मिलित किये जाने को लेकर चलाये जा रहे अभियान और उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। डाॅ. नखतदान बारहठ ने राजस्थानी भाषा की व्यापकता पर प्रकाष डालते हुए कहा कि भाषा और साहित्य के इतिहास में से राजस्थानी का इतिहास निकाल देने पर पीछे षून्यबचताहै। राजस्थानी भाषा संघर्ष समिति के सक्रिय सदस्यों के जन प्रतिनिधि चयनित होने पर समिति द्वारा जिला पाटवी रिड़मलसिंह दांता, सुरतानसिंह देवड़ा, नरेषदेव सारण के पार्षद चुने जाने और मानसिंह दूधोड़ा, हिन्दुसिंह तामलोर, गणपतसिंह कालूड़ी के सरपंच और मगरसिंह खारा के रामसर उप प्रधान, नेपालसिंह तिबनियार के पं. स. सदस्य चयनित होने पर अभिनन्दन किया गया। समारोह का संचालन दीपसिंह रणधा द्वारा राजस्थानी भाषा में किया गया। संसथा के प्रबन्धक पीताम्बर सुखानी ने मेहमानों का आभार प्रकट किया और राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल किये जाने तक संघर्ष जारी रखने का आहवान किया।

गुरुवार, 19 फ़रवरी 2015

बाड़मेर मायड़ भाषा दिवस पर खास आयोजन ड़िंगळ के विकास पर होगी चर्चा

बाड़मेर मायड़ भाषा दिवस पर खास आयोजन ड़िंगळ के विकास पर होगी चर्चा 

दीकरी का विमोचन जिला कलेक्टर करेंगे ,डॉ राजेंद्र बारहट करेंगे शिरकत 


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघरश समिति बाड़मेर के तत्वाधान में शनिवार को जय नारायण व्यास महिला बी एड महाविद्यालय में मायड़ भाषा दिवस का आयोजन प्रातः ग्यारह बजे  जिला कलेक्टर मधुसूदन शर्मा के मुख्य आतिथ्य में रखा गया हैं। इस दिन राजस्थानी भाषा में लिखित पुस्तक दीकरी का लोकार्पण भी होगा ,साथ ही समिति के हाल ही में चुने गए जान प्रतिंनिधियो का सम्मान भी किया जायेगा ,समिति के प्रदेश महामंत्री डॉ राजेंद्र सिंह बारहट कार्यक्रम में शिरकत करेंगे ,वाही बाड़मेर रावत त्रिभुवन सिंह  राठोड जलसे के ख़ास मेहमान होंगे। 

समिति के प्रदेश उप पाटवी  चन्दन सिंह भाटी ने बताया की मायड़ भाषा दिवस पर राजस्थानी भाषा की ड़िंगळ शैली के विकास पर खास चर्चा होगी ,कार्यक्रम में राजस्थानी भाषा के विद्वान नरपत दान जी आसिया ,राजस्थानी भाषा के रसखान मीठा खान मीर ,सुरेश दाधीच ,ओम प्रकाश उज्जवल खास मेहमान होंगे ,

उन्होंने बताया की कार्यक्रम के पहले सत्र में आर ऐ एस अधिकारी डॉ नखतदान बारहट लिखित राजस्थानी भाषा की पुस्तक दीकरी का लोकार्पण जिला कलेक्टर मधुसूदन शर्मा के मुख्य आतिथ्य में किया जायेगा। इसी सत्र में राजस्थानी भाषा के विकास पर चर्चा होगी ,उन्होंने बताया की कार्यक्रम के दूसरे सत्र में राजस्थानी भाषा शैली ड़िंगळ के व्यापक विकास पर चर्चा होगी और डिंगल में काव्य पाठ होगा ,इस सत्र में राजस्थानी भाषा समिति के उन सदस्यों का सम्मान किया जायेगा जो हाल ही में नगर परिषद और पंचायत चुनावो में निर्वाचित हुए हैं। 

सोमवार, 20 अक्टूबर 2014

बाड़मेर राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा,मानव श्रृंखला बनाई







बाड़मेर एक दिवलो राजस्थानी भाषा  रे नाम आयोजित
राजस्थानी के लिए दीपक जलाने शहर उमड पडा,मानव श्रृंखला बनाई
बाड़मेर राजस्थानी  भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करने वाले राजस्थानी भाशा प्रेमियों नें दीपावली की पूर्व संध्या पर एक दीपक राजस्थानी भाषा के नाम जला कर अपनी मांग के समर्थन में एकजुटता का प्रदर्शन ीकयो। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम भाषा की मान्यता के लिए हजारों पोस्टकार्ड भेजे जाने की कड़ी में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।साथ ही मानव श्रृंखला बनाकर अपनी मांग परजोर तारके से रखीै ।इस कार्यक्रम का नाम अेक दिवलो मायड़ भासा रै नांव’ दिया गया । इस कार्यक्रम के तहत बाडमेर के गांधी चौक पर सैकडों दीपक राजस्थानी भाशा के नाम जलाऐ गयें।पूरा शहर इस कार्यक्रम में भाग लेने उमड पडा।कार्यक्रम में अयोध्या प्रसाद गौड़  ,सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,भंवर लाल जेलिया ,नारायण सिंह इन्द्रोही ,डॉ हितेश चौधरी ,नरेश देव सारण ,जगदीश सेन पनावड़ा मुराद  अली ,  ,रमेश सिंह इंदा ,बाबू भाई शेख  ,मोटियार परिषद् के जिला पाटवी हिन्दू सिंह तामलोर ,सुल्तान सिंह देवड़ा ,दिग्विजय सिंह चुली , छगन सिंह चौहान ,स्वरुप सिंह भाटी ,आईदान सिंह इन्दा ,जीतेन्द्र फुलवरिया , मगाराम माली ,जोगेन्द्र सिंह सहित शहर के तमाम वरिष्ठ नागरिकों नें राजस्थानी भाशा के नाम दीपक जला भाशा की मान्यता के लिऐं सेंकल्प लिया


राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाडमेर के सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि कार्यक्रम में भाहर के तमाम साहित्यकार कवि जन प्रतिनिधियो तथा राजस्थानी भाशा प्रेमियों नें सैकडों दीपकजलाऐं॥ आंदोलन से जुड़ा हर व्यक्ति नें इस दिन एक दीपक जलाकर भाषा की मान्यता के प्रति संकल्पना जताई। डॉ हितेश चौधरी ने कहा है कि यह आंदोलन की सकारात्मक रणनीति का हिस्सा है। दीया आस और विश्वास का प्रतीक है। हम इसके माध्यम से एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहते हैं। निश्चित रूप से केंद्र सरकार तक हमारा संदेश पहुंचेगा और भाषा की मान्यता का मार्ग प्रशस्त होगा।गांधी चौक में जय राजस्थान जय राजस्थानी के नारे लगा आम जन ने राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए जोरदार समर्थन किया

शनिवार, 18 अक्टूबर 2014

बाड़मेर मायड़ भाषा दिवलो उत्सव सोमवार शाम गांधी चौक में

बाड़मेर मायड़ भाषा दिवलो उत्सव सोमवार शाम गांधी चौक में

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष् समिति बाड़मेर द्वारा एक दिवलो मायड़ भाषा रे नाम कार्यक्रम के तहत एक सौ एक दीप जलाए जयेङ्गेय़ह कार्यक्रम गांधी चौक में सोमवार शाम को छ बजे आयोजित किया जायेगा ,




समिति के प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता मिलने तक प्रति वर्ष एक दिवलो मायड़ भाषा रे नाम आयोजित करने का निर्णय लिया गया था ,गत चार वर्षो से समिति द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं




समिति के सरंक्षक रावत त्रिभुवन सिंह राठोड ने बताया की समिति द्वारा सोमवार को दीपत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा जिसमे समिति के कार्यकर्ता दीपदान कर राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता की अरदास करेंगे ,

सोमवार, 6 अक्टूबर 2014

राजस्थानी भाषा समिति ने युनुस खान के बयान की की भत्सर्ना की ,माफ़ी मांगे नहीं तो आंदोलन

साहित्य सम्मान समारोह में राजस्थानी भाषा मान्यता पर मंत्री युनुस खान के बयान से  बवाल

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राजस्थानी भाषा समिति ने युनुस खान के बयान की की भत्सर्ना की ,माफ़ी मांगे नहीं तो आंदोलन 


 नागौर जिले के छोटी खाटू में साहित्य सम्मान समारोह  का आयोजन किया गया । पूरे देश के साहित्यिक जगत में मशहूर इस  समारोह में सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री युनूस खान और नागौर सांसद सी आर चौधरी भी शरीक हुए । इस मौके पर  Pwd मंत्री युनूस खान  के राजस्थानी भाषा मान्यता के लिए किये जा रहे प्रयासों पर दिए एक बयान से बवाल मच गया और राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के साथ साथ भाजपा से जुड़े पदाधिकारियों ने भी युनूस खान के बयान की निंदा की
  
नागौर जिले के छोटी खाटू  की श्री छोटी खाटू हिंदी पुस्तकालय समिति पिछले पच्चीस साल से साहित्य क्षेत्र से जुडी प्रतिभाओं का सम्मान करती है । देश भर के साहित्यिक जगत में मशहूर ये सम्मान पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से देश भर के ख्याति प्राप्त लेखको में से किसी एक को हर साल दिया जाता है ।इस साल ये पुरस्कार  लखनऊ के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सूर्य प्रकाश दीक्षित को दिया गया  । इस मौके पर प्रदेश सरकार सार्वजनिक निर्माण विभाग के। मंत्री युनूस खान और नागौर सांसद सी आर चौधरी भी समारोह में मौजूद रहे । वन्ही आयोजको द्वारा राजस्थानी भाषा के प्रचार प्रसार में योगदान देने वाले लेखको को पिछले सात साल। से महाकवि कन्हैया लाल सेठिया मायड भाषा पुरस्कार दिया जा रहा है और इस साल ये पुरस्कार पिलानी के नागराज शर्मा को दिया । कार्यक्रम में सबकुछ अच्ज्छा चल रहा था लेकिन जैसे ही मंत्री युनूस खान का संबोधन शुरू हुआ कार्यक्रम की फिजा ही बदल गयी और उल्लास का माहौल  बवाल में बदल गया । दरअसल मंत्री युनूस खान को कार्यक्रम के दौरान राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति का भाषा को मान्यता दिलाने की मांग का ज्ञापन देना अखर गया और उन्होंने तो समिति के प्रयासों की अपने सम्बोधन में जमकर आलोचना की । उन्होंने कहा की प्रेम भंडारी अमेरिका में बैठे बैठे टीवी पर  खबरे चलाते है लेकिन टीवी और अखबारों से भाषा को मान्यता नहीं मिलती  और क्या टीवी और अखबार वालो ने मान्यता देने की एजेंसी ले रखी है क्या ।  साथ ही हर जगह ज्ञापन देने को भी मंत्री खान ने गलत ठहराया

  
विभाग के मंत्री खान के इस बवाल वाले संबोधन के बाद नागौर सांसद सी आर चौधरी ने माहौल को शांत करने के लिए राजस्थानी भाषा की मान्यता और उसके प्रयासों पर ही संबोधित किया । लेकिन इससे राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के सदस्यों का आक्रोश शांत नहीं हुआ और उन्होंने मंत्री का बयान को पूरी तरह से गलत ठहराया और कहा की राजस्थानी भाषा के लिए प्रेम भंडारी अमेरिका में रहकर जो प्रयास कर रहे है वो तारीफ़ के काबिल है और आज उनकी बदोलत ही राजस्थानी भाषा की अमेरिका में पहचान है लेकिन राजनेताओं के गैर जिम्मेदाराना बर्ताव से आज राजस्थानी भाषा की पहचान राजस्थान में ही  नहीं है वन्ही मंत्री युनूस खान के राजस्थानी भाषा संघर्ष सामिति के बारे में दिए गए बेतुके बयान को भाजपा संघठन से जुड़े पदाधिकारितो ने भी दबी जुबान से गलत ठहराया



  सरकार के मंत्री वैसे ही आम जन से दूर रहते है ऐसे में जब वो किसी कार्यक्रम में शरीक होने सार्वजनिक स्थल पर पहुँचते है रो लोग समस्याओं से अवगत कराने इसी मौके पर उन्हें ज्ञापन सोंपते है ऐसे में सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए युनूस खान का  ज्ञापन देने पर बयान सही नहीं कहा जा सकता । जरूरत इस बात की है की सरकार ने चुनाव पहले जो वादे किये उन्हें पूरे किया जाए ताकि लोगों की समस्याए ही ना हो और जब समस्या ही नहीं होगी तो मंत्री जी को ज्ञापन भी कोई नहीं देगा । वन्ही राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर भी सरकार को गंभीर प्रयास करने चाहिए --------------------------------------------------------------------

रविवार, 31 अगस्त 2014

केलगिरि और राना कनाडा अवार्ड 2014 जोधपुर में हुआ आयोजित , चन्दन सिंह भाटी हुए सम्मानित

केलगिरि और राना कनाडा अवार्ड 2014 जोधपुर में हुआ आयोजित ,  चन्दन सिंह भाटी हुए सम्मानित 
 
सभी दिल से  जुट जाएं तो राजस्थानी को मान्यता मिलकर रहेगी : जस्टिस भंडारी


अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश ने राना के मंच से उठाई मान्यता की मांग, 




जोधपुर राजस्थानसे आप 25 सांसद हैं और सारे एक ही दल से भी। आप एक सुर में राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए मांग तो रखाे। आपके प्रधानमंत्री भी कार्यान्वयन के लिए जाने जाते हैं। मेरा भरोसा है कि 10 करोड़ लोगों की मातृभाषा यह सम्मान हासिल कर ही लेगी। राना कनाडा और कैलगिरी के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस दलबीर भंडारी ने मंच पर बैठे पाली सांसद पीपी चौधरी को इस अंदाज में राजस्थानी की मान्यता के संघर्ष में जुटने को कहा। धारा प्रवाह राजस्थानी बोलते हुए जस्टिस भंडारी ने कहा कि भाषा की मान्यता का संघर्ष राजस्थान, देश और दुनिया में बैठे हर राजस्थानी का संघर्ष है। राना अपने स्तर पर तो यह लड़ाई लड़ रहा है लेकिन सबको साथ आना होगा। भंडारी ने राजस्थानी के सशक्त हस्ताक्षर कन्हैयालाल सेठिया और सीताराम लालस के योगदान को भी याद किया। राजस्थानी माहौल से अभिभूत विशिष्ट अतिथि राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुनील अंबवानी ने कहा कि वे एक महीने पहले ही राजस्थान आए हैं और राजस्थानी को समझने की कोशिश कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथि लोकायुक्त सज्जनसिंह कोठारी ने शास्त्रोक्त श्लोकों के माध्यम से मातृभूमि और मातृभाषा के महत्व को रेखांकित किया। पाली सांसद पीपी चौधरी ने राजस्थानी की मान्यता के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश करने का भरोसा दिलाया। विशिष्ट अतिथि पूर्व नरेश गजसिंह ने कहा कि राजस्थानी की मान्यता का संघर्ष मान्यता मिलने तक चलता रहे, लेकिन राज्य सरकार इसे प्राथमिक शिक्षा में तो शामिल कर ही सकती है। यह काम जितनी जल्दी हो जाए, मान्यता की राह भी उतनी जल्दी खुलेगी। राना के मीडिया सलाहकार प्रेम भंडारी ने जय राजस्थान, जय राजस्थानी के नारे के साथ आभार व्यक्त किया। समारोह में दैनिक भास्कर जोधपुर के सीनियर रिपोर्टर मनोज कुमार पुरोहित, जयपुर के चीफ रिपोर्टर राजेंद्र गौतम नागौर के चीफ रिपोर्टर इरशाद खान को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर) के मनोज कुमार स्वामी को 2014 का पद्मश्री कन्हैयालाल सेठिया स्मृति भाषा-साहित्य सेवा सम्मान के साथ वरिष्ठ पत्रकार अनिल लोढ़ा पदम मेहता को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवाॅर्ड रोहित परिहार, चंदनसिंह भाटी,को राजस्थान पत्रकारिता सेवा सम्मान प्रदान किया गया। सउदी अरब में फंसे भारतीयों की वतन वापसी का उल्लेखनीय कार्य करने वाले आईपीएस गिरिराज मीणा, डॉ. एमएम आेबराॅय, संजय त्यागी पुलिस निरीक्षक विद्याधर सिंह को स्व. पुखराज माथुर स्मृति अवाॅर्ड से नवाजा गया। समारोह में राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास, डॉ. विनीत कोठारी, एमएन भंडारी, आरएस चौहान, अरुण भंसाली भी उपस्थित थे।
पाली सांसद पीपी चौधरी राजस्थानी में अपना भाषण लिखकर लाए थे। पढ़ने के दौरान बार-बार अटक रहे थे। फिर लिखा हुआ भाषण पूरा हुआ। सहज भाषण शुरू किया तब अपने अटकने पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर भाषा लिखित प्रयोग में नहीं आती, इसलिए वे भी अटक रहे थे। जब मान्यता मिलेगी और शिक्षा का माध्यम बनेगी तब यह समस्या नहीं रहेगी।

कार्यक्रममें इनका भी हुआ सम्मान

इसअवसर पर पत्रकार डॉ. कृष्ण कल्पित, महेश शर्मा, राजीव गौड़, संदीप मिश्रा, वीरेंद्र परिहार, डॉ. नरेंद्र लालस, एमआई जाहिर, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडिशनल एडवोकेट जनरल रणजीत कपूर भाटी, प्रो. कल्याणसिंह शेखावत, एलएन जालानी, मख्तूरमल गांग, नीतेश शर्मा, दिनेश शिवनानी, लक्ष्मीदान कविया, रोहित परिहार, राजेंद्र बारहठ, आेम पुरोहित,  अनिल जांदू, चैनसिंह महेचा, हबीब खान गौरान, जफर खान सिंधी, नवलकिशोर पुरोहित, देवेंद्र बोहरा, एलएन जालानी, अंशु हर्ष, रविंद्र को भी सम्मानित किया गया।
समारोह पूरी तरह ाजस्थानी रंग में रंगा था। दीप प्रज्जवलन किया गया तो वहां पद्मश्री सीताराम लालस रचित राजस्थानी शब्दकोश की पूरी श्रंखला सम्मान सहित रखी गई थी। समारोह में जस्टिस दलबीर भंडारी, जस्टिस अंबवानी पूर्व नरेश गजसिंह ने दैनिक भास्कर जोधपुर के सीनियर रिपोर्टर मनोज कुमार पुरोहित, जयपुर भास्कर चीफ रिपोर्टर राजेंद्र गौतम और नागौर भास्कर के चीफ रिपोर्टर इंशाद खान को सम्मानित किया गया। आईपीएस गिर्राज मीणा ने अवार्ड लेने से पहले सैल्यूट किया

सोमवार, 25 अगस्त 2014

राजस्थानी भाषा में योगदान पर चन्दन सिंह भाटी को कैलगरी और कनाडा राणा अवार्ड मिलेगा

राजस्थानी भाषा में योगदान पर चन्दन सिंह भाटी को कैलगरी और कनाडा राणा अवार्ड  मिलेगा 

बाड़मेर राजस्थानी भाषा आंदोलन में सक्रीय योगदान देने वाले राजस्थानी भाषा मान्यता संघरश समिति के प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह  भाटी  को   केलागरी और कनाडा राणा अवार्ड समारोह  में तीस अगस्त को जोधपुर में सम्मानित किया जायेगा ,भाटी को यह सम्मान उनके द्वारा राजस्थानी भाषा आंदोलन में योगदान के उपलक्ष में दिया जा रहा हैं , 

समिति के सरंक्षक रावत त्रिभुवन सिंह राठोड ने बताया  को बाड़मेर जैसलमेर में उनके द्वारा राजस्थानी भाषा आंदोलन में  योगदान के लिए दिया जा रहा हैं। भाटी  से सम्मानित होने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं ,उन्हें तीस अगस्त को  टाउन हॉल जोधपुर में आयोजित होने वाले केलागरी और कनाडा राणा अवार्ड समारोह में अंतराष्ट्रीय न्यायाधीश दलबीर भंडारी सम्मानित करेंगे। 

इस समारोह में अरब देशो  फंसे बयासी भारतीयों को सुरक्षित लाने में योगदान देने वाले अधिकारियो को भी सम्मानित किया जायेगा ,

राणा के अंतराष्ट्रीय मीडिया सलाहकार और विधि प्रकोष्ट सलाहकार  राजस्थानी भाषा समिति  अंतराष्ट्रीय संयोजक प्रेम भंडारी ने बताया की राजस्थानी भाषा आंदोलन  उल्लेखनीय योगदान देने चन्दन सिंह भाटी को राणा  की और से सम्मानित किया जायेगा ,उन्होंने बताया की कन्हैयालाल सेठिया स्मृति भाषा साहित्य सम्मान भी इसी समारोह में दिया जायेगा ,भंडारी ने बताया की समारोह में द्विमर्शिक राजस्थानी पत्रिका कथेसर का लोकार्पण भी किया जायेगा। 

उन्होंने बताया की अन्तराष्ट्रीय नयायाधीश माननीय दलबीर भंडारी होंगे मुख्य अतिथि। मुख्य न्यायाधीश राजस्थान सुनील अम्बवानी अति विशिष्ठ मेहमान ,होंगे जोधपुर महाराज गजे सिंह जी अध्यक्षता करेंगे। साथ ही समरोह में  लोकायुक्त सज्जन सिंह कोठारी ,जगदीश चन्द्र etv हेड ,जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ,पाली सांसद पी पी चौधरी ,राजयसभा सांसद राम नारायण डूडी ,नारायणलाल पंचारिया और ओंकार सिन्ह् लखावत सहित कई हस्तियाँ शिरकत करेंगी। समारोह में कन्हैयालाल सेठिया पुरस्कार सहित राजस्थानी भाषा के विकास में योगदान देने वालो को भी समानित किया जायेगा।

गुरुवार, 21 अगस्त 2014

राजस्थानी भाषा में योगदान देने वालो को कैलगरी और कनाडा राणा अवार्ड समारोह तीस को

राजस्थानी भाषा में योगदान देने वालो को कैलगरी और कनाडा राणा अवार्ड समारोह तीस को 

बाड़मेर राजस्थानी भाषा आंदोलन में सक्रीय योगदान देने वाली हस्तियों को सम्मानित करने के लिए केलागरी और कनाडा राणा अवार्ड समारोह तीस अगस्त को जोधपुर में होगा आयोजित। इस समारोह में अरब देशो  फंसे बयासी भारतीयों को सुरक्षित लाने में योगदान देने वाले अधिकारियो को भी सम्मानित किया जायेगा ,

राणा के अंतराष्ट्रीय मीडिया सलाहकार और विधि प्रकोष्ट सलाहकार  राजस्थानी भाषा समिति  अंतराष्ट्रीय संयोजक प्रेम भंडारी ने बताया की राजस्थानी भाषा आंदोलन  उल्लेखनीय योगदान देने वाली हस्तियों को राणा  और से सम्मानित किया जायेगा ,उन्होंने बताया की कन्हैयालाल सेठिया स्मृति भाषा साहित्य सम्मान भी इसी समारोह में दिया जायेगा ,भंडारी ने बताया की समारोह में द्विमर्शिक राजस्थानी पत्रिका कथेसर का लोकार्पण भी किया जायेगा। 

उन्होंने बताया की अन्तराष्ट्रीय नयायाधीश माननीय दलबीर भंडारी होंगे मुख्य अतिथि। मुख्य न्यायाधीश राजस्थान सुनील अम्बवानी अति विशिष्ठ मेहमान ,होंगे जोधपुर महाराज गजे सिंह जी अध्यक्षता करेंगे। साथ ही समरोह में  लोकायुक्त सज्जन सिंह कोठारी ,जगदीश चन्द्र etv हेड ,जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ,पाली सांसद पी पी चौधरी ,राजयसभा सांसद राम नारायण डूडी ,नारायणलाल पंचारिया और ओंकार सिन्ह् लखावत सहित कई हस्तियाँ शिरकत करेंगी। समारोह में कन्हैयालाल सेठिया पुरस्कार सहित राजस्थानी भाषा के विकास में योगदान देने वालो को भी समानित किया जायेगा।

सोमवार, 28 जुलाई 2014

बाड़मेर हिंदी का राष्ट्रिय स्वरुप राजस्थानी की मान्यता के बिना संभव नहीं। .... कविया


हिंदी का राष्ट्रिय स्वरुप राजस्थानी की मान्यता के बिना संभव नहीं। .... कविया

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के संस्थापक लक्ष्मण दान कविया ने कहा की हिंदी को राष्ट्रिय दर्जा राजस्थानी भाषा को मान्यता के बिना संभव नहीं। राजस्थानी भाषा का हम अपना भाषाई अधिकार लेके रहेंगे। कविया सोमवार को बाड़मेर में अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर द्वाका स्थानीय डाक बंगलो में आयोजित जिला स्तरीय सम्मलेन को सम्बोधित कर रहे थे ,उन्होंने कहा की हिंदी का इतिहास दौ सौ साल का हे जबकि राजस्थानी भाषा मुग़ल काल के समय से समृद्ध भाषा हैं ,उन्होंने कहा की बड़ी पीड़ा हे की छोटी बहन को सिरमौर कर दिया बड़ी बहन को बेघर ,उन्होंने कहा अब राजस्थानी जाग उठा हैं। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाकर हम अपने हक़ किसी और को छीनने नहीं देंगे ,उन्होंने कहा की बाहरी हिंदी भाषी प्रांतो से आये अधिकारीगण राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलाने में अड़ंगे दाल रहे हैं ,उन्होंने साफ़ कहा की अब राजस्थान का युवा अपनी मातृ भाषा का जीवन के विकास में महत्त्व को अच्छी तरह समझ गया हैं ,अब मान्यता के लिए आरपार की लड़ाई लड़ेंगे ,उन्होंने कहा की सरकार ने बन्दुक की नौक पर बोडो को मान्यता दी ,अगर सरकार बन्दुक की भाषा समझती हे तो हम उसके लिए तैयार हैं ,.सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए शिक्षाविद देवी सिंह चौधरी ने कहा की राजस्थानी भाषा के समृद्ध साहित्य और इतिहास को आम लोगो और नयी पीढ़ी के बीच पहुँचाने की आवश्यकता हैं ,उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा के कई ख्यातिनाम कवि साहित्यकार मालानी की धरा में हुए हैं मगर आज की पीढ़ी इससे अनजान हैं , सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता के आंदोलन की लौ अब बढ़ चुकी हैं ,उन्होंने कहा की सरकार को आगे आकर भोजपुरी और राजस्थानी को मान्यता दे देनी चाहिए ,इस अवसर पर सोनाराम बेनीवाल ,मूलाराम भाम्भू ,रिडमल सिंह दांता ,इन्द्र प्रकाश पुरोहित , डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ,डॉ हरपाल राव ,महेश दादानी ,दुरजन सिंह गड़ीसर ने भी सम्बोधित किया ,इससे पूर्व संस्थापक लक्ष्मण का स्वागत और सम्मान किया गया ,सम्मलेन में हिन्दू सिंह तामलोर ,भोम सिंह बलाई ,रमेश सिंह इन्दा ,जीतेन्द्र फुलवरिया ,काबुल खान ,खेतमल तातेड ,मुबारक खान ,जगदीश पुरोहित ,सहित कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपश्थित थे ,कार्यक्रम सञ्चालन रघुवीर सिंह तामलोर ने किया ,

सोमवार, 23 जून 2014

बाड़मेर नरेंद्र मोदी से राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता की मांग ,भेजा ज्ञापन

बाड़मेर नरेंद्र मोदी से राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता की मांग ,भेजा ज्ञापन





बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघरश समिति बाड़मेर द्वारा राजस्थानी भाषा को संविधान की आठंवी अनुसूची में शामिल कर मान्यता देने की मांग को लेकर  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता द्वारा प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी के नेतृत्व में सौंपा। मोटियार ओरिषद के प्रदेश मंत्री रमेश सिंह इन्दा ,मोटियार परिषद के जिला पाटवी हिन्दू सिंह तामलोर ,संघठन मंत्री बाबू भाई शेख ,किशोर सिंह ,अब्दुल रहमान जायडू ,चुतर सिंह ,मुराद खान सहित कई कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित थे ,प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की 25 अगस्त को राजस्थानी भाषा की मान्यता हेतु राजस्थान विधानसभा में लिए गए सर्वसम्मत संकल्प प्रस्ताव को 11वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। 25 अगस्त 2003 के संकल्प के तुरंत बाद राज्य सरकार ने केन्द्र को पत्र लिखा था। 17 दिसंबर 2006 को लोकसभा में तत्कालीन गृहराज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने घोषणा की थी कि ‘राजस्थानी एवं भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु केन्द्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है और बजट सत्र 2007 में इस हेतु विधेयक आ जाएगा। इसके लिए सरकार कृत संकल्प है।’ श्री जायसवाल ने उन दिनों यह बयान 5-7 बार अलग-अलग जगहों पर दोहराया भी था।

उन्होंने बताया की आपत्तियां एवं उनका निराकरण: तत्पश्चात गृह मंत्रालय ने कहा कि रिजर्व बैंक के गर्वनर का पत्र आया है कि नोट पर लिखने के लिए जगह नहीं है। UPSC के अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा कि आयोग की परीक्षाओं में इससे कार्यभार बढ़ जाएगा। मान्यवर, नौकरशाही द्वारा पैदा की गई यह तकनीकी समस्या मान्यता में बाधा व देरी का कारण बनी। जबकि सर्वविदित है कि नोट पर 15 भाषाएं लिखी हैं एवं 8 वीं अनुसूची में 22 भाषाएं हैं। इसलिए रिजर्व बैंक की आपत्ति अर्थहीन साबित हो गई है। वर्तमान में 2013 के शुरू में केन्द्र सरकार में एक कमेटी बनी जिसने अपनी रिपोर्ट में कहा कनि आठवीं अनुसूची में जोड़ने हेतु UPSC का अनापत्ति प्रमाण पत्र आवश्यक नहीं है। इससे पूर्व डॉ. मनमोहन सिंह सरकार के प्रथम कार्यकाल में 8 वीं अनुसूची में भाषा में भाषाओं को जोड़ने हेतु श्री सीताकान्त महापात्र समिति बनी जिसने राजस्थानी को समृद्ध व सशक्त भाषा माना परन्तु 2035 तक किसी भी भाषा को 8 वीं अनुसूची में नहीं जोड़ने की सिफारिश की। सरकार ने इस समिति की सिफारिश को अस्वीकार कर दिया। रिजर्व बैंक व UPSC की दोनों तकनीकी समस्याओं से भी निजात मिल गई है। अब राजस्थानी भाषा को 8 वीं अनुसूची में जोड़ने में कोई सरकारी तकनीकी समस्या नहीं रह गई है।

जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता के अनुसार मान्यता से होने वाले प्रमुख लाभ: मान्यवर, आप जानते ही हैं कि डोगरी, मैथिली, संथाली सहित देश की 22 भाषाओं के माध्यम से IAS बनने की सुविधा है, जब कि देश की अत्यंत समृद्ध और बड़े समुदाय की भाषा राजस्थानी में यह सुविधा नहीं प्रदान की जाती। संवैधानिक मान्यता होने से IAS की मुख्य परीक्षा में 2000 में से 600 अंक का राजस्थानी भाषा-साहित्य का प्रश्न पत्र एवं राजस्थानी माध्यम की सुविधा देश के अन्य प्रांतों के युवाओं के समान राजस्थानी युवा को भी मिल सकेगी। केन्द्र की अन्य समस्त नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में अन्य राज्यों के युवाओं के समान राजस्थानी युवाओं को अपनी भाषा की सुविधा मिल सकेगी। RAS सहित प्रदेश की अन्य नौकरियों में राजस्थानी को तवज्जो मिलने से राजस्थान में राजस्थान मूल के प्रतिभागी ही अधिक सफल हो सकेंगे। उर्दू, सिंधी, गुजराती, पंजाबी की भांति राजस्थान के बालक तृतीय भाषा राजस्थानी भी पढ़ सकेंगे। मातृभाषा के माध्यम से शिक्षण का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने बताया की हमारा निवेदन: राजस्थानी भाषा को 8 वीं अनुसूची में जोड़ने की मांग अब सम्पूर्ण राजस्थानियों द्वारा प्रदेश व प्रवास से जोर-शोर से उठाई जा रही है। इस मांग के सर्थन में राजस्थाने सभी 25 सांसद भी एकमत हैं । जनगणना 2011 में भी राजस्थान के 4 करोड़ 83 लाख लोगों ने अपनी मातृभाषा राजस्थानी दर्ज करवाई है। प्रवासी राजस्थानियों की संख्या भी कम नहीं है। वहीं ‘घूमर’ लोकनृत्य को दुनिया के टोप टैन नृत्यों में चौथा स्थान मिलना, कालबेलिया नृत्य को UNO द्वारा विश्व विरासत घोषित किया जाना, अमेरिका की लायब्रेरी ऑफ कांग्रेस द्वारा राजस्थानी को दुनिया की तेरह समृद्धतम भाषाओं में शुमार किया जाना, अमेरिका की शिकागो, रूस की मास्को, लंदन की कैंब्रिज सहित दुनिया की श्रेष्ठ यूनिवर्सिटियों में राजस्थानी का अध्ययन-अध्यापन, अमेरिका सरकार की नौकरियों के लिए राजस्थानी को मान्यता दिए जाने सहित कई ऐसे प्रमाण हैं जो राजस्थानी को समृद्ध और बड़े समुदाय की भाषा ठहराते हैं। चूंकि राज्य सरकार राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। अतः निवेदन है कि राजस्थानी भाषा की मान्यता हेतु आप एवं गृहमंत्री श्री राजनाथसिंह जी निर्णय ले कर राजस्थानी भाषा को शीघ्र ही मान्यता दिलवाएं। ऐसा होने से राजस्थान ही नहीं पूरे देश के प्रांतों से राजस्थानी समाज में हर्ष होगा एवं इस काम में अग्रणी नेताओं के साथ-साथ आपकी लोकप्रियता बढ़ेगी। अन्य दलों से ताल्लुक रखने वाले राजस्थानी भाषा प्रेमियों का स्वाभाविक झुकाव आपकी ओर होगा। इस काम का यश आपको पूरे देश से मिलेगा। अतः संसद के आगामी सत्र में राजस्थानी भाषा को संविधान की 8 वीं अनुसूची में जुड़वाने का पुनीत एवं ऐतिहासिक काम आप करवाएं और आप ही ऐसा करने में सक्षम भी हैं । आपसे ऐसी ही अपेक्षा भी है। इतिहास में इस काम के लिए आप सदा याद किए जा राजस्थानी समाज द्वारा चिरकाल तक सराहना के भागीदार होंगे।

रविवार, 22 जून 2014

प्रधानमंत्री के नाम सोमवार को ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपेंगे। राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति

प्रधानमंत्री के नाम सोमवार को ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपेंगे। राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति 


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यत्ता देने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम  ज्ञापन दोपहर बारह बजे देंगे। समिति के जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ने बताया की समिति के प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी के नेतृत्व में ज्ञापन जिला कलेक्टर को देंगे। इस दौरान समिति के समस्त पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। समिति के घटक इकाईयों के पदाधिकारी भी मोजूद रहेंगे।