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बुधवार, 24 जुलाई 2019

जैसलमेर अर्जुन सिंह परिहार हजूरी समाज के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित

जैसलमेर अर्जुन सिंह परिहार हजूरी समाज के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित

समाज के विकास के लिए कटिबद्ध रहने की प्रतिज्ञा दोहराई  


जैसलमेर  जिला हजूरी समाज सेवा संस्थान के बुद्धवार को सम्पन हुए चुनाव में सर्वसम्मति से अर्जुन सिंह परिहार को निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया।।निर्वाचन अधिकारी नरपत सिंह चौहान की देखरेख में समाज के चुनाव में निर्विरोध निर्वाचन घोषित किया।चुनाव के बाद अर्जुन सिंह को बधाईयां देने का तांता लग गया।अर्जुन सिंह तीसरी बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए।।शाम को समाज भवन में नवनिर्वाचित अध्यक्ष का शपथ ग्रहण समारोह का आययोजन। समाज के सेकड़ो लोगो की उपस्थित में किया गया।संयोजक निर्वाचन नरपत सिंह चौहान कमिटी ने उन्हें निर्वाचन प्रमाण पत्र सुपुर्द किया।।परिहार ने ईश्वर के नाम समाज के विकास के नाम शपथ ली।इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष सुखदेव सिंह भाटी,प्रेम सिंह ,सहित राणजी चौधरी, निवर्तमान अध्यक्ष किशन सिंह सोलंकी ,सहित समाज के मौजिज लोग और युवा उपस्थित थे।इस अवसर पर अर्जुन सिंह परिहार ने कहा कि समाज मे विकास उनकी प्राथमिकता रहेंगी।खासकर युवाओ के विकास के सतत प्रयास किये जायेंगे।निवर्तमान जिला अध्यक्ष किशन सिंह सोलंकी ने सभी का आभार व्यक्त किया इससे पूर्व परिहार का ढोल थाली के साथ स्वागत किया।कार्यक्रम का संचालन चन्दन सिंह भाटी ने किया।

मंगलवार, 5 फ़रवरी 2019

जैसलमेर हजूरी समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह हुआ आयोजित सालेह मोहम्मद और रूपाराम धनदे का हजूरी समाज द्वारा किया बहुमान

जैसलमेर  हजूरी समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह हुआ आयोजित

सालेह मोहम्मद और रूपाराम धनदे का हजूरी समाज द्वारा किया बहुमान

प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करे,खासकर बालिकाओं को: सालेह मोहम्मद




जैसलमेर श्री हजूरी समाज सेवा संस्थान की और से आज हजूरी सेवा सदन प्रांगण में प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन अल्पसंख्यक मामलात मंत्री साले मोहम्मद के मुख्य आतिथ्य ,विधायक रूपाराम धनदे की अध्यक्षता और प्रधान अमरदीन फकीर के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित किया गया।।समारोह को संबोधित करते हुए केबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा की समाज मे प्रतिभाओं की कमी नही है।।इन प्रतिभाओं को निखारने के प्रयास करे। उन्होने कहा कि समाज की बालिकाए नब्बे फीसदी से अधिक अंक प्राप्त कर रही है यह समाज के लिए बड़ी उपलब्धि है।।।उन्होंने कहा कि समाज के विकास में योगदान के लिए वो हमेशा तैयार रहेंगे।।उन्होंने राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जनहित में कई घोषणाओं के अमल पर अपनी बात रखी।।उन्होंने कहा कि जेसलमेर जिले के विकास के सतत प्रयास किये जायेंगे।।इससेपहले अतिथियों द्वारा समाज की प्रतिभावान छात्र छात्राओं को प्रस्सति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।।कक्षा 10 और 12 में 75 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाली प्रतिभाओं का सम्मान किया गया।।
 इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष विधायक रूपाराम धनदे ने कहा की हजूरी समाज द्वारा प्रतिभाशाली छात्राओं के हौसले अफजाई के लिए एक बेहतरीन कर्र्यक्रम आयोजित किया।खासकर सम्माज के बुजुर्गों का मान सम्मान कर नई और अनूठी पहल की।।उन्होंने कहा कि समाज का यह  प्रयास  अनुकरणीय है।।उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए वो सदा साथ खड़े है समाज के।समाज हमेशा मेरे साथ खड़ा रहा है। यह ऋण हे मुझ  पर जिसे उतारने का पूरा प्रयास करेंगे।।

मंत्री विधायक का हुआ बहुमान

श्री हजूरी समाज सेवा संस्थान द्वारा जिले के ऑर्थम कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद और विधायक रूपाराम धनदे का साफा माल्यार्पण कर शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।समाज द्वारा अतिथियों को वीरता की प्रतीक तलवारे भेंट की गई।।

80 वर्ष से अधिक बुजुर्गों का किया सम्मान

हजूरी समाज द्वारा समाज के अस्सी वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों का अतिथियों के हाथों शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया।।।समाज के 18 से अधिक बुजुर्गों का सामान कर नई पहल की गई।।

समाज के प्रथम भामाशाह परिवार को किया सम्मानित

हजूरी समाज के कार्यक्रम में समाज को प्रथम भूखंड भेंट करने वाले भामाशाह स्व दामोदर सिंह चौहान के पुत्र दलपत सिंह का शॉल साफा ओढ़कर स्मृति चिन्ह भेंट कर बहुमान किया गया।।

समारोह में बड़ी संख्या में समाज के मौजिज लोगो सहित मातृ शक्ति उपस्थित रही।इससे पहले समाज के अध्यक्ष किशनलाल सोलंकी ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि समाज मे शिक्षा क्रांति के प्रयास सराहनीय है।।उन्होंने कहा कि समाज की और से प्रतिभाओं और जन प्रतिनिधियों का सम्मान समारोह  में आप सभी का सहयोग मिला ।।संस्था के महा सचिव अर्जुन सिंह भाटी ने आभार व्यक्त किया।।कार्यक्रम का संचालन मनोहर सिंह महेचा और चन्दन सिंह भाटी ने किया।।।

सोमवार, 13 मई 2013

जैसलमेर हजूरी समाज द्वारा अनूठी पहल नशा रहित रियाण का आयोजन

  जैसलमेर हजूरी समाज द्वारा अनूठी पहल नशा रहित
रियाण का आयोजन  

आखातीज पर देखे शगुन मिले सुकाल के संकेत 
 

 जैसलमेर सरहदी जिलो जैसलमेर में आखा तीज का पर्व परंपरागत रूप से हर्सौलाश के साथ मनाया गया .आखा तीज पर्व पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रो में रियाण का आयोजन किया गया .स्थानीय नगर सहित आसपास ग्रामीण अंचलों में आखातीज हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। मांगलिक कार्यों के इस अबूझ मुहूर्त पर विभिन्न स्थानों पर विवाह-समारोह की धूम रही। गांवों में बारिश के अनुमान के लिए शगुन देखने की परम्परा निभाई, जिसमें सुकाल के संकेत मिले। 


जैसलमेर के मेन पूरा में हजूरी समाज द्वारा नशा रहित रियाण का आयोजन कर अनूठी पहल की .मेन पूरा शिव मंदिर के पास समाज के लोगो ने आखा तीज पर रियान को नै शक्ल देकर स्नेहमिलन का आयोजन किया .रियाण में समाज के सेकड़ो ने शिरकत कर युवा वर्ग की इस पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की .रियाण में अक्सर नशीली और मादक वस्तुओं अफीम ,डोडा पोस्त ,बीडी ,सिगरेट का चलन होता हें मगर इस रियाण में शरबत और परम्परागत भोजन का आयोजन किया गया .युवाओं ने बताया की समाज के लोगो के लिए स्नेहमिलन का आयोजन था .प्रतिवर्ष रियाण का आयोजन होता हें जिसमे अफीम ,डोडा पोस्ट आदी का प्रचलन रहता हें मगर इस बार युवाओं ने नशा विरोधी मुहीम चला रियान को नया रूप दिया जिसकी सभी ने सराहना की .परम्परागत रूप से आयोजित होने वाली रियाण से हट कर रियान को नया रूप दिया ,हजूरी समाज के सेकड़ो लोगों ने रियान में शिरकर कर एक दुसरे की कुशलक्षेम पूछी और रामा शामा की . 



आखातीज होने के कारण परम्परानुसार घरों में विभिन्न पकवान बनाए गए। गृहणियों ने गुड़ की गलवानी, बाजरे का खीच तथा ग्वारफली की सब्जी बनाई। भगवान को भोग लगाकर सभी ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। अक्षय तृतीया पर लोगों ने देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर खरीदारी एवं दानपुण्य भी किया। इस अवसर पर गांवों में कुंवारी युवतियों को दूल्हा-दुल्हन बनाकर मंगलगीत गाते हुए गांव की परिक्रमा लगवाई गई।

आखातीज पर शगुन लेने की परंपरा आज भी गांवों में निभाई जाती है। सोम वार कोशहर तथा    गांवों में ग्रामीणों ने काल व सुकाल के शगुन लिए। इसमें काल पर सकाल भारी पड़ा। परंपरा के तहत भगवान की पूजा-अर्चना के बाद दो ब'चों को आमने-सामने खड़ा कर उनके हाथों में दो बांस की लकडिय़ां दी जाती है। इनमें से एक पर काला धागा एवं दूसरे पर मोली बांधी जाती है, जिनके ऊपर या नीचे होने के अनुसार शगुन लिया जाता है।ग्रामीण क्षेत्रो में परंपरा रूप से रियान का आयोजन किया गया .रियान में गाँव के सभी लोगो ने एक दुसरे की आखा तीज की बधाई दे रामा शामा की .

सोमवार, 6 मई 2013

प्रेम सिंह नैणसोपारा हजूरी समाज के अध्यक्ष निर्वाचित


प्रेम सिंह नैणसोपारा हजूरी समाज के अध्यक्ष निर्वाचित

जैसलमेर । मुख्य समाज परिषद एवं जिला हजूरी समाज के अध्यक्ष पद पर प्रेमसिंह नेणसोपारा ने विजय हासिल की । रविवार को मुख्य समाज परिषद के अध्यक्ष पद के लिए हुऐ चुनाव में प्रेमसिंह नेणसोपारा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी किषनसिंह सौलकी को 98 मतो से पराजित कर अध्यक्ष पद पर काबिज हुऐ । निर्वाचन अधिकारी मनोहरसिंह भाटी ने बताया कि समाज के अध्यक्ष पद के लिए हुऐ चुनाव के दौरान नाम वापसी पश्चात 3 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे जिसके लिए रविवार को समाज सेवा सदन में चुनाव करवाये गऐ । चुनाव पश्चात मतगणना की गर्इ जिसमें प्रेमसिंह नेणसोपारा को 98 मतो से विजयी घोषित किया गया । विजय प्रत्याषी ने रविवार रात्रि 9 बजे सादे समारोह में विधि पूर्वक इष्वर के नाम पद के समस्त कत्तव्यो एवं दायित्वों का निष्ठा एवं इमानदारी से निर्वहन करने की शपथ ग्रहण की । इसअवसर पर समाज संरक्षण मण्डल के अध्यक्ष दीनदयाल तंवर निर्वमान समाज अध्यक्ष सुखदेवसिंह भाटी के साथ समाज के गणमान्य बन्धु उपसिथत थें । मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अध्यक्ष निर्वाचन मुख्य समाज परिषद वर्ष 2013 को निर्वाचन प्रमाण-पत्र विजय घोषित किये गये प्रेमसिंह नेणसोपारा को सौपा । निर्वाचन पर विजय घोषित होने के बाद समाज बन्धुओं को सम्बोधित करते हुऐ प्रेमसिंह ने कहा कि मेरे चाचा का अचनाक देहांत होने जाने के कारण मैं स्वंय चुनाव प्रचार में मौजूद नहीं था फिर भी आप सभी ने मेरा सहयोग कर समाज की जो जिम्मेदारी मुझे सौपी है उसमें मेैं खरा उतरने का प्रयास करूंगा तथा सभी को साथ में रखते हुऐ समाज के विकास मे अपनी पूर्ण भूमिका निभाउंगा ।




रविवार, 24 फ़रवरी 2013

परिवार को संगठित रखा था चूरमे का आयोजन


परिवार को संगठित रखा था चूरमे का आयोजन


परंपरा ...शादियों में चूरमा नयी पीढी का चाव ख़त्म हो गया 


जैसलमेर थार की महकती संस्कृति में यहाँ की परम्पराव ने बखूबी साथ निभाया ,यहाँ की संस्कृति और परम्पराव ने विश्व भर में अपनी अलग पहचान बने हें ,इसी संस्कृति और परम्पराव को नजदीक से देखने देश विदेश के पर्यटक स्वर्ण नगरी आते हें ,थार की एक परम्पराओ में जैसलमेर के हजूरी समाज की परम्पराव ने हर समाज में एक आदर्श प्रस्तुत किया ,जैसलमेर में ही क्षत्रिय जाति हजूरी राजदरबार के अनुयायी हें ,इस समाज में शादियों की अपनी रीति थी ,समाज में सबसे बड़ी प्रेरणा दहेज़ का नहीं लेना हें यह परंपरा आज भी मिशाल बनी हुई .हजूरी समाज में शादियों के समय चूरमा करने की अनोखी परंपरा थी .थार में आज भी परिवार के बड़े बुजुर्ग बहन बेटियों के घर का ना तो खाते थे न ही पानी पीते ,ऐसे में समाज में शादी के वक़्त एक रीत बने जिसके तहत लड़की के घरवाले लड़की के ससुराल मिलकर जाते इस अवसर को चूरमे की रीत नाम दिया गया .समाज के बुजुर्ग शिवनारायण सिंह ने बताया की समाज में चूरमे की रीत का अहम् उद्देश्य लड़की वालो के समस्त परिवार को उसके ससुराल से परिचित करना था ,इसके लिए लड़की के परिवार वाले सवा मन चूरमा करते थे .चूरमा किसी हलवाई से बनाने की बजे लड़की के परिवार जन मिल कर खुद ही बनाते थे .एक अवसर था जब पूरा परिवार एक साथ खड़ा होता परिवार को संगठित करने के अवसर होते थे शादी ब्याह .लड़की की शादी के वक़्त लड़की वालो की तरफ से लड़केवालो के घर शादी से चार दिन पूर्व सवा मन यानि साथ किलो याह सवा क्विंटल यानी स्व सौ किलो चूरमा ले जाने की रीत थी ,जिस दिन चूरमा ले जाया जाना होता था उस दिन लड़की के परिवार ,कुटुंब कबीले वाले एकत्रित होते थे ,सामूहिक रूप से चूरमे को समारोह के साथ ले जाया जाता था ,चूरमे के साथ आये मेहमानों के लिए लडके वालो की तरफ से खाने की व्यवस्था भी की जाती थी .शादी के बाद भी लड़की वाले नव विवाहित दुल्हे को करीब पन्द्र दिनों तक दोस्तों के साथ खाने तथा नास्ते के लिए आमंत्रित करते ,हें सुबह के नास्ते में दुल्हे और उसके साथियो को चूरमा खिलाया जाता था ,चूरमे में देशी घी की प्रचुर मात्रा डालते थे चूरमे के साथ पापड़ और नमकीन होती थी ,मगर अब समय के साथ शादियों से चूरमा गायब हो गया ,अब चूरमा प्रथा समाज में बंद कर दी गयी हें ,शगुन के तौर पर एक दिन दुल्हे को शादी के बाद के दिन नास्ते पर चूरमा खिलाया जाता हें ,बहरहाल जैसलमेर की शादियों की रौनक सामूहिक तौर पर शुरू होती थी ,सामूहिक सावे विवाह सुझाये जाते थे .समाज में एक ही दिन सारे विवाह संपन होते थे मगर अब ऐसा नहीं हें चूरमे की परंपरा ख़त्म कर दी गई साथ ही सामूहिक विवाहों का आयोजन भी लगभग बंद सा हो गया .