PIX: महाभारत काल में हुआ था इस मंदिर का निर्माण, यहां भोलेनाथ के आंसुअों से बना है कुंड
पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर कटास नामक स्थान की एक पहाड़ी पर भगवान शिव का कटासराज नामक मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि यह मंदिर महाभारत काल में भी था।
कटासराज मंदिर में कटाक्ष कुंड है। जिसके विषय में माना जाता है कि ये भगवान शिव के आंसुअों से बना है। कुंड के निर्माण के पीछे एक कथा भी प्रचलित है। कहा जाता है कि जब देवी सती की मृत्यु हुई थी तो भगवान शिव इतना रोए थी कि उनके आंसुअों से दो कुंड बन गए थे। उनमें से एक कुंड राजस्थान के पुष्कर में है अौर दूसरा कटासराज मंदिर में है।
कहा जाता है कि यहां स्थित सात मंदिरों का निर्माण पांडवों ने महाभारत काल में किया था। पांडवों ने वनवास के समय चार साल यहीं पर व्यतीत किए थे। उन्होंने अपने रहने के लिए सात भवनों का निर्माण किया था। ये वही सात मंदिर है। इसके विषय में यह भी माना जाता है कि इसी कुंड के तट पर युधिष्ठिर और यक्ष का संवाद हुआ था।
कैसे पहुंचे
यहां सड़क, रेल अौर हवाई मार्ग द्वारा भी पहुंचा जा सकता है। कटास गांव से लगभग 80 कि.मी. की दूरी पर मंगला एयरपोर्ट है। यहां तक आकर आगे सड़क मार्ग से कटासराज मंदिर जाया जा सकता है। कटस गांव के चकवाल रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक है। यहां के लिए सभी जगहों से रेल गाड़ियां चलती हैं। जिनसे चकवाल तक पहुंच कर, यहां से सड़क मार्ग के द्वारा कटासराज मंदिर पहुंच सकते है।