. भारतीय मुस्लिम महिला जासूस :- टाइगर ऑफ मैसूर के नाम से जाने जाने वाले टिपू सुल्तान की वंशज नूर इनायत खान को उनके मरने तक कोई नहीं पहचान पाया। जर्मनी उसे हमेशा एक ब्रिटिश जासूस ही समझता रहा। मास्को में जन्मी नूर को बचपन से ही एक सीक्रेट एजेंट के रूप में प्रशिक्षण दिया गया। बंदूक चलाना और मारने के मामले में उसका कोई सानी नहीं था। जब नूर फ्रांस में आई तब उसके पास एक फर्जी पासपोर्ट, थोड़ी से फ्रांस की मुद्रा, एक पिस्टल और कोड नाम था। अपने जासूसी नेटवर्क के खात्मा होने के बाद भी नूर ने फ्रांस में तीन महीने का समय बिताया। आखिरकार अक्टूबर 1943 को नूर को पकड़ लिया गया। नूर का मुंह खुलवाने के लिए उसे तरह-तरह की खौफनाक यातनाएं दी गई, लेकिन उसने अपना वास्तविक नाम तक नहीं बताया। आखिरकार 13 सितम्बर 1944 को उसके सिर के पीछे गोली मार दी गई और वह चल बसी। नाजी सेना ने नूर को डचाउ कन्सनट्रेशन कैम्प में मृत छोड़ दिया। हालांकि नूर के ब्रिटेन के लिए किए गए त्याग का आज भी सम्मान मिलना बाकी है। ....
42 दिन का रोमांस और कर ली शादी :- फ्रेंच मां और अंग्रेज टैक्सी ड्राइवर की बेटी विलोती रिने ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन के लिए जासूसी की। इस युद्ध के दौरान विलोती ब्रिक्टन के एक परफ्यूम काउंटर पर सेल्सगर्ल का काम कर रही थी। 1940 में बेस्तिले डे परैडइसी दौरान विलोती की मुलाकात एटेन्ने सजबो से हुई। एटेन्ने एक फ्रांसीसी अधिकारी था। दोनों के बीच 42 दिन रोमांस चला और 21 अगस्त 1940 को शादी कर ली। हालांकि उस समय विलोती की उम्र 19 और एटेन्ने की उम्र 31 थी। हालांकि 1942 में अपने पहले बच्चे के जन्म के कुछ ही समय बाद एटेन्ने की मौत हो गई। उसने अपने बच्चे को कभी नहीं देखा। पति के मरने के बाद विलोती ने ब्रिटिश स्पेशल ऑपरेशन एक्सीक्यूटिव में जाने का फैसला किया। विलोती ने जर्मनी की सम्पर्क लाइंस को खत्म करने के लिए एक स्थानीय विद्रोही ग्रुप को ज्वाइन कर लिया। इसी दौरान एक बार जब वह कार में अपने ग्रुप के साथ जा रही थी, जर्मन सैनिकों से उसका सामना हो गया। विलोती ने अपने गु्रप लीडर के साथ मिलकर तब तक जर्मन एजेंटों का सामना किया जब तक कि उसके कारतूस खत्म नहीं हो गए। आखिरकार उसे पकड़ लिया गया और खुफिया जानकारी उगलवाने के लिए उस पर बेदर्दी से जुल्म किया गया। कुछ भी नहीं बताने पर उसे 1945 में मार दिया गया। महज 23 साल की उम्र में मार दिए जाने वाली विलोती को एक शातिर जासूस और बहादुर लड़की के रूप में जाना जाता है। -
व्हाइट माऊस के नाम से प्रसिद्ध थी यह जासूस :- नैंसी वेक ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश जासूस के रूप में काम किया। युद्ध के दौरान वह फ्रेंच क्रांतिकारियों में अग्रणी लेडी बन गई। 1939 में इसकी मुलाकात फ्रेंच इंडस्ट्रलिस्ट हेनरी एडमंड फिओक्का से हुई जिससे उसने 3 नवंबर को शादी कर ली। जर्मनी के फ्रांस में आक्रमण के समय वह कैप्टन इयान गोरो के नेटवर्क में शामिल हो गई। 1943 तक वह गेस्टापो की मोस्ट वांटेड महिला बन गई। उस पर 5 मिलियन फ्रांसिसी मुद्रा का इनाम रखा गया। फ्रांस की आजादी की लड़ाई में उसके मात्र 100 साथी मारे गए, लेकिन उन्होंने 22000 एसएस सैनिकों का डकटर मुकाबला किया। युद्ध के बाद उसे जार्ज मैडल सहित कई सम्मान दिए गए। . -
डांसर और अभिनेत्री भी जासूस :- जोसफाइन बेकर का जन्म अमरीका में हुआ। वह फ्रेंच डांसर, सिंगर और अभिनेत्री थी। उसे अपनी सुंदरता और जासूसी के चलते ब्रांज वीनस, ब्लैक पर्ल और यहां तक हकि सिरीओले गोडेस के नाम से जाना जाता था । बेकर पहली अफ्रीकी-अमरीकी महिला थी जिसने बड़ी मोशन पिक्चर्स में काम किया और विश्वभर में प्रसिद्ध हुई। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फ्रेंच विद्रोह का समर्थन करने के चलते बेकर को फ्रांस का सबसे बड़ा मिलिट्री सम्मान दिया गया। ... -
विदेशी ताकतों से मुक्ति दिलाने में दिया योगदान :- लीयू हुलान जवान और बेहद सुंदर चाइनीज जासूस थी। लीयू ने कुमिनटैंग और कम्युनिस्ट पार्टी के बीच चल रहे चीन के गृह युद्ध में जासूसी की। 1946 में लीयू ने कम्युनिस्ट पार्टी ज्वाइन कर ली। इसके ठीक बाद सेना की आजादी के लिए एक महिला समूह में शामिल हो गई। इस दौरान लीयू ने सैनिकों को भोजन पहुंचाने, गुप्त संदेश देने, उनके जूते और पोशाक ठीक करने जैसे काम भी किए। लीयू के जीवन और मौत को चीन के लोग प्रेरणा के रूप में देखते हैं। .... - .