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मंगलवार, 14 जुलाई 2020

जिला पुलिस अधीक्षक जैसलमेर द्वारा पुलिस थाना रामदेवरा का आकस्मिक निरीक्षण

जिला पुलिस अधीक्षक जैसलमेर द्वारा पुलिस थाना रामदेवरा का आकस्मिक निरीक्षण

पुलिस अधिकारियांे एवं कर्मचारियों की मीटिंग का आयोजन



पुलिस अधीक्षक द्वारा थाने में पानी की प्याऊ, स्वागत कक्ष एवं चुगाघर का किया  उद्घाटन





जैसलमेर जिला पुलिस अधीक्षक जैसलमेर डाॅ. अजयसिंह द्वारा पदस्थापन जिले में थानों की कार्यप्रणाली को सुदृढ करने एवं उनके सारसम्भाव व पुलिस जवानों की समस्याओं को सुनने के लिए के क्रम में आज दिनांक 14.07.2020 को पुलिस थाना रामदेवरा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। थाना के निरीक्षण के दौरान वृताधिकारी वृत पोकरण मोटाराम, थानाधिकारी दलपतसिंह, थाना एचएम प्रवीणसिंह मय समस्त पुलिस जाब्ता उपस्थित रहे।

     पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना रामदेवरा पहॅूचने पर थाना में गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। तत्पष्चात पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना परिसर का निरीक्षण किया तथा मालखाना रूम, रेकर्ड रूम, कोत एवं कारागाह को चैक किया तथा कारागाह में व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। कोत में हथियारों का निरीक्षण किया गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना में सीसीटीएनएस पर आॅनलाईन किये जाने वाले कार्यो का अवलोकन किया गया।



पुलिस अधिकारियांे एवं कर्मचारियों की मीटिंग का आयोजन

    पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना पर पदस्थापित समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मीटिंग का आयोजन किया तथा अनुसंधान अधिकारियों को प्रकरणों का तुरंत निस्तारण कर थाना की पैडेंसी कम करने के निर्देष दिये गये। समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पुलिस प्राथमिकता वर्ष 2019-20 की अक्षरतः पालना करने के निर्देष दिये गये। इसके साथ-साथ थाना पर पदस्थापित कर्मचारियों की समस्याआंे को सुना तथा उनका निस्तारण करने हेतु संबंधित को निर्देषित किया गया तथा पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को कानून व्यवस्था बनाये रखने, अपराध पर अंकुश लगाने तथा थाना पर आने वाले परिवादियों की बात को सुनकर उनकी समस्या का तुरन्त निवारण करने के निर्देश दिये गये।     



पुलिस अधीक्षक द्वारा थाने में पानी की प्याऊ, स्वागत कक्ष एवं चुगाघर का किया उद्घाटन

   पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना परिसर के अन्दर बने स्वागत कक्ष, पक्षीयों के चुगाघर व थाना के सामने हाईवे पर बनाई गई बाबा रामदेव जल मन्दिर (प्याऊ) का उदघाटन किया गया।





     

















गुरुवार, 7 मई 2020

जैसलमेर रामदेवरा बम ब्लास्ट में तीन युवकों की दर्दनाक मौत,

जैसलमेर रामदेवरा बम ब्लास्ट में तीन युवकों की दर्दनाक मौत,


जैसलमेर जिले पोकरण रामदेवरा थाना अंतर्गत मावा गांव के नजदीक आर्मी इलाका में बुधवार देर रात्रि बम फटने से तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई मौके पर रामदेवराथाना अधिकारी दलपत सिंह मय जाब्ते के रवान हो गए हैं सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार तीनों मेघवाल जाति के टेकरा गांव के मेगा पुत्र अर्जुनराम व दो और निवासी चारे का ट्रैक्टर भर कर निकल रहे थे की रास्ते में बम से छेड़छाड़ करने के दौरान बड़ा हादसा हो गया तीनों की मौके पर मौत हो गई




गुरुवार, 12 दिसंबर 2019

जैसलमेर रामदेवरा में पार्षद देवी सिंह चौहान का स्वागत

जैसलमेर   रामदेवरा में पार्षद देवी सिंह चौहान का स्वागत 


जैसलमेर जैसलमेर के वार्ड ११ के पार्षद देवी सिंह चौहान के रामदेवरा पहुंचने पर रामदेवरा सेवा समिति द्वारा उनका स्वागत अभिनंदन किया गया ,देवी सिंह चौहान पार्षद बनाने के बाद पहली बार रामदेवरा बाबा रामदेव के दरसनार्थ पहुंचे थे ,देवी सिंह चौहान का रामदेवरा सेवा समिति के राणीदान सिंह तंवर ने माल्यार्पण कर स्वागत किया ,इसके बाद उन्हें बाबा रामदेव के दर्शन कर जैसलमेर के लिए शांति और अमन की दुआएं मांगी। देवी सिंह के साथ चंदन सिंह भाटी ,प्रेम सिंह चौहान ,महेंद्र कुमार भाटी ,अजय राहड़ ,राजेंद्र सिंह चौहान ,महावीर सिंह चौहान ,राम सिंह भाटी ,श्याम सिंह भायल ,उम्मेद सिंह भाटी थे,समिति की और से बाबा रामदेव मंदिर परिसर में ही देवीसिंह चौहान का बाजार के व्यापारियों की तरफ से अभिनंदन किया गया 

सेकंड वाइफ का किया उद्घाटन 


जैसलमेर वार्ड ११ के पार्षद देवी सिंह चौहान ने मलका प्रोल के समीप नव निर्मित सेकंड वाइफ रेस्टोरेंट का फीता काट कर उद्द्घाटन किया ,इस अवसर पर रेस्टोरेंट के संचालक एवं वार्ड के लोग उपस्थित थे 

मंगलवार, 10 सितंबर 2019

जैसलमेर रामदेवरा मेला अपडेट एक अज्ञात शव मिला,

जैसलमेर रामदेवरा मेला अपडेट एक अज्ञात शव मिला,

 रामदेवरा कस्बे में एक अज्ञात म्रतक जिसकी उम्र 55 से 60 साल के बीच है मृतक के पेंट और शर्ट पहना हुआ जिसके बाये हाथ की कलाई पर अंग्रेजी में NMA RAM लिखा हुआ है और कोई कागज़ात पास में नाही है अज्ञात म्रतक की लाश पीएच सी पोकरण में है सम्भवतः हरियाणा,गंगानगर,पंजाब का हो सकता है

रविवार, 18 अगस्त 2019

रामदेवरा शराबबंदी को लेकर तर्क अपने अपने,सरकार ने कहा वादा निभाया,समिति ने कहा मुकर गई सरकार

रामदेवरा शराबबंदी को लेकर तर्क अपने अपने,सरकार ने कहा वादा निभाया,समिति ने कहा मुकर गई सरकार*

*BNT खास खबर*

*रामदेवरा में शराबबंदी को लेकर रामदेवरा सेवा समिति के बापू आनंद सिंह तंवर 13 दिन से अनशन पर है इन दिनों उनका अनशन अस्पताल में जारी है।।समिति की मांग है कि रामदेवरा में तीन किलोमीटर दायरे से शराब की दुकान बाहर लगाई जाए। आबादी क्षेत्र में दुकान नही हो ।पिछली बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रामदेवरा प्रवास पर ही थे उन दिनों समिति आंदोलनरत थी।गहलोत ने शराब की दुकानें आबादी क्षेत्र से बाहर करने के निर्देश जारी किए।।जिस पर आबकारी विभाग ने नई दुकानों का आवंटन आबाद क्षेत्र से बाहर करने का दावा किया।।रामदेवरा  में तीन शराब की दुकान है ।जिला प्रशासन की माने तो तीनों दुकान आबादी क्षेत्र से बाहर बताई गई है।रामदेवरा कस्बे में शराब का गोदाम था उसे भी हटा लिया है।इधर समिति इस बात पर अड़ी है कि दुकान तीन किलोमीटर दायरे से बाहर हो ।इधर समिति का कहना हे गोदाम अभी भी रामदेवरा ने संचालित हो रहा हे ,गोदाम से शराब बिक्री चालू हे ,।चूंकि रामदेवरा कस्बे के दायरे तीन किलोमीटर से कम है।।आबकारी विभाग ने आबादी क्षेत्र से बाहर दुकानों की लोकेशन पास की।।जिला प्रशासन   का कहना है कि आबादी क्षेत्र से बाहर दुकान आवंटित की है।इससे अधिक बाहर दुकानों को नही ले जाया जा सकता।ऐसा तभी सम्भव होगा जब राज्य सरकार रामदेवरा में पूर्ण शराबबंदी लागू करे।।वर्तमान लोकेशन की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई।राज्य सरकार इस रिपोर्ट से संतुष्ट है।।अलबत्ता रामदेवरा के लोग रामदेवरा में शराबबंदी की मांग कर रहे है जिसके लिए अनशन पर है।।राज्य सरकार समिति के अनशन पर संज्ञान नहीं ले रही।।बापू आनंद सिंह तंवर बेदाग छवि और राजस्थान सहित आसपास के राज्यो में लोगो के पूजनीय है।जिला प्रशासन को समिति और राज्य सरकार के बीच कड़ी बनकर मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाना चाहिए।प्रशासन को एक कमिटी बनाकर वार्ता करनी चाहिए।।ताकि मामला सुलझे।।

शुक्रवार, 11 नवंबर 2016

रामदेवरा, 11 नवम्बर। व्यासपीठ सत्य भूमिका का पर्याय है - मुरारी बापू मानस रामदेव पीर का सातवा दिन बापू ने किया वृक्षारोपण



रामदेवरा, 11 नवम्बर। व्यासपीठ सत्य भूमिका का पर्याय है - मुरारी बापू

मानस रामदेव पीर का सातवा दिन

बापू ने किया वृक्षारोपण




चेतना के द्वारा जीवन में सब कुछ संभव है। सत्य भूमिका है, प्रेम पाठ है और करूणा कलष है। व्यासपीठ सत्य भूमिका का ही एक पर्याय है और सत्य की भूमिका लेप है। पाठ पवित्र वस्तु है इसी उद्गार के साथ व्यासपीठ से हजारों श्रोताओं को आषीर्वचन प्रदान करते हुए रामकथा के सातवे दिन मुरारी बापू ने कहा कि प्रेम क्या नही कर सकता है। प्रेम विराने को भी गुलिस्ता बना सकता है। आज सब एक दूसरे को सुधारने में लगे हुए है। कथा में आने से तथा उसका श्रवण करने से सुधरने एवं सुधारने की संभावनायें बढ़ जाती है।

बापू ने भक्ति के बारें में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि माता पिता और गुरू की सेवा रामदेव बाबा का प्रमाण है। उपाधि ध्यान की धारणा से जाती है। ध्यान स्वामित्व की धारणा है। ध्यान पर आसन लगायें। उसकी धारणा से ही उपाधियां नश्ट होती है। भाशा भिन्न भिन्न हो सकती है लेकिन उसका सार एक होता है। बापू ने रामकथा के दौरान प्रभु राम के जनक उपवन तथा सीता स्वयंवर प्रसंगों कोे दर्षाया।




समाधि के कई अर्थ

मुरारी बापू ने मानस रामदेव पीर के कथांक पर चर्चा करते हुए बताया कि रामदेवरा में बाबा की समाधि जीवंत रूप में विद्यमान है। आज के युग में जीवित समाधि को समझने के लिए पतंजलि के अश्टांग योग सूत्र की सीढ़ियों को पहचानना आवष्यक है। पतंजलि अन्तर जगत के वैज्ञानिक थे। उन्होने समाधि की इसमें पूरी व्याख्या की है। जिसके जीवन से आदि, व्याधि और उपाधि निकल जाये वही समाधि है। गुणातित से पार सभी अवस्थायें समाधि है। सात पतंजलि के आगे का कदम समाधि है। हम जैसे मनुश्य भी इस जीवन में जीवित समाधि पा सकते है उसके लिए जीवन मृत्यु केवल अवस्था के रूप में एक समान है। गुरू कृपा में हम जीवित समाधि की ओर बढ़ सकते है। नामदेव, मीरा, जैसल, तोरल, नरसी सभी जीवित समाधि का ही एक रूप है।




24 अंक महत्वपूर्ण

संस्कृति में 24 अंकों का महत्वपूर्ण स्थान है। सर्वमान्य तत्व गणना में संसार में 24 तत्व है। जैन धर्म में 24 तीर्थंकर तथा वेद माता गायत्री के मंत्र में भी 24 अक्षर है। हमारे यहां 24 अवतार अवतरित हुए है। बाबा रामदेव पीर ने भी 24 पर्चे दिए है। हमारे रोम रोम में पाप एवं बुराई भरी हुई है। बाबा पीर ने अपने पर्चे में कहा कि पाप से दूर रहो और निज कर्म में ध्यान धरों। गुरू चरण में पाप को सुनाने एवं प्रकाषित करने से इंसान पाप मुक्त हो सकता है। अपने धर्म में ध्यान रखना और पाप से डरते हुए जीव मात्र पर दया करना और भूखें को अन्न देना बाबा के पर्चे का अंष है। दया धर्म का मूल मंत्र है अतः हमें धर्म के निकट रहना चाहिए। अपनी बुराईयां एवं मन की पीड़ा दुनिया के सामने नही बल्कि गुरू के पास जाकर कहनी चाहिए। दूसरा फरमान सार और सार का विचार है। तीसरा गत गंगा में षामिल हो जाना है। चैथा सूत्र गुरू पद सेवा है। पांचवा फरमान तन के उजले एवं मन के मलिन प्रपंच से दूर रहे। छठा पर्चा सेवा धर्म का महत्व बहुत बड़ा है। सातवा पर्चा वचन विवेकी, आठवा पर्चा माता,-पिता, गुरू सेवा एवं अतिथि सत्कार, नौवा पर्चा पहली सवेरे पवित्र होकर आराध्य का नाम लेना एवं फिर अपना नित्य कर्म करना के बारें में बापू ने विस्तार से व्याख्या की।




मानस में गत गंगा के 5 सूत्र

गीता के 12वे भाग में भक्ति को योग कहा गया है। भक्ति बहती रहती है। गीता में लिखा गया है कि प्रसन्न रहों, अपेक्षा ना करों तथा सब में हरि दर्षन करो। भक्ति करनी हो तो पांच चीजों को छोड दो। भक्ति स्वयं योग होती है। भक्ति में यज्ञ, जप, तप तथा उपवास करने की जरूरत नही है। षौक बहुत छोटी चीज है। विवेकी व्यक्ति ही पीर और नीर को विलख कर सकता है। प्राणी मात्र में सम दृश्टि रखे और किसी से भी अपेक्षाये ंना करे। यही सुखी जीवन का मूल मंत्र है।

युवाओं के लिए भक्ति का साधन बताते हुए बापू ने कहा कि युवाओं को चाहिए कि अपने स्वभाव को सरल करो, बोलों तो सरल बोलो और सुनों तो सरल सुनो। मन की कुटिलता छोड़ों क्योंकि सब अपना प्रारब्ध भोग रहे है। क्यों किसी की निन्दा, ईश्या एवं द्वेश करों। हमारे प्रमाणिक प्रयत्न एवं भगवान की कृपा से जो मिल रहा है उसमें संतुश्ट रहना भजन है। भक्ति में प्यास तो हो लेकिन आषा ना हो। गंग गीता का एक और सूत्र विष्वास या भरोसा है।




प्रत्येक नदी का एक फल

बापू ने कहा कि हम नदियों के लिए लड रहे है लेकिन गत गंगा को भूल गये। हमारें यहां प्रत्येक नदी में स्नान व पूजा करने से उसका प्रतिरूप फल मिलता है। तापी नदी में स्नान करने से तपस्या, गंगा में स्नान करने से भक्ति मिलती है। विद्वान होना है तो रेवा में स्नान करो। यमुना में स्नान करने से ब्रज भूमि, सरस्वती में स्नान करने से ब्रह्म विद्या तथा सरयू में स्नान करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। रूपावा नदी तलगाझरडा में स्नान करने से रामचरित मानस मिलती है। कावेरी नदी में स्नान करने से संत मिलन, कृश्णा में स्नान करने से कृश्ण दर्षन होते है। मानस की भक्ति में स्नान करों तो जप, तप, व्रत और उपवास की जरूरत नही होती है।

सत्संग से साधु की प्रियता प्राप्त करें उसके बाद ही श्रद्धा की पार्वती का दर्षन होगा। सच्ची श्रद्धा हो जाए तो कोई ना कोई सदगुरू मिल ही जायेगा और वह कहेगा कि मैने राम को देखा है और मेरे साथ चलने से तुझें भी राम के दर्षन हो जायेंगे।

बापू ने कहा कि इस कलि काल में नौ चीजों से प्रभु की भक्ति की जा सकती है। यह नौ चीजे योग, जग्य, जप, तप, व्रत, पूजा, राम नाम सुमिरन, राम नाम गायन और राम नाम श्रवण इनके अतिरिक्त अन्य कोई साधन नही है।

जानकी भक्ति है तो धनुश अहंकार का प्रतीक

बापू ने कहा कि अभिमान से भक्ति नहीं मिलती है। जानकी भक्ति और धनुश अहंकार का प्रतीक है। रामकथा में सीता विवाह के प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया कि षिव धनुश (पिनाकपाणि) जब टूटा तो उसने स्वयं को प्रभु के चरणों में पाया। अहंकार के टूटने पर ही भक्ति मिलती है और गुरू के सुमिरन के बिना अहंकार नही टूटता है। बापू ने कहा कि उठो, जागों और लक्ष्य को प्राप्त करों यही उपनिशेद का मूल सूत्र है।




बापू ने किया वृक्षारोपण

बापू ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए षुक्रवार को गोमठ स्थित कृश्ण कुंज में दो नीम, दो जामून एवं एक आम का पौधा लगाया। बापू ने लोगों से आह्वान किया कि वे भी पर्यावरण के प्रति जागरूक रहे। बापू कथा के पष्चात श्रीमूल योगी आश्रम रामदेवरा तथा बीएसएफ कैम्पस पहुंचे तथा वृक्षारोपण कर सीमा सुरक्षा बल के जवानों से मुलाकात की।




कल होगा कथा का विराम

नो दिवसीय रामकथा का विराम रविवार को होगा। पांच नवम्बर से षुरू हुई रामकथा 13 नवम्बर को पूर्ण होगी।

रविवार, 11 सितंबर 2016

रामदेवरा के बाबा कृष्ण -द्वारकाधीश के असल अवतार



रामदेवरा के बाबा कृष्ण -द्वारकाधीश के असल अवतार


राजस्थान प्रदेश के पश्चिमी दिशा में स्थित पोकरण नगर के पास रामदेवरा नामक एक स्थान में कृष्ण द्वारकाधीश के असल अवतार रामदेव जी के समाधी धाम है। प्रति वर्ष यहां रामदेव जी की अवतरण तिथि भादवा मास की शुक्ल द्वितीया से एकादशी तक विशाल एवं प्रसिद्व मेला चल रहा है। इस मेले में अब तक लाखों की संख्या में जातरुओं ( श्रृद्धालू लोग ) रामदेवरा पहुंच कर बाबा रामदेव जी की समाधी ( निज मंदिर ) के दर्शन एवं ढोक कर अपने घरों की ओर लौट रहे है।

ये भक्त श्रृद्धालू विभिन्न साधनों से या पैदल यात्रा ,संघ व कनक दण्डवत करते हुए पहुंच रहे है तथा बाबा के दर्शन करके अपने कृतार्थ एवं धन्य महसूस करते है।

रामदेव जी की

जीवन लीला:- कृष्ण द्वारकाधीश के असल अवतार रामदेव जी के इस धरा पर अवतरण लेने की कथा , पिता अजमाल जी के समुन्द्र में पहुंचने , श्रीनारायण से क्षिर सागर में वचन पाने इत्यादि से सभी भक्त परिचित है। बाबा रामदेव जी अपने जीवन लीला में वीर और संत दोनों है। अवतार से समाधी लेने तक बाबा ने जीवन-पर्यन्त तक अछूतों का उद्धार किया तथा अनाथ , दीन-दुःखियों की सेवा की। इस दौरान बाबा को डालीबाई ,डालबाई नामक एक अनाथ लड़की मिली बाबा ने उसको घर लाकर बहिन की तरह पाला व पोसा जो बाद में उनकी अनन्य भक्त हुई। डालीबाई को बाबा रामदेव जी ने उनके परम भक्त धारुराम मेघवाल के कोई संतान नहीं होने से डालीबाई के पालन की जिम्मेवारी उन्हें सौंपी।

बाबा रामदेव जी के प्रसंग के साथ ही उनकी अनन्य भक्त डालीबाई का नाम जुड़ा हुआ है।


समाधी का वर्णन:- कहते हैं कि जब रामदेव जी के भादवा शुक्ल पक्ष की दशमी को समाधी लेने की तैयारियांॅ हो रही थी , तब डालीबाई जंगल में गायों के बछड़ा चरा रही थी तब उन्हें रुणैचा में विभिन्न वाद्ययंत्रों की ध्वनि सुनायी दी। अपनी जिज्ञासा के लिए उधर से जा रहे एक पथिक से पूछा कि यह वाद्ययंत्रों की आवाज सुनाई दे रही है, उस पथिक ने बताया कि अजमालजी के कंुंवर स्वर्ग को पधार रहे है। यह सुन कर डालीबाई समाधी के लिए अति उत्कंठित हुई एवं पथिक से बछड़ों को थौड़ी देर तक चरवाने का निवेदन किया किन्तु उसको दूर जाना था , समय कम था। अंत में डालीबाई बछड़ों को ही रामदेव जी की सौंगध दिला कर कहती है तुम सांझ होने पर अपने घर आ जाना। इतना कह कर डालीबाई दौड़ती हुई रुणैचा पहुंची जहां रामसरोवर की पाल पर रामदेवजी के समाधी की तैयारियाॅं चल ही थी और रामदेव जी खड़े रह कर उत्सव मना रहे थे।

डालीबाई ने अपने ईष्टदेव रामदेव जी से कहा कि यह जो समाधी खोदी जा रही है यहां पर तो मैं समाधी लूंगी क्योंकि यह स्थान विधाता द्वारा मेरे लिए ही निश्चित किया गया है। आपकी समाधी इस स्थान से 11 कदम पश्चिम की ओर होगी। यहां खड़ाउ ,हस्तवाद्य ,मंूदड़ा (कड़ा) ,तूम्बी निकलेगी। डालीबाई की यह बात सुन कर एकत्रित जन समूह का कुतूहल बढ़ा। जब रामदेव जी ने डालीबाई से पूछा कि तेरी समाधी के क्या लक्षण है! तब डालीबाई ने बताया कि जिस स्थान पर आटी ,डोरा एवं कांगसी निकल आए वही मेरी समाधी का स्थान है। उस स्थान के खोदने पर वस्तुतः आटी ,डोरा और कांगसी निकल आए, रामदेव जी अपनी भक्त डालीबाई के इस चमत्कार से गद्गद हो गये और वहीं पर समाधी लेने की आज्ञा दी। इस प्रकार रामदेव जी से एक दिन पूर्व भादवासुदी दशमी को डालीबाई ने समाधी ली।

बाबा रामदेव जी ने शुक्ल एकादशी को समाधी ली:- इस प्रकार डालीबाई की समाधी के पश्चात रामदेव जी एक बार अपने बंधु-बांधवों के साथ पुनः घर लौट आए। एक रात रामदेव जी को अपने साथ फिर पाकर लोगों ने मन ही मन डालीबाई को धन्यवाद दिया। कहा जाता है कि दूसरे दिन प्रातः समाधी लेने से पूर्व बाबा रामदेव जी ने शोक संतप्त जन समुदाय को आध्यात्मिक उपदेश दिया और अपने पिता अजमाल , माता मेणादे , भाई विरमदेव , भाभी व रानी नेतलदे को भी ज्ञानोपदेश देते हुए उन्हें मोह-ममता के दलदल से निकालने का प्रयत्न किया।



इतना सब करने पर भी उन सब का करुण रुदन रुका नहीं, एकत्रित जनसमुदाय का रुदन, कोलाहल और विलाप शांत नहीं हुआ तक रामदेव जी नें तंवरों को यह वरदान दिया कि आप लोग किसी के कहने पर मोह के वसीभूत होकर मेरी समाधी फिर खोदना मत ,आपकी हर पीढी में मुझ जैसा पीर होता रहेगा। तंवरों को यह एक वरदान देकर भादवासुदी एकादशी संवत् 1442 को रामदेव जी ने जीवित समाधी ले ली। रामदेव जी के वंशजों की बीसवीं पीढ़ी में श्री भोंमसिंह तंवर गादीपति है।

गुरुवार, 8 सितंबर 2016

रामदेवरा बाबा के दरबार में सप्तमी को रही पैदल जातरुओं के संधों की धूम


रामदेवरा बाबा के दरबार में सप्तमी को रही पैदल जातरुओं के संधों की धूम

रामदेवरा , 8 सितम्बर। भादवा की शुक्ल दूज से प्रारंभ हुए बाबा रामदेवरा मेले के दौरान अब तक लाखों जातरुओं ने बाबा रामसापीर की समाधी के दर्शन लाभ उठाया। लगातार श्रृद्धालुओं का मेले में आना अनेकों पैदलयात्री संघ विभिन्न स्थानों से सप्तमी के दिवस बड़े-बड़े पदयात्री संघों ने गुरुवार को बाबा के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाया व आशीवार्द लिया ।

मेलाधिकारी के.आर.चैहान ने बताया कि मेले में अब बडे-बड़े संघों का आगमन प्रारंभ हो चुका है। मेलार्थियों को पुलिस प्रशासन के पुख्ता प्रबंधन व्यवस्था में सुव्यवस्थित ढंग से लाईनों में खड़ा करके सुविधापूर्वक शांतिमय ढंग से दर्शन करवाए जा रहे है। इन पैदलयात्री संघों में अहमदाबार , गुजरात ,बीकानेर ,जोधपुर श्रीगंगानगर , पाली ,धौलपुर घड़साना ,चुरु तथा बाड़मेर आदि कई स्थानों से भक्तजनों के पैदलयात्री जत्थों के साथ ही बाबा के अनन्य भक्त कनक दण्डवत करते हुए भी बीकानेर ,गंगानगर ,पूगल इत्यादि स्थानों से अनवरत रुप से रामदेवरा पहुंच रहे है। उप अधीक्षक पुलिस नानकसिंह ने बताया कि इस बार पुलिस प्रशासन के बेहतरीन प्रबंधन होने के कारण पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात होने के कारण मेले के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था चाक चैबन्द बनी हुई है। किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई है।

उन्होंने ने बताया कि मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय में कार्यालय सहायक नारायणलाल पालीवाल , वरिष्ठ लिपिक के.के.शर्मा ,पूंजाराम प्रजापत मेले में आने वाले जातरुओं को सुविधापूर्वक दर्शन करवाने बाबत मेलाधिकारी के निर्देशानुसार प्रवेश-पास जारी करने के संबंध में मेला व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान कर अपनी निरंतर उत्कृष्ठ सेवाएं देकर अहम् भूमिका निभा रहे है।

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जन जागृति ट्रस्ट सिरसा -हरियणा के सेवादार

समर्पित भाव से कर रहे है मेले में बेहतरीन सफाई व्यवस्था




रामदेवरा , 8 सितम्बर। बाबा रामदेवरा मेले के दौरान इस बार श्री रामदेव विकास एवं जन जागृति ट्रस्ट सिरसा-हरियाणा के कई सेवादार संपूर्ण मेला क्षेत्र में चारों ओर समर्पित सेवा भावना के साथ ही बेहतरीन ढंग से समुचित साफ-सफाई व्यवस्था कस पुनीत कार्य कर सराहनीय सेवाए दे रहे है। इस बार सफाई के पुख्ता प्रबंध होने से मेला प्रशासन /मेलार्थी इनके इस पुनीत कार्य की काफी सराहना कर रहे है।

ट्रस्ट के अध्यक्ष मोदीराम ने बताया कि मेले में पूरे दिन ट्रस्ट के सेवादार संपूर्ण मेला परिसर में घूम-घूम कर जहां पर गंदगी एकत्र है उसकी पुख्ता सफाई करके कचरे को वहां से उठा कर सफाई व्यवस्था कर रहे है।

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बाबा के मेले में ’’ बरस-बरस रे इन्द्र राजा ’’ व ’’ मीठो-मीठो बोले रे सुहटिया ’’

गीत की सीडी व कैसेटे बड़ी रुचि के साथ खरीद कर रहे है कई मेलार्थी




रामदेवरा , 8 सितम्बर। रुणैचा के मेले में आने वाले कई मेलार्थी बाबा की समाधी के दर्शन करने के बाद मेला भ्रमण कर अपनी-अपनी मन पसन्द की सामग्री की खरीद करने के साथ ही अपने मनोरंजन को लेकर चारों ओर बाजार में दुकानों पर चल रही ’’ बरस-बरस रे इन्द्र राजा और मीठो-मीठो बोल रे सुहटिया ’’ गीत की सीडी/ कैसटों की धूम मच रही है भक्तगण इन सीडी व कैसेटों की बड़ी रुचि के साथ खरीद कर अपने साथ ले जा रहे है। इसके साथ सर्कस का भी अवलोकन कर रहे है।

रामदेवरा ,बाबा के दर्शनार्थ आए श्रृद्धालु संगीत रस से हुए सरोबार

रामदेवरा ,बाबा के दर्शनार्थ आए श्रृद्धालु संगीत रस से हुए सरोबार

रामदेवरा , 8 सितम्बर। बाबा रामदेव के भादवा मेले में दर्शनार्थ देश के कौने-कौने से रामदेवरा पहुंचे मेलार्थियों को दर्शन के साथ ही मनोरंजन का भी पूरा-पूरा लाभ मिल रहा है। मेले में आने वाले श्रृद्धालुओं को निःशुल्क अनेक सुविधाएं मिल रही है। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी कड़ी से कड़ी जुड़ रही है।

बुधवार रात्रि को मेला चैक में गीत एवं नाटक प्रभाग के अधीन मारवाड़ लोक कला मण्डल नागौर के तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया। जिसका शुभारम्भ बाबा रामदेव जी के प्राचीन प्रचलित भजन से हुआ। हाकमखां एवं उनके कलाकारों ने ढ़ौलक ,हाॅरमोनियम ,खड़ताल एवं अन्य वाद्य यंत्रों के माध्यम से मधूर स्वर लहरियों के साथ लोक संगीत एवं नृत्य प्रस्तुती से श्रोताओं को भक्ति रस से सरोबार सा कर दिया।

गायक हाकमखां ने बाबा के भजन मां मन्हें घोड़लियो मंगवा दे , लीले घौड़े रे असवार , लोकगीत बाबो सा खुदाई बावड़ी , पणियारी ,मोर बोले रे आबू रे पहाड़ो में आदि मधूर गीतों की नृत्य प्रस्तुतीयाॅं से श्रोतागण झूम उठे।

कार्यक्रम के मध्य में बाबा की लीलाओं व चमत्कार आधारित भावपूर्ण लोक भजनों में कलाकार रेवंताराम ने बाबा रामदेव जी के कपड़े के घोड़े पर सवार होकर मूर्त स्वरुप में ’’ माॅं मन्हें घोड़लियो मंगवा दे भक्ति गीत पर क्या प्रस्तुत दी कि दर्शक मौहक रुप से झूम उठे। इसी प्रकार मुकेश कलाकार ने मिले‘जुले लोक गीतों एवं दोहों के गायन पर साईकिल व्हील का ऐसा शानदार प्रस्तुतीकरण किया कि दर्शन आश्चर्यचकित हो गये। इस कलाकार ने चकरी को अपने सिर,हाथ एवं पैर घूटने पर बेहद संतुलन बनाए रखते हुए घुमा कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध सा कर दिया।

कार्यक्रम के अंत में गौरबंद प्रसिद्व गीत नायक-‘नायिका की जोड़ी के कार्यक्रम की आकर्षक प्रस्तुती दी। कार्यक्रम को देख कर पंजाब से आए दो युवा कलाकारों ने भी उत्साहित होकर पंजाबी भंगड़ा गीत प्रस्तुत कर वाहावाही लूटी। कार्यक्रम में विशेष रुप से हाकमखां के लोकगीत गायन एवं शौकतखां की ढौलक थाप को दर्शकों ने खूब सराया। खड़ताल पर अहमदखां और झूनझूने पर मूसेखां ने साथ निभाया। कार्यक्रम का सफल संचालन मारवाड़ लोक कला मण्डल के सत्यनारायण शर्मा ने किया तथा विविध सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की।

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जिला कलक्टर शर्मा ने रामदेवरा मेले पहुंच कर मेला प्रशासनिक व्यवस्थाओं का लिया जायजा



जिला कलक्टर शर्मा ने रामदेवरा मेले पहुंच कर मेला प्रशासनिक व्यवस्थाओं का लिया जायजा 

मेलार्थियों को बेहतरीन सुविधाए प्रदान करने के दिए निर्देश


रामदेवरा , 8 सितम्बर। अंतर प्रांतीय बाबा रामदेवरा मेला के अवसर पर गुरुवार भादवासुदी सप्तमी को अपरान्ह बाद रामदेवरा पहुंच कर बाबा रामदेव जी की समाधी के बडे़ श्रृद्धाभावना के साथ दर्शन किए और बाबा से देश-प्रदेश व समस्त जिला वासियों एवं मेलार्थियों के लिए सुख-समृद्धि खुशहाली की मंगल कामना की।

मेले में की गई मेला प्रशासनिक व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होनें उपखण्ड अधिकारी एवं मेला मजिस्ट्रेट के..आर.चैहान से मेले में आने वाले श्रृद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराई जा रही दर्शन व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की एवं उन्हें निर्देश दिए कि वे मेलार्थियों को बेहतरीन ढंग से सुगमतापूर्वक दर्शन कराने की व्यवस्था को जारी रखना सुनिश्चित करेें। उन्हानें मेले में अब तक किये गए क्रियाकलापों के बारे मे मेला कार्यालय में मेला व्यवस्थाओं एवं पुलिस प्रशासन से सम्बद्ध अधिकारीगण की बैठक लेकर उनसे विस्तार से मेलाधिकारी से जानकारी ली।

मेलाधिकारी श्री चैहान ने जिला कलक्टर को मेला व्यवस्थाओं की संपूर्ण जानकारी प्रदान की एवं मेले में लगाए गए सभी पदाधिकारीगण/सहायक मेलाअधिकारीगण पूर्ण रुप से मुस्तैद होकर मेलार्थियों की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए अपनी सेवाएं दे रहे है। मेले में मेला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासनिक व्यवस्था सुचारु रुप से होने के कारण शांतिपूर्ण ढंग से मेला संचालित हो रहा है। जिला कलक्टर ने मेले में लगे सभी अधिकारीगण को पूर्ण गंभीरता के साथ ड्यूटी करने के निर्देश दिए एवं साफ’सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया।

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बुधवार, 7 सितंबर 2016

विख्यात बाबा रामदेवरा मेला अवसर पर भादवसुदी छठ को मेलार्थियों की रही रौनक



विख्यात बाबा रामदेवरा मेला अवसर पर भादवसुदी छठ को मेलार्थियों की रही रौनक

बड़ी श्रृद्धाभावना के साथ रुणैचा पहुंचने लगे पैदयात्रियों के बड़े-बड़े संघ




रामदेवरा 7 सितम्बर । विगत 19 सितम्बर से संचालित किए जा रहे बाबा रामदेव के 632 वें भादवा मेले के अवसर पर भादवासुदी छठ बुधवार को बाबा के भक्तजनों में बाबा मी समाधी के दर्शन करने के प्रति अत्यंत उत्साह दिखाई दिया।

उपखण्ड अधिकारी एवं मेलाधिकारी के.आर.चैहान ,प्रशिक्षु आरएएस एवं सहायक मेलाधिकारी रविन्द्र कुमार चैधरी ,विकास अधिकारी एवं सहायक मेलाधिकारी टीकमाराम चैधरी , तहसीलदार पोकरण एवं सहायक मेलाधिकारी नारायणगिरी ,नाचना उपनिवेशन तहसीलदार एवं सहायक मेलाधिकारी रेवन्ताराम लीलड़ नायब तहसीलदार रामसिंह और भणियांणा नायब तहसीलदार आईदान पंवार ग्रामपंचायत रामदेवरा के ग्रामसेवक रतनसिंह के साथ ही पटवारी रामदेवरा घेवरराम अनवरत रुप से चैकस रह कर पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा के साथ मेलार्थियों के लिए मेला कार्यालय में रह कर बेहतरीन सेवाए प्रदान कर रहे है।

मेलाधिकारी चैहान ने बताया कि मेले में इस बार मेला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के पुख्ता प्रबंधन होने के कारण कानून एवं शांति व्यवस्था बनी हुई है। लाईनों में खड़े जातरुओं को सुगमतापूर्वक सुरक्षापूर्वक दर्शन करवाए जा रहे है। संपूर्ण मेले में 11 सी.सी.टी.वी कैमरे लगाए जाकर मेलाधिकारी कार्यालय एवं पुलिस कंट्रोल रुम में तैनात अधिकारीगण संपूर्ण मेलागतिविधियों पर पूर्ण निगरानी रख रहे है। पुलिस प्रशासन भी मेले में बेहतरीन सेवाए दे रहे है। उन्होनंे बताया कि संपूर्ण मेेला क्षेत्र में सफाई के माकूल प्रबंध किए गए है।

उन्होंने बताया कि मेले के दौरान मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय में कार्यालय सहायक नारायणलाल पालीवाल , वरिष्ठ लिपिक के.के.शर्मा ,पूंजाराम प्रजापत मेले में आने वाले जातरुओं को सुविधापूर्वक दर्शन करवाने बाबत मेलाधिकारी के निर्देशानुसार प्रवेश-पास जारी करने के संबंध में सहायककर्मी कैलाशदान उज्जवल इत्यादि कर्मचारीगण मेला व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान कर अपनी निरंतर उत्कृष्ठ सेवाएं देकर अहम् भूमिका निभा रहे है।

मंगलवार, 6 सितंबर 2016

रामदेवरा भादवाषुक्ला पंचमी को भी रही पैद यात्री संघ मेलार्थियों की आवक जारी



रामदेवरा भादवाषुक्ला पंचमी को भी रही पैद यात्री संघ मेलार्थियों की आवक जारी
बाबा के भक्त आसानी से कर रहे है समाधी के दर्षन

लम्बी ध्वजा के साथ पहुंचा अहमदाबाद व जोधपुर का एक पैदल संघ

रामदेवरा , 6 सितम्बर। पष्चिम राजस्थान के कुम्भ माने जाने वाले रामसापीर के 632 वें भादवा मेले में शुल्क पक्ष की पंचमी को भी बाबा के पैदलयात्री संघ पहुंचने लगे है। मेेले के दौरान भक्तों की आवक जारी रही एवं वे बाबा रामदेव के जयकारे लगाते हुए अपने हाथों में ध्वजाएँ लिए अपनी बारी के अनुरुप ईष्टदेव के दर्षन कर पूजा-अर्चना की एवं प्रसाद चढ़ाया। वहीं पैदल यात्रियों ने भी अपनी कष्ट पीड़ा को भूल कर बड़े उत्साह एवं जोष के साथ बाबा की समाधी के दर्षन के लिए आतूर लग रहे थे एवं समाधी पर धौक देकर अपने आप को धन्य महसूस कर रहे थे। बाबा के भक्तजन रामसापीर की समाधी करने के पष्चात निज मंदिर में स्थित डालीबाई के भी दर्षन किए एवं प्रसाद चढ़ाया और परचाबावड़ी/झूला पालना तथा मेला बाजार का भ्रमण किया तथा अपनी मन पसंद की वस्तुए खरीदी तथा मेले में लगे सर्कस देख रहे है।

मेलाधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी पोकरण के.आर.चैहान ने बताया कि मेले के दौरान यात्रियों को भी सुगमतापूर्वक बेहतर ढंग से दर्षन करवाने की व्यवस्था से वे अपनी बारी के अनुरुप आसानी से अपने ईष्टदेव के दर्षन कर रहे थे। भादवषुक्ला पंचमी को रुणैचा नगरी पहुंचे पदयात्री संघों में जोधपुऱ से 250 ,बाड़मेर से 200 , चुरु से 207 , बीकानेर 400 ,अहमदाबाद-गुजरात से 400 के साथ ही अन्य जिलों के बाबा के भक्तजन अच्छी संख्या में रामदेवरा पहुंचे एवं बाबा की समाधी के दर्षन कर पूजा-अर्चना की एवं प्रसाद चढ़ाया वहीं रामसरोवर में डूबकी भी लगाई। उल्लेखनीय है कि हर वर्ष की भांति इस साल भी 300 श्रृद्धालुओं का पैदल जातरु संघ मोडासा-गुजरात से बड़ी आस्था के साथ 111 फुट लम्बी बाबा की ध्वजा लेकर बाबा के दरबार समाधी के दर्षनार्थ पहुंचा था। प्रति वर्ष की भांति इस मेले में भी सप्तमी से लेकर दषमी तक जोधपुर ,बीकानेर ,श्रीगंगानगर तथा अन्य प्रांतों से भी अच्छी संख्या में पदयात्रियों के जत्थे रुणैचा नगरी पहुंचगें।

विकास अधिकारी एवं सहायक मेलाधिकारी टीकमाराम चैधरी व सहायक मेलाधिकारी एवं तहसीलदार नारायणगिरी ,, नायब तहसीलदार रामसिंह व आईदानसिंह मेला व्यवस्था पर पूरी नजर रखे हुए हैं एव हर गतिविधि की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने मेले क्षेत्र का भ्रमण कर सफाई व अन्य व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। इसके साथ ही मेला मजिस्टेªट कार्यालय में तैनात कार्यालय सहायक नारायणलाल पालीवाल एवं के.के.शर्मा विगत 19 अगस्त से अब तक अनवरत रुप से मेले में आने वाले पैदल यात्रियों के लिए प्रवेष-पास जारी करने का कार्य पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा के साथ सुसम्पादित कर मेलार्थियों को बड़े ही सेवाभावना के साथ सहयोग प्रदान कर रहे है।

गौरतलब है कि इस बार पुलिस प्रषासन द्वारा बेहतरीन ढंग से कानून व्यवस्था पर पूरी निगरानी बरती जा रही थी एवं पुलिस कर्मियों को पूरी मुष्तैदी के साथ सुरक्षा की चैकसी बरतने की हिदायत दी जा रही थी। मेले में अहमदाबाद -गुजरात व जोंधपुर से पैदल आए संघ द्वारा लम्बी रंग-बिरंगी ध्वजा हाथों में लिए बाबे के जयकारे लगा रहे थे। मुख्य मेले में लगी कतारों में खड़े मेलार्थी बाबे की जयघौष के साथ जयकारों से रुणैचा नगरी गुंज उठ रही है।

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स्काउट के 37 बालचर मेले में लम्बी कतारों में खड़े मेलार्थियों के लिए कर रहे बेहतर सेवाएं

रामदेवरा , 6 सितम्बर। बाबा रामदेवरा मेला अवसर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले में आने वाले लाखों मेलार्थियों के लिए निज मंदिर तथा लाईनों में खड़े श्रृद्धालुओं के लिए 37 स्काउट के बालचर/स्वयंसेवी संस्थाओं के सेवादार बड़े ही मनोयोग से बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाईड पोकरण के षिविर संचालक श्री हनुमानसिंह राजपुरोहित ने बताया कि ये स्काउट के बालचर निःस्वार्थ भावना से लम्बी-लम्बी लाईनों में बाबा की समाधी के दर्षनार्थ प्रतीक्षारत खड़े लाखों श्रृद्धालुओं का स्वच्छ मीठा जलपान करवाने के साथ ही भीड़ नियंत्रण करने का कार्य एवं खोया-पाया कार्यो में सहयोग प्रदान कर रहे है।

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बाबा के भक्तजन परचा बावड़ी के पवित्र जल स्पर्ष कर मीटा रहे है कष्टपीड़ाए
रामदेवरा , 6 सितम्बर। जगविख्यात 632 वां भादवा बाबा रामदेवरा के दौरान बाबा रामसा पीर के समाधी के दर्षन करने आने वाले लाखों जातरु रामदेवरा अन्न क्षेत्र के पास स्थित बाबा द्वारा बनाई गई परचा बावड़ी के पवित्र जल शरीर के स्पर्ष कर अपने -आप को धन्य समझ रहे है तथा अपनी पीड़ाए एवं कलेष मिटा रहे है। ये श्रृद्धालूगण बोतले भर कर इस बावड़ी का पुनीत शुद्ध जल अपने साथ ले जा रहे है।

बडी आस्थ के साथ इस बार मेले में कई श्रृद्धालुगण लम्बी-लम्बी दूरी तय कर कनकदण्डवत करते हुए बाबा के दरबार पहुंच रहे है एवं बाबा रामसापीर के दर्षन कर मन्नते मांग रहे है। बिना किसी थकान महसूस किए भक्तजन बड़े ही उत्साहित नजर आ रहे है।

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बाबा रामदेवरा मेले में आए मेलार्थी मेला मैदान में विभिन्न विभागों

द्वारा लगाई गई प्रदर्षनियों का कर रहे है बड़ी रुचि के साथ अवलोकन

रामदेवरा , 06 सितम्बर। अंतर प्रांतीय सुविख्यात बाबा रामदेव जी के मेले में रामदेवरा स्थित मेला चैक में विभिन्न विभागों के माध्यम से राज्य सरकार की विविध विकाय योजनाओं एवं कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित लगाई गई प्रदर्षनियाॅं मेले में कई मेलार्थियों के लिए आकर्षण का केन्द्र साबित हो रही है।

मेले के दौरान जिला सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय जैसलमेर , चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जैसलमेर , आयुर्वेदिक विभाग ,उपभोक्ता क्लब के द्वारा लगाई गई प्रदर्षनियों को मेले में आए कई मेलार्थी बड़ी रुचि के साथ प्रदर्षनी का अवलोकन कर रहे हैं एवं प्रचार सामग्री कर प्राप्त कर रहे है।

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रामसरोवर तालाब लबालब भरा होने के कारण मेलार्थियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पर्याप्त मा़त्रा में
तैनात किए गए है नागरिक सुरक्षाकर्मी/आर.ए.सी के कुषल तैराक एवं जवान

रामदेवरा , 06 सितम्बर। बाबा रामदेवरा मेेले में बाबा रामसापीर द्वारा पूर्व में निर्मित रामसरोवर तालाब के इस बार बरसाती पानी से लबालब भरा होने देखते हुए मेले में आने वाले श्रृद्धालुओं की तालाब में स्नान करते वक्त डूबने की संभावित घटनाओं पर काबू पाने के लिए मेला प्रषासन के माध्यम से रामसरोवर तालाब की पाल पर पर्याप्त मात्रा में आर.ए.सी तथा नागरिक सुरक्षा के कुषल गौताखोर तथा जाबांज जवान तैनात किए गए है।

गौरतलब है कि मेलार्थियों की सुविधा के लिए नागरिक सुरक्षा जैसलमेर के चीफ वार्डन राजेन्द्र अवस्थी के नेतृत्व में 9 स्वयंसेवक चैबोसौं घंटे मोटर बोट के साथ अपनी तैराकी सेवाए प्रदान कर रहे है। तालाब की पाल पर महिलाओं के कपड़े बदलने की सुविधाओं के लिए अंकूर फाईवर सीमेंट की ओर से अस्थाई चैकियाॅं/कैबिन स्थापित किए गए हैं।

रामसरोवर की पाल पर मेलार्थियों की सुविधा के लिए चाईल्ड हैल्प लाईन 1098 द्वारा भी दिन-रात अपनी सेवाएं प्रदान कर सराहनीय सेवाएं प्रदान की जा रही है। इनके माध्यम से बच्चों की मदद के साथ ही मेलार्थियों को स्वच्छता का संदेष प्रदान किया जा रहा है।

आर.ए.सी. जोधपुर के हैड कांस्टेबल भगवानाराम ने बताया कि रामसरोवर तालाब पर चैबीसों घंट आर.ए.सी. के 6 जाबांज सफल तैराक एवं जवान लाईफ जाॅकेट व लाईफबाॅय मय तैनात किए गए है। वे बौट सहित सरोवर में जातरुओं डूबने से बचाने के लिए अपनी उत्कृष्ठ सेवाए प्रदान कर रहे है। इन कुषल तैराकों ने मेले के दौरान विभिन्न प्रदेषों से आए 6-7 लोगों को गहरे पानी में स्नान करते वक्त डूबने बचा कर उन्हें नव जीवन प्रदान किया है। इन जवानों एवं नागरिक सुरक्षाकर्मियों द्वारा रात्रि में नाव में घूम-घूम कर तालाब पर कड़ी गष्त की जा रही है ताकि डूबने की कोई घटना घटित न हो।

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शनिवार, 28 दिसंबर 2013

रामदेवरा विद्यार्थी परिषद् द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान

विद्यार्थी परिषद् द्वारा मतदाता जागरूक ता अभियान 


राणीदान सिंह तंवर

रामदेवरा मतदाता सूचियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान नवमतदाताओं से मतदाता सूचियों में अपने नाम जुड़वाने के लिए प्रचार प्रसार व परिषद् के बारां शहर में आयोजित होने वाले 49वें अधिवेशन को लेकर शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की ओर से गणेश मन्दिर के आगे पोस्टर का विमोचन किया। श्री पोकरण राजपूत सेवा समिति के अध्यक्ष रघुवीसिंह तंवर की अध्यक्षता,भाजपा सांकड़ा मण्डल अध्यक्ष नारायणङ सिंह के मुख्य आतिथ्यि, राणीदान सिंह तंवर,प्रकाशसिंह व जिला सहसंयोजक कंवराजसिंह के विशिष्ट आतिथ्य में पोस्टर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर प्रेमसिंह तंवर,भवानीसिंह सहित क ई गणमान्य लोग उपस्थित थे। नगरमन्त्री राणीदान सिंह तंवर ने कहा कि विद्यार्थी परिषद् द्वारा मतदाता जागरूक ता अभियान में नये मतदाताओं को मतदान के अधिकार के बारे में जागरूक किया जाएगा ।
इस अवसर पर युवा नेता प्रेमसिंह तंवर,भवानीसिंह,आसुसिंह तंवर,स्वरूपचन्द,कोजाराम,हिम्मतसिंह तंवर,राहुलसिंह,सवाईसिंह तंवर सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

मंगलवार, 28 अगस्त 2012

25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन


25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन



रामदेवरा  बाबा रामदेव के रूणिचा धाम में आयोजित प्रथम भादवा रामदेवरा मेला हर्षोल्लास के साथ शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। बाबा की अवतरण तिथि भादवा सुदी द्वितीया 19 अगस्त से भादवा शुक्ला एकादशी - 27 अगस्त सोमवार तक आयोजित मेले में इस बार 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि इस मेले में ग्राम पंचायत रामदेवरा को 62 लाख 49 हजार 982 रुपए की आय अर्जित हुई है।उपखंड अधिकारी पोकरण एवं मेलाधिकार रामदेवरा मेला अशोक चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन एवं मेला प्रशासन द्वारा मेलार्थियों की सुरक्षा, शांति व्यवस्था एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए रामदेवरा मेला अवधि में प्रशासनिक व्यवस्थाएं जुटाई गई है। मेला व्यवस्थाओं के लिए अलग-अलग विभागों द्वारा इस वर्ष मेले से पूर्व पदयात्रियों तथा मेलार्थियों की भारी संख्या में आवक को दृष्टिगत रखते हुए औपचारिक मेला प्रारंभ होने से पूर्व ही आवश्यक व्यवस्थाएं जुटाई गई।देश के कोने कोने से लाखों पदयात्रियों के पहुंचने का अनुमान है। गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी रामदेवरा मेला में सावण शुक्ला बीज से ही पदयात्रियों के जत्थे रामदेवरा पहुंचने प्रारंभ हो गए थे। मेलाधिकार अशोक चौधरी के नेतृत्व में मेले के सफल आयोजन में जिला प्रशासन, मेला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, उप अधीक्षक पुलिस विपिन शर्मा, मेला व्यवस्थाओं के लिए मेलावधि के लिए नियुक्त आर.ए.एस. ओमप्रकाश विश्नोई ,नरेश बुनकर सहायक मेलाधिकारी त्रिलोकचंद, सहायक अभियंता पंचायत समिति सांकड़ा धन्ना राम विश्नोई, चिकित्सा अधिकारियों के साथ ग्रामपंचायत रामदेवरा, रामदेवरा के सरपंच भोमाराम, ग्रामसेवक ताराराम, जिला एवं उपखण्ड मुख्यालय से आए विभिन्न विभागों तथा ग्रामपंचायत रामदेवरा के पदाधिकारियों/कार्मिकों और स्काउट के बालचरों, सूचना केन्द्र प्रभारियों का विशेष योगदान रहा। मेले में इस बार कानून एवं शांति व्यवस्था को सुव्यवस्थित ढंग से संपादित करने में पुलिस प्रशासन एवं आर.ए.सी विभाग के अधिकारियों व कार्मिकों ने अपनी अहम् भूमिका अदा की। मेलाधिकारी चौधरी ने इन समस्त अधिकारी/कर्मचारी से आग्रह किया कि वे आगामी 16 सितम्बर से 26 सितम्बर तक आयोजित होने वाले अगले द्वितीय भादवा मेले में भी इसी तरह से अपनी उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करें।

ग्राम पंचायत रामदेवरा को 62 लाख 49 हजार 982 रुपए की आय

शुक्रवार, 27 मई 2011

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के विभिन्न जिलों से आए डेढ़ सौ से अघिक दर्शनार्थि


रामदेवरा। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के विभिन्न जिलों से आए डेढ़ सौ से अघिक दर्शनार्थियों ने गुरूवार को यहां बाबा रामदेव की समाघि के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। गांव में दिनभर पाक दर्शनार्थियों की चहल पहल बनी रही।
सिंध से आए हिन्द
पाक के सिंध प्रांत में सांगड़, मीरपुर खास, बदीन एवं तड़वादम इलाकों से करीब डेढ़ सौ पाक दर्शनार्थी गुरूवार की सुबह बाबा की समाघि के दर्शन करने रामदेवरा पहुंचे। भारत पाक विभाजन के करीब छह दशक बाद भारत आने की खुशी के कारण उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। सभी परिवारजनों के साथ मिश्री, पताशा का भोग चढ़ाकर दोनों देशों के बीच अमन, चैन व खुशहाली की प्रार्थना की।
 दर्शनार्थियों ने मेला परिसर क्षेत्र से चूड़ी, कंठी, माला व मिट्टी के बर्तनों आदि की जमकर खरीदारी की। सिंध का पहनावा पहने दर्शनार्थी आकर्षण का केन्द्र बने रहे।
पाक में हिन्दुओं की स्थिति बद्तर
सांगड़ जिले से आए किरतोमल, उदाराम एवं चेतनराम ने बताया कि भारत में आकर सुकून मिल रहा है। हमारे पूर्वज यहां रहा करते थे। विभाजन के बाद हम लोग पाक में बस गए। वहां पर तानाशाही के चलते हिन्दू अपने आप को सुरक्षित नहीं पाते है। सैंकड़ों हिन्दू परिवार भारत आकर अपने पूर्वजों से मिलना चाहते हंै, लेकिन पासपोर्ट व वीजा नहीं मिलने के कारण उनकी हसरत पूरी नहीं हो पा रही है। पासपोर्ट व वीजा प्रक्रिया में नरमाई बरती जानी चाहिए, ताकि गरीब तबके के लोग भी भारत आ सके।