जैसलमेर प्रदेश में मंत्री भी सुरक्षित नहीं, कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से चौपट- डॉ सतीश पूनिया
मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था भूल कर अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं- डॉ सतीश पूनिया
केंद्रीय राज्यमंत्री पर पथराव की उच्च स्तरीय जांच हो: डॉ सतीश पूनिया
जैसलमेर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चौधरी की कार तथा काफिले पर हुए पथराव को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इस बात को लेकर राज्य सरकार से मांग की है इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की जाए , क्योंकि पुलिस की तरफ से प्राथमिकी दर्ज करना इस बात का संकेत है कि पुलिस इस घटना की पुष्टि करती है। केंद्रीय राज्य मंत्री अपने लोकसभा क्षेत्र में ही सुरक्षित नहीं है तो सोचो उस प्रदेश की कानून व्यवस्था कैसी होगी? लगता है प्रदेश में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि खुद मुख्यमंत्री गृहमंत्रालय संभाल रहे हैं।
राजस्थान में पिछले 11 महीनों में कानून व्यवस्था पूरी तरीके से अराजक स्थिति में आ गई है। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी अपने लोकसभा क्षेत्र के बायतु में किसी कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे। इस तरीके के जिम्मेदार व्यक्ति अपने क्षेत्र के कार्यक्रमों में जाएंगे, लेकिन यह घटना उनकी सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न खड़े करती है। पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करना, थोड़ी सी फिक्र कर लेना पर्याप्त नहीं है। इस मामले में समस्त सिलसिलेवार जांच हो और दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्यवाही हो।प्रदेश में मंत्री भी सुरक्षित नहीं, कानून व्यवस्था चौपट है। प्रदेश की जनता अपने आपकोअसहाय महसूस कर रही है।मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था भूल कर अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं।
मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था भूल कर अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं- डॉ सतीश पूनिया
केंद्रीय राज्यमंत्री पर पथराव की उच्च स्तरीय जांच हो: डॉ सतीश पूनिया
जैसलमेर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने केंद्रीय राज्यमंत्री कैलाश चौधरी की कार तथा काफिले पर हुए पथराव को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इस बात को लेकर राज्य सरकार से मांग की है इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की जाए , क्योंकि पुलिस की तरफ से प्राथमिकी दर्ज करना इस बात का संकेत है कि पुलिस इस घटना की पुष्टि करती है। केंद्रीय राज्य मंत्री अपने लोकसभा क्षेत्र में ही सुरक्षित नहीं है तो सोचो उस प्रदेश की कानून व्यवस्था कैसी होगी? लगता है प्रदेश में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि खुद मुख्यमंत्री गृहमंत्रालय संभाल रहे हैं।
राजस्थान में पिछले 11 महीनों में कानून व्यवस्था पूरी तरीके से अराजक स्थिति में आ गई है। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी अपने लोकसभा क्षेत्र के बायतु में किसी कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे। इस तरीके के जिम्मेदार व्यक्ति अपने क्षेत्र के कार्यक्रमों में जाएंगे, लेकिन यह घटना उनकी सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न खड़े करती है। पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करना, थोड़ी सी फिक्र कर लेना पर्याप्त नहीं है। इस मामले में समस्त सिलसिलेवार जांच हो और दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्यवाही हो।प्रदेश में मंत्री भी सुरक्षित नहीं, कानून व्यवस्था चौपट है। प्रदेश की जनता अपने आपकोअसहाय महसूस कर रही है।मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था भूल कर अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं।