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शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

प्यार के लिए मिटे और हमेशा के लिए हो गए 'अमर' हीर रांझा

प्रेम कहानी। ……। हीर रांझा

पंजाब के झंग शहर में एक अमीर परिवार में पैदा हुई थी हीर. बला की खूबसूरत. चिनाव नदी के किनारे एक गांव था तख्त हजारा. यहीं रहता था धीदो रांझा. हीर से हो गया उसे प्यार. हीर ने उसे अपने पिता की गाय-भैसें चराने का काम दिया. रांझे की बांसुरी की धुन पर वह लट्टू हो गई और उससे प्यार कर बैठी. दोनों एक-दूसरे से छिप-छिप कर मिलने लगे. फिर हीर की शादी जबरदस्ती सैदा खेड़ा नाम के एक आदमी से करा दी गई.
हीर रांझा
रांझे का दिल टूट गया और वह जोग लेने बाबा गोरखनाथ के प्रसिद्ध डेरे टिल्ला जोगियां चला गया. रांझा भी कान छिदाकर 'अलख निरंजन' का जाप करता पूरे पंजाब में घूमने लगा. आखिर एक दिन वह हीर के ससुराल वाले गांव पहुंच गया. फिर दोनों वापस हीर के गांव पहुंच गए, जहां हीर के मां-पिता ने उन्हें शादी की इजाजत दे दी, लेकिन हीर का चाचा कैदो उन्हें खुश देखकर जलने लगा. शादी के दिन कैदो ने हीर के खाने में जहर मिला दिया. हीर की मौत हो गई. नाकाबिल-ए-बर्दाश्त गम का मारे रांझा ने उसी जहरीले लड्डू को खाकर जान दे दी.