मजदूरों की सुरक्षा प्रबंधो पर खामोश हें राज वेस्ट
बाड़मेर राजवेस्ट पॉवर प्लांट मे 5 मजदुर झुलसे मजदुरो को बाड़मेर और जोधपुर के अस्पतालो मे भर्ती
बाड़मेर जिले मे निजि कंपनियो की लापरवाही थमने का नाम ही नही ले रही है। कुछ दिन पहले ही केयर्न एनर्जी की लापरवाही के चलते तीन मासूमो को अपनी जिदंगी से हाथ धोना पड़ा था। अब ताजा मामला है राजवेस्ट पॉवर प्लांट लिमिटेड का है जहां शनिवार देर रात को कंपनी की लापरवाही के चलते पुरे पांच मजदुर झुलस गये है। अब यह मजदुर जिन्दगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे है आनन-फानन मे इन मजदुरो को इलाज के लिए बाड़मेर अस्पताल लाया गया जहां दोनो की हालात तो गंभीर थी डॉक्टरो ने दो मजदुरो को जोधपुर रेफर कर दिया। जहां अब उनकी बेहद हालत गंभीर बनी हुई है।
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बाड़मेर राजवेस्ट पॉवर प्लांट मे 5 मजदुर झुलसे मजदुरो को बाड़मेर और जोधपुर के अस्पतालो मे भर्ती
बाड़मेर जिले मे निजि कंपनियो की लापरवाही थमने का नाम ही नही ले रही है। कुछ दिन पहले ही केयर्न एनर्जी की लापरवाही के चलते तीन मासूमो को अपनी जिदंगी से हाथ धोना पड़ा था। अब ताजा मामला है राजवेस्ट पॉवर प्लांट लिमिटेड का है जहां शनिवार देर रात को कंपनी की लापरवाही के चलते पुरे पांच मजदुर झुलस गये है। अब यह मजदुर जिन्दगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे है आनन-फानन मे इन मजदुरो को इलाज के लिए बाड़मेर अस्पताल लाया गया जहां दोनो की हालात तो गंभीर थी डॉक्टरो ने दो मजदुरो को जोधपुर रेफर कर दिया। जहां अब उनकी बेहद हालत गंभीर बनी हुई है।
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बाड़मेर सरहदी जिले मे विधुत उत्पादक कंपनी राजवेस्ट पॉवर प्लांट मे रविवार अलसुबह बोयलर के गर्म पानी से पांच मजदुर झुलस गये जिनमे तीन की हालात गंभीर होने से जोधपुर रेफर कर दिया वही दो का उपचार बाड़मेर अस्पताल मे चल रहा है। जानकारी राजवेस्ट पॉवर प्लांट भादरेश मे शनिवार मध्यरात्री के बाद करीब दो बजे बोयलर पाईप मे कचरा आ गया था। जिससे पानी का बहाव रुक गया। पाईप को दुरस्त करने तकनीकी श्रमिक आये उन्होने पाइप को खोल दिया इसी बीच ठेकेदार की लापरवाही से पाइप से 950 डिग्री पर उबला पानी पाइप मे प्रवाहित कर दिया जिससे श्रमिक बुरी तरह झुलस गये । घायल हुए पांच श्रमिको मे से तीन की स्थिति गंभीर होने से उन्हे जोधपुर रेफर किया। शेष दो को बाड़मेर के राजकीय अस्पताल मे उपचार के लिए दाखिल करवाया।
-राजवेस्ट पॉवर प्लॉन्ट कंम्पनी के अधिकारीयो द्वारा पुरे मामले को दबाने के लिए न केवल पुलिस व प्रशासन को इस मामले में अंधेरे में रखा गया है और पुलिस द्वारा एम एल सी रिपोर्ट तक नही करवाई गई साथ ही मामला ज्यादा प्रकाश में नही आये इसलिए ज्यादा झुलसे दो लोगो को चिकित्सालय से प्रार्थना पर डीश्चार्ज करवा दिया गया वही इस मामले में राजकीय चिकित्सालय के पीएमओ हेंमत सिंघल के अनुसार पांच में चार की हालत नाजुक है जिसमें दो ज्यादा झुलसे हुए थे जिसे कंम्पनी के अधिकारी चिकित्सालय से ले गये । जो छुट्टी के लायक नही थे । उन्हे बेहतर इलाज की आवश्यकता थी ।
राजवेस्ट पॉवर लिमिटेड के अधिकारी अब इस मामले मे पर्दा डालने जुट गये है कंपनी का कोई भी अधिकारी मामले मे जानकारी देने को तैयार नही है। प्लांट मे कंपनियो की लापरवाही और ठेकेदारो की गलती से अब तक एक दर्जन से अधिक हादसे हो चुके है। कई मजदुरो को अपनी जिन्दगी से भी हाथ धोना पड़ा। लेकिन हर बार कंपनी के अधिकारी व प्रशासन ऐसी लापरवाही पर पर्दा डाल देता है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है की कंपनी इस तरह की लापरवाही पर दोषी अधिकारीयो के खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में लाने की बजाय पर्दा डालने में जुट जाती है और अब तक कंम्पनी ने किसी तरह की झुलसे मजदुरो को आर्थिक सहायत की घोषणा नही की है। मजदूरों के साथ आये दिन हादसों के बावजूद कम्पनी सुरक्षा प्रबंधो को लेकर खामोश हें। कंपनी के इस लापरवाह रवैये से क्षेत्र की जनता में आक्रोश भड़क रहा हें। अब क्या पुलिस व प्रशासन भी कंपनी पॉवर के आगे इसी तरह अपना मुंह बंद रख खंपनी के खीलाफ किसी तरह की कार्यवाही अमल में नही लाएगी ।
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-राजवेस्ट पॉवर प्लॉन्ट कंम्पनी के अधिकारीयो द्वारा पुरे मामले को दबाने के लिए न केवल पुलिस व प्रशासन को इस मामले में अंधेरे में रखा गया है और पुलिस द्वारा एम एल सी रिपोर्ट तक नही करवाई गई साथ ही मामला ज्यादा प्रकाश में नही आये इसलिए ज्यादा झुलसे दो लोगो को चिकित्सालय से प्रार्थना पर डीश्चार्ज करवा दिया गया वही इस मामले में राजकीय चिकित्सालय के पीएमओ हेंमत सिंघल के अनुसार पांच में चार की हालत नाजुक है जिसमें दो ज्यादा झुलसे हुए थे जिसे कंम्पनी के अधिकारी चिकित्सालय से ले गये । जो छुट्टी के लायक नही थे । उन्हे बेहतर इलाज की आवश्यकता थी ।
राजवेस्ट पॉवर लिमिटेड के अधिकारी अब इस मामले मे पर्दा डालने जुट गये है कंपनी का कोई भी अधिकारी मामले मे जानकारी देने को तैयार नही है। प्लांट मे कंपनियो की लापरवाही और ठेकेदारो की गलती से अब तक एक दर्जन से अधिक हादसे हो चुके है। कई मजदुरो को अपनी जिन्दगी से भी हाथ धोना पड़ा। लेकिन हर बार कंपनी के अधिकारी व प्रशासन ऐसी लापरवाही पर पर्दा डाल देता है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है की कंपनी इस तरह की लापरवाही पर दोषी अधिकारीयो के खिलाफ कोई कार्यवाही अमल में लाने की बजाय पर्दा डालने में जुट जाती है और अब तक कंम्पनी ने किसी तरह की झुलसे मजदुरो को आर्थिक सहायत की घोषणा नही की है। मजदूरों के साथ आये दिन हादसों के बावजूद कम्पनी सुरक्षा प्रबंधो को लेकर खामोश हें। कंपनी के इस लापरवाह रवैये से क्षेत्र की जनता में आक्रोश भड़क रहा हें। अब क्या पुलिस व प्रशासन भी कंपनी पॉवर के आगे इसी तरह अपना मुंह बंद रख खंपनी के खीलाफ किसी तरह की कार्यवाही अमल में नही लाएगी ।
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