जेएनयू एमएमएस कांड एमएमएस लड़की की मर्जी से बनाया गया था
नई दिल्ली। जेएनयू एमएमएस कांड में एक नया खुलासा हुआ है। दरअसल एमएमएस कांड का मुख्य आरोपी जनार्दन कुमार ने दावा किया कि वह निर्दोष है और एमएमएस बनाने में लड़की का भी सहयोग था। एमएमएस लड़की की मर्जी से बनाया गया था।
पुलिस ने बताया कि जनार्दन ने लड़की की सहमती से वीडियो बनाया था। एमएमएस की एक कॉपी लड़की के पास पेन ड्राइव में थी बल्कि दूसरी कॉपी लड़के के पास सीडी में थी। हालांकि लड़की ने यह एमएमएस पेन ड्राइव से डिलीट कर दिया था लेकिन आरोपी ने इसका उपयोग किया।
आरोपी ने यह भी बताया कि एमएमएस उसके एक दोस्त के कम्प्यूटर में सेव थी। अब पुलिस को इस कम्प्यूटर की तलाश है ताकि यह स्पष्ट हो जाए कि जनार्दन जो कहा रहा है उसमें कितनी सच्चई है।उल्लेखनीय है कि जेएनयू के हॉस्टल में रहने वाले स्कूल आफ लेंग्वेज की एक छात्रा और छात्र ने आपसी रजामंदी से पैसा कमाने के लिए यह एमएमएस बनाया था, लेकिन सूत्रों का कहना है सीडी बाजार में बिक्री के लिए रखने से पहले ही एमएमएस बनाने वाले कम्प्यूटर साइंस के एक अन्य छात्र ने अपने दोस्तों को यह एमएमएस भेज दिया, जिसके चलते काफी पहले ही यह भांडा फूट गया। मगर शिकायत नहीं मिलने की दलील देते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले को दबाने के लिए लगा रहा।जब सीडी जेएनयू प्रशासन के हाथ लगी तो उसने अपने स्तर पर जांच शुरू की। जिसमें पाया गया कि आरोपियों ने अश्लील फिल्म तैयार कर उसे इंटरनेट पर अपलोड कर बेचा है। प्रोक्टोरियल रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में कुल तीन छात्रों व एक छात्रा की संलिप्तता पाई गई।