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शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

foto....आयरन फिस्ट गरजा थार, थर्राया पाक



















गरजा थार, थर्राया पाक 




दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर यूं हुई बमवर्षा।

बाड़मेर२३ फरवरी, २०१३ 

चांदनी रात में आतिशी नजारे 

सबसे पहले एएन 32 ने दुश्मन के सपोर्टिंग एरिया पर बम बरसाकर उसे तबाह किया। मिग-21 बायसन ने नीची उड़ान भरकर दुश्मन की इमारतें नष्ट कर दीं। मिग-27 ने मिसाइल व बम दागकर दुश्मन के हैंगर, मिराज ने बंकर तथा सुखोई ने सैन्य क्षेत्र को मिट्टी में मिला दिया।


हरक्युलिस ने हवा में तेल भरने का प्रदर्शन किया।

ये बने गवाह

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री एके एंटोनी, वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउन, राजस्थान की राज्यपाल मारग्रेट आल्वा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह।

भी शौर्य प्रदर्शन के इस विरले मौके के गवाह बने।

कौनसा विमान, कहां से उड़ा

> जैसलमेर से हरक्युलिस

> उत्तरलाई से मिग 21 बायसन व एएन 32 उड़े।

> फलौदी से हेलिकॉप्टर एमआई 17 वी 5 और मिग 29 विमान उड़े।

> भुज से जगुआर ने उड़ान भरी।

> हिंडन ने हरक्युलिस ने उड़ान भरी।

> अगरा, ग्वालियर, जामनगर, बड़ौदा व नाल से भी विमान उड़े।

> पालम से वीवीआईपी विमान से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति आए।

किसने कैसे किया हमला

> मिग-27 लड़ाकू विमान ने पेट्रोलियम ठिकानों को नष्ट किया।

> मिग-21 बायसन ने गन पेट्रोलिंग पोजिशन को धूल चटाई।

> मिराज ने दुश्मन की राडार प्रणाली को मिसाइलें दागकर नष्ट किया।

> सुखोई-30 ने मिसाइल व बम डालकर दुश्मन की हवाई पट्टी ध्वस्त की।

> जगुआर ने बम से दुश्मन के बंकर तबाह किए।

> सुखोई 30 ने रिहायशी इलाकों में दुश्मन को सहायता पहुंचाने वाले ठिकाने उड़ाए।

सुखोई-३० ने बरसाए बम

चांधन फायरिंग रेंज में वायुसेना का युद्धाभ्यास

आयरन फिस्ट

चांधन फील्ड फायरिंग रेंज

भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों व हेलिकॉप्टरों ने शुक्रवार को एशिया की सबसे बड़ी फायरिंग रेंज पोकरण में दुश्मन का दिल दहला देने वाली मारक क्षमता का प्रदर्शन किया। दुश्मन को 'फौलादी मुक्का' दिखाने की तर्ज पर वायुसेना के जांबाज पायलटों ने एक के बाद एक जैसे ही दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नेस्तनाबूद करना शुरू किया, फायरिंग रेंज से लगभग सवा सौ किलोमीटर दूर सीमा पार बैठे पाकिस्तान के सैन्यकर्मियों का दिल दहल उठा। वायुसेना की इस सबसे बड़ी एक्सरसाइज में वायुसेना के लगभग सभी विमान शामिल हुए और हर एक विमान और उन्हें उड़ाने वाले पायलट्स ने अपनी जबर्दस्त मारक क्षमता दिखाई।

विमानों की अठखेलियां व करतब

फायरिंग रेंज में साढ़े तीन बजे बाद राष्ट्रपति के पहुंचते ही वायुसेना के विमानों की अठखेलियां शुरू हो गईं। मानव रहित विमान ने फायरिंग रेंज की टोह ली और लाइव प्रसारण शुरू किया। एमआई-8 हेलिकॉप्टर ने तिरंगा व मिग-27 ने आयरन फीस्ट का बैनर हवा में लहराया। विंटेज विमान टाइगर मोथ व ट्रेनर विमान पिलेट्स मार्क-2 ने हवा में कलाबाजियां दिखाई। मिग-29 ने आवाज की गति के बैरियर को तोड़कर 'सोनिक बूम' बनाया। लड़ाकू विमानों ने मिक्स फ्लाइ पास्ट किया। इसके बाद जगुआर, मिग-27, मिग-29, मिग-21 बायसन ने फ्लाइ पास्ट किया। अंग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई ने त्रिशूल फोर्मेशन बनाई। हेलिकॉप्टरों ने सामूहिक फ्लाइ पास्ट शुरू किया। स्वदेश निर्मित ध्रुव हेलिकॉप्टर की सारंग टीम ने प्रदर्शन दिखाए।

'आयरन बम' की गूंज

हवाई कतरबत पूरे होने के बाद फायरिंग रेंज के आसमां पर लड़ाकू विमान मंडराने शुरू हो गए। सबसे पहले शमशेर यानी जगुआर व मिराज ने दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर लेजर गाइडेड बम दागने शुरू किए। मिग-21 बायसन, सुखोई-30 एमकेआई ने आयरन बम डालकर आवरण फैला दिया। मिग-27 ने व्हीकल कोन्वेसी, सुखोई व जगुआर ने भी दुश्मन के ऐे ही वाहन धूल में मिलाए। इन विमानों ने आयरन बम से कलस्टर फायर किए। यानी एक ही बम से कई बम निकले और दुश्मन को धूल चटा दी।

तेजस ने बरसाई हर तरफ तबाही

सूर्यास्त होने के साथ ही दुश्मन के ठिकानों पर पूरी तरह से तबाही बरसने लगी। मिग-21 बायसन ने दुश्मन के आयुध डिपो को नेस्तनाबूद कर दिया। स्वदेश निर्मित एलसीए तेजस ने पहली बार दुश्मन के कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम को मिसाइल दागकर नष्ट किया। अटैक हेलिकॉप्टर एमआई-25 व एमआई-35 ने दुश्मन के घर में घुसकर जबर्दस्त हमला किया। हॉक्स विमान ने फायरिंग से दुश्मन को दहला दिया।

दिखा कमांडो का गरुड़

विमानों के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद हेलिकॉप्टर में आए कमांडो ने आतंकी हमले से निपटने की कला बताई। वायुसेना के गरुड़ कमांडो के साथ एनएसजी ने मुंबई हमले की तर्ज पर हुए हमले को नाकाम किया। इस दौरान पहली बार सी-130 जे हरक्युलिस मालवाहक विमान ने युद्ध क्षेत्र में लैडिंग कर सभी को चौंका दिया।

विमानों व हेलिकॉप्टर का डिस्प्ले

वार गेम में एयरफोर्स की कमांडो टीम गरुड़ को पैराशूट से उतारा गया। इस दौरान एयरोबेटिक्स सारंग टीम ने हवाई करतब दिखाए, तो सुखोई ने भी वर्टिकल चार्ली व त्रिशूल दिखाया। आकाश गंगा टीम भी हरक्युलिस विमान से सीधे रण क्षेत्र में उतारी गई।








मंगलवार, 19 फ़रवरी 2013

दुनिया देखेगी वायुसेना की ताकत व क्षमता



दुनिया देखेगी वायुसेना की ताकत व क्षमता


आयरन फीस्ट में प्रतिद्वंद्वी देश देखेंगे एयरफोर्स की ताकत व रण कौशल 


 जैसलमेर   पश्चिमी मोर्चे के समीप पोकरण स्थित चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में 22 फरवरी को होने वाले वॉर गेम 'आयरन फीस्ट' में भारतीय वायुसेना प्रतिद्वंद्वी पड़ोसी देश चीन व पाकिस्तान को अपनी हवाई ताकत दिखाएगी।'आयरन फीस्ट' यानी 'फौलादी मुक्का' में भारत तीन साल में बढ़ी हवाई ताकत का प्रदर्शन कर एशिया में अपनी धाक जमाने का सार्थक प्रयास करेगा। वहीं इसमें वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों व योद्धाओं की क्षमता परखेगी। 'आयरन फीस्ट' के बाद 'लाइव वायर' में समूची वायुसेना अपनी स्थापना के 80 वें साल में एकीकृत रूप से ताकत दिखाएगी। 

युद्धाभ्यास का मकसद

: पड़ोसी देश व दुनिया को फोर्स की ताकत दिखाना।

: कूटनीतिक संदेश देना।

: फोर्स का हर स्तर पर समय के साथ समन्वय।

: हथियारों की क्षमता परखना।

: जवानों व अफसरों का युद्धक प्रशिक्षण परखना।

: युद्ध की स्थिति में तीनों सेनाओं में समन्वय।

हर फोर्स का अलग युद्धाभ्यास

: थलसेना में यूनिट से कमान लेवल तक युद्धाभ्यास होता है

: वायुसेना में विंग से कमान स्तर तक युद्धाभ्यास

: नौसेना में कमान स्तर पर होता है युद्धाभ्यास

बड़े स्तर के युद्धाभ्यास की सूचना

थलसेना जब यूनिट से डिवीजन स्तर का युद्धाभ्यास करती है तो इस बारे में पड़ोसी देशों को बताना जरूरी नहीं है। कोर व कमान स्तर का युद्धाभ्यास होने पर पड़ोसी देशों को बताना जरूरी होता है। वायुसेना व नौसेना भी कमान लेवल के युद्धाभ्यास की जानकारी पड़ोसी मुल्क को देते हैं।

कागज से काल्पनिक रणक्षेत्र

थलसेना कमान लेवल से बड़े स्तर पर मैदान में काल्पनिक युद्ध नहीं लड़ती है। साल में एक बार थलसेना प्रमुख सभी कमान व कोर कमांडर को किसी स्थान पर बुलाते हैं। वहां वॉर रूम में युद्ध पर मंथन होता है। कागजों पर उकेरी गई रणनीति की फौज काल्पनिक रणक्षेत्र में आजमाइश करती है। नौसेना व वायुसेना भी ऐसा ही करती हैं। मित्र देशों के साथ संयुक्त रूप से युद्धाभ्यास कर तकनीक व युद्ध के तरीकों का आदान-प्रदान करते हैं।

थार में ही 'मैदान-ए-जंग'

देश में तीनों सशस्त्र सेनाओं के करीब 60 फायरिंग रेंज हैं, लेकिन पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज जितनी बड़ी जगह कहीं नहीं है। यही कारण है कि थलसेना व वायुसेना को हर स्तर के युद्धाभ्यास के लिए यहीं आना पड़ता है। पिछले साल नौसेना ने भी अपने कमांडो के साथ यहां युद्धाभ्यास किया था।

शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

बनेंगे ‘आयरन फीस्ट’ का साक्षी, पहली बार सीधे रणक्षेत्र पहुंचेंगे राष्ट्रपति


बनेंगे ‘आयरन फीस्ट’ का साक्षी, पहली बार सीधे रणक्षेत्र पहुंचेंगे राष्ट्रपति


जैसलमेर एयरफोर्स के तीन साल बाद होने वाले युद्धाभ्यास  ‘आयरन फीस्ट’ का साक्षी बनने के लिए सुप्रीम कमांडर प्रणब मुखर्जी पहली बार सीधे रणक्षेत्र में पहुंचेंगे। इसके लिए चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में चार किमी लंबी हवाई पट्टी बनाई गई है।
 
अब तक सुप्रीम कमांडर या अन्य वीवीआईपी विशेष विमान से सीधे जैसलमेर हवाई पट्टी पर उतरा करते थे और वहां से हेलिकॉप्टर में फायरिंग रेंज पहुंचते थे।  राष्ट्रपति के अलावा रक्षा मंत्री एके एंटनी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन सहित कई राष्ट्रों के रक्षा मंत्री व विशेषज्ञ भी सीधे विमान से वहां पहुंचेंगे। विशेष विमान यहां लैंडिंग के बाद वीवीआईपी को छोड़कर जैसलमेर एयरबेस पर लैंड करेंगे। 
 
‘तेजस’ का तय होगा भविष्य :
 
आयरन फीस्ट’ के दौरान पहली बार स्वदेशी लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए) ‘तेजस’ पूरी क्षमता के दौरान अचूक निशाने साधेगा। यह विमान 500 किलो तक का बम और मिसाइल ले जा सकता है। इसमें छह मिसाइल व कई बम लोड हो सकते हैं। यह दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर निशाना साधेगा। इस आधार पर इस विमान का भविष्य तय होगा। 
 
इसके बाद विमान को दूसरी ऑपरेशनल क्लियरेंस मिलेगी। इसके बाद ही हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू करेगा। 
 
छह घंटे रहेंगे युद्ध के मैदान में :
 
राष्ट्रपति दिल्ली से रवाना होकर दोपहर साढ़े तीन बजे बजे चांधन पहुंचेंगे। यहां पर वे डे डस्क और नाइट यानी दिन, शाम के धुंधलके व रात में वायुसेना का रण कौशल देखेंगे। इसके बाद वे रात करीब दस बजे दिल्ली के लिए उड़ान  भरेंगे। उनकी यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। एयरफोर्स के अलावा स्थानीय प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू की हैं। 
 
 
मुख्य सचिव ने की समीक्षा 
 
जयपुरत्नराष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दौरे की तैयारियों के लिए शुक्रवार को मुख्य सचिव सी.के. मैथ्यू ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। मुखर्जी सेना के एक अभ्यास कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। बैठक में जोधपुर रेंज के सेना अधिकारियों के अलावा सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, जोधपुर के संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, एसपी समेत विभिन्न विभागों के सचिव व अन्य अधिकारी मौजूद थे। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से तैयारियों की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए।