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सोमवार, 27 जनवरी 2014

शुरू हुआ जल चेतना का महा अभियान

शुरू हुआ जल चेतना का महा अभियान

जनप्रतिनिधि और अधिकारी लेगे शपथ , 20 हजार विधार्थी जुड़ेगे इस महाअभियान से



बाड़मेर सोमवार की रोज जिले में जल चेतना के सबसे बड़े चेतना अभियान की शुरुवात की गई। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और सीसीडीयू की आईईसी इकाई, केयर्न एनर्जी और धारा संस्था के संयुक्त तत्वाधान में "प्रोमिस फॉर फ्यूचर" नामक महाअभियान की शुरुवात जिला प्रमुख मदन कौर ने एक सादे समारोह में इस अभियान के पोस्टर का विमाचन कर की । इस मोके पर उन्होंने कहा कि देशवासियों को वर्षभर भरपूर पेयजल उपलब्ध कराने और कृषि उत्पादन में जल की आवश्यकता पर पूर्ण नियंत्रण पाने हेतु हमें पानी की वही प्राचीन तकनीक और जलप्रबंधन पर लौटना होगा जो हमारी संस्कृति और परम्पराओं में सदियों से रची-बसी रही है दुर्भाग्य से आधुनिक जीवनशैली ने हमें पानी बचाने में नहीं बर्बाद करने में निपुण बनाया है। आईए, मानसून के पानी को यूं ही बहकर न जाने दें, इसे कल के लिये बांध लें ताकि हम विकास और प्रगति के सुप्रतिष्ठित प्रतिमान रच सकें।
सीसीडीयू के आईईसी कंसल्टेंट अशोक सिंह राजपुरोहित ने बताया कि यह कार्यक्रम जिले में पानी को लेकर आयोजित हुए सभी जन चेतना कार्यक्रमो से प्रभावी और व्यापक होगा। इस कार्यक्रम को अभियान के तोर पर चलाया जायेगा। इस अभियान के अंतर्गत जिले के जनप्रतिनिधियो , कॉलेज और स्कुल के विधार्थियो को पानी पर बचत का प्रण दिलाया जायेगा साथ ही जिले से तक़रीबन बीस हजार शपथ पत्र राज्य की मुखिया के नाम लिखाये जाएंगे जिनमे हर कोई इस बात की शपथ लेगा की वह भविष्य में कभी भी पानी का अपव्यय नही करेगे और अगर कोई ऐसा करता हुआ उन्हें दीखता है तो वह उसे भी पानी कि एक एक बूंद की महता को बताएँगे। राजपुरोहित ने बताया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और सीसीडीयू की आईईसी इकाई, केयर्न एनर्जी और धारा संस्था के संयुक्त तत्वाधान में आगामी 6 महीने तक चलने वाले इस अभियान को कई आयोजनो से जोड़ा जायेगा। इस अवशर पर केयर्न इंडिया के सहायक प्रबंधक डाक्टर उमाशंकर दिवेदी ने कहा कि मानसूनी वर्षा पर अभी भी हमारी कृषि और पेयजल का आधे से अधिक भाग निर्भर है। हमारे लिये यह भी कम संतोषजनक नहीं है कि हम वर्षा के रूप में सालभर में लगभग 4000 अरब घनमीटर पानी प्राप्त करते है। इसमें से पानी का बड़ा भाग भाप बनकर भी उड़ता है और बाकी नदियों, तालाबों, पोखरों, कुंओं और तालाबों में समा जाता है ऐसे में आज पानी को बचाना सबसे बड़ी जरूरत हे. धारा संस्था के महेश पनपालिया ने बताया कि इस ख़ास अभियान को उन प्रमुख दिवसो से जायेगा जिसमे जनमानस खुद को ह्रदय से शामिल करता हे उन्होंने कहा कि वर्षों से वर्षा हमारी पेयजल, सिंचाई और औद्योगिक आवश्यकताओं की पूर्ति करती आई है पर जब कभी मानसून या मौसम दगा दे जाता है तो आमजीवन की समस्याऐं कहीं अधिक जटिल बन जाती हैं। और इस बात का सन्देश जिले भर में आगामी दिनों में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और सीसीडीयू की आईईसी इकाई, केयर्न एनर्जी और धारा संस्था के संयुक्त तत्वाधान में "प्रोमिस फॉर फ्यूचर" नामक महाअभियान देता नजर आएगा। इस अभियान के पोस्टर विमोचन समारोह में धारा संसथान के कार्यक्रम प्रबंधक सतयनारायण मूंढ , इन्वेस्ट मित्र के प्रबंधक अरविन्द खत्री और प्रवीण बोथरा मौजूद थे।