जैसलमेर ,सरहद पर कोरोना से जंग के दो योद्धा ,जिनकी बदौलत जैसलमेर में संक्रमण नहीं फैला
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बारूपाल और पी एम् ओ डॉ बुनकर
जैसलमेर सरहदी जैसलमेर जिले में कोरोना संक्रमण काल के प्रारंभिक दौर में परमाणु नगरी पोकरण में तब्लीग जमात के सदस्यों द्वारा कोरोना संक्रमण फैलाव जैसलमेर को बहुत बुरी तरह से प्रभावित कर सकता था ,तो राजस्थान में सबसे पहले कोरोना केस इटली के दम्पति की ट्रेवल हिस्ट्री में जैसलमेर भी शामिल था ,उस प्रारंभिक दौर में जिला कलेक्टर नमित मेहता के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियो मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भूपेंद्र कुमार बारूपाल और प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बी ेल बुनकर ने जिस तरह से निष्ठां के साथ मोर्चा संभाला और समझदारी दिखाई उसी का नतीजा हे की जैसलमेर में फैलाव नहीं हुआ , पोकरण के 35 पॉजिटिव मरीजों के बाद जैसलमेर में कोरोना का कहर थम गया था ,मगर बाद में प्रवासियों के आने से एक बार फिर संक्रमितों का दौर चला ,मगर नियन्त्र में उसका मुख्य कारन ये दो अधिकारी
डॉ भूपेंद्र कुमार बारूपाल ,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जैसलमेर
इटली के पॉजिटिव नागरिको की हिस्ट्री खंगालने के साथ जैसलमेर में कोरोना संक्रमण का दौर शुरू हुआ था ,इस मोर्चे की कमान स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बारूपाल के पास थी ,डॉ बारूपाल ने कड़ी मेहनत ,लग्न और निष्ठां के साथ अपने अधीनस्थ कार्मिको लेकर जैसलमेर में कोरोना सरंक्षण की बेहतरीन व्यूह रचना बनाई , पोकरण में पहला पॉजिटिव केस आने के बाद जिस तरह से संदिग्धों को उससे संक्रमण का फैला रुक गया , चंद दिनों में पेंतीस पॉजिटिव से शून्य पर लाने का श्रेय बारूपाल को हैं ,इन्होने अपने अनुभवी मातहत कार्मिको और अधिकारियो का कोरोना काल में बेहतर उपयोग कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की ,क्वरेन्टीन केन्द्रो और होम आईसोलेशन केन्द्रो सहित कोविड केयर सेंट्रो का नियमित निरीक्षण ,सुचारु व्यवस्थाऐं कर कोरोना लड़ने को हथियार बनाया , इस वक़्त ,जैसलमेर74 कोरोना पॉजिटिव केस हैं जिनमे 69 कोरोना पॉजिटिव ठीक होकर अपने घरो को जा चुके हैं ,इसके साथ ही जैसलमेर में सर्वाधिक सेम्पलिंग 6 हजार 540 इसका प्रमुख कारन रहा , सैंपलिंग में जैसलमेर राज्य भर में पांचवे स्थान पर हैं ,ज्यादा सैंपलिंग से कोरोना संक्रमण के फैलाव का अंदेशा कम हो गया , चार हजार से अधिक लोगों को होम क्वरेन्टीन करना सकारात्मक पहलु रहा ,डॉ बारूपाल की मेहनत ,लग्न और निष्ठा के साथ कर्तव्य परायणता के कारन जैसलमेर कोरोना मुक्त होने की और अग्रसर हैं ,
डॉ बी एल बुनकर ,प्रमुख चिकित्सा अधिकारी जैसलमेर
इटली के दम्पति की ट्रेवल हिस्ट्री में जैसलमेर आने के बाद से शुरू हुई कोरोना की जंग के मुख्य सिपाही के रूप में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एल बुनकर की अहम रही ,जिले के सबसे बड़े जवाहर चिकित्सालय में आइसोलेसन वार्ड की स्थापना के साथ इस वार्ड में अनुभवी चिकित्षक के साथ योग्यतम मेडिकल टीम वार्ड में लगाना चुनौतीपूर्ण कार्य था ,मगर बुनकर ने न केवल बेहतरीन टीम का संयोजन किया बल्कि जैसलमेर से सैंपलिंग ,स्क्रीनिंग ,सर्वे आदि का कार्य भी बहुत सलीके से करवाकर कोरोना जंग में महती भूमिका निभाई ,बुनकर के लिए कोरोना संक्रमण काल में चौबीस घंटे ड्यूटी रहती ,कोरोना सक्रमण के प्रारंभिक काल में उच्च अधिकारियो और निदेशालय से लगातार टीमों का निरीक्षण में आने से रात भर उन्हें जागना पड़ा ,जिला कलेक्टर नमित मेहता खुद दर्जनों बार मध्य रात्रि को अस्पताल और आईसोलेशन वार्ड का पहुंचे ,जैसलमेर में बुनकर के पास डॉ रेवंताराम ,डॉ दामोदर खत्री ,जैसे डॉ की टीम थी ,जो बुनकर के नेतृत्व में सेवाभाव से कार्य कर रही हैं ,क्वरेन्टीन केन्द्रो की स्थापना ,होम आइसोलेसन के निरीक्षण ,इनके लिए खाने ,पीने के प्रबंध करना टेड़ा काम था मगर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर सेवाएं दे चुके अनुभवी डॉ बुनकर कोरोना को हारने के लिए एक जांबाज़ सिपाही की तरह डटे हैं ,जिला कलेक्टर सहित मुख्यमंत्री तक बेहतर प्रबंधों की तारीफ की,डॉ बुनकर की कर्तव्य परायणता ,निष्ठां ,लगन और ज़ज़्बे को सलाम ,
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बारूपाल और पी एम् ओ डॉ बुनकर
जैसलमेर सरहदी जैसलमेर जिले में कोरोना संक्रमण काल के प्रारंभिक दौर में परमाणु नगरी पोकरण में तब्लीग जमात के सदस्यों द्वारा कोरोना संक्रमण फैलाव जैसलमेर को बहुत बुरी तरह से प्रभावित कर सकता था ,तो राजस्थान में सबसे पहले कोरोना केस इटली के दम्पति की ट्रेवल हिस्ट्री में जैसलमेर भी शामिल था ,उस प्रारंभिक दौर में जिला कलेक्टर नमित मेहता के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियो मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भूपेंद्र कुमार बारूपाल और प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बी ेल बुनकर ने जिस तरह से निष्ठां के साथ मोर्चा संभाला और समझदारी दिखाई उसी का नतीजा हे की जैसलमेर में फैलाव नहीं हुआ , पोकरण के 35 पॉजिटिव मरीजों के बाद जैसलमेर में कोरोना का कहर थम गया था ,मगर बाद में प्रवासियों के आने से एक बार फिर संक्रमितों का दौर चला ,मगर नियन्त्र में उसका मुख्य कारन ये दो अधिकारी
डॉ भूपेंद्र कुमार बारूपाल ,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जैसलमेर
इटली के पॉजिटिव नागरिको की हिस्ट्री खंगालने के साथ जैसलमेर में कोरोना संक्रमण का दौर शुरू हुआ था ,इस मोर्चे की कमान स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बारूपाल के पास थी ,डॉ बारूपाल ने कड़ी मेहनत ,लग्न और निष्ठां के साथ अपने अधीनस्थ कार्मिको लेकर जैसलमेर में कोरोना सरंक्षण की बेहतरीन व्यूह रचना बनाई , पोकरण में पहला पॉजिटिव केस आने के बाद जिस तरह से संदिग्धों को उससे संक्रमण का फैला रुक गया , चंद दिनों में पेंतीस पॉजिटिव से शून्य पर लाने का श्रेय बारूपाल को हैं ,इन्होने अपने अनुभवी मातहत कार्मिको और अधिकारियो का कोरोना काल में बेहतर उपयोग कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की ,क्वरेन्टीन केन्द्रो और होम आईसोलेशन केन्द्रो सहित कोविड केयर सेंट्रो का नियमित निरीक्षण ,सुचारु व्यवस्थाऐं कर कोरोना लड़ने को हथियार बनाया , इस वक़्त ,जैसलमेर74 कोरोना पॉजिटिव केस हैं जिनमे 69 कोरोना पॉजिटिव ठीक होकर अपने घरो को जा चुके हैं ,इसके साथ ही जैसलमेर में सर्वाधिक सेम्पलिंग 6 हजार 540 इसका प्रमुख कारन रहा , सैंपलिंग में जैसलमेर राज्य भर में पांचवे स्थान पर हैं ,ज्यादा सैंपलिंग से कोरोना संक्रमण के फैलाव का अंदेशा कम हो गया , चार हजार से अधिक लोगों को होम क्वरेन्टीन करना सकारात्मक पहलु रहा ,डॉ बारूपाल की मेहनत ,लग्न और निष्ठा के साथ कर्तव्य परायणता के कारन जैसलमेर कोरोना मुक्त होने की और अग्रसर हैं ,
डॉ बी एल बुनकर ,प्रमुख चिकित्सा अधिकारी जैसलमेर
इटली के दम्पति की ट्रेवल हिस्ट्री में जैसलमेर आने के बाद से शुरू हुई कोरोना की जंग के मुख्य सिपाही के रूप में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एल बुनकर की अहम रही ,जिले के सबसे बड़े जवाहर चिकित्सालय में आइसोलेसन वार्ड की स्थापना के साथ इस वार्ड में अनुभवी चिकित्षक के साथ योग्यतम मेडिकल टीम वार्ड में लगाना चुनौतीपूर्ण कार्य था ,मगर बुनकर ने न केवल बेहतरीन टीम का संयोजन किया बल्कि जैसलमेर से सैंपलिंग ,स्क्रीनिंग ,सर्वे आदि का कार्य भी बहुत सलीके से करवाकर कोरोना जंग में महती भूमिका निभाई ,बुनकर के लिए कोरोना संक्रमण काल में चौबीस घंटे ड्यूटी रहती ,कोरोना सक्रमण के प्रारंभिक काल में उच्च अधिकारियो और निदेशालय से लगातार टीमों का निरीक्षण में आने से रात भर उन्हें जागना पड़ा ,जिला कलेक्टर नमित मेहता खुद दर्जनों बार मध्य रात्रि को अस्पताल और आईसोलेशन वार्ड का पहुंचे ,जैसलमेर में बुनकर के पास डॉ रेवंताराम ,डॉ दामोदर खत्री ,जैसे डॉ की टीम थी ,जो बुनकर के नेतृत्व में सेवाभाव से कार्य कर रही हैं ,क्वरेन्टीन केन्द्रो की स्थापना ,होम आइसोलेसन के निरीक्षण ,इनके लिए खाने ,पीने के प्रबंध करना टेड़ा काम था मगर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर सेवाएं दे चुके अनुभवी डॉ बुनकर कोरोना को हारने के लिए एक जांबाज़ सिपाही की तरह डटे हैं ,जिला कलेक्टर सहित मुख्यमंत्री तक बेहतर प्रबंधों की तारीफ की,डॉ बुनकर की कर्तव्य परायणता ,निष्ठां ,लगन और ज़ज़्बे को सलाम ,
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