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रविवार, 9 फ़रवरी 2014

बड़ी खबर। …… तालिबान , सिंध प्रान्त से हिन्दुओ को खदेड़ रहे भारत, थार एक्सप्रेस बनी जरिया



बड़ी खबर। …… तालिबान , सिंध प्रान्त से हिन्दुओ को  खदेड़ रहे भारत, थार एक्सप्रेस बनी जरिया


चन्दन सिंह भाटी

बाड़मेर पश्चिमी राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले के ठीक सामने स्थित पाकिस्तान की सीमा पर बसे सिंध प्रान्त से हिन्दुओ का पलायन जारी हें। सिंध प्रान्त के कई हिन्दू बाहुल्य गाँव आज हिन्दू विहीन हो गए वाही कई गाँवों के लोग पलायन कि तयारी में जूट हें। सिंध प्रान्त से हिन्दुओ को खदेड़ने में पाकिस्तान सरकार और तालिबानी अपने मकसद में कामयाब हो रहे हें। साथ ही सिंध प्रान्त से हिन्दुओ के पलायन के प्रथम चरण के बाद पश्चिमी राजस्थान कि सीमा पर तालिबान और आई एस आई अपनी गतिविधिया ना केवल बढ़ने वाले हें बल्कि इस सरहद को भारत विरोधी गतिविधियो का केंद्र बनाने कि योजना हें


खुफिया विभाग के सूत्रो ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि आम तौर पर बाड़मेर जिले कि सरहद मुनाबाव से पाकिस्तान के खोखरापार के मध्य चलने वाली थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान से आने वाले जज़ारो परिवार भारत आकर बस गए वो पाकिस्तान नहीं लौट रहे। यह सभी पाक नागरिक सिंध प्रान्त के हें इनमे से अधिकांस रहिमयारखां जिले के हिन्दू हें। सूत्रानुसार पाकिस्तान सरकार सिंध प्रान्त कि आज़ादी के लिए जिए सिंध और एम् क्यों एम् द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन को कुचलने के लिए तालिबान और आई एएस आई कि मदद से सिंध प्रान्त से सोची समझी रणनीति के तहत हिन्दू विहीन करने में जूट हें ,इस योजना में पाकिस्तान कामयाब हो रहा हें वाही भारत सरकार पाकिस्तान के मंसूबो को समझने में नाकाम रही हें। भारत सरकार पाकिस्तान से पलायन कर आ रहे हिन्दुओ को पनाह दे रही हें ,


सुरक्षा एजेंसियो कि माने तो गत दो सालो में थार एक्सप्रेस से कोई पेंतालीस हज़ार यात्री भारत आये जिसमे से करीब छह हज़ार हिन्दू पाक नागरिक वापस पाकिस्तान नहीं लौटे। पाकिस्तान से तअलीबर और आई एस आई के सताए हिन्दू परिवार वापस लौटना नहीं चाहते। जिसके चलते हिन्दू परिवार पश्चिमी राजस्थान में स्थायी रूप से बस गए ,बाड़मेर जिले में कोई सेकड़ो परिवार पिछले चार सालो में आकर पाक हिन्दू परिवार अवैध रूप से बस गए हें। इन लोगो ने यहाँ आकर अपने वोटर आई कार्ड और राशन कार्ड तक बना लिए।


तालिबानी लडके येन केन प्रकरण सिंध प्रान्त को हिन्दुओ से मुक्त करना चाहते हें। क्यूंकि उनके मूवमेंट में हिन्दू बाधक बन रहे हें। तालिबान से सोची समझी रणनीति के तहत सिंध से हिन्दुओ को खदेड़ भारत भेजना शुरू कर दिया। सिंध प्रान्त के सांगड तालुका से अधिकांस हिन्दू परिवार अपना सब कुछ छोड़ कर भारत आ चुके हें। थार एक्सप्रेस के प्रत्येक फेरे में पाकिस्तान से पलायन कर भारत आने वाले हिन्दू परिवारो का सिलसिला जारी हें।


खुफिया एजेंसियो का मानना हें कि भारत सरकार को हिन्दुओ के इस पलायन को गम्भीरता से लेना चाहिए। हिन्दू सिंध में हें तब तक पश्चिमी राजस्थान कि सरहद तालिबानियों से सुरक्षित हें। सिंध हिन्दू विहीन हो गया तो तालिबान अपने नापाक इरादो में कामयाब हो जायेगा। आने वाले दस सालो में तालिबान कि भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बिंदु पश्चिमी राजस्थान कि सरहद होगी।

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सोमवार, 19 अगस्त 2013

पाकिस्तान के हिन्दू बाहुल्य सिंध प्रान्त में राखी की धूम





सभी फाइल फोटो 


पाकिस्तान के हिन्दू बाहुल्य सिंध प्रान्त में राखी की धूम



चन्दन सिंह भाटी


बाड़मेर बहन और भाई के अटूट पवित्र रिश्ते के पर्व रक्षाबंधन का पाकिस्तान हिन्दू बाहुल्य सिंध प्रान्त के हिन्दू बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान सिंध प्रान्त के कई तालुको के बाजारों में रंग-बिरंगी राखियां, मिठाई और उपहार बिक रहे हैं। यह पर्व एक तरह से धार्मिक संकीर्णता की परिधि से बाहर निकल चुका है।

रक्षाबंधन हिन्दू पवित्र महीने सावन की पूर्णिमा को पड़ता है। इस साल यह पर्व बीस अगस्त को मनाया जाएगा। बहनों को अपने भाइयों की कलाई पर रंग-बिरंगी राखियां बांधने का बेसब्री से इंतजार होता है। बहन अपने भाई के प्रति प्यार और आदर का इजहार करने के लिए उनकी कलाई पर राखी बांधती है।

कराची ,थट्टा ,सांगड़ ,मीरपुरखास ,उमरकोट ,गडरा सिटी ,बहावलपुर ,नगरपरकर ,थारपारकर ,पियरो पारकर में लड़कियों को बाजार में राखियां खरीदते देखा जा रहा है। राखी के लिए पारम्परिक आरती थाली, जिसमें अक्षत, सिंदूर, दीपक, मिठाई आदि जैसे पवित्र उत्पाद रखे जाते हैं, की जबर्दस्त मांग है।सीमा पर के सूत्रों के मुताबिक बाजार में एक से बढ़कर एक आकर्षक थालियां बिक रही हैं।

राखियों का स्वरूप भी काफी बदल गया है। ‘सिंध माइनॉरिटी अलायंस’ के एक सदस्य ने संवाददाता को बताया , “राखी धार्मिक कम, सांस्कृतिक पर्व ज्यादा है। यह धर्म और सम्प्रदाय की संकीर्णताओं से मुक्त हो चुका है।”
दुनियाभर में यह पर्व पारम्परिक उल्लास के साथ मनाया जाता है। ‘पाकिस्तान हिन्दू वेलफेयर एसोसिएशन’ की अध्यक्ष ने बताया कि अधिकांश हिन्दू अपने घरों में इस त्यौहार को मनाना पसंद करते हैं, लेकिन कुछ जगहों पर सार्वजनिक तौर पर भी राखी बांधने की रस्म अदायगी होती है।

उन्होंने बताया कि कराची में रक्षाबंधन के मौके पर ‘नेटिव जेट्टी ब्रिज’ इलाके में स्थित हनुमान मंदिर में हिन्दू लड़कों और लड़कियों का जमावड़ा लगता है। यहां लड़कियां लड़कों की कलाई पर राखी बांधती हैं। वे बताती हैं, “जिस लड़की का भाई नहीं होता, उसके लिए भी भाई तलाशा जाता है ताकि वह इस त्यौहार को मना सके। इस मौके पर लड़कियां दूसरे लड़कों को अपना धर्म भाई बनाती हैं।”


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