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शुक्रवार, 1 मई 2020

जैसलमेर ,मदद करना अशोक तंवर से सीखे ,असहायों के घर जाकर पहुंचा आये खाद्य सामग्री खुद ने सात सौ जरुरतमंद परिवारों का पता कर ,राहत पहुंचाई

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जैसलमेर ,मदद करना अशोक तंवर से सीखे ,असहायों के घर जाकर पहुंचा आये खाद्य सामग्री

खुद ने सात सौ जरुरतमंद परिवारों  का पता कर ,राहत पहुंचाई

जैसलमेर पश्चिमी सरहदी जैसलमेर जिले में  कोरोना संक्रमण काल में  लॉक डाउन के दौरान अंतिम पंक्ति वाले परिवारों के दयनीय स्थति थी ,इन परिवारों में न कोई कमाने वाला  सहायता करने वाला। न प्रशासन की सूचि में शामिल न नगर परिषद् की ,ऐसे जरूरतमंद और असहाय परिवारों की  जिम्मेदारी उठाई पूर्व सभापति अशोक तंवर ने ,तंवर ने खुद ऐसे परिवारो का अपने भरोसेमंद लोगो से पता करवा कर उनकी सूचियां बनवाई ,इन लोगो तक अपने खर्चे से खुद इन परिवारों तक जाकर सात सात दिनों की खाद्य सामग्री के किट पहुंचा , सात दिन बाद फिर इन घरो में पहुँच कर इन्हे सामग्री उपलब्ध कराई। करीब सात  परिवारों की देखभाल तंवर खुद कर रहे हे ,शहर की आठ से अधिक कच्ची बस्तियों और शहर के भीतरी इलाको में एकल विधवा ,विकलांग ,वृद्ध ,असहाय ,श्रेणी के लोगो के लिए तंवर आगे आये ,इसके आलावा तंवर शहर में नगर परिषद  सभापति हरिवल्ल्भ कल्ला द्वारा तीनं जन रसोइयों के संचालन में अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं ,जन रसोई संचालन में भामाशाहो को प्रेरित कर  उनका सहयोग ले रहे हैं ,अपने १४ घंटे जन रसोई की सेवा में दे रहे हैं , रसोइयों में करीब नो से दस हजार व्यक्तियों के लिए खाना तैयार होता हैं ,गरीब परिवारों का सहयोग उन्होंने अपने निजी स्तर पर इस तरह किया की किसी को  को भनक नहीं लगने दी ,जरूरतमंद परिवार को खाद्य सामग्री की जरूरत होती तो खुद तंवर तक सन्देश पहुंचते ,तंवर खाद्य सामग्री का किट लेकर उनके द्वार पहुंच जाते ,अशोक तंव ट्रेवल व्यवसायी होने के साथ नगर परिषद जैसलमेर के प्रथम सभापति रह चुके हैं ,शुरू से धार्मिक प्रवृति  कारन आप वैसे ही लोगो की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं ,प्रचार प्रसार और फोटो से अक्सर दूर रहकर इन्होने हमेशा  धर्म निभाया , खाद्य सामग्री के किट गाड़ी में हमेशा उपलब्ध रहते हैं

जैसलमेर के लोग मेरा परिवार हैं,संकट की इस घड़ी में जितनी हो सकी मदद करने का प्रयास किया ,आगे भी सहयोग जारी रहेगा ,हमने अपने स्तर पर उन लोगो का सहयोग किया जहाँ तक सरकार नहीं पहुंची ,अशोक तंवर ,पूर्व सभापति नगर परिषद् जैसलमेर









शनिवार, 23 जनवरी 2016

बाड़मेर नगर परिषद् में फिर भुगतान घोटाला।।16 लाख का फर्जी भुगतान।

बाड़मेर नगर परिषद् में फिर भुगतान घोटाला।।16 लाख का फर्जी भुगतान।



बाड़मेर ईमानदारी का तमगा लगा कर दिखावा कर रहे नगर परिषद् बाड़मेर के आयुक्त द्वारा गत दिनों एक ठेकेदार को 16 लाख के करीब फर्जी भुगतान राजनितिक दबाव में करने की शिकायत कुछ लोगो ने भरष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर और मुख्यमंत्री को की हे।शिकायतकर्ता ने लिखा हे की मुख्यमंत्री के बाड़मेर प्रवास के दौरान नगर परिषद् द्वारा तत्काल सडको के मरम्मत के कार्य इस ठेकेदार से कराये इस ठेकेदार द्वारा उस दौरान 16 लाख के कार्यो के भुगतान का बिल प्रस्तुत किया जिसे प्रथम सिरे से आयुक्त ने खारिज किया था।आयुक्त ने खुद माना था की ठेकेदार अपनी एम् बी खुद भआरके मनमर्जी से बिल बनाता हैं।इसीलिए भुगतान संभव नहीं।काफी दिनों तक भुगतान का मामला अटक रहा बाद में एक राजनेता के यहाँ पंचायती भी हुई जिसमे आयुक्त उपस्थित थे ।एक सप्ताह पूर्व 15 जनवरी को आयुक्त को ऐ सी बी हनुमानगढ़ द्वारा एक प्रकरण में तलब किया था।पेशी में जाने से पूर्व रात्रि को आनन् फानन में आयुक्त द्वारा ठेकेदार को 16 लाख का भुगतान कर दिया जो जांच का विषय हैं।ऐसे कई ठेकेदारो को भुगतान किया जी के भुगतान पहले रोक दिए।।पुरे मामले की जांच के लिए लिखा हे।BNT@###

रविवार, 23 फ़रवरी 2014

बाड़मेर नगर परिषद् कि करोडो कि जमीं अतिक्रमण से मुक्त करने कि मांग

बाड़मेर नगर परिषद् कि करोडो कि जमीं अतिक्रमण से मुक्त करने कि मांग
बाड़मेर जिला मुख्यालय पर भूमाफियाओं द्वारा नगर परिषद् की करोड़ों की जमीन पर अतिक्रमण कर निर्माण करा दिया गया जबकि इस जमीन में हुए भ्रष्टाचार की जाँच स्वायत शासन विभाग ,जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस के ठन्डे बस्ते में पड़ी है. इस प्रकरण में नगर पालिका के चार कार्मिक निलंबित भी हो चुके हैं. यहाँ तक कि पूर्व में मुख्यमंत्री कार्यालय से चार मर्तबा इस प्रकरण की जाँच जिला कलेक्टर और स्वायत शासन विभाग के सचिव को दी गयी थी वर्त्तमान वसुंधरा राजे सरकार से भी जांच के आदेश जिला कलेक्टर बाड़मेर को दिए गए हें इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की. जबकि जिला कलेक्टर बाड़मेर द्वारा इस प्रकरण की जाँच तहसीलदार बाड़मेर को दी थी.तहसीलदार ने पटवारी को जाँच सौंप दी मगर कोई कार्यवाही आज तक नहीं हुई.मुख्यमंत्री के आदेश की धज्जियां नगर परिषद् और जिला प्रशासन उड़ा रहे हैं. स्वायत शासन विभाग के सचिव द्वारा अप्रैल में यह जाँच आयुक्त नगर परिषद् बाड़मेर को दी थी जो कचरे की टोकरी की शोभा बढ़ा रही है.छह करोड़ कि नगर परिषद् कि इस जमीं को अतिक्रमण से मुक्त करने कि मांग को लेकर आर टी आई कार्यकर्ता चन्दन सिंह भाटी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पात्र लिखा था जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालयो द्वारा इस प्रकरण कि तथ्यतमक रिपोर्ट जिला प्रशासन बाड़मेर से मांगी गयी हें ,

शहर के महावीर नगर में नगरपालिका बाड़मेर का व्यवसायिक भूखंड संख्या 66 है जिसकी कीमत करीब करोड़ों रूपए है. उक्त भूखंड पर तत्कालीन जिला कलेक्टर सुबीर कुमार ने वर्ष 2007 में निरस्तीकरण के आदेश जारी कर नगरपालिका के चार अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया था। उक्त प्रकरण में पालिका के चार अधिकारी कर्मचारी निलंबित भी किए गए है. इस व्यवसायिक भूखंड प्रकरण की जाँच आज भी राज्य सरकार के पास विचाराधीन है. राज्य सरकार ने इस भूखंड के आवंटन को निरस्त कर भूखंड राशि जमा नही करवाई गई थी. इसके बावजूद इस भूखंड पर भूमाफियाओं जिन्होने सरकारी जमीनों पर कई अतिक्रमण कर रखे है और वहाँ पर अवैध रूप निर्माण कार्य आरम्भ करा रखा है. उक्त भूखंड पर रामचंद्र वैष्णव, सावताराम माली, भगा राम माली तथा इनके भूमाफिया सहयोगियों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण कार्य निर्बाध रूप से किया जा रहा है. उक्त भूखंड राज्य सरकार का है जिसकी कीमत करोड़ों रूपए है। इस पर नगरपालिका कर्मचारियों तथा अधिकारियों की मिलीभगत से भूमाफियों द्वारा अतिक्रमण कर व्यवसायिक काम्पलेक्स का निर्माण करवाया जा चूका है. स्थानीय जिला प्रशासन की कई बार लिखित सूचना देने के बावजूद कोई कार्यवाही नही की गई.

उक्त व्य्ावसायिक भूखंड संख्या 66 के पूरे प्रकरण की जाँच प्रशासनिक अधिकारी करने से कतरा रहे हैं जबकि इस मामले के तीन मुकदमे शहर कोतवाली में भी दर्ज है. सरकारी संपति को भूमाफियाओं के चंगूल से मुक्त करवाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की बजाय भूमाफियाओं को शह दी जा रही है.


नगर परिषद् द्वारा कराई गयी जिसमे स्पष्ट लिखा हें कि उक्त जमीं नगर परिषद् कि हें जिस पर भूमाफियो द्वारा अवैध कब्ज़ा कर भवन निर्माण कराया गया ,परिषद् के तत्कालीन आर ओ द्वारा अतिकर्मियो को अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी दिए गए मगर अतिक्रमण आज तक नहीं हटाया गया।

शनिवार, 28 दिसंबर 2013

खुलासा। बाड़मेर कौन खा रहा हें गायो का पैसा ?नगर परिषद् में गायो के नाम पर लाखो का घोटाला

 खुलासा। बाड़मेर कौन खा रहा हें गायो का पैसा ?नगर परिषद् में गायो के नाम पर लाखो का घोटाला




बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर जिला मुख्यालय स्थित नगर परिषद् बाड़मेर में गत सालो से भर्ष्टाचार के नए आयाम सामने आये हें चाहे वो स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना हो या मुख्यमंत्री आवास योजना या बी पील को माकन कि योजना या बिजली सामन कि खरी हर स्तर पर बड़े घोटालर हुए हें। मगर एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया हें कि नगर परिषद् बदमरर में गायो के चारे के नाम पर प्रतिमाह लाखो रुपये फर्जी तरीके से एक पारिषद द्वारा उठाए जा रहे हें। सूत्रानुसार आवारा गायो के चारे कि व्यवस्था के लिए परिषद् द्वारा निविदाये आमंत्रित कि गयी थी जिसमे परिषद् के एक पार्षद जो विधायक और पालिका अध्यक्षा के ख़ास आदमी थे के नाम निविदा जारी हुई। पिछले कई सालो से गायो को चारा खिलने के नाम पर लाखो रुपयो का बजट उठाया जा रहा हें। सूत्रानुसार पुरे प्रकरण में परिषद् के कर्मचारियो कि भी मिली भगत हें। गायो के नाम पर लाखो रुपये हड़पने का पहला मामला सामने आया हें जिसकी विस्तृत जांच जरुरी हें इस आशय का ज्ञापन सामाजिक संगठनो ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भेजा हें।