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शनिवार, 23 अगस्त 2014

बाड़मेर। गैंग रेप प्रकरण। बीस माह से हुक्का पानी बंद। जिला प्रशासन पर उठाए सवाल।




बाड़मेर। गैंग रेप प्रकरण। बीस माह से हुक्का पानी बंद। जिला प्रशासन पर उठाए सवाल। 

बाड़मेर में दो बहनों के साथ गैंगरेप में बड़ा खुलासा ,खाफ पंचायत ने बीस महीने से कर रखा है परिवार का हुका बंद ,जिला प्रशासन पर उठे सवाल


खाफ पंचायत ने लगा रखा था पत्नी को गाव में आने पर प्रतिबंध ,


खाफ पंचायत ने लगा रखा था परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित रखने का फरमान,




बाड़मेर राजस्थान के बाड़मेर में घर लौट रही दो बहनों के साथ रेप मामले सनसनी में खेज खुलासे ने बाड़मेर के प्रशाशन पुलिस के साथ ही सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है पीड़ित लड़कियों के पिता ने पहली बार अपने गाव से बाहर आकर अपनी बेटियो का अस्पताल में इलाज करवाने के बाद मडिया से बात करते हुए पिता ने खुलासा किया उसके परिवार का हुका पानी पिछले बीस से समाज ने बंद कर रखा है इससे बड़ा एक और खुलासा किया है कि उसकी पत्नी को गाव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है यह तक पिछले बीस महीने से सरकार योजनाओ के फायदे पर भी समाज ने पाबन्दी लगा रखी है यह राशन डीलर इस परिवार को राशन तक नहीं देता है और इसके पिता कहना है कि उसकी मासूम से बेटियो के साथ गाव के लोगो ने हवस का शिकार बना दिया है पिता की माग है कि या तो सरकार अब न्याय दे या फिर मोत

आज़ाद भारत का मुगालता पालने वालों के लिए एक बुरी खबर हैं । बाड़मेर आज भी तुगलकी ब्रिटिश कालीन स्थिति में हैं। हद हैं 20 माह से ज्यादा समय से एक परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित रहा मनरेगा का काम इस परिवार के लिए प्रतिबंधित रहा मज़े की बात यह हैं कि राजस्थान सरकार का नियुक्त राशन डीलर इनके सरकारी राशन कार्ड पर अनाज नही देता था। इसका कारण जान कर आप भी हतप्रभ रहे जायेंगे कि इसको सरकारी !! माफ़ करे !! लोकतान्त्रिक पद्धति से चुनी हुई सरकार ने ये सुविधाएँ नही दी क्यूंकि खाफ पंचायत के इस परिवार को समाज से बहिष्कृत कर रखा था और बाद में इसी समाज के ठेकेदारों ने परिवार की दो युवतियों को हवस का शिकार बना दिया । पुलिस से वहशी भेडियो की हवस का शिकार हुई इन दोनों पीड़िताओ ने बलात्कार के प्रयास की शिकायत भी की लेकिन गिड़ा थाना इनके लिए कोई उम्मीद का सहारा नही रहा। सामूहिक बलात्कार में दरिंदो ने समाज से बहिष्कृत हो चुके इस परिवार की दो बेटियों दो सगी बहनों को हवस का शिकार बनाया लेकिन पुलिस की मूक दर्शी रवैया कायम रहा। अब जब यह मामला प्रकाश में आया तो मानवाधिकार संगठनो ने आगे बढ़ कर इस प्रकरण को आन्दोलन के जरिये आगे बढ़ाने की चेतावनी दी हैं। मानवाधिकार सन्गठन को प्रतिनिधि कविता श्रीवास्तव ने इस प्रकरण में बाड़मेर कलक्टर और एस पी की भूमिका पर सवाल खड़े किये हैं

कविता श्रीवास्तव ने ने इस प्रकरण को आन्दोलन के जरिये आगे बढ़ाने की चेतावनी दी हैं। मानवाधिकार सन्गठन को प्रतिनिधि कविता श्रीवास्तव ने इस प्रकरण में बाड़मेर कलक्टर और एस पी की भूमिका पर सवाल खड़े किये हैं पिछले बीस महीने से सरकार योजनाओ के फायदे पर भी समाज ने पाबन्दी लगा रखी है यह राशन डीलर इस परिवार को राशन तक नहीं देता है

अब जरा इन लड़कियों के अभागे पिता की दास्ताँ को सुने। हर पत्थर दिल पिघल जाए। इस अभागे बाप के मुताबिक पिछले 20 माह से वो मर मर कर जिए हैं। उनको अब न्याय नही मिलेगा तो मौत का सहारा लेना पड़ेगा

इस पुरे मामले के सामने आने के दो दिन बीत जाने के बाद भी कलक्टर और एस पी खाफ पंचायत के पंचो के ख़िलाफ़ कोई भी कारवाही नहीं की है साथ ही पीड़ित लड़कियों के इलाज भी कराने कोई जरूरत नहीं समझी दो दिन बाद पीड़ित लड़कियों को मानवाधिकार संगठनो ने इलाज के लिए बाड़मेर के निजी अस्पताल में शरू करवाया है जबकि कानून के मुताबिक दोनों लड़कियों के इलाज के साथ ही पुनर्वास की जिम्दारी भी सरकार की है लेकिन सरकार लगता है वसुंधरा सरकार को इन सब मामले कोई विशेष रूचि नजर नहीं आ रही है अब मानवाधिकार संगठनो नेचेतवानी दिया है कि इस मामले में समाज के पंचो के साथ ही लापरवाह पुलिस अधिकारियो के खिलाफ जल्द कारवाही हो अन्यथा बड़ा आंदोलन किया जाएगा



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