पीपाड़सिटी/जोधपुर महिला मरीज के साथ चिकित्सक ने किया दुष्कर्म का प्रयास!
एसपी ग्रामीण के निर्देश पर भोपालगढ के सरकारी चिकित्सक के विरुद्ध एक महिला मरीज के साथ अपने सरकारी आवास में दुष्कर्म के प्रयास के मुकद्दमे में पुलिस वृत्ताधिकारी व पीपाड़सिटी पुलिस थाना अधिकारी ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने शुक्रवार को घटना स्थल का अवलोकन करने के साथ पीडि़त महिला के बयान भी कलमबद्ध किए।
पुलिस के अनुसार भोपालगढ़ की ही एक विवाहिता के मुकदमे के मामले में एसपी ग्रामीण हरेन्द्र कुमार महावर ने इस संवेदनशील मामले की जांच पीपाड़सिटी पुलिस थाना अधिकारी किशनलाल को सौंपी है।
पुलिस वृत्ताधिकारी बिलाड़ा सुरेन्द्रङ्क्षसह के साथ जांच अधिकारी ने शुक्रवार को भोपालगढ राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सरकारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद ढाका के विरुद्ध महिला मरीज की ओर से दर्ज कराए गए प्रकरण में सीआरपीसी की धारा 161 के तहत बयान कलमबद्ध करते हुए घटना स्थल का भी अवलोकन कर प्रत्यक्षदर्शियों से भी जानकारी प्राप्त की है।
यह है मामला
भोपालगढ की पीडि़त महिला ने न्यायिक मजिस्टे्रट पीपाड़सिटी के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर भोपालगढ़ के चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद ढाका के विरूद्ध दुष्कर्म के प्रयास के संगीन आरोप लगाए। पीडि़ता ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि 20 मई को उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर वह अपनी नणद के साथ अस्पताल पहुंची थी। उस दौरान उसका पति भी था।
पुलिस ने अस्पताल परिसर से ही उसके पति को राजकार्य में बाधा को लेकर गिरफ्तार कर लिया। पीडि़ता के पति का डॉ. ढाका दम्पती से 19 मई को विवाद होने पर उसके विरूद्ध पुलिस थाना में डॉ. ढाका की पत्नी संतोष खोखर ने मुकदमा दर्ज करवा दिया था। 20 मई को ही अस्पताल में अन्य चिकित्सकों द्वारा उपचार नहीं करने पर पीडि़ता अपने नणद के साथ डॉ. ढाका के सरकारी आवास पर उपचार के लिए पहुंची।
उस दौरान डॉ. ढाका द्वारा चेक करने के बहाने स्टेथेस्कोप को पीडि़ता के अंगों पर बेवजह लगाना शुरू कर दिया। पीडि़ता ने एतराज किया तो आरोपी चिकित्सक ने शारीरिक सम्बंध बनाने का प्रस्ताव रखने के साथ पुलिस हिरासत से पीडि़ता के पति को बाहर निकलवा देने का प्रस्ताव दिया।
इस दौरान पीडि़ता के साथ दुष्कर्म का भी प्रयास करने का संगीन आरोप लगाया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट के निर्देश पर पुलिस ने आरोपी चिकित्सक के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज किया।
न्यायालय के निर्देशानुसार ही आरोपी चिकित्सक के राजपत्रित अधिकारी होने के कारण इस मामले की जांच पुलिस निरीक्षक या इससे उच्च स्तर के अधिकारी से करवाने के निर्देश को देखते हुए एस.पी. ग्रामीण ने पीपाड़सिटी पुलिस निरीक्षक को जांच सुपुर्द की है।
उल्लेखनीय है कि पीडि़ता का पति एक निजी चैनल का पत्रकार है। चिकित्सकों से विवाद के चलते राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज होने पर भोपालगढ पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया जो जिला न्यायालय से जमानत के बाद रिहा हो सका।
न्यायालय का आदेश
इस मामले में परिवादिया ने न्यायिक मजिस्ट्रेट सानुज कुलश्रेष्ठ के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था, जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने तथ्यात्मक रिपोर्ट आने के बाद अपने आदेश में स्पष्ट किया कि प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट के अनुसार घटना के दिन 20 मई को डॉ. विनोद ढाका व संतोष खोखर अवकाश पर थे।
घटना उनके सरकारी आवास की है। वास्तव में घटना के दिन उक्त दोनों जने अपने आवास पर भोपालगढ में नहीं थे या जोधपुर थे, यह जांच का विषय है, क्योंकि कार्य पर अवकाश में होने के आधार पर यह नहीं माना जा सकता कि वे भोपालगढ आवास पर नहीं हो। इस प्रकरण में प्रस्तुत प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट व अन्य तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए यह न्यायालय इस प्रकरण में पूर्व अनुसंधान कराया जाना उचित समझता है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भोपालगढ एसएचओ को मूल परिवाद प्रेषित कर प्रकरण दर्ज कर सम्बंधित महिलाओं बाबत विशेषाधिकार प्राप्त आईओ से अनुसंधान कराने के निर्देश दिए , जो कि पुलिस निरीक्षक से निम्र स्तर का नहीं हो, क्योंकि प्रारम्भिक जांच एसआई स्तर के अधिकारी द्वारा की गई है। साथ ही अन्दर अवधि एफआईआर न्यायालय में प्रेषित करने और अनुसंधान नियत समयावधि में नतीजा पेश करने का आदेश दिया है।