बाड़मेर 69 सेकेंड के एक वीडियो ने राजस्थान भाजपा के दो नेताओं के बेटों की करतूत और बीएसएफ अधिकारियों की लापरवाही की पोल खोल दी है।
वीडियो में भाजपा नेताओं के बेटों को बाड़मेर में बीएसएफ के फायरिंग रेंज में सुरक्षाबलों के हथियारों से फायरिंग करते दिखाया गया है।
इस वीडियो के सामने आने के बाद मचे बवाल को देखते हुए बीएसएफ ने मामले की जांच का आदेश दिया है।
बीएसएफ ने उस डिप्टी कमांडेंट को कारण बताओ नोटिस भेजा है जिसे वीडियो में उन दो लड़कों को फायरिंग में मदद करते हुए देखा गया है।
यह वीडियो मंगलवार शाम को एक स्थानीय टीवी चैनल पर प्रसारित हुआ था। उस वीडियो में भाजपा के वरिष्ठ नेता जोगराज सिंह के बेटे गौरव सिंह को कम से कम 7 बार फायरिंग करते हुए दिखाया गया है।
एक अन्य भाजपा नेता और पूर्व सरपंच रूप सिंह के बेटे शिव प्रताप सिंह को भी फायरिंग करते देखा गया है। बताया जाता है कि उस वीडियो को शिव प्रताप के भाई अजीत सिंह ने रिकॉर्ड किया था।
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि शिव और गौरव के पिता क्षेत्र के राजपूत नेताओं में गिने जाते हैं। उन दोनों ने पिता के रसूख का इस्तेमाल करके बीएसएफ अधिकारियों के साथ फायरिंग रेंज में पहुंच गए और सुरक्षाबलों के हथियारों से निशानेबाजी की।
क्या कहना है भाजपा नेता और उनके बेटे का
भाजपा नेता रूप सिंह का कहना है कि उनको इस घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि बीएसएफ को ऎसी अनुमति नहीं देनी चाहिए। ऎसा नहीं होना चाहिए। वह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है। वे लोग ऎसी चीजों की अनुमति कैसे दे सकते हैं?
गौरव सिंह का कहना है कि उस वीडियो में वह नहीं हैं। एक मीडियाकर्मी सेव्यक्तिगत विवाद के कारण उनको जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है। वह जालिपा फायरिंग रेंज में गए ही नहीं थे। फायरिंग रेंज उनके गांव के रास्ते में ही पड़ता है लेकिन वे कभी भी वहां नहीं रूके।
एक सप्ताह पहले की है घटना
बीएसएफ के एक उच्च सूत्र ने बताया कि यह घटना एक सप्ताह पहले की है। उस समय फायरिंग का वार्षिक अभ्यास हो रहा था। उसमें जवानों के निशानेबाजी की दक्षता देखी जाती है।
बीएसएफ के आईजी संतोष मेहरा ने कहा कि इस घटना के बारे में उनको रिपोर्ट मिली है। वे लोग वीडियो की जांच कर रहे हैं और एक जांच समिति का भी गठन कर दिया है।
वीडियो में भाजपा नेताओं के बेटों को बाड़मेर में बीएसएफ के फायरिंग रेंज में सुरक्षाबलों के हथियारों से फायरिंग करते दिखाया गया है।
इस वीडियो के सामने आने के बाद मचे बवाल को देखते हुए बीएसएफ ने मामले की जांच का आदेश दिया है।
बीएसएफ ने उस डिप्टी कमांडेंट को कारण बताओ नोटिस भेजा है जिसे वीडियो में उन दो लड़कों को फायरिंग में मदद करते हुए देखा गया है।
यह वीडियो मंगलवार शाम को एक स्थानीय टीवी चैनल पर प्रसारित हुआ था। उस वीडियो में भाजपा के वरिष्ठ नेता जोगराज सिंह के बेटे गौरव सिंह को कम से कम 7 बार फायरिंग करते हुए दिखाया गया है।
एक अन्य भाजपा नेता और पूर्व सरपंच रूप सिंह के बेटे शिव प्रताप सिंह को भी फायरिंग करते देखा गया है। बताया जाता है कि उस वीडियो को शिव प्रताप के भाई अजीत सिंह ने रिकॉर्ड किया था।
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि शिव और गौरव के पिता क्षेत्र के राजपूत नेताओं में गिने जाते हैं। उन दोनों ने पिता के रसूख का इस्तेमाल करके बीएसएफ अधिकारियों के साथ फायरिंग रेंज में पहुंच गए और सुरक्षाबलों के हथियारों से निशानेबाजी की।
क्या कहना है भाजपा नेता और उनके बेटे का
भाजपा नेता रूप सिंह का कहना है कि उनको इस घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने कहा कि बीएसएफ को ऎसी अनुमति नहीं देनी चाहिए। ऎसा नहीं होना चाहिए। वह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है। वे लोग ऎसी चीजों की अनुमति कैसे दे सकते हैं?
गौरव सिंह का कहना है कि उस वीडियो में वह नहीं हैं। एक मीडियाकर्मी सेव्यक्तिगत विवाद के कारण उनको जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है। वह जालिपा फायरिंग रेंज में गए ही नहीं थे। फायरिंग रेंज उनके गांव के रास्ते में ही पड़ता है लेकिन वे कभी भी वहां नहीं रूके।
एक सप्ताह पहले की है घटना
बीएसएफ के एक उच्च सूत्र ने बताया कि यह घटना एक सप्ताह पहले की है। उस समय फायरिंग का वार्षिक अभ्यास हो रहा था। उसमें जवानों के निशानेबाजी की दक्षता देखी जाती है।
बीएसएफ के आईजी संतोष मेहरा ने कहा कि इस घटना के बारे में उनको रिपोर्ट मिली है। वे लोग वीडियो की जांच कर रहे हैं और एक जांच समिति का भी गठन कर दिया है।