चौहटन विधानसभा क्षेत्र चुनावी रणक्षेत्र से
बाड़मेर बाड़मेर जिले के सरहदी विधानसभा क्षेत्र चौहटन में इस बार कडा मुकाबला दिख रहा हें। गत बार बड़ी जीत के साथ विधायक बने पदमाराम मेघवाल के पसीने छूट रहे हें भाजपा के तरुण कागा का सामना करने में।
चौहटन विधान सभा क्षेत्र में जाट ,मुस्लिम और मेघवाल जाति के मतदाताओ कि संख्या सर्वाधिक हें ,यह तीनो परम्परागत रूप से कांग्रेस के मत मने जाते रहे हें ,चौहटन में गत चुनावो में परिसीमन के बाद पहली बार अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित इस सीट पर कांग्रेस के पदमाराम मेघवाल ने भाजपा के तरुण कागा को बहुत बड़े अंतर से एक तरफ़ मुकाबले में हराया था ,पदमाराम को चौहटन कि राजनीती के गौड फतर अब्दुल हादी परिवार का आशीर्वाद प्राप्त था उन्हें लोगो ने हाथो हाथ लिया और विधायक बना दिया। इस बार कांग्रेस ने उन पर फिर दांव खेला हें तो भाजपा ने गत चुनावो में हरे प्रत्यासी तरुण कागा को चुनाव मैदान में उतरा हें ,पांच साल विधायक रहते हुए पदमाराम मेघवाल के खाते में कोई ख़ास विकास कार्य नहीं हें ,उनकी छवि हादी परिवार के रबर स्टम्प कि रही ,उनके प्रति लोगो में कोई ख़ास उत्साह नहीं रहा ,तरुण कागा पहले पाक शरणार्थी हें जिन्हे भाजपा ने टिकट दिया ,तरुण कागा गत दो चुनाव हार चुके हें एक बार निर्दलीय तो दूसरी बार भाजपा से ,मगर इस बार तरुण कागा को देश भर में चल रही नरेंन्द्र मोदी और वसुंधरा राजे कि हवा का लाभ मिला हें ,साथ ही कांग्रेस के परम्परागत मुस्लिम ,जाट और मेघवाल वोटो में बड़ी ,सेंधमारी कि तरुण कागा के पक्ष में अन्य जटिया लामबंद होने से सीधे सीधे फायदा मिल रहा हें ,तरुण कागा मिलनसार ,सामान्य परिवार से होने के कारन उन्हें जनता का समर्थन मिल रहा हें ,चौहटन में हमेशा निर्णायक रहे जाट समाज के उनके पक्ष में ध्रुवीकरण से भी पदमाराम के पसीने छूट रहे हें।
चौहटन में हादी परिवार कि अच्छी पकड़ हें मगर उनका इस बार चुनावो में ज्यादा सक्रीय ना होना कांग्रेस को सीधे सीधे नुकसान कि और धकेल रहा हें ,इस क्षेत्र में सुराज यात्रा के दौरान वसुंधरा राजे को जोरदार समर्थन मिला था। इसके बाद पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने चौहटन में कागा के पक्ष में सभा ली ,मगर कांग्रेस कि और से अभी तक कोई बड़ी सभा किसी स्तरीय नेता कि नहीं हुई ,चूँकि यह क्षेत्र गुजरात के कच्छ जिले से लगता हें गुजरात कि संस्कृति का सीधा प्रभाव हें तो यहाँ के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से भी क्षेत्र के लोग प्रभावित हें ,नमो का असर ठेठ अंतिम गांव तक साफ़ झलक रहा हें। जो कांग्रेस के लिए खतरे कि घंटी हें।
मुद्दो पर कोई बात नहीं भाजपा कांग्रेस चुनावी जंग में स्थानीय मुद्दो को भुला बेठी हें ,चौहटन में पेयजल संकट ,हस्तशिल्प बिक्री केंद्र ,बाखासर में नमक उत्पादन ,सड़क ,पानी ,बिजली ,कि उपलब्धता मुख्य मुद्दे हें जिनसे जनता त्रस्त हें। पांच साल पहले कांग्रेस भाजपा ने इन्ही मुद्दो पर चुनाव लड़ा था इन बार मुद्दे गौण हो गए।
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पसीने आ रहे हें कांग्रेस को इस बार
बाड़मेर बाड़मेर जिले के सरहदी विधानसभा क्षेत्र चौहटन में इस बार कडा मुकाबला दिख रहा हें। गत बार बड़ी जीत के साथ विधायक बने पदमाराम मेघवाल के पसीने छूट रहे हें भाजपा के तरुण कागा का सामना करने में।
चौहटन विधान सभा क्षेत्र में जाट ,मुस्लिम और मेघवाल जाति के मतदाताओ कि संख्या सर्वाधिक हें ,यह तीनो परम्परागत रूप से कांग्रेस के मत मने जाते रहे हें ,चौहटन में गत चुनावो में परिसीमन के बाद पहली बार अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित इस सीट पर कांग्रेस के पदमाराम मेघवाल ने भाजपा के तरुण कागा को बहुत बड़े अंतर से एक तरफ़ मुकाबले में हराया था ,पदमाराम को चौहटन कि राजनीती के गौड फतर अब्दुल हादी परिवार का आशीर्वाद प्राप्त था उन्हें लोगो ने हाथो हाथ लिया और विधायक बना दिया। इस बार कांग्रेस ने उन पर फिर दांव खेला हें तो भाजपा ने गत चुनावो में हरे प्रत्यासी तरुण कागा को चुनाव मैदान में उतरा हें ,पांच साल विधायक रहते हुए पदमाराम मेघवाल के खाते में कोई ख़ास विकास कार्य नहीं हें ,उनकी छवि हादी परिवार के रबर स्टम्प कि रही ,उनके प्रति लोगो में कोई ख़ास उत्साह नहीं रहा ,तरुण कागा पहले पाक शरणार्थी हें जिन्हे भाजपा ने टिकट दिया ,तरुण कागा गत दो चुनाव हार चुके हें एक बार निर्दलीय तो दूसरी बार भाजपा से ,मगर इस बार तरुण कागा को देश भर में चल रही नरेंन्द्र मोदी और वसुंधरा राजे कि हवा का लाभ मिला हें ,साथ ही कांग्रेस के परम्परागत मुस्लिम ,जाट और मेघवाल वोटो में बड़ी ,सेंधमारी कि तरुण कागा के पक्ष में अन्य जटिया लामबंद होने से सीधे सीधे फायदा मिल रहा हें ,तरुण कागा मिलनसार ,सामान्य परिवार से होने के कारन उन्हें जनता का समर्थन मिल रहा हें ,चौहटन में हमेशा निर्णायक रहे जाट समाज के उनके पक्ष में ध्रुवीकरण से भी पदमाराम के पसीने छूट रहे हें।
चौहटन में हादी परिवार कि अच्छी पकड़ हें मगर उनका इस बार चुनावो में ज्यादा सक्रीय ना होना कांग्रेस को सीधे सीधे नुकसान कि और धकेल रहा हें ,इस क्षेत्र में सुराज यात्रा के दौरान वसुंधरा राजे को जोरदार समर्थन मिला था। इसके बाद पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने चौहटन में कागा के पक्ष में सभा ली ,मगर कांग्रेस कि और से अभी तक कोई बड़ी सभा किसी स्तरीय नेता कि नहीं हुई ,चूँकि यह क्षेत्र गुजरात के कच्छ जिले से लगता हें गुजरात कि संस्कृति का सीधा प्रभाव हें तो यहाँ के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से भी क्षेत्र के लोग प्रभावित हें ,नमो का असर ठेठ अंतिम गांव तक साफ़ झलक रहा हें। जो कांग्रेस के लिए खतरे कि घंटी हें।
मुद्दो पर कोई बात नहीं भाजपा कांग्रेस चुनावी जंग में स्थानीय मुद्दो को भुला बेठी हें ,चौहटन में पेयजल संकट ,हस्तशिल्प बिक्री केंद्र ,बाखासर में नमक उत्पादन ,सड़क ,पानी ,बिजली ,कि उपलब्धता मुख्य मुद्दे हें जिनसे जनता त्रस्त हें। पांच साल पहले कांग्रेस भाजपा ने इन्ही मुद्दो पर चुनाव लड़ा था इन बार मुद्दे गौण हो गए।
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