जयपुर। राजस्थान में दहशत के दूसरे नाम से आनंद पाल सिंह को जाना जाता है।
हाल ही में आनंद पाल सिंह ने अपने विरोधियों को बीकानेर सेंट्रल जेल में गोलियों से छलनी कर दिया था।
नागौर के लाडनूं तहसील के गांव सांवराद में हुकम सिंह के घर आनंद पाल का जन्म हुआ।
अक्सर बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर खून की होली खेलना आनंद पाल का शौक रहा है। खतरनाक हथियारों केबल पर आनंद पाल प्रदेश के अपराध जगत का मसीहा बनकर बैठ गया।
लूट, डकैती, हत्या सहित दो दर्जन से भी ज्यादा मामलों में प्रदेश की पुलिस को मोस्ट वांटेड क्रिमिनल आनंद पाल की तलाश थी। आनंद पाल को पकड़ने का जिम्मा दबंग पुलिस अधिकारियों को सौंपा गया।
जयपुर पुलिस, एसओजी और एटीएस की संयुक्त टीम ने फागी कस्बे के पास मोहब्बतपुरा गांव से इस खूंखार अपराधी को पकड़ा था। पुलिस की टीम ने आनंद पाल के कब्जे से एके 47 सरीखे खतरनाक हथियार, ऑटोमैटिक मशीन गन, बम और बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद किए।
बता दें कि सरकारी सुरक्षा बलों के पास ही एके 47 बंदूक पाई जाती है। अपराध जगत में आनंद पाल का जन्म वर्ष 2006 में हुआ था। जब उसने डीडवाना में जीवनराम गोदारा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी।
गोदारा की हत्या के अलावा आनंदपाल के नाम डीडवाना में ही 13 मामले दर्ज है। जहां 8 मामलों में कोर्ट ने आनंदपाल को भगौड़ा घोषित किया हुआ था। सीकर के गोपाल फोगावट हत्याकांड को भी आनंद पाल ने ही अंजाम दिया।
गोदारा और फोगावट की हत्या करने का मामला समय-समय पर विधानसभा में गूंजता रहा है। आनंदपाल के जुर्म की फेहरिस्त का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब उसने किसी को मौत के घाट उतारा वो ही मुद्दा सरकार के लिए जवाब का विषय बन गया।
सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो विपक्ष लचर कानून व्यवस्था और पनपते शराब माफियाओं के नाम पर सरकार को निशाने पर ले ही लेता है।
विधानसभा सत्र में भी बीकानेर जेल में हुई गैंगवार पर खूब हंगामा मचा। जहां आनंद पाल को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर रही।
29 जून 2011 को आनंद पाल ने सुजानगढ़ में भोजलाई चौराहे पर गोलियां चलाकर तीन लोगों को घायल कर दिया। उसी दिन गनौड़ा में शराब ठेके पर सेल्समैन के भाई की हत्या के आरोप में भी आनंद पाल का हाथ होने की बात सामने आई।
लिकर किंग बनने के चलते आनंद पाल ने बीकानेर जेल में ही अपने प्रतिद्वंदी को गोलियों से उड़ा दिया। सेंट्रल जेल में मचे रक्तपात में अपराध जगत के दो और लोगों को आनंदपाल की गैंग ने मार गिराया।
हाल ही में आनंद पाल सिंह ने अपने विरोधियों को बीकानेर सेंट्रल जेल में गोलियों से छलनी कर दिया था।
नागौर के लाडनूं तहसील के गांव सांवराद में हुकम सिंह के घर आनंद पाल का जन्म हुआ।
अक्सर बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर खून की होली खेलना आनंद पाल का शौक रहा है। खतरनाक हथियारों केबल पर आनंद पाल प्रदेश के अपराध जगत का मसीहा बनकर बैठ गया।
लूट, डकैती, हत्या सहित दो दर्जन से भी ज्यादा मामलों में प्रदेश की पुलिस को मोस्ट वांटेड क्रिमिनल आनंद पाल की तलाश थी। आनंद पाल को पकड़ने का जिम्मा दबंग पुलिस अधिकारियों को सौंपा गया।
जयपुर पुलिस, एसओजी और एटीएस की संयुक्त टीम ने फागी कस्बे के पास मोहब्बतपुरा गांव से इस खूंखार अपराधी को पकड़ा था। पुलिस की टीम ने आनंद पाल के कब्जे से एके 47 सरीखे खतरनाक हथियार, ऑटोमैटिक मशीन गन, बम और बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद किए।
बता दें कि सरकारी सुरक्षा बलों के पास ही एके 47 बंदूक पाई जाती है। अपराध जगत में आनंद पाल का जन्म वर्ष 2006 में हुआ था। जब उसने डीडवाना में जीवनराम गोदारा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी।
गोदारा की हत्या के अलावा आनंदपाल के नाम डीडवाना में ही 13 मामले दर्ज है। जहां 8 मामलों में कोर्ट ने आनंदपाल को भगौड़ा घोषित किया हुआ था। सीकर के गोपाल फोगावट हत्याकांड को भी आनंद पाल ने ही अंजाम दिया।
गोदारा और फोगावट की हत्या करने का मामला समय-समय पर विधानसभा में गूंजता रहा है। आनंदपाल के जुर्म की फेहरिस्त का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब उसने किसी को मौत के घाट उतारा वो ही मुद्दा सरकार के लिए जवाब का विषय बन गया।
सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो विपक्ष लचर कानून व्यवस्था और पनपते शराब माफियाओं के नाम पर सरकार को निशाने पर ले ही लेता है।
विधानसभा सत्र में भी बीकानेर जेल में हुई गैंगवार पर खूब हंगामा मचा। जहां आनंद पाल को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर रही।
29 जून 2011 को आनंद पाल ने सुजानगढ़ में भोजलाई चौराहे पर गोलियां चलाकर तीन लोगों को घायल कर दिया। उसी दिन गनौड़ा में शराब ठेके पर सेल्समैन के भाई की हत्या के आरोप में भी आनंद पाल का हाथ होने की बात सामने आई।
लिकर किंग बनने के चलते आनंद पाल ने बीकानेर जेल में ही अपने प्रतिद्वंदी को गोलियों से उड़ा दिया। सेंट्रल जेल में मचे रक्तपात में अपराध जगत के दो और लोगों को आनंदपाल की गैंग ने मार गिराया।