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मंगलवार, 28 जुलाई 2020

बाड़मेर चौहटन में पुलिस अधीक्षक द्वारा क्राइम मीटिंग ले कानून व्यवस्था/अपराधों की समीक्षा

बाड़मेर चौहटन में पुलिस अधीक्षक द्वारा क्राइम मीटिंग ले कानून व्यवस्था/अपराधों की समीक्षा  


 बाड़मेर आनन्द शर्मा पुलिस अधीक्षक बाड़मेर द्वारा आज दिनांक 28.07.20 को पुलिस कान्फेन्स हाॅल में वृताधिकारी वृत चैहटन व वृत चैहटन के थानाधिकारी क्रमषः पुलिस थाना चैहटन, बीजराड, रामसर, सेडवा, गडरारोड, बाखासर व गिराब की अपराध गोष्ठी ली गई। अपराध गोष्ठी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बाड़मेर व उप अधीक्षक एससी/एसटी सेंल बाड़मेर भी सरीक हुए। अपराध गोष्ठी में वृत क्षैत्र की कानून व्यवस्था की स्थिती व थानावार पैण्डिग प्रकरणों की समीक्षा करते हुए अपराधों की रोकथाम करने, लोकल एवं स्पेषल एक्ट के तहत अधिकाधिक कार्यवाही करने, जमीन सम्बन्धी विवादो में तुरन्त कार्यवाही करने, सीमा क्षैत्र में संदिग्ध गतिविधियों पर विषेष निगरानी व सर्तकता बरतने,  कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु लापरवाही बरतने वाले लोगो के विरूद्व महामारी अधिनियम 2020 के तहत कार्यवाही करने, लम्बे समय से पैडिंग प्रकरणों के निस्तारण करने, महिलाओ व बालको पर अत्याचार के साथ साथ अनुसूचित जाति/जनजाति पर अत्याचार के प्रकरणों में तुरन्त निष्पक्ष कार्यवाही कर निस्तारण करने, वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी करने, आदतन अपराधियों एवं हार्डकोर अपराधियों के विरूद्व निरोघात्मक कार्यवाही के साथ-साथ उनको पाबन्द करवाने के निर्देष भी दिये गये। थाना पर आने वाले परिवादियों की रिपोर्ट पर तुरन्त कार्यवाही करने व किसी भी घटना/दुर्घटना की सूचना पर तुरन्त मौके पर पहुंचकर आवष्यक कार्यवाही करने के निर्देष दिये गये। पुलिस प्राथमिकताएं 2020 के अनुसार कार्यवाही करने, अवैध बजरी खनन पर निगरानी रखने, मेहनत से अपना बेसिक कार्य करने तथा पुलिस मुख्यालय व राज्य सरकार द्वारा दिये गये निर्देषों के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देष दिये गये।


शनिवार, 23 मई 2020

बाडमेर सरहदी चौहटन में कोरोना संक्रमण का प्रवेश,6 पॉजिटिव,जिले में संख्या हुई 76

।। बाडमेर कोरोना अपडेट।।

बाडमेर सरहदी चौहटन में कोरोना संक्रमण का प्रवेश,6 पॉजिटिव,जिले में संख्या हुई 76 

बाड़मेर   जिले के पाकिस्तान की सीमा से सट्टे चौहटन उप खंड में शनिवार को कोरोना वायरस में धमाकेदार प्रवेश किया ,इस क्षेत्र में पहली बार एक साथ छह कोरोना पॉजिटिव संक्रमित केस सामने आये ,चौहटन क्षेत्र की सरहद पाकिस्तान और गुजरात से लगती सीमा से लगती हैं ,चौहटन क्षेत्र के अधिकांश लोग गुजरात और महाराष्ट्र में प्रवासी हे जो पिछले दिनों बड़ी तादाद में घर वापस आये थे ,गुरुवार को इनकी एक साथ सेम्पलिंग ली गयी ,प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एल मंसुरिया ने  बताया की आज मेडिकल सोल्लगे बाड़मेर द्वारा 21 मई के शेष 15 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुए जिसमें ,3 चोहटन सिटी, 1धोक,1 आलमसर और 1भोजारिया  समेत 6 मरीज पॉजिटिव आए है। कल राजकीय चिकित्सालय  बाड़मेर से भेजे 160 सैंपल में से ,150 की रिपोर्ट मिल गई है जो नेगेटिव है तथा 10 सैंपल की रिपोर्ट पेंडिंग है।छह नए पॉजिटिव केस के साथ जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 76 हो गयी ,

शनिवार, 26 अक्टूबर 2013

मिलिए संभावित भाजपा प्रत्यासी विधानसभा चौहटन तरुण कागा

मिलिए संभावित भाजपा प्रत्यासी विधानसभा  चौहटन तरुण कागा 




बाड़मेर एक दिसंबर को होने वाले चौदहवी विधानसभा के गठन के चुनावो में बाड़मेर जिले की अनुसूचित जाती की आरक्षित सीट चौहटन से भाजपा के संभावित प्रत्यासी तरुण कागा के प्रबल आसार हें। तरुण कागा चौहटन क्षेत्र की राजनीती में प्रभावी वजूद रखते हें। उनकी पत्नी श्रीमती मिश्री काग चौहटन की प्रधान रही। तरुण कागा सहज ,सरल स्वाभाव के उम्मीदवार हें। साफ़ छवि के करम लोगो के बीच काफी लोक प्रिय हें ,तरुण काग दो बार विधान्सब्झा चुनाव चौहटन से लड़ चुके हें ,गत चुनावो में वो कांग्रेस के वर्तमान विधायक पदमाराम से चुनाव हार गए उससे पहले 20003 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने करीब सत्रह हज़ार मत लिए थे ,बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए ,भाजपा ने उन्हें 2008 में प्रत्यासी बनाया ,ंअगर वे चुनाव हार गए। इस बार लोगो ने तरुण काग के प्रति जबरदस्त समर्थन दिखाया ,ब्लोक चौहटन भाजपा ने भी तरुण काग को पूरा समर्थन दिया। वर्तमान विधायक पदम राम के रबर स्टेम्प की छवि का फायदा इस बार तरुण काग को मिल सकता हें। बाहरी प्रत्यासी को टिकट का विरोध भी तरुण काग की स्थति को मजबूत करता हें भाजपा में। इसके आलावा उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेताओ का सहयोग प्राप्त हें। तरुण काग चौहटन को विकाश शील देखना चाहते हें इसी को अपना सपना बताते हें। मतदाताओ से वैसे उनका सीधा संपर्क रहा हें। तरुण काग बाखासर में नमक उत्पादन ,गफानो सहित ग्रामीण क्षेत्रो में पेयजल की योजनाओ को सुचारू करने ,चौहटन में हस्त शिल्प बिक्री केंद्र की स्थापना उनका प्रमुख लक्ष्य रहेगा।

गुरुवार, 3 अक्टूबर 2013

बाड़मेर राजनितिक शख्शियत सीमान्त गाँधी अब्दुल हादी



थार चुनावी रणभेरी 2013 । । बाड़मेर राजनितिक शख्शियत सीमान्त गाँधी अब्दुल हादी
राजस्थान के सीमान्त गांधी अब्दुल अल्हाज़ हादी 

ऐसे सादगी भरे और निष्ठावान राजनेता अब कँहा 


बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर राजनीती के केंद्र बिंदु रहे अब्दुल हादी। हादी का अपना प्रभाव था। अपने लोगो के बीच बेहद सहज रहते थे। बाड़मेर की राजनीती दशकों तक उनके इर्द गिर्द घुमती रही। उनके जाने के बाद उनकी जगह को कोई भर नहीं पाया। 


चौहटन के बुरहान का तला निवासी अल्हज अब्दुल हादी का जन्म 5 मई 1926 को हुआ था. उन्होंने एक संघर्ष से भरे जीवन का नेतृत्व किया सात बार विधायक चुने गए थे . वह एक प्रसिद्ध मार्शल जाती शम्मा ( सिंधी ) परिवार से थे . उनका परिवार धार्मिक अनुयायी थे . उनके पिता अलहाज़ मोहम्मद हसन अपने समय के एक महान मौलवी थे . वह सिंधी भाषा के कवि थे . और सिंधी , उर्दू , फारसी और अरबी भाषा के विद्वान थे . अब्दुल हादी 1999 में ' बयाज़ ऐ कोसरी के रूप में सिंधी भाषा में अपने पिता की कविता प्रकाशित कराई . विभाजन से पहले, सिंध और राजस्थान के बहुत करीब थे . सिंध एक समृद्ध क्षेत्र था . शिक्षा के क्षेत्र में रुचि रखने वालों के उन दिनों में ज्ञान का एक बड़ा भंडार था। अब्दुल हादी ने अपने पिता की बहुत सेवा की।

अब्दुल हादी को सिन्धी ,उर्दू ,हिंदी राजस्स्थानी और अंग्रेजी का भुत ज्ञान था। वो सिंधी सूफी संत कविशाह अब्दुल भिटाई की रिसाला और कुरआन के नियमित पाठक थे वे रोज इनका पाठ करते। हादी राज्य के स्वतंत्रता सेनानी जयनारायण व्यास के अनुयायी थे ,राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री रहे जय नारायण व्यास। उन दिनों जमींदारी प्रथा के खिलाफ चले आन्दोलनो में भी हादी ने निभाई। हादी ने आधुनिक राजस्थान की रचना साकार करने के लिए राजनीती में कदम रखा। बुरहान का तला के वो किशोर अवस्था में सरपंच बने। उन दिनों किसानो पर लगे भूमि कर के खिलाफ भी उन्होंने जंग लड़ी। किसानो को रहत दिलाई।


हादी 1959 में चौहटन पंचायत समिति के प्रधान बने . वे 1972 से 1980 तक केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष ( Adhyaksh ) रहे। बाड़मेर जिले के लिए दो बार कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रहे . 11 साल के लिए, 1995-2006 के दौरान वह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के एक सदस्य रहे। उन्होंने उनीस सौ तिरेपन में सांचोर ,बाड़मेर से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीते ,विधायक बने ,1967 ,1971 ,1975 ,1985 ,1990 ,1999 और 2004 में भी विधायक बने। सात बार विधायक रहे जिसमे दो बार गैर कांग्रेसी दलों से विधायक बने।
अब्दुल हादी एक चरित्र और गुणों से भरपूर व्यक्तित्व के धनि थे ,. वह एक अनुशासित राजनीतिज्ञ थे ,हादी ने सीमा क्षेत्र के लोगों की नि: स्वार्थ , साफ़ दिल , सबसे धर्मनिरपेक्ष के साथ सेवा की। . उन्होंने बारीकी से नेहरू , मौलाना आजाद और रफी अहमद किदवई की तरह आजादी के बाद भारतीय राजनीतिक नेताओं की पहली पीढ़ी के साथ जुड़े थे . बाड़मेर के लोगो में हादी के लिए गहरा सम्मान था.श्रीमती इंदिरा गाँधी के वे हमेशा करीबी रहे ,इंदिरा गाँधी खास तौर से उन्हें बुलाती थी। अहमद पटेल से उनकी काफी नजदीकियां थी। हादी , दिखावा उन्हें बिलकुल पसंद नहीं था , वो हमेशा परम्परागत पायजामा और कुरता पहनते थे। 

अब्दुल हादी में शील , इमानदार ,आतिथ्य परण और धैर्य जैसे महान व्यक्तिगत गुण शुमार थे और उन्होंने एक मितव्ययी जीवन शैली का नेतृत्व किया.भ्रष्टाचार के वे हमेशा खिलाफ रहे ,वो राजनीती में थे तब बाड़मेर में एक उप मजिस्ट्रेट भ्रष्ट था ,किसानो से खुले आम रिश्वत लेता था ,हादी ने उसे कई बार समझाया ,चेयावानी भी दी मगर वो नौकरशाह नहीं मन तो हादी ने भ्रष्टाचार निरोधक विभाग से संपर्क कर खुद एक किसान बन उप मजिस्ट्रेट को रिश्वत देने पहुंचे और उन्हें य्रेप कराया। रिश्वतखोर को सज़ा तक दिलाई। हादी ने चौहटन क्षेत्र में डकैती का जोरदार विरोध किया था जिससे नाराज होकर डकैतों ने हादी को मरने की योजना बना उनके गाँव पहुंचे मगर वो घर पर नहीं थे ,उनका भाई सौ रहा था डकैतों ने उनके भाई की हत्या कर दी। फिर भी वो विचलित नहीं हुए अपना संघर्ष जरी रख। हादी विकास को समर्पित इमानदार नेता थे। लोगो को स्वाभिमान से जीने की सीख देते ,इसीलिए वो व्यक्तिगत लाभ देने के विरोधी रहे उन्होंने क्षेत्र में सड़क, पानी की आपूर्ति, बिजली , अस्पताल, स्कूल , हॉस्टल , समुदाय घर और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं जैसे जनोपयोगी सेवाओं के लिए अपने प्रयास किए . समाज के उत्थान के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है . शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सभी को उसका सबसे अच्छा प्रयास किया . 

 क्षेत्र के छात्रों के लिए बाड़मेर में एक छात्रावास के निर्माण में मदद की. उन्होंने शिक्षा के महत्व पर बल दिया. आर्थिक और नैतिक रूप से गरीब छात्रों की मदद के लिए इस्तेमाल किया .हादी नहा विरोधी थे उन्होंने कभी अफीम ,शराब का प्रचलन अपने चुनावो में नहीं किया ,हादी मृत्यु भोज के खिलाफ थे ,उन्होंने कभी परिवार में औसर मौसर मृत्युभोज नहीं किया। हादी इमानदार और सादगी पसंद थे ,तल्ख़ टिपणी करने से चुकाते नहीं थे ,लोग उन्हें सीमान्त गांधी के रूप में जानते थे ,अब्दुल हादी ने कभी राजनीती में महत्वकांक्षा नहीं राखी ,अंतिम दिनों में श्रीमती सोनिया गाँधी भी अब्दुल हादी के हाल जानती रहती ,साथ ही अशोक गहलोत जैसे राजनीतिग्य उनके अनुयायी रहे। हादी अपने क्षेत्र की समस्याए लेकर उनके साथ ही प्रशसनिक अधिकारियो के पास आ जाते ,बाड़मेर की राजनीती के वे धुरंधर रहे ,उनकी रणनीति को कोई चुनौती देने वाला नहीं था ,किसान नेता गंगाराम चौधरी उनके लंगोटिए थे ,मगर अंतिम दिनों में उनके बीच दुरिया बड़ी। आमने सामने चुनाव लदे ,हादी ने अपने पुराने मित्र से मात भी खाई। बहरहाल राजनीती में हादी मील का पत्थर थे। उनकी स्वच्छ राजनीती एक मिशाल थी। छ नवम्बर दौ हज़ार दस को हादी साब ने अंतिम सांस ली। 



उनके परिवार में उनके बड़े पुत्र अभी राजनीती में हें ,अब्दुल गफूर चौहटन के प्रधान रहे ,जिला उप प्रमुख भी हें ,अभी राज्य सरकार में श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष हें ,उनकी पुत्र वधु शम्मा खान चौहटन की प्रधान हें ,शिव से विधायकी की प्रमुख दावेदार भी ,उनकी राजनीती विरासत उनके छोटे पुत्र गफूर अहमद संभाल रहे हें।

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रविवार, 21 जुलाई 2013

चौहटन विधानसभा ख़ास चुनावी रिपोर्ट भीड़ को वोटों बदलना होगा चुनौती भरा काम भाजपा के लिए

चौहटन विधानसभा ख़ास चुनावी रिपोर्ट


भीड़ को वोटों बदलना होगा चुनौती भरा काम भाजपा के लिए


एम् आर गढ़ावीर ,पदमाराम और रूपा राम धनदे कांग्रेस और तरुण काग ,आदुराम भाजपा के संभावित प्रत्यासी 


चन्दन सिंह भाटी


बाड़मेर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे की बाड़मेर जिले की सफलतम रही सुराज यात्रा के दौराम बाड़मेर विधानसभा में गुटबाजी की कारण भीड़ नहीं जुटाने को छोड़कर जिले की समस्त विधान सभा क्षेत्रो में वसुंधरा राजे की सभाओं में भारी भीड़ जुटी ,भीड़ में वसुंधरा राजे को लेकर खासा उत्साह भी देखा गया ऽब जबकि वसुंधरा अपना दौर पूरा कर जा चुकी हें ,स्थानीय भाजपा संघठन और नेताओं के समक्ष भीड़ को वोटों में बदलने की चुनौती सामने हें .चोउहतन विधानसभा क्षेत्र में वसुंधरा की दस हजारी से अधिक भीड़ की सभा ने यह साबित कर दिया की उनको लोग अगले मुख्यमंत्री के रूप में लोग स्वीकार करना चाह रहे हें ंअगर स्थानीय गुटबाजी के कारन वसुंधरा राजे की म्हणत पर पानी फिर जाए तो कोई आश्चर्य नहीं .बद्मेर भाजपा कला जिला संघटन वैसे ही बेहद कमज़ोर हें .

चौहतन में भाजपा के स्थानीय नेता खुले रूप से स्थानीय उम्मीदवार की मांग कर रहे हें .भज्प के पिछला चुनाव हातरे तरुण कागा के प्रति सहानुभूति भी हें और उनके समुदाय के खासे वोट भी उनके साथ हें .ब्लोक संघठन भी तरुण काग के पक्ष में हें .भजप को चुनावी चौसर अदब से सजनी होगी ऽब्यथ चौहटन की राह मुस्किल हें ,आदुराम मेघवाल दुसरे उम्मीदवार हें .उङ्का संघ में दबदबा हें संघ के हस्तक्षेप से अगर टिकट लाने में कामयाब भी हो गए तो भाजपा के सामने मुश्किलें आ कसकती हें .चोङ्ग्रेस्स का मूड वर्तमान विधायक पदमा राम को पुनः मैदान में उतरने की योजना हें मगर एम् आर गढ़वीर और रूपाराम धनदे सशक्त उम्मीदवारी पेश कर रहे हें .इतन तय हें की चौहटन में कांग्रेस टिकट अब्दुल हादी परिवार के कहने से ही देगी ,क्यूंकि हादी परिवार का वर्चस्व अभी भी कायम हें ,उनके बिना कांग्रेस जीत की कल्पना नहीं कर सकती कांग्रेस . 

पश्चिमी राजस्थान की सात विधान सभा सीटो में सरहदी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक पदम राम चार साल के कार्यकाल में अपनी विधायकी हैसियत का अहसास नहीं करा पाए .रब्बर स्टाम्प विधायक बन कर रह गए बाड़मेर से लेकर विधानसभा तक अपने क्षेत्र के विकास के मुद्दे उठाने में पूरी तरह विफल रहे .राज्य सरकार में सत्ता पक्ष के विधायक होने के बावजूद पदमा राम कोई काम नहीं करा पाए .इस सरहदी क्षेत्र में पेयजल समस्या मुख्य मुद्दा था जिसके समदशन की आस आम जन को विधायक से थी मगर इन चार सालो में पेयजल की कोई नई योजना पर कार्य नहीं हुआ तो नर्मदा नहर का पानी भी चौहटन तक लाने में पदम राम विफल रहे .चौहटन के लोगो की जीविका हस्तशिल्प उत्पाद पर निर्भर हें मगर इस उद्योग के विकास के लिए विधायक द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया .चौहटन में हेंडीक्राफ्ट बिक्री केंद्र की महती आवश्यकता महसूस की जा रही थी ताकि इस इस घरेलु उद्योग से जुड़े परिवारों को दलालों से मुक्ति मिल सके ,मगर ऐसा नहीं हो पाया .क्षेत्र के बाखासर में नमक उत्पादन के जो प्रयास गत वसुंधरा राजे सरकार ने शुरू किये थे वो इन चार सालो में आगे नहीं बढे ,लोगो को नमक उद्योग स्थापित होने की उम्मीदें थी .मगर बाखासर क्षेत्र में कोई प्रयास ही नहीं हुए ,कांग्रेस विधायक द्वारा चौहटन के किसानो की मूलभूत सुविधाए बिजली ,पानी और रोजगार उपलब्ध करने में भी कोई खास रूचि नहीं दिखाई ,चौहटन में राजनीती हालत जातीय समीकरणों पर निर्भर हें मुस्लिम ,मेघवाल और जातो का ध्रुवीकरण से सीट निकलती हें ,

आगामी विधानसभा चुनावो के लिए कांग्रेस पेराशूट उम्मीदवार आज़मा सकती हें ,एम् आर गढ़ावीर गोपाराम मेघवाल और रूपाराम घनदे का नाम प्रमुखता से चल रहा हें ,इतना भी तय हें हादी परिवार की सहमति के बिना किसी को टिकट नहीं मिलेगी ,राज्यमंत्री का दर्ज पाने के बाद अब्दुल गफूर का मजबूत हुए हें वही चौहटन प्रधान सम्मा खान की लोकप्रियता काफी बड़ी हें ,हालाँकि शम्मा खान शिव विधानसभा क्षेत्र कोंग्रेस की सशक्त दावेदार हें ,राजनीती क्षेत्र में सम्मा खान ने कम समय में बड़ी छलांग लगी हें ,भाजपा की तरफ से आदुराम मेघवाल ,तरुण काग , वेदारी में हें ,चौहटन विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय व्यक्ति को टिकट पर लोबिंग अभी से शुरू हो गई हें ,वर्तमान विधायक आम जन की उमीदो पर खरे नहीं उतारे .उनकी रिपोर्ट कार्ड बेहद कमज़ोर हें ,आम जन में उनकी छवी और हैसियत विधायक की कम और हादी परिवार के अनुयायी की ज्यादा हें ,

रविवार, 19 मई 2013

शिक्षित बेटी ही समर्थ बेटी – लक्ष्‍मी

शिक्षित बेटी ही समर्थ बेटी – लक्ष्‍मी

चौहटन। भारत-पाक सीमा पर बसे केलनोर गांव में क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय के द्वारा सर्वशिक्षा एवं राष्‍ट्रीय एकता व सांप्रदायिक सदभाव जागरूकता अभियान कार्यक्रम के दौरान केलनोर सरपंच श्रीमती लक्ष्‍मीदेवी ने शिक्षा का महत्‍व बताते हुए बेटे और बेटी को समान रूप से शिक्षित करने की बात कही। लक्ष्मी ने कहा कि शिक्षित बेटी ही समर्थ बेटी बन सकती है। इस मौके पर क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नरेन्‍द्र तनसुखानी, नरेगा में आईइसी मैनेजर मदन बारूपाल, श्‍योर कार्यकर्ता धीरज शर्मा, सीताराम, मोहम्‍मद येदी सहित कई लोग मौजुद रहे और शिक्षा एंव राष्‍ट्रीय एकता विषयक जानकारी दी।

कार्यक्रम के दौरान भारी संख्‍या में महिलाएं उपस्थित रही। आईइसी मैनेजर मदन बारूपाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने महात्‍मा गांधी रोजगार गांरटी योजना की जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षित बनकर आप ना केवल अपने अधिकारों का उपयोग कर सकते है वरन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी शिक्षित होना जरूरी है। सामाजिक कार्यकर्ता धीरज शर्मा ने कहा कि पढ़ी-लिखी बेटी दो घरों को सुधारती है। शर्मा ने कहा सर्वशिक्षा अभियान में शिक्षा संबधी मिलने वाली सुविधाओं की विस्‍तृत जानकारी प्रदान की।


इस मौके पर क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय द्वारा एक प्रश्‍नोत्‍तरी प्रतियोगिता आयोजित की गयी, जिसमें विजेता आठ प्रतिभागियों को पारितोषित वि‍तरित किए गए। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अतिथियों द्वारा प्रतिभा‍गियों को शिक्षा एवं राष्‍ट्रीय एकता व सांप्रदायिक सदभाव की शपथ दिलायी गयी।

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

बाड़मेर चौहटन विधायक पदमा राम ..शक्तिशाली अब्दुल गफूर

चौहटन विधानसभा ......विधायकी का अहसास नहीं करा सके विधायक पदमा राम

गुटबाजी में उलझी भाजपा ....पेराशूट प्रत्यासी हो सकता हें कांग्रेस का उमीदवार

विधायक पदमा राम ..शक्तिशाली अब्दुल गफूर


बाड़मेर पश्चिमी राजस्थान की सात विधान सभा सीटो में सरहदी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक पदम राम चार साल के कार्यकाल में अपनी विधायकी हैसियत का अहसास नहीं करा पाए .रब्बर स्टाम्प विधायक बन कर रह गए बाड़मेर से लेकर विधानसभा तक अपने क्षेत्र के विकास के मुद्दे उठाने में पूरी तरह विफल रहे .राज्य सरकार में सत्ता पक्ष के विधायक होने के बावजूद पदमा राम कोई काम नहीं करा पाए .इस सरहदी क्षेत्र में पेयजल समस्या मुख्य मुद्दा था जिसके समदशन की आस आम जन को विधायक से थी मगर इन चार सालो में पेयजल की कोई नई योजना पर कार्य नहीं हुआ तो नर्मदा नहर का पानी भी चौहटन तक लाने में पदम राम विफल रहे .चौहटन के लोगो की जीविका हस्तशिल्प उत्पाद पर निर्भर हें मगर इस उद्योग के विकास के लिए विधायक द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया .

चौहटन में हेंडीक्राफ्ट बिक्री केंद्र की महती आवश्यकता महसूस की जा रही थी ताकि इस इस घरेलु उद्योग से जुड़े परिवारों को दलालों से मुक्ति मिल सके ,मगर ऐसा नहीं हो पाया .क्षेत्र के बाखासर में नमक उत्पादन के जो प्रयास गत वसुंधरा राजे सरकार ने शुरू किये थे वो इन चार सालो में आगे नहीं बढे ,लोगो को नमक उद्योग स्थापित होने की उम्मीदें थी .मगर बाखासर क्षेत्र में कोई प्रयास ही नहीं हुए ,कांग्रेस विधायक द्वारा चौहटन के किसानो की मूलभूत सुविधाए बिजली ,पानी और रोजगार उपलब्ध करने में भी कोई खास रूचि नहीं दिखाई ,चौहटन में राजनीती हालत जातीय समीकरणों पर निर्भर हें मुस्लिम ,मेघवाल और जातो का ध्रुवीकरण से सीट निकलती हें ,आगामी विधानसभा चुनावो के लिए कांग्रेस पेराशूट उम्मीदवार आज़मा सकती हें ,गोपाराम मेघवाल और रूपाराम घनदे का नाम प्रमुखता से चल रहा हें ,इतना भी तय हें हादी परिवार की सहमति के बिना किसी को टिकट नहीं मिलेगी ,राज्यमंत्री का दर्ज पाने के बाद अब्दुल गफूर का मजबूत हुए हें वही चौहटन प्रधान सम्मा खान की लोकप्रियता काफी बड़ी हें ,हालाँकि सम्म खान शिव विधानसभा क्षेत्र कोंग्रेस की सशक्त दावेदार हें ,राजनीती क्षेत्र में सम्मा खान ने कम समय में बड़ी छलांग लगी हें ,भाजपा की तरफ से आदुराम मेघवाल ,तरुण काग ,विमलेश ब्रिज्वाल ,लक्षमण वडेरा दावेदारी में हें ,चौहटन विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय व्यक्ति को टिकट पर लोबिंग अभी से शुरू हो गई हें ,वर्तमान विधायक आम जन की उमीदो पर खरे नहीं उतारे .उनकी रिपोर्ट कार्ड बेहद कमज़ोर हें ,आम जन में उनकी छवी और हैसियत विधायक की कम और हादी परिवार के अनुयायी की ज्यादा हें ,

बुधवार, 19 दिसंबर 2012

फिर बढ़ाया थार का गौरव शम्मा खान ने



फिर बढ़ाया थार का गौरव शम्मा खान ने


राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मंसूरी में नव चयनित आई ऐ एस को देगी संबोधन



बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर के चौहटन पंचायत समिति की प्रधान शम्मा खान ने एक बार फिर थार का गौरव बढ़ाया .इस बार शम्मा खान राष्ट्रिय प्रशासनिक अकादमी मंसूरी में नव चयनित भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को गुरूवार को परिवीक्षाधीन अधिकारियों के आधारभूत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम ग्रहण करने के पश्चात दुसरे चरण के व्यवसायीक प्रशिक्षण फेज प्रथम में एक प्रशासक में अपेक्षित सत्यनिष्ठा ,नैतिक साहस ,परानुभूति ,नेतृत्व ,न्याय भावना तथा सतत परिश्रम की भावना कायम हो विषय पर व्याख्यान देगी .शम्मा खान थार की पहली अल्पसंख्यक म्शिक्षित महिला हे जो आए ऐ एस अधिकारियो को व्याख्यान देगी .राजस्थान भर में पहली बार एक अल्पसंख्यक राजनीतिज्ञ महिला का चयन भारत वर्ष से किया गया जो अधिकारियो को व्याख्यान देगी .इस व्याख्यान के लिए पुरे भारत वर्ष में तीन राजनितिज्ञो का चयन किया हें जिसमे राजस्थान से शम्मा खान हें ,.चौहटन प्रधान शम्मा खान क्षेत्र की पहली उच्च शिक्षित अल्पसंख्यक महिला हें .इससे पूर्व शम्मा खान उच्च स्तरीय प्रशिक्षणों में व्याख्यान दे चुकी हें ,राजस्थान तथा केंद्र सरकार से सम्मानित शम्मा खान गुरूवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय प्रशासन अकादमी मंसूरी में एक सौ बहतर परिवीक्षाधीन 2012 बेच के आए ऐ एस अधिकारियो को राजनेताओ अधिकारी तंत्र के सामने चुनोतिया और अवसर विषय पर अपने अंतर्ज्ञान और अनुभव से संबोधित करेगी .

मंगलवार, 14 अगस्त 2012

कौन करे याद कुर्बानी.... स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम योद्घा श्याम सिंह चौहटन

कौन करे याद कुर्बानी....आज़ादी का गुमनाम योधा चौहट के शहीद श्याम सिंह

स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम योद्घा  श्याम सिंह   चौहटन 

बाड़मेर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जुझने वाले राजस्थानी योद्घाओं में टाकुर श्याम सिह राठौड का बलिदान विस्मृत नही किया जा सकता।1857 के दोव्यापी अंग्रेज सत्ता विरोधी सास्त्र संर्घश के पूर्व भी राजस्थान में ऐसे अनेक स्वातं़त्रयचेता सपूत हो चुके हैं जिन्होने ब्रिटि सत्ता के वरदहस्त को विशौला वरदान समझा था।मालानी के भासक रावळ मल्लीनाथ स्वाभिमानी और वीर छक के लिऐ जाने जाते थे। 
मलानी में अंग्रेजों के बार बार धावों से त्रस्त होकर स्वतंत्रता संग्राम प्रेमी मालानी के योद्घा उत्तेजित हो उठे और अंग्रेजो के विरूद्ध धावे मारने लगे।अंग्रेजों ने संवंत 1891वि सं में मालानी पर सैनिक चाई बोल दी।बाहडमेर में भी ठाकुर श्याम सिह के नेतृत्व में युद्ध की रणभेरी बजायी।अपनी  ढाले  भाले,सांगे,और तलवारेों की धारें तीक्ष्ण की।कवि कहता हैं 
ग भरुजां तिलंग रचै जंग गोरा,चूरै गिर ग तोप चलाय । 
माहव किण पातक सूं मेली,बाडमेर पर इसी बलाय॥ 
बाहडमेर के कोट पर तोपो के प्रहारों से कोट की दीवारें टूट टूट कर गिर रहा था।बाहडमेर पर ऐसी आपत्ति देख क्षत्रियों की भुजाऐं फडक उठी।अंग्रेजों की फोजे आक फोग को रौंदती हुई चौहटन को फतेह करने के इरादें से पहूचीॅ।ठाकुर भयामसिह राठौड रण मद की छक में छका हुआ अपने भात्रुओं को दक्षिण दि के दिग्पाल का पुरी का पहुआ बनाने के लिऐ सामने उद्धत था। अंग्रेज सेनानायक ने   श्याम सिंह को युद्ध ना कर आत्म समर्पण करने के लिऐ संदो भेजा। श्याम सिंह   तो दो के शत्रुओ और स्वतंत्रता के विरोधी अंग्रेजों से रण भूमि में दो दो हाथ करने के अवसर खेज रहा था।राश्ट्रिस कवि बांकीदास आिया के काव्य में व्यक्त अंग्रेज सेनानायक और   श्याम सिंह को भाोर्य पूर्ण प्रन का उत्तर सुनिऐ... 
अंग्रेत बोलियों तेज उफणै, 
कसर नम झोड म रौपै सिरदार। 
हिन्दु आवध छोड हमै साहब नख, 
सुणियों विण कहै बिना विचार॥ 
धरा न झल्ो लडवां धारवां 
स्याम कहै किम नाखूं सांग। 
पूजू। खाग घणै परमेसर, 
ऊठै जाग खाग मझ आग॥ 
कळहण फाटा बाक कायरां, 
बीर हाक बज चंहू वळां।ं। 
छळ दळ कराबीण कै छूटो, 
कै पिस्तौलां पथर कळां॥ 


अ्रंग्रेज सेनापति पे आक्रोश  में उतेजित होकर कहा दृओ सरदार!युद्ध मत ठान।आत्मसर्मपण कर अपने जीवन की रक्षा कर।हे हिन्दु योद्घा ,अपने आयुध साहब के समक्ष रख दे।तूं सुन तो सही ,आगे पीछे भले बुरे ,हानि लाभ का बिना विचार किऐ व्यर्थ ही मरने के लिऐ हठ ठान रहा हैं। 
वीरवर   श्याम सिंह  ने मृत्यु की उपेक्षा करते हुऐ कहा .यदि मरण भय से आत्मसर्मपण करुं तो यह क्षमा शील   पृथ्वी भार झेलना त्याग देगी।तब फिर मैं  शस्त्र सुपुर्द कैसे करू।तलवार और परमेवर का मैं समान रूप से आराधक हूॅ।अत;शस्त्र त्याग जीवन की भिक्षा याचना के लिये तो मैंने शस्त्र उठाया ही नहीं हैं।बैरियों के सिरच्छदन के लिये मैं अपने हाथ में तलवार रखता हूॅ। 
कायरों के मुॅह फटे से रह गये।चारों ओर मारो काटों की आवाजें गूंजने लगी।कराबीनें पत्थर कलायें और पिस्तोल के गोले गोलियों की आवाजें गूॅजने लगी।कायरों के कलेजे कॉपने लगे।वीर नाद से धरा आका में कोहराम मच गया।क्षण मात्र में देखते देखते ही नर मुण्डों के पुंज लग गये।मरूस्थल में रक्त की सरिता उमडने लगी। 
मालानी प्रदो के कीर्ति रूपी जल से सींचने वाला वीर   श्याम सिंह अपने दो की स्वतंत्रता के लिये जुॅझने लगा।अपने प्रतापी पूर्वज रावल मल्लीनाथ,रावल जगमाल,रावल हापा की र्कीति गाथओं का स्मरण कर अंग्रेजों की सेंना पर टूट पडा।उसके पदाति साथियों ने जय मल्लीनाथ ,जय दुर्गे के विजय घोश से भात्रु सेना को विचहलत कर दिया। 
उस हटीले वीर  श्याम सिंह   ने सादी जैसे साहसी साथियों को अपने संग लेकर सिंह की तरह दहाडते हुऐ आक्रमण किया और सुमेर कहकर िखर की भांति अडिगबाहडमेर ने गोरंगों से भयानक युद्ध छेडा।उस वीर भोरसिह तनेय   श्याम सिंह ने अंग्रेजों ेी तोप ,तमंचों से सनद्ध सेना का तनिक भी भय नहीं माना।शत्रुओं का संहार कर उसने बाहउमेरों की खांप को किर्तित किया तथा चौहटन वालों की वीरता का प्रतीक बन गया।अंग्रेजों की पलटनों को अपने प्रतापी पूर्वज सोमा की भांति तलवार उठा कर अत्यंत उत्साह के साथ भयानक युद्ध लडा।मरणेत्साही ऐसे क्षत्रिय सपूतों को रंग हैं जो मातृभूमि की गौरव रक्षा के लिये प्राणें कोत1ण तुल्य मानते हैं। 
सेना रूपी दुल्हन का दुल्हा वी   श्याम सिंह रणागण में दृतापूर्वक अपने पेरो को स्थिर कर युद्ध करने लगा और अन्त में अपने प्यारे वतन की आजादी का टेक का निर्वहन करता हुआ रणौया पर सो गया।कवि मरसिया ने कहा कि 
स्यामा जिसा सपूत,मातभौम नेही मरद। 
रजधारी रजपूत ,विधना धडजै तुं वळै॥ े