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शनिवार, 12 मार्च 2011

शशशश....इस थाने मे कोई हें



शशशश....इस थाने मे कोई हें

बाड़मेर.. . कोई अपराध और जुल्म का शिकार बन जाये तो उसे राहत की उम्मीद होती हें पुलिस से लेकिन अगर कही पुलिस ही आहत हो तो क्या किया जाये . राजस्थान के बाड़मेर मे एक ऐसा थाना हें जिसका नाम है मंडली


 थाना जहा किसी भी अधिकारी का जाना अभिशप्त माना जाता हें . इस बात को गलत साबित करने के लिए जो भी वहा गया खुद का अनिष्ट करवा बेठा . आज आलम यह हें की अब अधिकारियो में इतना खोफ है कि  कोई अधिकारी इस थाने के रासते तक पर कदम नही रखता . 
. बरसों से इलाके के हर पुलिस वाले के लिए खोफ का पर्याय बन चुके मण्डली थाने के पीछे की कहानी कम चोकने वाली नही हें . अंधविश्वास को दरकिनार करने वाले अब तक 3 दर्जन के करीब अधिकारी इस थाने मे कदम रखकर खुद का बुरा कर चुके हें . अब आलम यह हें की यहा के कप्तान तक इस थाने मे आने की हिम्मत नही रखते
 
अभिशप्त थाने का दर्जा अपने सर ले चुके इस थाने की कहानी भी
  बड़ी  चोकने वाली है दरसल 100  साल पहले इस थाने में परिसर में एक बाबा रहते थे जिसकी   सेवा पुलिस के सिपाही करते थे और उस बाबा का इस गाव पर विशेष  आशीर्वाद  रहता था उसी समय इस थाने में तेनात शो बाबा की सेवा करते थे उन्ही दिनों में   तेनात थानेदार की माता  का देहांत हो गया था और उसे  तत्कालीन पुलिस अधिशक ने   छुट्टी नही दी गई . इस पर उस थाना अधिकारी ऩे बाबा से गुहार की और गुस्से मे  भोले बाबा  ने इस थाने  को  ही  श्राप दे दिया था  कि  इस थाने में कोई बड़ा  अधिकारी नहीं आएगा अगर आया तो उसके साथ कुछ भी बुरा  हो जाएगा  और यही श्राप सेकड़ो बरसों बाद आज भी इस थाने के साथ लगा हें . बाड़मेर के पुलिस अधिशक संतोष चालके   के अनुसार जेसा की लोग बताते है की बाबा ने थानेदार को पुलिस अधिशक .ने छुटी नहीं दी तो बाबा ने इस  को थाने को श्राप दे दिया था कि इस थाने में कोई भी पुलिस अधिकारी नहीं आ सकता है अगर ऐसा कोई आने कि हिमत करेगा तो अधिकारी  खुद का बुरा करेगा 
फिर बाबा ने इसी थाने में है जिन्दा समाधी ले ली तब से गाव वाले और पुलिस मानती है की इस थाने की खुर्शी पर और
  के कमरे में बाबा के श्राप का है असर आज भी लागु है मंडली थाना अधिकारी रेवत सिंह भाटी के अनुसार पिछले एक साल में तीन अधिकारी ने इस जाने की हिमम्त तो उनमे से एक अधिकारी तो थाने से निकलते बाड़मेर मुख्लाय  पहचने से पहले ही सस्पेंड कर दिये गया  जिनका प्रदीप मोहन दस ADD SP और पिछले साल दिसबर में ही दो  C .O  रामावतार मीणा और बालोतरा के SDM राजेश चोहान ने इस थाने में जाने की हिमत की थी जिनका तबादला 24 घंटो में ही हो गया थाने दर के अनुसार अब तक श्राप को गलत साबित करने के लिए दर्जनों पुलिस के अधिकारियो ने हिमत की तो उनका या तबादल हो गया या फिर सस्पेंड हो गए 
रेवत सिंह भाटी,थाना अधिकारी   मंडली थाना C .O  रामावतार मीणा और बालोतरा के SDM राजेश चोहान ने इस थाने में जाने की हिमत की थी जिनका तबादला 24 घंटो में ही हो गया थाने दर के अनुसार अब तक श्राप को गलत साबित करने के लिए दर्जनों पुलिस के अधिकारियो ने हिमत की तो उनका या तबादल हो गया या फिर सस्पेंड हो गए )
आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हो कि साल में बार पुलिस के कप्तान को थाने का निरक्षण करना जरुरी होता है लेकिन बाड़मेर के पुलिस कप्तान संतोष चालके की पोस्टिंग को एक साल हो गया चालके ने मण्डली थाने को छोड़ सभी थानों का निरक्षण कर दिया है संतोष चालके के मन में भी वाही खोफ है की अगर वो इस थाने गए तो उनके साथ भी कुछ बुरा हो सकता है