रविवार, 9 दिसंबर 2012

जैसलमेर की रियासत कालीन मुद्राऐं

जैसलमेर की रियासत कालीन मुद्राऐं ,मदन लयचा के पास हें  बेजोड़ संग्रह 






आज भी जनता में लोकप्रिय

लेखक .....चन्दन सिंह भाटी


जैसलमेर प्राचीन काल में जब मुद्राऐं प्रचलन में नहीं थी तब वस्तु विनिमय बारटर सिस्टम द्घारा व्यापार किया जाता था।इस तरह के व्यापार में कई प्रकार की समस्याऐं आती थी जैसे पाुओं का बंटवारा नही हो सकता था,जमीन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना सम्भन नहीं था आदि।व्यापार में आने वाली इन समस्याओं से निजात पाने के लिऐ मुद्रा का प्रचलन भाुरू हुआ।ये मुद्राऐं रियासत कालीन भारत में अलग अलग राज्यों की अलग अलग होती थी।रियासतकालीन भारत में कागजी मुद्रा का चलन नहीं कें बराबर था,मुख्यत मुद्राऐं सोने चान्दी व ताम्बे की बनाई जाती थी यहां तक की एक राज में तो चमडे की मुद्रा अर्थात
चमडे के सिक्के भी चलायें गय जो कि वर्तमान में दुर्लभ हैं।जैसलमेर के गोपा चौक स्थित स्वर्ण व्यवसायी मदन लायचा के पास जैसलमेर के रियासतकालीन सिक्को का बेजोड़ संग्रह हें ,इस बेजोड़ संग्रह के चलते उन्हें छबीस  जनवरी को जिला  द्वारा  भी किया  .
इसी प्रकार रियासत काल में जैसलमेर रियासत की भी अपनी स्वतंत्र मुद्रा प्रचलन में थी जिसे महारावल सबलसिंह द्घारा सन 1659 में जारी किया गया यह मुद्रा डोडिया पैसा के नाम से जानी जाती थी।इस पर किसी भी प्रकार का राजचिन्ह या लेख नहीं होता था,यह ताम्बे की पतली चदर को छोटे छोटे असमान टुकडों में काट कर बनी होती थी तथा इस पर आडी टेडी समान्तर रेखाऐं व कहीं कहींये रेखाऐं आयात का रूप लेती हुई व उनके मध्य बिन्दु होता था।इनकी इकाई एक तथा आाधा डोडिया होती थी,एक डोडिये का वजन सवा दौ सौ ग्राम होंता था व आधे डोडीऐ का वजन सवा ग्राम होता था। उस काल में डोीऐ का प्रचलन बहुत थाक्योंकि वस्तुऐं बहुत कम ही मुल्य में उपलब्ध हो जाती थी।उस काल में कुछ वस्तुऐं डोयिें की डो सेर भी आती थी।इसिलिऐ इसका सामान्यजन में बहुतायात में प्रचलन होता था।डोडिऐ का प्रचलन जैसलमेर रियासत में के स्वतंत्र भारत में विलय तीस मार्च 1949 कें पचात भी काफी समय तक निर्बाध रूप से चलता रहा।सन 1947 में एक पैसा में दस डोडिया आते थे।डोडिऐ पैसे के बाद इससें बडी ताम्बे की मुद्रा ब्बू पैया होती थी।एक ब्बू पैसा में बीस डोऐिं पैसे होते थे। तथा इनका नाम ब्बू इनके भारी वनज के कारण पडा।इनका वजन 15 से 18 ग्राम के लगभग होता था।तथा इसें जैसलमेर टकसाल में नहीं छापा जाकर इसे जोधपुर टकसाल में छपवाया जाता था।जोधपुर के अलावा भी बीकानेर और भावलपुर रियासत में ब्बू पैसे प्रचलन में थे। आज भी कई घरों में काफी मात्रा में मिल जाऐंगें।


जैसलमेर रियासत का चान्दी का रूपया सर्वप्रथम महारावल अखैसिंह (1722..61)द्घारा सन 1756 में मुद्रित कराना आरम्भ किया था इसिलिऐ जैसलमेर की रजत मुद्रा को अखौाही नाम दिया गया।महारावल अखेसिह ने सिक्के छापने का कार्य करने वाले विोशज्ञ बाडमेर के जसोल (लोछिवाल) से नाथानी लायचा गोत्र के सोनी परिवार को जैसलमेर रियासत में ससम्मान निमन्ति्रत किया ताकि सिक्कों में निखार आ सके।महारावल नें उन्हे वांनुगत टकसाल का दरोगा भी बनाया गया तथा उन्हें रियासत की तमाम सुविधाऐं भी उपलब्ध कराई।यह परिवार आज भी जैसलमेर के परम्परागत आभूशण बनानें में जुटें हैं।
अखौाही सिक्के उस समय की मोहम्मद शाही सिक्कों का ही प्रतिरूप थें मगर उस पर जैसलमेरी रियासत की पहचान के लिऐ चिन्ह (22)बाईस फारसी में () इस रियासत की पहचान रूप था ।क्योंकि महारावल अखैसिह ने राजगद्धी 1722 में सम्भाली थी ,ये मोहम्मद भाही सिक्के बादाशाह की बिना आज्ञा के छापे गये थे। महारावल अखैसिह की मृत्यु के पचात उनके उत्तराधिकारी महारावल मूलराज (1761..1819)द्घारा बादाह से नियमित टकसाल स्थापित करने की आज्ञा लेकर जैसलमेर रियासत की टकसाल में स्वतंत्र रूप से सिक्के छापने आरम्भ किये गयें।
चान्दी के अखौाही में एक रूपया,आठ आनी,चार आनी,दो आनी,मुल्य के सिक्के चलन में थे।इनका वनज क्रमा 10,50 से 1160 ग्राम ,5,35 से 5,80 ग्राम 2,68 से 2,90 ग्राम,1,34 से 1,45 ग्राम होता था व भाुद्धता 95 से 96 प्रतित तक होती थी। उसी दौरान सोने की मुहर भी छपी गई एक मुहर ,आधी मुहर ,चौथाई मुहर और 1/8 मुहर उस समय 1 मुहर 15 चांदी के अखेशाही आते थे तथा 1 अखेशाही में दो तोला चांदी आती थी .उस समय अखेशाही मुग़ल बादशाह के नाम से ही छपे गए उनमे विद्यमान आलेख ,राज्यारोहन सन आदी का यथावाचत ही रखा तथा लिपि फारसी ही रखी गई जो निम्न प्रकार से थी ...एक और ----सिक्का मुबारक साहिब किसन सानी मोहम्मद शाह गाजी 1153


दूसरी और सनह 22 जुलुस मेम्नात मानूस जरब सियासत जैसलमेर इसी पटल पर टकसाल दरोगा का निशाँ होता था .इसके बाद विभिन समय समय जिन जिन महारावालों ने जैसलमेर रियासत के सिक्के छपवाए उन्होंने अपने समय की पहचान के लिए चिन्ह डाले जिससे पता चल सके की यह सिक्का किस महारावल के काल का हें ,जैसे मूलराज ,गज सिंह ,रणजीत सिंह ,बेरिशाल सिंह ने अपने अपने पहचान चिन्ह सिक्को में डाले .


इसके बाद सन 1860 में महारावल रणजीत सिंह के समय चंडी के सिक्को पर से मुग़ल बादशाह के नाम हटा कर महारानी विक्टोरिया का नाम छपा जाने लगा तथा इसी समय सिक्कों पर जैसलमेर के राज् चिन्ह के रूप में छत्र और चिड़िया को भी एक और अंकित किया गया .इस नई मुद्रा में भी रुपया ,आठ आना ,चार आणि ,दो आणि और सोने की मोहर जारी की गई थी ,जो की वजन व् आकर में पूर्ववर्ती सिक्कों की भांति ही थी ,स्वतंत्र भारत की मुद्रा आने तक इनका प्रचालन जारी रहा


नज़राना सिक्कें ------जैसलमेर रियासत के महारावालो ने समय समय पर नज़राना सिक्कें भी चलाये जो की वजन से सामान्य सिक्कों से अधिक वजन में थे व् साईज में भी बड़े थे ,नज़रानी सिक्कें गोल ,चौरस व् अष्ट पहलू में चलाये गए तथा इनका वज़न सवा रुपया ,14-15 ग्राम ,डेड रुपया पौने दो रुपया व् दो रूपया यह सोने व् चांदी दोनों धातुओ में निकाले गए थे .


पुष्ठा मुद्रा ------द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1939 में तोपों में व् युद्ध सामग्री के लिए काफी मात्र में चंडी और ताम्बे के सिक्कों को गलाया गया था .उन्हें ब्रिटेन ले जाने की वजह से छोटी मुद्राओ का संकट आ गया .इससे निजात पाने के लिए महारावल जवाहर सिंह 1914-48 के समय पुट्ठा मुद्रा का चलन जनता में किया गया ,जिसे जनता ने भी स्वीकार .यह मुद्रा स्वतंत्र भारत की नई मुद्रा आने तक प्रचाल;अन में रही .इस प्रकार भी संग्रहकर्ताओं का आकर्षण रियासत कालीन मोहम्मद शाही ,अखेशाही की तरफ अधिक रहता हें .इस प्रकार स्थानीय शासको द्वारा समय समय पर अपनी जनता की आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए कई प्रतिबंधो के बावजूद भी अपनी रियासत की जनता के हित को सर्वोपरि मानते हुए स्वतंत्र मुद्रा अखेशाही के प्रकार से स्थानीय प्रजा को अपने शासको को पूर्ण अधिकार एवं स्वयं भू होने का तो विश्वास प्राप्त हुआ ही प्रतिदिन लें दें एवं व्यापर में भी आसानी हो गई .जैसलमेर के निवासी ब्रिटिश चांदी के कलदार या अन्य पडौसी राज्यों की चांदी की मुद्रा की अपेक्षा स्थानीय अखेशाही में ही लेनदेन को प्राथमिकता देते थे ,स्थानीय जनता की यह भावना अपने राज्य की स्वतंत्र मुद्रा में विशवास का प्रतिक थी ,स्वतंत्र भारत में जैसलमेर रियासत के विलय दिनांक तीस मार्च 1949 के पश्चात भी लोगों की पहली पसंद रही तथा आज भी जारी हें ,धन तेरस और दीवाली को आज भी जैसलमेर के लोग अखेशाही सिक्के या मुद्रा लेना प्राथमिकता से पसंद करते हें

बेटी को मारने के लिए पैरेंट्स ने दी डेढ़ लाख की सुपारी

चंडीगढ़/कोच्चि. पंजाब के होशियारपुर में पैरेंट्स ने अपनी बेटी को ही ठिकाने लगा दिया। नर्स मनप्रीत की हत्या उसके मां-बाप ने ही तीन लोगों के साथ मिलकर की थी। हत्या को दुर्घटना बनाने के लिए लाश को बीच सड़क पर फेंकवा दिया था। इसके लिए लड़की के पिता ने डेढ़ लाख रुपए भी दिए थे। शनिवार को इसका खुलासा करते हुए पुलिस ने मां बाप समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, एक हत्यारोपी फरार है। हत्या का कारण मनप्रीत का एक लड़के के साथ प्रेम संबंध बताया जा रहा है। गौरतलब है कि वीरवार तड़के माहिलपुर के निकट बघौड़ा चककटारु चौक के पास एक लड़की का शव बरामद किया गया था।
उधर, केरल में अपने सगे-संबंधियों द्वारा मासूम को अपनी हवस का शिकार बनने की एक और वारदात सामने आई है। एर्नाकुलम जिले में कुरुपडी के इस मामले में पिता पर आरोप है कि उसने अपनी छह साल की बेटी को पहले जबरन शराब पिलाई फिर उसके साथ कुकर्म किया।

पीडित लड़की की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उसका पति इस मासूम के साथ पिछले छह महीने से कुकर्म कर रहा था। आरोपी 40 साल का यह शख्‍स अभी फरार है लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में प्रोटेक्‍शन ऑफ चिल्‍ड्रन अगेंस्‍ट सेक्‍सुअल ऑफेंसेज एक्‍ट और आईपीसी की 328 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
यह मामला तब सामने आया जब बच्‍ची के व्‍यवहार से जुड़ी कुछ समस्‍याएं सामने आने के बाद उसे पहले एक बाल रोग विशेषज्ञ और फिर एक मनोरोगियों का इलाज करने वाले के पास ले जाया गया।

पीएम बोले,मोदी कर रहे हैं लोगों को गुमराह

पीएम बोले,मोदी कर रहे हैं लोगों को गुमराह
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को गुजरात सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी लोगों को गुमराह कर रहे हैं। वसंदा में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में विकास कुछ ही लोगों के लिए है और बड़ा तबका इससे अछूता है। उन्होंने लोगों से उन नेताओं से मुक्ति पानी की अपील की जो
विभाजनकारी राजनीति करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो हर नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस करेगा। हम विपक्षी दलों की तरह लोगों के बीच भेदभाव नहीं करते। हम राज्य में एकता और विकास चाहते हैं। मनमोहन सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र खराब रिकॉर्ड के लिए मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गुजरात सरकार विकास के बीच बैलेंस नहीं बना पा रही है। गुजरात को तभी लाभ होगा जब वह केन्द्र की योजनाओं को लागू करेगा। केन्द्र की योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक नहीं पहुंच रहा है।

वसंदा दक्षिण गुजरात में आता है। यहां 13 दिसंबर को होने वाले पहले चरण के दिन मतदान होगा। प्रधानमंत्री की यह रैली उस वक्त हुई है जब दो दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्य का तूफानी दौरा किया था,जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमले बोला था। सोनिया ने सूरत जिले के मांडवी में एक चुनावी जनसभा में आरोप लगाया था कि मोदी सरकार विकास के लंबे लंबे वादे कर रही है,जो राज्य में कहीं भी नहीं दिखाई दे रहा है।

बीकानेर सुहागरात से पहले आ गई मौत....

सुहागरात से पहले आ गई मौत....
बीकानेर। इसे किसकी बदनसीबी कहें। उस लड़की की...जिसने अभी पति से चार मीठी बातें भी नहीं की थी और जिसकी मेहंदी का रंग अभी फीका भी नहीं पड़ा था या फिर उस पति की...जिसने बीवी का चेहरा भी ढंग से नहीं देखा था।

बस...इसे कुदरत का खेल ही कह सकते हैं कि किसी को सुहागरात से पहले मौत आ जाए। कुछ ऎसा ही हुआ बीकानेर के नथूसर गांव के पंकज सोनी के साथ,जो नई नेवेली दुल्हन के लिए शादी के बाद पहला गिफ्ट खरीदने बाजार गया था लेकिन फिर कभी नहीं लौटा। लौटी तो सिर्फ उसकी लाश।

पंकज की दो दिन पहले ही शादी हुई थी। उसकी बारात रतनगढ़ गई थी। पंकज के घर में खुशी का माहौल था। रिसेप्शन की तैयारियां चल रही थी। इस बीच पंकज की लाश घर पहुंची तो मातम छा गया। घर वालों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। पत्नी तो समझ ही नहीं पाई थी कि हो क्या रहा है,जब वह बदहवास सी भागती हुई आई तो देखा कि पति का शव पड़ा है। वह वहीं बेहोश हो गई। चारों ओर चीख-पुकार से ऎसा लग रहा था मानो पूरा मोहल्ला रो रहा हो।

शनिवार को पंकज अपनी पत्नी के लिए गिफ्ट लेने बाजार गया था। उसने मां और पत्नी को कहा था कि वह जल्द ही लौट आएगा लेकिन जब शाम तक नहीं लौटा तो घर वालों ने नयेसर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत पंकज की तलाश शुरू कर दी। रविवार सुबह पुलिस को गजनेर रेलवे ट्रेक पर एक शव पड़ा मिला। पहचान के लिए पंकज के घर वालों को बुलाया गया। घर वालों ने शव देखते ही उसकी पहचान पंकज के रूप में की। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

अभी यह पता नहीं चल पाया है कि पंकज ने आत्महत्या की है या उसकी हत्या हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पंकज अपने घर में पिता के साथ सोने-चांदी की दुकान चलाता था। पंकज के एक भाई और दो बहनें है। पंकज इनमें से सबसे छोटा था।

7 विकेट से तीसरा टेस्ट हारा भारत

7 विकेट से तीसरा टेस्ट हारा भारत

कोलकाता। इंग्लैण्ड ने तीसरे टेस्ट में भी भारत को धूल चटा दी। कोलकाता में खेला गया तीसरा टेस्ट टीम इण्डिया सात विकेट से हार गई। इंग्लैण्ड को जीत के लिए 41 रन बनाने थे। उसने तीन विकेट खोकर यह लक्ष्य हासिल कर लिया।

4 टेस्ट की सीरीज में इंग्लैण्ड 2-1 से आगे हो गई है। अहमदाबाद में खेला गया पहला टेस्ट भारत ने 9 विकेट से जीता था। मुंबई में खेला गया दूसरा टेस्ट इंग्लैण्ड ने 10 विकेट से जीता था। सीरीज में बराबरी के लिए भारत को नागपुर में खेला जाने वाले टेस्ट हर हाल में जीतना होगा।

जीत के लिए 41 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी इंग्लैण्ड की शुरूआत काफी खराब रही। कप्तान एलिस्टर कुक सिर्फ 2 के स्कोर पर चलते बने। अश्विन ने कुक को धोनी के हाथों कैच करवाया। कुक के आउट होने के कुछ देर बाद ही ट्रॉट भी चलने बने। प्रज्ञान ओझा ने ट्राट को अपना शिकार बनाया।

केवीन पीटरसन को भी अश्विन ने जल्द ही चलता कर दिया। पीटरसन बिना खाता खोले चलते बने। अश्विन ने पीटरसन को धोनी के हाथों कैच करवाया। इयान बेल 28 और क्राम्पटन 9 रन बनाकर नाबाद रहे। टीम इण्डिया ने दूसरी पारी में 247 रन बनाए थे।


अश्विन ने पारी की हार से बचाया

आठवें नंबर के बल्लेबाज रविचंद्रन अश्विन ने भारत को पारी की हार से बचा लिया। अश्विन 157 गेंद में 15 चौकों की मदद से 91 रन बनाकर नाबाद रहे। एक समय लग रहा था कि इंग्लैंड चौथे दिन ही जीत दर्ज करके सीरीज में 2-1 से बढ़त हासिल कर लेगा, लेकिन अश्विन ने उसके मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया।

बचपन में कभी बल्लेबाज बनने का सपना देखने वाले दाएं हाथ के बल्लेबाज अश्विन ने अपनी रक्षात्मक तकनीक का बेजोड़ नमूना पेश किया। जिस इंग्लिश आक्रमण के सामने भारत के दिग्गज बल्लेबाज आयाराम गयाराम साबित हुए, अश्विन ने उनका डटकर सामना करके भारत का कुछ सम्मान बचाए रखा। अश्विन ने तब क्रीज पर कदम रखा, जबकि स्कोर छह विकेट पर 122 रन था। उन्होंने बीच इशांत शर्मा (10) के साथ नौवें विकेट के लिए 38 रन की साझेदारी की।

नेल्सन मंडेला अस्पताल में भर्ती

नेल्सन मंडेला अस्पताल में भर्ती

जोहांसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को नियमित जांच के लिए प्रिटोरिया के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


पूर्व राष्ट्रपति के प्रवक्ता मैक महाराज ने एक बयान में कहा कि मंडेला को नियमित जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस तरह की जांच पहले भी कराई जाती रही है। मंडेला 18 जुलाई को 94 साल के हुए। रंगभेद के खिलाफ संघर्ष के दौरान मंडेला 27 साल तक जेल में रहे। वह 1994 में दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति चुने गए थे।

नास्त्रेदमस की 10 भविष्यवाणियां, जिन्होंने सच होकर मचा दी खलबली

21 दिसंबर को 2012 के महाप्रलय को लेकर लोगों का मानना है कि फ्रेंच भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने अपनी मशहूर किताब 'द प्रोफेसीज' में 2012 में घटने वाली घटनाओं के भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी। इसके मुताबिक, धनु राशि का तीर एक स्याह हलचल की ओर इशारा कर रहा है, विनाश की शुरुआत से पहले तीन ग्रहण पड़ेंगे और तब सूरज और धरती पर तीव्र भूकंप आएंगे।


जैसे-जैसे 2012 के करीब पहुंचते जाएंगे, आपदाएं भी बढ़ने लगेंगी। सूरज पर भूकंप से विकिरण के तीव्र तूफान उठेंगे। यह धरती को इस तरह गर्मा देंगे कि ध्रुवों की बर्फ पिघलने लगेगी। जब ऐसा होगा तो धरती के ध्रुव भी बदल जाएंगे।


कुंभ राशि के युग की शुरुआत में आसमान से एक बड़ी आफत धरती पर आ टूटेगी। धरती का ज्यादातर हिस्सा प्रलयंकारी बाढ़ की चपेट में आ जाएगा। जान और माल की भारी क्षति होगी। हैरानी की बात ये है नास्त्रेदमस ने कुंभ राशि के जिस युग की शुरुआत की बात की है वो वक्त है 21 दिसंबर 2012 के बाद का


महान फ्रेंच भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस का जन्म 14 दिसंबर 1503 को फ्रांस के छोटे से गांव सेंट रेमी में हुआ था। उन्होंने अपनी जवानी के दिनों से भविष्यवाणियां करना शुरु कर दी थीं। एक घटना तो ऐसी थी कि जिससे पूरे यूरोप महाद्वीप में सनसनी फैल गई। एक बार वे अपने दोस्त के साथ इटली की सड़कों पर घूम रहे थे। तभी उन्होंने एक युवक को भीड़ में देखा। जब युवक पास आया तो उन्होंने उसे सिर झुकाकर अभिवादन किया। दोस्त ने हैरान होते हुए इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति आगे चलकर पोप का आसन ग्रहण करेगा। यह आदमी फेलिस पेरेसी था, जो 1585 में पोप चुना गया। ।


1550 में नास्त्रेदमस ने अपना खुद का पंचाग भी निकालना शुरू कर दिया था, जिसमें ग्रहों की स्थिति, मौसम और फसलों के बारे में पूर्वानुमान होते थे। उनमें से ज्यादातर सच निकलते थे। उन्हें अपनी मौत का भी आभास हो गया था। यहां तक कि उन्होंने कहा था कि उनकी मौत के 225 साल बाद कुछ समाज विरोधी तत्व उनकी कब्र खोदने और अवशेषों को निकालने का प्रयास करेंगे, लेकिन उनकी तुरंत मौत हो जाएगी। वास्तव में ऐसा ही हुआ फ्रांसीसी क्रांति के बाद 1791 में तीन लोगों ने उनकी कब्र खोदनी चाही, लेकिन उनकी वहीं मौत हो गई।


अपनी मौत के समय तक की गई उनकी भविष्यवाणी सही साबित हुई। आज भी यह दावा किया जाता है कि नेपोलियन बोनापार्ट, एडोल्फ हिटलर, दोनों विश्वयुद्ध, हिरोशिमा-नागासाकी में एटमी हथियारों के विनाश की भविष्यवाणियां एकदम सटीक साबित हुई। यहां तक की अंतरिक्ष शटल चैलेंजर और 9/11 हमले की बात भी उन्होंने कई शताब्दियों पहले कर दी थीं। दुनिया के अंत को लेकर भी नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी क्या सच साबित होगी। इसका जवाब उन्हीं के कोड में लिखा है।




द ग्रेट फायर ऑफ लंदन

लंदन के पुडिंग लेन स्थित थॉमस फैरिनर की बेकरी में 2 सितंबर 1966 (in the year '66) को बहुत छोटी सी आग लगी थी. इस जरा सी आग ने तीन दिन में पूरे शहर जला कर राख कर दिया। शहर के मध्य भाग को भारी नुकसान पहुंचा। इसमें 13,200 घर, 87 चर्च, शहर के सरकारी इमारतों सहित 70 हजार घर जल गए और 80,000 लोग बेघर हो गए थे।






फ्रांसीसी क्रांति

फ्रांस में सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल के लिए फ्रांसीसी क्रांति (1789-99) को याद किया जाता है। यह फ्रेंच और यूरोपियन इतिहास की सबसे बड़ी घटना थी। 1789 में फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत हुई. फ्रांस के लोग राजशाही से परेशान होकर सडकों पर उतर आए. भीड़ (enslaved populace) ने पेरिस शहर का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया. उग्र लोगों ने बड़े लोगों (सामंतों और शासकों) के किले (prisons) में बंद कर दिया और उनके सिर कलम (headless idiots) कर दिए.




नेपोलियन का उदय

नास्त्रेदमस ने नेपोलियन की भविष्यवाणी एकदम सटीक की थी। उन्होंने एक आदमी का जिक्र करते हुए अपने कोड में PAU, NAY, LORON का जिक्र किया था। अगर इसके नाम को आगे-पीछे मिलाया जाए तो napoleon roy (नेपोलियन रोय) या नेपोलियन बोनापार्ट बनता है। यह फ्रांस का सबसे प्रसिद्ध राजा था। नास्त्रेदमस में तीसरी लाइन में (refuse entry to the Piuses) जो नाम लिया है वह पोप पियूस छठवां ( Popes Pius VI) और पियूस सातवां (Popes Pius VII) को उल्लेखित करता है। हैरत की बात थी कि दोनों ही नेपोलियन द्वारा बंदी बना लिए गए थे।




लुई पाश्चर

फ्रेंच केमिस्ट और माइक्रोबॉयोजॉलिस्ट लुई पाश्चर (Pasteur will be celebrated) का जन्म 1822 में 'डोल' में हुआ था। उन्होंने असमय होने वाली मौत के कारण और बीमारियों की रोकथाम के लिए शोध किए(lost thing is discovered, hidden for many centuries)। उन्होंने दुनिया में पहली बार एंथ्रेक्स और रैबीज बिमारियों के लिए टीका विकसित किए। उनका पूरा शोध कार्य रोगों के जीवाणु सिद्धांत पर आधारित था। उनकी पाश्चुरीकृत विधि से दूध और वाइन के खुले तौर पर इस्तेमाल पर रोक लग गई। उन्हें इतिहास के तीन सबसे बड़े माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट में से एक माना जाता है।




एडोल्फ हिटलर

यहां Beasts (बीस्ट) का मतलब जानवर से हैं। नास्त्रेदमस के बीस्ट की तुलना जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर से की जाती है। ऑस्ट्रिया में पैदा हुआ यह जर्मन नेता नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (नाजी) का प्रमुख था। वह 1933 से 1945 तक जर्मनी का चांसलर और 1934 से 1945 तक राष्ट्राध्यक्ष था। उसकी सेना ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस पर कब्जा कर लिया था। उसे यूरोप में फांसीवाद के उदय, द्वितीय विश्व युद्ध और लाखों मासूमों के नसंहार के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।






द्वितीय विश्वयुद्ध


द्वितीय विश्वयुद्ध और एडोल्फ हिटलर के उदय के बारे नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी एकदम सटीक साबित हुई। 1939-1945 तक चले इस विश्वयुद्ध में दुनिया के बड़े देशों ने भाग लिया था। यह इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध था, जिसमें दुनियाभर से 10 करोड़ सैनिको ने हिस्सा लिया था। विशेषज्ञों ने इसे 'प्रलय' का नाम दिया था। क्योंकि इसमें पांच से सात करोड़ लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।



परमाणु बमबारी

जापान के हिरोशिमा और नागासाकी (within two cities) पर परमाणु हमले का उल्लेख नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी में मिलता है। अमेरिका द्वारा किए गए इस हमले के साथ ही द्वितीय विश्वयुद्ध का अंत हो गया और जापान ने घुटने टेक दिए। हिरोशिमा में 90 से एक लाख 66 हजार लोग और नागासाकी में 60 से 80 हजार लोग काल के गाल में समां गए थे। यह परमाणु हमले की पहली और आखिरी घटना है। जिसमें एक बार में ही कुल डेढ़ से ढाई लाख लोग मारे गए। (Crying to the great immortal God for relief).


अमेरिकी राष्ट्रपति और उसके भाई की मौत

जॉन एफ कैनेडी (great man) अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति थे। उन्हें मौत की कई धमकी (petition) मिल चुकीं थीं.उन्हें पत्नी के सामने ही गोली मार दी गई (thunderbolt), जब वह टेक्सास की यात्रा पर थे। उसके ठीक पांच साल बाद 1968 में लॉस एंजिलिस में उसके भाई बॉबी कैनेडी की आधी रात को हत्या कर दी गई। इन दोनों घटनाओं से पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई.(Conflict at Reims, London).

राजकुमारी डायना की मौत



1997 में पेरिस में कार दुर्घटना में ब्रिटेन की राजकुमारी डायना की मौत हो गई। उस समय उनके साथ ब्वॉयफ्रेंड डोडी फयाद भी मौजूद थे। उसके पिता का नाम मोहम्मद था(the surname of Prophet). मर्सडीज बेन्ज डब्ल्यू140 का ड्राइवर हेनरी पॉल था। इस हादसे में जिंदा बचा डोडी का बॉडीगार्ड ट्रेवर रीस जोंस का कहना था कि उनके पीछे मीडिया की गाड़ी थी। जिससे बचने के दौरान यह हादसा हो गया। इस घटना के लिए मीडिया पर पैपराजी पत्रकारिता का आरोप भी लगा था। 1999 में फ्रांसीसी न्यायिक जांच में खुलासा हुआ कि इस हादसे का जिम्मेदार हेनरी ड्राइवर था, जो कार पर से अपना नियंत्रण खो चुका था। उसने बहुत शराब पी रखी थी।



9/11 वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर पर आंतकी हमला


यहां New City (न्यूयॉर्क) और center of the Earth (वर्ल्ड ट्रेड सेंटर) और Two great rocks (ट्विन टॉवर) का मतलब साल 2001 के 9/11 के हमले से जोड़ा गया है। नास्त्रेदमस के Arethusa को 'लादेन' से जोड़ा गया। इस घटना में अपहरणकर्ताओं ने दो प्लेन को हाइजैक कर ट्विन टॉवर में क्रैश करा दिया था। प्लेन में बैठे यात्री और इमारत में काम करने वाले लोग मारे गए। दोनों टॉवर सिर्फ दो घंटे के अंदर जमींदोज हो गए। प्लेन में बैठा कोई भी यात्री जिंदा न बच सका।

राजस्थान-गुजरात सीमा पर बनेंगी 52 चेक पोस्ट



गुजरात में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान व गुजरात की सीमा पर 52 स्थानों पर नाकाबंदी के लिए चेक पोस्टें लगेंगी। दोनों राज्यों की सीमा सील करने के लिए की जा रही इस कवायद में 19 चेक पोस्ट गुजरात सीमा में और 33 चेक पोस्ट स्थल राजस्थान की सीमा में चिह्नित किए गए हैं।

एडीजी (इंटेलीजेंस) दलपत सिंह दिनकर ने बताया कि शनिवार को जोधपुर में बीएसएफ सीमांत मुख्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में सीमावर्ती राज्य गुजरात के साथ को-ऑर्डिनेशन मीटिंग आयोजित की गई।

राजस्थान के डीजीपी हरीश मीणा और गुजरात के डीजीपी चितरंजन सिंह की मौजूदगी में हुई बैठक में गुजरात में हो रहे चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न करवाने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस द्वारा संयुक्त चेकिंग कार्यवाही पर चर्चा की गई।

इसके लिए दोनों राज्यों की सीमा सील कर पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त करने पर विचार विमर्श किया। इस दौरान दोनों राज्यों की पुलिस अवैध शराब, हथियार, मानव तस्करी, नशीले पदार्थ की तस्करी की रोकथाम के साथ चुनावों को प्रभावित करने वाले संदिग्ध लोगों पर भी नजर रखेगी।

इन व्यवस्थाओं के लिए राजस्थान पुलिस की ओर से एडीजी सुरेश चौधरी को समन्वयक बनाया गया है। बैठक में एडीजी (रेलवे) सुरेश चौधरी, जोधपुर पुलिस कमिश्नर भूपेंद्र कुमार दक, जोधपुर रेंज आईजी डीसी जैन, उदयपुर रेंज आईजी टीसी डामोर के साथ गुजरात बॉर्डर रेंज के आईजी वीएम पारगी, गांधीनगर आईजी शमशेर सिंह, डीआईजी कानून-व्यवस्था राजू भार्गव, जोधपुर पुलिस के डीसीपी राहुल प्रकाश, एसीपी कुंवर राष्ट्रदीप व प्रीति जैन शामिल हुए।


ज्वाइंट पेट्रोलिंग पर सहमति

गुजरात व राजस्थान राज्य की पुलिस संयुक्त रूप से दोनों राज्यों में रहने वाले अभियुक्तों की धरपकड़ करने के साथ अपराधियों की संपूर्ण सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाएगा। वाहन चोरी की बढ़ती वारदातों पर अंकुश लगाने व पूर्व में चोरी हो चुके वाहन जब्त होने की पूर्ण सूची दोनों राज्य एक-दूसरे को सौंपेंगे।

दोनों राज्यों के वांछित सक्रिय अपराधियों, फरार, उद्घोषित अपराधियों, स्थायी वारंटियों की सूची का आदान-प्रदान करेंगे। डीजीपी ने चुनावों के बाद भी ऐसा ही समन्वय बनाए रखकर अपराधियों के खिलाफ सामूहिक अभियान चलाकर कार्रवाई करने पर सहमति जताई।

शनिवार, 8 दिसंबर 2012

तीन दिन के अन्दर होगी आरोपियों की गिरफ्तारी


ए एस पी के आश्वासन के बाद उठाया लालू का शव 


तीन दिन के अन्दर होगी आरोपियों की गिरफ्तारी 

जटिया समाज ने निकाला मौन जूलूस 

बाड़मेर 8 दिसम्बर। 14 दिन गायब रहने के बाद मिले लालू के शव को ए एस पी नरेन्द्र सिंह मीणा के आश्वासन के बाद देर रात परिजनों द्वारा उठाया लिया गया। वहीं जटिया समाज के अध्यक्ष मोहनलाल गोसाईवाल, मजदूर नेता लक्ष्मण वडेरा, उदाराम, महामंत्री भेरूसिंह फुलवारिया, युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष ईश्वरचंद नवल, भोजाराम मंगल, पदम गोसाई सहित कई नेताओं के साथ जटिया समाज के हजारों लोगो ने मौन जूलूस निकालकर मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलक्टर अरूण पुरोहित व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्रसिंह मीणा व सहायक पुलिस अधीक्षक नाजिम अली को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की। मामले की गंभीरता को देखतें हुए जटिया समाज के हनुमान मंदिर, कलेक्ट्रेट, अस्पताल परिसर, चौहटन रोड़ व शहर के मुख्य मार्गो पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। 
ज्ञापन में बताया गया हैं कि पुलिस ने लालचंद के मामले को गंभीरता से नहीं लिया। तथा जांच करने में दिलचस्पी नही दिखाई। जिसकें चलतें शुक्रवार को लालू का शव क्षतविक्षत हालात में बालेरा की पहाड़ियों मे प्राप्त हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि लालचंद को क्रुरता पूर्वक मारा गया हैं तथा उसकें मौत हुए पांच से छः दिन हो चुके हैं। पुलिस ने अब तक लालचंद के हत्यारों को गिरफ्तार नही किया हैं। तथा पुलिस की निष्क्रयता व मुलजिमानों के प्रति नरम रवैये से सम्पूर्ण जटिया समाज में रोष व्याप्त हैं। 
शनिवार को जटिया समाज के हनुमान मंदिर में जटिया समाज के लोगो की बैठक हुई। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्रसिंह मीणा, डिप्टी नाजिम अली, सदर कोतवाल लूणसिंह भाटी, शहर कोतवाल देवाराम चौधरी सहित भारी मात्रा में पुलिस दल पहुंचा। जहां समाज व पुलिस के मध्य समझाईश के कई दौर चलें। आखिरकार ए एस पी नरेन्द्रसिंह मीणा की समझाईश पर समाज के लोग लालू का शव उठाने के लिए तैयार हो गयें। ए एस पी ने तीन दिन के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन देते हुए कहा कि जटिया समाज के साथ पूर्ण रूप से न्याय होगा, नही तों वो अपनी नौकरी छोड़ देगें। जटिया समाज के नेताओं ने ए एस पी के आश्वासन को मानते हुए कहा कि अगर तीन दिन के अन्दर आरोपियों की गिरफ्तारी नही होती हैं, तो समाज द्वारा उग्र आन्दोलन किया जायेगा। 
गौरतलब हैं कि लालू उर्फ लालचंद पुत्र हरजीराम जटिया निवासी बाड़मेर को मोडाराम देशान्तरी, वीरसिह राजपुरोहित निवासी बालेरा के यहां रंग रौगन के कार्य के लिए ले गया था। वहां से लालू लापता हो गया। जिसकी गुमशुदगी रिपोर्ट परिजनों ने सदर थानें में दर्ज करवायी थी। चौदह दिन बाद लालू का शव बालेरा की पहाड़ियों से क्षतविक्षत हालात में प्राप्त हुआ। 

बिहार में जहरीली शराब से अब तक 16 मरे

बिहार में जहरीली शराब से अब तक 16 मरे

आरा। बिहार के आरा शहर में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का सिलसिला जारी है। शनिवार सुबह तक पांच और लोगों के मरने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार जहरीली शराब पीने के कारण शनिवार को नवादा थाना के अनाईठ गांव के छटु साह (50), विराज सिंह (45), सुरेश पासवान (42) के अलावा शिवगंज और मौला बाग में भी एक-एक लोगों के मरने की सूचना है। प्रशासन की ओर से पीडितों का पता लगाकर कर उन्हें अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।

पुलिस ने इन इलाकों में देर रात छापेमारी कर बरामद शराब को जांच के लिए भेज दिया है। इस बीच भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) ने जहरीली शराब कांड के विरोध में शनिवार को आरा शहर बंद की घोषणा की है। पार्टी के कार्यकर्ता सुबह से सड़कों पर उतर गए और कई स्थानों पर यातायात को बाधित कर रखा है।

गौरतलब है कि गुरूवार को भोजपुर जिले में आरा शहर के नवादा थाना क्षेत्र के गोढ़ना छोटकी मुसहर टोली और अनाईठ गांव के कुछ लोगों ने जहरीली शराब पी थी जिसके कारण 11 लोगों की मौत हो गई थी।

ढाणी जलाने दहेज़ प्रताड़ना और मारपीट के मामले दर्ज



जुआ गुब्बाखाईवाली करते एक गिरफ्तार

बाड़मेर पुलिस समदडी ने गुब्बा खाई करते एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के अनुसार शेराराम स.उ.नि. मय पुलिस पार्टी पुलिस थाना समदड़ी द्वारा मुखबीर की ईत्तला पर कस्बा समदड़ी में सार्वजनिक स्थान पर अंको पर दांव लगाकर जुआ गुब्बाखाई वाली कर रहे मुलजिम लालाराम पुत्र हड़मानाराम गुर्जर नि. समदड़ी को दस्तयाब कर उसके कब्जा से 120/रूपये जुआ राशी बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना समदड़ी पर जुआ अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।

ढाणी जलाने  दहेज़ प्रताड़ना और मारपीट के मामले दर्ज 

 बाड़मेर जिले के विभिन थानों में दहेज़ प्रताड़ना ,ढाणी जलाने और मारपीट के मामले दर्ज कर अनुसन्धान शुरू किया गया .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के अनुसार किसनाराम पुत्र हरूराम गर्ग नि. शिवकर ने मुलजिम खींमाराम पुत्र दुर्गाराम गुरू नि. शिवकर वगेरा 7 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस के भाई रेशमाराम की ़ाणी में आग लगाना जिससे घरेलु सामान व बकरी जल जाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

 श्रीमति उगमकंवर पत्नि मालसिंह पुरोहित नि. इन्द्राणा ने मुलजिम घर्मसिंह पुत्र भोमजी पुरोहित नि. इन्द्राणा वगेरा 5 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा एक राय होकर मुस्तगीसा के खातेदारी खेत में प्रवेश कर मारपीट करना व बबूल काटकर ले जाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सिवाना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

  श्रीमति रेखादेवी पत्नि धर्माराम भील नि. बालोतरा ने मुलजिम धर्माराम पुत्र चान्दाराम भील नि. बालोतरा के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीसा को दहेज के लिए तंग परेशान कर मारपीट करना व स्त्रीधन हड़पना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सिवाना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

4.प्रार्थी श्री तरूणकुमार पुत्र रामस्वरूप सोनी नि. मोकलसर ने मुलजिम घेवरराम पुत्र डायाराम सोनी नि. मोकलसर वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस की दिवार तोड़ना व तगारी फावड़े चुराकर ले जाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सिवाना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

जैसलमेर पुलिस ने विभिन मामलो में पांच जनों को गिरफ्तार किया

जैसलमेर पुलिस ने विभिन मामलो में पांच जनों को गिरफ्तार किया 

शराब पीकर टेक्सी चलाकर राहगिरो को परेशान करते 01 गिरफतार
पुलिस थाना जैसलमेर के हल्खा क्षैत्र में अमर सागर तिराहे पर टेक्सी चालक भीखिंसंह पुत्र गेमसिंह उम्र 21 साल जाति राणा राजपुत निवासी बबर मगरा द्वारा शराब पीकर टेक्सी चलाकर राहगिरो को परेशान करने पर वीरेन्द्रसिंह नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना जैसलमेर मय जाब्ता द्वारा टेक्सी चालक भीखिंसंह को धारा 185 एमवी एक्ट के तहत गिरफतार किया गया।


पुलिस थाना फलसुण्ड एवं रामगढ  में शांति भंग के आरोप में 04 व्यक्ति गिरफतार 
पुलिस थाना फलसुण्ड के हल्खा क्षैत्र में कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में जसवंतसिंह पुत्र जुगतसिंह राजपुत उम्र 21 साल एवं देरावरसिंह पुत्र गोपालसिंह जाति राजपुत सर्वे निवासी भूर्जग को दौराने हल्खा गश्त मोहनिंसह निपु थानाधिकारी पुलिस थाना फलसुण्ड मय जाब्ता द्वारा गिरफतार किया गया।

इसी प्रकार पुलिस थाना रामगढ  के हल्खा क्षैत्र में कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में कुटलाराम पुत्र हजारीराम उम्र 35 साल एवं तोलेश कुमार पुत्र चिमाराम उम्र 20 साल जाति मेघवाल निवासी खुईयाला को मुकेश चावडा निपु थानाधिकारी पुलिस थाना रामग मय जाब्ता द्वारा नवातला माईनर रामग से गिरफतार किया गया।

राजस्थानी भाषा रो हेल्लो जनजागरण कार्यक्रम दुदाबेरी में आयोजित


राजस्थानी भाषा रो हेल्लो जनजागरण कार्यक्रम दुदाबेरी में आयोजित 

मायड़ भाषा ने पुरो मान सम्मान मिले 

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर और राजस्थानी छात्र परिषद् बाड़मेर तहसील इकाई के तत्वाधान में राजस्थानी भाषा रो हेल्लो जन जागरण कार्यक्रम दुदाबेरी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में राणाराम चौधरी के मुख्य आतिथ्य ,तहसील संयोजक खेत दान भद्रेश की अध्यक्षता और दिलीप सिंह बारहट के विशिष्ठ आतिथ्य में शनिवार को आयोजित किया गया ,इस दौरान ग्रामीणों तथा छात्र छात्राओ ने बड़ी तादाद में राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता देने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री और सांसद को पोस्टकार्ड भी लिखे गए .संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की कार्यक्रम संयोजक रमेश सिंह इन्दा और प्रभारी दिग्विजय सिंह चुली के नेतृत्व में आयोजित राजस्थानी रो हेल्लो जन जागरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिलीप सिंह बारहट ने कहा की राजस्थानी भाषा का साहित्य और इतिहास बहूत सम्रध हें ,राजस्थानी भाषा को प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने के साथ शिक्षा का माध्यम राजस्थानी करना जरुरी ,उन्होंने कहा की राजस्थानी के बिना राजस्थान की कल्पना नहीं की जा सकती .इस अवसर पर राणा राम चौधरी ने कहा की बाड़मेर जिले में राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए जो प्रयास युवाओं द्वारा किये जा रहे हें उससे उम्मीद जगी हें ,राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के संघर्ष में हम सब कंधे से कंधा मिला कर आपके साथ हें ,इस अवसर पर तहसील संयोजक खेत दान भादरेश ,लाखदान चारण ,हितेश जांगिड,रेवंतदान देथा ने भी राजस्थानी भाषा को मान्यता की पर प्रकाश डाला .

हिन्दू सिंह तामलोर मोटियार परिषद् के जिला पाटवी मनोनीत

हिन्दू सिंह तामलोर मोटियार परिषद् के जिला पाटवी मनोनीत

कार्यकारिणी घोषित खारा बने महासचिव

बाड़मेर अखिल भारतीय राजास्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के घटक राजस्थानी मोटियार परिषद् की कार्यकारिणी का पुनर्गठन कर हिन्दू सिंह तामलोर को जिला पाटवी मनोनीत किया हें ,जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह बहती ने बताया की प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र सिंह बारहट के निर्देशानुसार हिन्दू सिंह तामलोर को जिला पाटवी मनोनीत किया गया ,उन्होंने बताया की तामलोर ने जिला पाटवी मनोंय के साथ ही अपनी कार्यकारिणी घोषित कर दी ,तामलोर ने अंकित जोशी ,विजय सिंह खारा ,नरेन्द्र खत्री ,चुनाराम गोदारा ,दिलीप सिंह सड़ा को महासचिव ,कमल सिंह कपुरडी ,उम्मीद आचार्य ,शुभम सैन ,और जेठाराम माली को सचिव ,जगदीश सिंह लंगेरा को कोषाध्यक्ष ,स्वरुप सोनी को सह सचिव ,सवाई चावड़ा को प्रचार मंत्री ,जुन्झार सिंह बीदावत को संगठन मंत्री और तरुण मुखी को प्रवक्ता नियुक्त किया गया हें ,हिन्दू सिंह तामलोर ने बताया की राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए समिति द्वारा चलाये जा रहे हें अभियान में मोटियार परिषद् सक्रीय भूमिका निभाएगा साथ ही अभियान से युवाओं को जोड़ने का सघन अभियान चलाया जायेगा तथा सदस्यता अभियान के माध्यम से अधिक से अधिक सदस्य बनाये जायेंगे ,हिन्दू सिंह तामलोर के जिला पाटवी बनाने पर रमेश सिंह ,इन्दा दिग्विजय सिंह चुकी ,अशोक सारला ,तेजा राम हुडडा ,सहित कार्यकर्ताओ तथा पदाधिकारियों ने स्वागत कर ख़ुशी जताई हें ,

मुख्यमंत्री बीपीएल शहरी आवास योजना


मुख्यमंत्री बीपीएल शहरी आवास योजना 

योजना में गड़बडी की आशंका सूचियों मे किया हेरफेर

बाड़मेर : नगर परिषद बाड़मेर शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना के कि्रयान्वयन में नगर परिषद बाड़मेर द्वारा भारी गड़बड़ी की आशंका के बीच वार्ड संख्या 21 की पार्षद श्रीमति उर्मिला जैन ने पूरे प्रकरण की जांच की मांग मुख्यमंत्री महोदय से की है। वार्ड पार्षद उर्मिला जैन ने बताया कि नगर परिषद बाड़मेर द्वारा समस्त पार्षदों को पत्र क्रमांक एफ06/भण्डार/2012/9546/7.12.2012 के जरिये प्रत्येक संबधित वार्डो से संलग्न बीपीएल सूची अनुसार आवास आवेदन प्रस्तुत करने का लिखा है। जबकि संलग्न सूचीयों में भारी गड़बड़ीयां नजर आती है। नगर परिषद द्वारा वार्ड संख्या 21 की सलंग्न 15 चयनित परिवारों की सूची में मात्र एक व्यक्ति संबंधित वार्ड का निवासी है शेष 14 नाम फर्जी डाले गये है। उन्होंनें बताया कि नगर परिषद कर्मियों द्वारा फर्जी नामों की सूची डालने की आंशका से इंतजार नहीं किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना में नगर परिषद कर्मियों द्वारा षड्यंत्र पूर्वक फर्जी नामों की सूची बनाकर वार्ड पार्षदों के माध्यम से आवेदन मांगे जा रहा है जो उचित नहीं है। नगर परिषद को चाहिए कि पार्षदों को निर्धारित आवेदन प्रत्र उनके विवेक के आधार पर प्रस्तुत करने का अधिकार देना चाहिए। उन्होंनें लिखा है कि शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री आवास योजना में भारी गड़बड़ी की आशंका है जिसकी पूर्ण निष्पक्ष जांच की जायें। ताकि वास्तविक चयनित परिवारों को इसका लाभ मिल सके।

अपहरण कर 9 महीने तक किया रेप

अपहरण कर 9 महीने तक किया रेप
नई दिल्ली। दिल्ली में पड़ौस में रहने वाली एक किशोरी का अपहरण कर उसके साथ 9 महीने तक बलात्कार का मामला सामने आया है। सरिता विहार पुलिस इस लड़की को पिछले नौ महीने से तलाश रही थी।

पुलिस के अनुसार किशोरी के पड़ोसी ने ही रहने वाले युवक आलम ने उसका अपहरण किया और उसके साथ बलात्कार करता रहा। पुलिस ने नाबालिग के बयान के आधार पर आरोपी के खिलाफ अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस के मुताबिक पीडिता अपने परिवार के साथ सरिता विहार में रहती है। पिछले 24 मार्च को वह लापता हो गई थी। इस बाबत परिवार वालों ने थाने में लिखित शिकायत की। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर मामले की पड़ताल की तो पता चला कि पड़ोस में रहने वाला आलम भी उसी दिन से गायब है।
आलम मूल रूप से रांची का रहने वाला है पुलिस ने उसका मोबाइल ट्रेस किया। जिसके आधार पर देर रात किशोरी को बरामद करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। मेडिकल जांच में बलात्कार की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने नाबालिग के अपहरण और उसके साथ बलात्कार का केस दर्ज किया है। आलम ने पुलिस को बताया कि उसने शादी के इरादे से किशोरी का अपहरण किया था।

सिंह बने सीसीडीयू राज्यस्तरीय कमेटी के प्रवक्ता

सिंह बने सीसीडीयू राज्यस्तरीय कमेटी के प्रवक्ता

बाड़मेर , राजस्थान में आम जनता में पानी को बचाने और पानी की एक एक बूंद के सदुपयोग की मुहीम में लगे सीसीडीयू के परामर्शदातोओ की राज्य स्तरीय कमेटी का गठन राज्य की राजधानी जयपुर में किया गया जिसमे बाड़मेर सीसीडीयू जिला बाड़मेर इकाई में आई इ सी कंसल्टेंट पद पर कार्यरत अशोक सिंह को कमेटी का प्रवक्ता और मिडिया प्रभारी बनाया गया है . जानकारी के मुताबित बीते 6 दिनों तक चले सीसीडीयू के परामर्शदातोओ राज्यस्तरीय धरने के बाद राज्य स्तरीय कमिटी का पुनर्गठन किया गया जिसमे जोधपुर सम्भाग प्रभारी पद पर सोहन सिंह चोधरी को मनोनीत किया गया वही दूसरी तरफ बाड़मेर में सीसीडीयू के काम और आम जनता में जनजागरण के काम को बेहतरीन ढंग से अंजाम दे रहे जिला बाड़मेर इकाई में आई इ सी कंसल्टेंट पद पर कार्यरत अशोक सिंह को सीसीडीयू राज्यस्तरीय कमेटी के प्रवक्ता पद पर मनोनीत किया गया है . सिंह का काम सीसीडीयू की राज्य स्तरीय कमेटी के द्वारा आगामी दिनों में किये जा रहे कार्यो को मिडिया के माध्यम से आम जनता के सामने पहुचना है साथ ही वह सीसीडीयू द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करना भी रहेगा .अशोकसिंह के सीसीडीयू राज्यस्तरीय कमेटी के प्रवक्ता बनने पर परामर्शदातोओ विभिन्न ने ख़ुशी प्रकट की है . गोरतलब है कि राज्य भर में सीसीडियू आम जनता में पानी बचाने की मुहीम को लेकर न केवल काबिल -ए - गोर बल्कि काबिल -ए - तारीफ काम कर रहा है साथ इन कामो के चलते ही राष्ट्रिय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में राजस्थान देश में पहले स्थान पर पर रहा है . और केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान को सहयोगी कार्यक्रमों के लिए अतिरिक्त बजट भी दिया गया है .

77 वर्ष के हुए धर्मेंद्र





77 वर्ष के हुए धर्मेंद्र



हिंदुस्तानी हीमैन यानी धर्मेंद्र आज 77 वर्ष के हो गए हैं. धर्मेंद्र ने अपने 50 साल के फिल्मी करियर में हर तरह के रोल किए हैं. धर्मेंद्र ने शोले, आंखें, फरिश्ते,चरस, धर्मवीर, प्यार किया तो डरना क्या, अपने और यमला पगला दीवाना जैसी फिल्मों में काम किया है.

धर्मेंद्र ने कहा, "जब मैं काम नहीं करता तो लगता है तो लगता है कि ज़िंदगी बेकार है. अभिनय मेरे लिए ख़ूबसूरत संघर्ष की तरह है. और मैं लगातार इसका लुत्फ लेना चाहता हूं."

पिछले कई दिनों से धर्मेंद्र अपने दोनों बेटों सनी और बॉबी देओल के साथ फिल्म 'यमला पगला दीवाना-2' की शूटिंग में व्यस्त थे. इसकी शूटिंग ब्रिटेन के विभिन्न इलाकों में की जा रही है.

ये फिल्म पिछले साल की शुरुआत में रिलीज़ हुई 'यमला पगला दीवाना' का सीक्वल है.


कितना बदल गया सिनेमा


गुज़रे ज़माने से लेकर अब तक भारतीय सिनेमा में क्या क्या बदलाव आ गए हैं. इसके जवाब में धर्मेंद्र कहते हैं, "पुराने ज़माने में लोगों के पास वक़्त होता था, वो इत्मीनान से फिल्में देखते थे. तो उस वक्त की फिल्में भी वैसी ही बनती थीं. आहिस्ता आहिस्ता से कहानी कही जाती थी. बिना किसी जल्दबाज़ी के. अब ज़माना काफी तेज़ हो गया है. लोगों के पास समय नहीं है. तो फिल्में भी काफी तेज़ गति की बननी लगी हैं. बनाओ, देखो, खत्म करो."


धर्मेंद्र ने कॉमेडी, रोमांटिक, एक्शन हर तरह के रोल किए हैं. उन्हें हरफनमौला कलाकार कहा जाता है.


ये सुनने पर वो कहते हैं, "बड़ी खुशी होती है जब कोई मुझे ऑलराउंडर कहता है. मुझे कॉमेडी करने में बड़ा मज़ा आता है. आज भी जब टीवी पर चुपके चुपके जैसी फिल्म आती है तो मैं देखने बैठ जाता हूं."


धर्मेंद्र कहते हैं कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से उन्हें बहुत प्यार है. और वो इसे अपनी 'महबूबा' मानते हैं. धर्मेंद्र अपनी इस 'महबूबा' को छोड़ने के मूड में फिलहाल नहीं हैं.



साभार बीबीसी
















भारतीय मूल की नर्स की लंदन में मौत



एक फर्जी फोन कॉल के जवाब में डचेस ऑफ कैम्ब्रिज की तबीयत के बारे में एक ऑस्ट्रेलियाई रेडियो स्टेशन को जानकारी देने वाली नर्स लंदन में मृत पाई गई हैं. केट मिडलटन गर्भवती हैं और अस्पताल में भर्ती थीं.
प्रिंस विलियम और केट मिडलटन
बताया जा रहा है कि रेडियो प्रस्तुतकर्ताओं को फोन पर इसकी जानकारी देने वाली जैसिंथा सैल्दान्हा नाम की ये नर्स भारतीय मूल की थीं.ड्यूक और डचेस ऑफ कैम्ब्रिज ने एक बयान जारी कर कहा है कि नर्स जैसिंथा सैल्दान्हा की मौत से उन्हें 'बहुत दुख हुआ है.'

किंग एडवर्ड सप्तम अस्पताल ने जैसिंथा की मौत की पुष्टि की है और उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

इस बीच फर्जी फोन कॉल करने वाले ऑस्ट्रेलियाई रेडियो स्टेशन के दोनों प्रस्तुतकर्ताओं को फिलहाल हटा दिया गया है.

दो दिन पहले ऑस्ट्रेलिया के दो रेडियो प्रस्तोताओं ने महारानी और प्रिंस चार्ल्स बन कर अस्पताल में फोन किया. अस्पताल के कर्मचारियों ने समझा कि फोन शाही परिवार से आया है और गर्भवती डचेस ऑफ कैम्ब्रिज की तबीयत के बारे में रेडियो स्टेशन को सारी जानकारी दे दी गई.


'तन्हा और भ्रमित'

केट मिडलटन को सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और गुरुवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई.बीबीसी के शाही परिवार संवाददाता पीटर हंट का कहना है कि उन्हें पता चला कि सैल्दान्हा ही वो नर्स थीं जिन्होंने फर्जी फोन कॉल का जवाब दिया था. वो शादीशुदा थी और उनके दो बच्चे हैं.

बीबीसी को पता चलता है कि सैल्दान्हा को अस्पताल से न तो निलंबित किया गया और न ही किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा.

बीबीसी के निकोलस विचेच का कहना है कि संभवत वो इस पूरे घटनाक्रम को लेकर 'बेहद अकेली और भ्रमित थीं'.

इस बीच, इस खबर को प्रसारित करने वाले ऑस्ट्रेलियाई रेडियो ने इस प्रसारण को एक हादसा बताया है.

रेडियो कंपनी के सीईओ रिस होलेरान ने कहा कि उन दोनों प्रसारकों को घटना के तुरंत बाद कंपनी से निकाल दिया गया.
'बहुत अच्छी नर्स'

शाही महल के प्रवक्ता का कहना है कि इस घटना के बारे में अस्पताल से कभी कोई शिकायत नहीं की गई. बयान के अनुसार, “उल्टे हम इस घटनाक्रम से जुड़ी नर्सों और कर्मचारियों के साथ पूरा समर्थन जताते हैं.”

वहीं किंग एडवार्ड सप्तम अस्पताल के मुख्य कार्यकारी जॉन लॉफ्टहाउस ने बताया कि जैसिंथा चार साल से भी ज्यादा समय से इस अस्पताल में काम कर रही थीं.

उन्होंने कहा, “वो एक बहुत बढ़िया नर्स थीं और अपने साथियों के बीच काफी लोकप्रिय थीं और उन्हें खूब सम्मान दिया जाता था.”

पुलिस इसे संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मान कर जांच कर रही है.




जो क़ैदियों के बच्चों को देती है मां का प्यार



नेपाल की रहने वाली 28 साल की पुष्पा बसनेट जब भी किसी क़ैदी के बच्चे को देखती हैं तो उन्हें अपनी शरण में ले लेती हैं.

पुष्पा ये काम पिछले आठ साल से कर रही हैं- इन बच्चों को पनाह देना, शिक्षा दिलाना और सबसे बढ़कर माँ का प्यार देना.अब उन्हें साल 2012 का सीएनएन हीरो ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिला है. सीएनएन ने दुनियाभर में इसके लिए ऑनलाइन मतदान करवाया था.

जब वे इस पुरस्कार के लिए नामांकित हुई थीं तो उन्होंने कहा था कि अगर वे जीतती हैं तो उस पैसे का इस्तेमाल बच्चों को बेहतर सुविधाएँ देने के लिए करेंगी.




पिछले तीन सालों में सीएनएन हीरो अवॉर्ड जीतने वाली पुष्पा दूसरी नेपाली महिला हैं. अनुराधा कोइराला को भी ये सम्मान मिल चुका है.

पुष्पा को बच्चे प्यार से मामू बुलाते हैं. उनका कहना है कि दो लाख 50 हज़ार डॉलर की इनामी राशी का इस्तेमाल वो उन 80 बच्चों को नेपाली जेलों से बाहर लाने में खर्च करेंगी जो बिना ग़लती के वहाँ रहने को मजबूर हैं.



अकसर क़ैदियों के बच्चों को जेल में बंद अपने गरीब माता-पिता के साथ रहना पड़ता है क्योंकि उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं होता.

पुष्पा बताती हैं कि जो 46 बच्चे उनके साथ रहते हैं उनमें से कइयों ने भयावह किस्म के अपराध देखे हैं.

बीबीसी से बातचीत में पिछले हफ्ते उन्होंने बताया, “पाँच साल की एक बच्ची है जिसका उसके ही पिता ने बलात्कार किया था क्योंकि उसकी माँ किसी के साथ भाग गई थी. कई बच्चे घरेलू हिंसा का शिकार होते हैं.”

पुष्पा के लिए ये सिलसिला तब शुरु हुआ जब यूनिवर्सिटी की तरफ से वे एक स्थानीय जेल में गईं.

पुष्पा बताती हैं, “मैं आठ महीने की एक बच्ची को जेल में देखा. उसे और उसके जैसे और बच्चों की व्यथा मेरे दिल को छू गई. मुझे लगा कि इनके लिए कुछ करना चाहिए और मैं इस काम में जुट गई.” पुष्पा कहती हैं कि वे शादी नहीं करना चाहती.

लॉस एजेंलेस में एक शानदार समारोह में पुष्पा ने अवॉर्ड हासिल करते हुए उन बच्चों को याद किया जिनकी वे देखभाल करती हैं.

उन्होंने कहा, “ये पुरस्कार मेरे लिए बहुत मायने रखता है. जेल में अब भी 80 बच्चे हैं. मैं यकीन से कह सकती हूँ कि मामू आपको जेल से बाहर लेकर आएगी.”




वरिष्ठ चिकित्सक की हत्या की अफवाह से अफरा तफरी मची बाड़मेर में

वरिष्ठ चिकित्सक की हत्या की अफवाह से अफरा तफरी मची बाड़मेर में


बाड़मेर शुक्रवार को थार नगरी बाड़मेर में सब कुछ सामान्य चल रहा था इसी बीच दोपहर से ठीक पहले एक अफवाह ने बाज़ार को स्तब्ध कर दिया ,पुरे में की फेल गई की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रवींद्र शर्मा की अस्पताल परिसर में मार कर हत्या कर ,दी इस खबर की असलियत का पता लगाये बिना और अस्पताल की और दौड़ पड़े थोड़ी देर में भरी भीड़ अस्पताल परिसर में जमा हो गई ,अस्पताल कर्मियों को माजरा ,समझ में ,नहीं आया खबर जान कर और ने का पता लगाने फोन करने शुरू किये . डॉ रवींद्र शर्मा ना अस्पताल में थे ना घर में , में इस अफवाह को पंख लगने शुरू हो गए ,इसी बीच डॉ रवींद्र शर्मा के फोन पर किसी ने फोन किया तो उन्होंने बताया की वो ठीक ठाक ,हें एक डेलीगेसन के ,साथ हें डॉ रवींद्र शर्मा भी अपनी हत्या की खबर से स्तब्ध थे ,बाड़मेर अस्पताल में डॉ रवींद्र शर्मा को भगवान् का दर्जा प्राप्त हें ,उनके म्रदुभाशी के कायल हें .इस अफवाह की सच्चाई सामने में दो घंटे का लग गया . और बदहवास रहे इस ,दौरान थोड़ी देर में डॉ रवींद्र शर्मा अस्पताल आये लोगो से मिले तब लोगो को पता चला की कोरी अफवाह पर विश्वास कर लिया ..डॉ रवींद्र स्वस्थ हे यह जानकार लोगो को राहत मिली , दिन भर डॉ रवींद्र की हत्या की अफवाह का बाज़ार गर्म रहा

डॉ रवींद्र शर्मा ने बताया की में एक देलिगेसन के साथ के अस्पताल नहीं आ ,पाया इसी बीच मुझे फोन के जरिये मेरी हत्या की अफवाह की खबर मिली में स्तब्ध रह गया ,पहले परिवार को फोन कर खुद के स्वस्थ होने अफवाह पर ध्यान नहीं देने का कहा फिर अस्पताल आकर लोगो से ,मिला मई स्वस्थ ,हूँ कोरी अफवाह थी हत्या की जो किसी शरारती तत्वों ने फेलाई ,--

बहन की हत्या कर थाने पहुंचा भाई

बहन की हत्या कर थाने पहुंचा भाई

कोलकाता। कोलकाता में इज्जत के नाम पर अपनी ही बहन के मर्डर का मामला सामने आया है। हत्यारा भाई बहन की हत्या कर उसके सिर को इलाके में लेकर घूमता रहा और फिर थाने में जाकर सरेंडर कर दिया।

पोर्ट इलाके में रहने वाली मृतका नीलोफर की शादी 8 साल पहले रवींद्र नगर में रहने वाले अकबर अली के साथ हुई थी। उसके एक बेटा और बेटी है। नीलोफर ने यह शादी घर वालों के दबाव में आकर की थी जबकि अयूबनगर इलाके के मोहम्मद फिरोज से प्यार करती थी।

कुछ दिनों पर आई थी पिता के घर

पिछले महीने वह अपने पिता के घर आई हुई थी लेकिन अचानक घर से गायब होने पर परिवार वालों ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया। जब मृतका के भाई मेहताब आलम को पता चला कि वह अपने के प्रेमी के साथ रह रही है। ऎसे में वह शुक्रवार सुबह अयूबनगर पहुंचा और अपनी बहिन की तलवार से गला काटकर हत्या कर दी। उसके बाद कटे सिर को लेकर इलाके में घूमता रहा और फिर थाने में सरेंडर कर दिया।

पुलिस के अनुसार मेहताब ने बताया फिरोज घर पर नहीं था वरना वह भी मेरे हाथों मारा जाता। वहीं पुलिस का कहना है कि नीलोफर को बचाने फिरोज की भाभी शबाना आई तो मेहताब ने उसका हाथ काट दिया। शबाना फिलहाल अस्पताल में भर्ती है।

सोनिया गाँधी के आरोपों का मुंह तोड़ जवाब

मोदीराज में घटा भ्रष्टाचार,बाकी राज्यों में बढ़ा

सोनिया गाँधी के आरोपों का मुंह तोड़ जवाब 

नई दिल्ली। देश की राजनीति में लगातार चर्चा का केन्द्र बन रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर शुक्रवार को जारी इंडिया करप्शन स्टडी-2012 के अनुसार गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में इस वर्ष भ्रष्टाचार का आंकड़ा सबसे कम रहा जबकि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई इस मामले में शीर्ष पर है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित शोध संस्थान सेंटर फार मीडिया स्टडीज (सीएमएस) द्वारा शुक्रवार को जारी इस अध्ययन में देश के नौ राज्यों की राजधानियों में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सर्वेक्षण किया गया है और इन नौ शहरों को आधार माने तो देश में भ्रष्टाचार का स्तर गत चार वर्ष में लगभग दोगुना हो गया है। यह संस्था वर्ष 2000 से ही देश में भ्रष्टाचार के आंकड़ों का अध्ययन कर रही है। हालांकि यह भी दिलचस्प तथ्य है कि रिपोर्ट के अनुसार कुल आंकड़ों के विपरीत अहमदाबाद में भ्रष्टाचार का स्तर 2008 के मुकाबले लगभग आधा हो गया है जबकि मुंबई में यह पांच गुना से भी ज्यादा हो गया है। अहमदाबाद इस सर्वेक्षण में शामिल इकलौता शहर है जिसमें भ्रष्टाचार का ग्राफ घटा है।

शेष सभी शहरों में ग्राफ ऊपर चढ़ा है। अहमदाबाद में 2008 में 41 प्रतिशत लोगों ने भ्रष्टाचार का सामना करने की बात कबूली थी जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा 23 प्रतिशत रहा है। मुंबई में यह आंकड़ा 2005 में 17 प्रतिशत पर था जो इस वर्ष 96 प्रतिशत हो गया है। सभी नौ शहरों को मिलाकर 2008 में यह आंकड़ा 34 प्रतिशत था जो अब कुल 67 प्रतिशत हो गया है। पिछले आंकड़ों के मुकाबले सबसे ज्यादा 17 गुना इजाफा पश्चिम बंगाल की राजधानी में कोलकाता में देखा गया है। इस शहर में 2008 में भ्रष्टाचार का आंकड़ा महज पांच प्रतिशत था जो अब 65 प्रतिशत हो गया है।

दुर्ग के पांच परिवार किला छोडऩे के लिए हुए राजी


दुर्ग के पांच परिवार किला छोडऩे के लिए हुए राजी

loading...

दुर्ग के पांच परिवार किला छोडऩे के लिए हुए राजी

एमपॉवर कमेटी की बैठक में दुर्ग से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर हुई चर्चा


जैसलमेर जिला स्तर पर गठित एमपॉवर कमेटी की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। बैठक में दुर्ग से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्य रूप से दुर्ग के खिड़की पाड़ा में स्थित पांच परिवार जो किला छोडऩे के लिए राजी है, उन्हें अन्यत्र जगह देने पर विचार विमर्श हुआ। नगरपरिषद आयुक्त आर.के. माहेश्वरी ने बताया कि इस मामले में राज्य सरकार से मंजूरी मिल चुकी है और पांचों परिवारों को लक्ष्मीचंद सांवल कॉलोनी में भूखंड आवंटित किए जाएंगे। माहेश्वरी ने बताया कि आगामी एक दो दिन में ये पांचों परिवार दुर्ग स्थित मकान खाली कर देंगे।

अभी भी चल रहे हैं अवैध निर्माण: बैठक में दुर्ग व आसपास के चिह्नित 92 अवैध निर्माणों पर चर्चा हुई। कलेक्टर ने इस मामले में प्रगति जाननी चाही तो पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन सबको नोटिस दिए जा चुके हैं। लेकिन वर्तमान में भी ढिब्बा पाड़ा में 5 - 6 निर्माण कार्य चल रहे हैं, इसे रोकने की कार्रवाई नहीं हो रही है। कलेक्टर शुचि त्यागी ने नगरपरिषद के आयुक्त को इस संबंध में निर्देश जारी किए। वहीं पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने नगरपरिषद से सही सूची मांगी ताकि संबंधित व्यक्ति को ही नोटिस जारी किया जा सके। उनका कहना था कि हमारे पास मकान मालिकों की सूची नहीं है।

जनवरी तक सभी ट्रांसफार्मर शिफ्ट करें: कलेक्टर शुचि त्यागी ने डिस्कॉम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर के भीतरी हिस्सों में चिह्नित सभी टावरों को आगामी जनवरी माह तक शिफ्ट करने की कार्रवाई करवाएं। प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले गांधी चौक उसके बाद दुर्ग स्थित, गड़सीसर, शिव रोड व डेडानसर रोड स्थित ट्रांसफार्मरों को शिफ्ट करना है।  

दुर्ग पर मोबाइल टावर लगना बर्दाश्त से बाहर है

पुरातत्व विभाग ने बैठक में बताया कि हाल ही में दुर्ग के एक मकान की छत पर मोबाइल टावर लगा है। इस मामले को कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि दुर्ग पर मोबाइल टावर लगना बर्दाश्त से बाहर है। उन्होंने नगरपरिषद के अधिकारियों से दुर्ग स्थित टावर हटाने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

शीघ्र ही सब्जी मंडी विस्थापन करें

बैठक में कलेक्टर ने नगरपरिषद के आयुक्त को निर्देश दिए कि गोपा चौक स्थित सब्जी मंडी को शीघ्र ही विस्थापित किया जाए। इस मामले में ढिलाई नहीं करें। परिषद आयुक्त माहेश्वरी ने बताया कि चंद्रमोलेश्वर मंदिर के पास जगह चिह्नित कर दी गई है वहां सब्जी विक्रेताओं को थडिय़ां लगाने की जगह दी जाएगी।

लापता व्यक्ति का शव मिला, हत्या का मामला दर्ज

लापता व्यक्ति का शव मिला, हत्या का मामला दर्ज



बालेरा सरहद की पहाडिय़ों पर मिला शव, मृतक के भाई ने दर्ज करवाया नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला

बाड़मेर  गत दिनों मजदूरी पर गए एक व्यक्ति के लापता होने के 14 दिन बाद उसका शव बालेरा सरहद की पहाडिय़ों में मिला है। मृतक के भाई ने नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया है। सदर थानाधिकारी लूणसिंह ने बताया कि 25 नवंबर को गोपालदास पुत्र हरजीराम निवासी जटियों का वास, हमीरपुरा ने थाने में पेश होकर मामला दर्ज करवाया था कि उसका भाई लालचंद बाड़मेर निवासी मोडाराम के साथ रंगरोगन का कार्य करने के लिए बालेरा गांव के वीरसिंह राजपुरोहित पुत्र इंद्रसिंह राजपुरोहित के घर पर गया था। तीन दिन तक उसने वहां पर काम किया। 23 नवंबर की रात को वह पेशाब करने के लिए गया। इसके बाद वह लौटकर नहीं आया। शुक्रवार को ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि बालेरा सरहद की पहाडिय़ों में एक व्यक्ति का शव पड़ा है। इसपर थानाधिकारी लूणसिंह मय जाब्ता के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं घटना की जानकारी मिलने पर काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। इसके बाद पुलिस शव को राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में लाई। यहां पर शव का पोस्टमार्टम कर दिया गया, लेकिन देर शाम तक परिजनों ने शव नहीं उठाया था। मृतक के भाई गोपालदास ने मोडाराम व वीरसिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

कार दुर्घटना में पूर्व प्रधान बालड व ड्राइवर की मौत




कार दुर्घटना में पूर्व प्रधान बालड व ड्राइवर की मौत



सिवाना में शोक की लहर, आज  अंतिम संस्कार तक व्यापारिक प्रतिष्ठान रहेंगे बंद


सिवाना  कस्बे के वयोवृद्ध कांग्रेस नेता एवं पूर्व प्रधान रतनचंद बालड़ का शुक्रवार दोपहर सिवाना-बालोतरा राजमार्ग पर कार दुर्घटना में निधन हो गया। घटना की खबर मिलते ही कस्बे में शोक की लहर छा गई। इस दुर्घटना में कार ड्राइवर की भी मौके पर ही मौत हो गई।

शुक्रवार को नाकोड़ा में दिवंगत साध्वी की बैकुंठी यात्रा में भाग लेकर कार से सिवाना आ रहे पूर्व प्रधान रतनचंद बालड़ की कार थापन से दो किलोमीटर आगे राजमार्ग पर अचानक पलटी खा गई। दुर्घटना में रतनचंद बालड़ व कार ड्राइवर मनीष पुत्र बलंवतराज जैन की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि कार में सवार महेंद्र कुमार बागरेचा बच गए, जिन्हें खरोंच तक नहीं आई। मौके पर पहुंची पुलिस शवों को स्थानीय चिकित्सालय लेकर आई। जहां पहले से ही ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा थी।

प्रतिष्ठान बंद रहेंगे: बालड़ का अंतिम संस्कार आज दोपहर में  किया जाएगा। 
क्त की।

एएसआई और कांस्टेबल रिश्वत लेते गिरफ्तार



एएसआई और कांस्टेबल रिश्वत लेते गिरफ्तार

जोधपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने हनुमानगढ़ के नोहर थाने के एएसआई व कांस्टेबल को छह हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। यह रिश्वत उन्होंने पड़ोसी राज्य हरियाणा से डीजल लेकर आए एक किसान से ली थी। अवैध डीजल परिवहन का मुकदमा दर्ज करने की धमकी देकर वे किसान से नौ हजार रुपए पहले ले चुके थे। ब्यूरो के डीआईजी संजीब कुमार नार्जारी ने बताया कि नोहर के मंदरपुरा निवासी हुसैन खां हरियाणा से 862 लीटर डीजल लेकर आ रहा था। नोहर पुलिस ने गश्त के दौरान उसकी जीप पकड़ ली। जीप में डीजल के ड्रम भरे होने पर एएसआई मंगलसिंह ने अवैध डीजल परिवहन का मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी और पंद्रह हजार रुपए रिश्वत के मांगे। पुलिस से बचने के लिए हुसैन ने नौ हजार रुपए हाथों-हाथ दे दिए, अब एएसआई उसे शेष छह हजार रुपए देने पर दबाव बना रहा था। इस शिकायत का सत्यापन कराने के बाद शुक्रवार को ट्रैप की योजना बनाई। ब्यूरो की योजना के मुताबिक हुसैन छह हजार रुपए एएसआई मंगलसिंह के पास गया तो उसने यह राशि पुलिस जीप चालक राजेंद्र कुमार को देने को कहा। राजेंद्र कुमार ने यह रुपए आरएसी के कांस्टेबल भींयाराम को दिला दिए। ब्यूरो टीम ने दबिश देकर कांस्टेबल भींयाराम से रिश्वत राशि बरामद की और उसके बयान पर एएसआई मंगलसिंह को भी गिरफ्तार कर लिया।

खास खबर बीपीएल की दरों पर ही मिलेंगे गैर बीपीएल को भी पट्टे


खास खबर बीपीएल की दरों पर ही मिलेंगे गैर बीपीएल को भी पट्टे



जयपुर प्रदेश की कच्ची बस्तियों में अब सभी लोगों को प्रशासन शहरों के संग अभियान में बीपीएल परिवारों के लिए तयशुदा दरों पर ही पट्टे मिलेंगे। मंत्रिमंडलीय एम्पावर्ड कमेटी के फैसले के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों को आदेश जारी कर दिए। स्वायत्त शासन निदेशक ताराचंद मीणा ने बताया कि पहले नियमन के लिए बीपीएल परिवारों और गैर बीपीएल परिवारों के लिए अलग-अलग दरें तय की गई थीं, परंतु अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोग पट्टे ले सकें, इसलिए अब दरें एक ही रखी गईं। इनमें 50 वर्गगज तक नगर निगम क्षेत्र में 20 रुपए, नगर परिषद क्षेत्र में 15 रुपए और नगरपालिका क्षेत्र में 10 रुपए प्रति वर्गगज होगी, जबकि 51 से 110 वर्गगज तक के पट्टों के लिए ये दरें दोगुनी हो जाएंगी।
अभियान में आवासीय उद्देश्य के लिए 110 वर्ग गज और व्यावसायिक उद्देश्य के लिए केवल 15 वर्ग गज तक का ही पट्टा दिया जा सकेगा। व्यावसायिक भूमि की नियमन दर सामान्य आवासीय नियमन दर से दोगुनी होगी। कच्ची बस्तियों के नियमन के लिए हाईकोर्ट के आदेश से पहले 1 अप्रैल, 2004 तय की गई थी, परंतु 15 अगस्त, 2009 तक के गैर सर्वेधारियों को भी पट्टे जारी करने पर मंत्रिमंडलीय समिति ने अपनी सहमति दे दी। कच्ची बस्तियों के नियमन के संबंध में पट्टा जारी करने के लिए स्थानीय निकाय स्तर की कमेटी को ही अधिकृत किया गया।
परिवार अलग-अलग हैं तो सभी को मिलेंगे पट्टे : राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर एक ही परिवार के तीन वयस्क सदस्यों का परिवार यदि अलग-अलग रह रहा है तो सभी को अलग-अलग अधिकतम 110-110 वर्गगज के पट्टे जारी किए जा सकते हैं।
डी-नोटिफाइड करने के निर्देश: जिन कच्ची बस्तियों में पर्याप्त आधारभूत सुविधाएं विकसित हो चुकी हैं और पक्के आवासों का निर्माण हो गया है। ऐसी बस्तियों को कच्ची बस्तियों की सूची से बाहर किया जाना चाहिए।

बाड़मेर राजनितिक शख्शियत। । मरुधर की राजनीती के पथ प्रदर्शक।रामदान चौधरी


बाड़मेर राजनितिक शख्शियत। । मरुधर की राजनीती के पथ प्रदर्शक।रामदान  चौधरी 

समाज में शिक्षा क्रान्ति के जनक 


वर्तमान बाड़मेर जिले के पश्चिमी भाग को मालानी परगना के नाम से जाना जाता है. यह आजादी पूर्व जोधपुर रियासत का सीमान्त परगना था. इस क्षेत्र के पश्चिम में पाकिस्तान के सिंध प्रान्त की सीमा लगती थी. आजादी पूर्व मालानी का फैलाव जसोल से सिंध तक १०० मील लम्बा और ७५ मील चौड़ा था. इस परगना में ५०३ गाँव थे.

सन १८३६ में जाटों का एक काफिला मालानी क्षेत्र में आकर रुका. इनमें एक परिवार तेजाजी डऊकिया का भी था. ये सन १८३० में बाड़मेर से ३० की.मी. दक्षिण-पूर्व में स्थित सरली गाँव में बस गए. तेजाजी के पूर्वज नागौर के 'पिरोजपुरा' गाँव के मूल निवासी थे. परन्तु कालांतर में झंवर और आगोलाई में बस गए थे और आगोलाई से ही प्रस्थान कर तेजाजी ने 'सरली' को अपनी कर्म स्थली बनाया.  

चौधरी रामदानजी का जन्म चैत बदी ३ संवत १९४० तदनुसार १५ मार्च १८८४ को सरली नामक गाँव में चौधरी तेजारामजी के यहाँ हुआ था.  आपका गोत्र डऊकिया तथा नख तंवर था. आपकी माताजी का नाम श्रीमती दौली देवी था. आप भाई बहीनों में सबसे छोटे थे. जब आप सात वर्ष के थे तब आपका परिवार १८९१ में सरली से खड़ीन आ गया. आप जब १३ वर्ष के थे तब आपके पिताजी का देहांत हो गया था. इसके दो वर्ष बाद १८९९ में (विक्रम संवत १९५६) में मारवाड़ में भयंकर छपनिया अकाल पड़ा तो आपको परिवार के सिंध की और पलायन करना पड़ा. रामदान जी को रेल लाइन बिछाने में काम मिल गया. उसी समय आपके बड़े भाई रूपाजी का देहांत हो गया इसलिए नौकरी छोड़ खड़ीन वापस आना पड़ा. १९०० से १९०५ तक आप गाँव में रहकर खेती करते रहे. इस दौरान १९०४ में आपकी शादी श्रीमती कस्तूरी देवी भाकर के साथ हो गयी. १५ मार्च १९०५ में पुनः आपको रेलवे में ट्रोली-मैन के पद पर रख लिया. १९०७ में आपको जमादार के पद पर पदोन्नत किया. १९०७ से १९२० तक रेलवे में जमादार के पद पर रहे. इस दौरान आपने स्वतः के प्रयास से पढ़ना लिखना सीख लिया. १९२० में आपको रेल-पथ निरिक्षक के पद पर पदोन्नत कर समदड़ी में लगा दिया. १९२३ में आपको जोधपुर में भेजा गया. जोधपुर प्रवास के दौरान आपका परिचय कई प्रबुद्ध जाटों से हुआ.  

अक्टूबर १९२५ में कार्तिक पूर्णिमा को अखिल भारतीय जाट महासभा का एक अधिवेसन पुष्कर में हुआ था उसमें मारवाड़ के जाटों में जाने वालों में चौधरी गुल्लाराम, चौधरी मूलचंद जी सियाग,मास्टर धारासिंह, चौधरी रामदान जी, भींया राम सिहाग आदि पधारे थे. इस जलसे की अध्यक्षता भरतपुर के तत्कालीन महाराजा श्री किशनसिंह जी ने की. इस समारोह में उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली के अलावा राजस्थान के हर कोने से जाट सम्मिलित हुए थे. इन सभी ने पुष्कर में अन्य जाटों को देखा तो अपनी दशा सुधारने का हौसला लेकर वापिस लौटे. उनका विचार बना किमारवाड़ में जाटों के पिछड़ने का कारण केवल शिक्षा का आभाव है 

कुछ समय बाद चौधरी गुल्लारामजी के रातानाड़ा स्थित मकान पर चौधरी मूलचंद सिहाग नागौर, चौधरी भिंयारामजी सिहाग परबतसर, चौधरी गंगारामजी खिलेरी नागौर, बाबू दूधारामजी औरमास्टर धारा सिंह की एक मीटिंग हुई. यह तय किया गया कि किसानों से विद्या प्रसार के लिए अनुरोध किया जाए. तदनुसार २ मार्च १९२७ को ७० जाट सज्जनों की एक बैठक श्री राधाकिसन जी मिर्धा की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में चौधरी गुल्लारामजी ने जाटों की उन्नति का मूलमंत्र दिया कि - "पढो और पढाओ" . साथ ही एक जाट संस्था खोलने के लिए धन की अपील की गयी. यह तय किया गया कि बच्चों को निजी स्कूल खोल कर उनमें भेजने के बजाय सरकारी स्कूलों में भेजा जाय पर उनके लिए ज्यादा से ज्यादा होस्टल खोले जावें. चौधरी गुल्लारामजी ने इस मीटिंग में अपना रातानाडा स्थित मकान एक वर्ष के लिए छात्रावास हेतु देने और बिजली, पानी, रसोइए का एक वर्ष का खर्च उठाने का वायदा किया. इस तरह ४ अप्रेल १९२७ को चौधरी गुल्लारामजी के मकान में "जाट बोर्डिंग हाउस जोधपुर" की स्थापना की । इसमें चौधरी रामदानजी का भी पूरा योगदान रहा. आपने न केवल मासिक चन्दा देकर बल्कि रेलवे के अन्य लोगों से भी काफी सहायता दिलवाई. आप लंबे समय तक तन-मन-धन से इस संस्था की सहायता करते रहे.  

१९३० तक जब जोधपुर के छात्रावास का काम ठीक ढंग से जम गया और जोधपुर सरकार से अनुदान मिलने लग गया तब चौधरी मूलचंद जी, बल्देवराम जी मिर्धा, भींया राम सियाग, गंगाराम जी खिलेरी, धारासिंह एवं अन्य स्थानिय लोगों के सहयोग से बकता सागर तालाब पर २१ अगस्त १९३० को नए छात्रावास की नींव नागौर में डाली । बाद में चौधरी रामदानजी के सहयोग से बाडमेर में व १९३५ में चौधरी पूसरामजी पूलोता, डांगावास के महाराजजी कमेडिया, प्रभुजी घतेला, तथा बिर्धरामजी मेहरिया के सहयोग से मेड़ता में छात्रावास स्थापित किया गया 

आपने जाट नेताओं के सहयोग से अनेक छात्रावास खुलवाए । बाडमेर में १९३४ में चौधरी रामदानजी डऊकिया की मदद से छात्रावास की आधरसिला राखी । १९३५ में मेड़ता छात्रवास खोला । आपने जाट नेताओं के सहयोग से जो छात्रावास खोले उनमें प्रमुख हैं:- सूबेदार पन्नारामजी ढ़ीन्गसरा व किसनाराम जी रोज छोटी खाटू के सहयोग से डीडवाना में, इश्वर रामजी महाराजपुरा के सहयोग से मारोठ में, भींयाराम जी सीहाग के सहयोग से परबतसर में, हेतरामजी के सहयोग से खींवसर में छात्रावास खुलवाए । इन छात्रावासों के अलावा पीपाड़, कुचेरा, लाडनुं, रोल, जायल, [[Alay|अलाय, बीलाडा, रतकुडि़या, आदि स्थानों पर भी छात्रावासों की एक श्रंखला खड़ी कर दी । इस प्रकार मारवाड़ के जाट नेताओं जिसमें चौधरी बल्देवराम मिर्धा, चौधरी गुल्लारामजी, चौधरी मूलचंदजी, चौधरी भींयारामजी, चौधरी रामदानजी बाडमेर आदि प्रमुख थे, ने मारवाड़ में छात्रावासों की एक श्रंखला स्थापित करदी तथा इनके सुचारू संचालन हेतु एक शीर्ष संस्था "किसान शिक्षण संस्थान जोधपुर" स्थापित कर जोधपुर सरकार से मान्यता ले ली, जिसे सरकार से छात्रावासों के संचालन हेतु आर्थिक सहायता प्राप्त होने लगी.  इस शिक्षा प्रचार में मारवाड़ के जाटों ने अपने पैरों पर खड़ा होने में राजस्थान के तमाम जाटों को पीछे छोड़ दिया । 
जाट बोर्डिंग हाऊस बाडमेर के संस्थापक

चौधरी रामदानजी का १९२९ में जोधपुर से बायतू तथा १९३० में बाड़मेर स्थानान्तरण हो गया. अब आपने बाड़मेर के किसानों पर ध्यान देना शुरू किया. आपने बाडमेर में एक जाटावास बस्ती बसाई और वहीं अपना मकान बनाया. बाड़मेर को अपनी कर्म स्थली बनाते हुए इस एरिया के किसानों से सम्पर्क किया. कुछ बच्चों को लाकर अपने निवास स्थान पर लाकर रखा और पढाना शुरू किया. उस समय बाडमेर में एक मिडिल स्कूल और एक प्राथमिक स्कूल था. बच्चे वहां पढ़ने जाते और रामदानजी के मकान में रहते. यहाँ आपकी पत्नी सबके भोजन की व्यवस्था करती थी. जब बच्चों की संख्या बढ़ने लगी तब अपने पड़ौस के मकान में श्री भीकमचंदजी का मकान किराये पर लिया और वहां ३० जून १९३४ को जाट बोर्डिंग हाऊस बाड़मेर की स्थापना की. चौधरी मूलचंदजी नागौर के कर कमलों से इसका उदघाटन हुआ. उस समय १९ छात्रों ने इसमें प्रवेश लिया था 
इस संस्था की स्थापना करने के बाद रामदान जी तन-मन-धन से इसकी उन्नति में लग गए. बाड़मेर के आसपास के गाँवों का भ्रमण कर आपने कई और बच्चों को बोर्डिंग में भर्ती करवाया. धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी तो इस छात्रावास का आर्थिक भार भी बढ़ने लगा, तब आपने ग्रामीण एरिया और रेलवे कर्मचारियों से चन्दा एकत्रित कर छात्रावास का खर्चा चलाया. इस कार्य मेंचौधरी आईदानजी भादू बाड़मेर ने आपका पूरा सहयोग किया. जून १९३६ तक इस संस्था में ३५ विद्यार्थी हो गए और बाड़मेर में यह संस्था अपने आप में एक अनूठी संस्था बन गयी. १९३७ में इस छात्रावास को जोधपुर सरकार से ३० रूपया मासिक अनुदान मिलने लग गया. अब चौधरी रामदानजी इस बोर्डिंग के लिए स्थाई निर्माण करवाने में लग गए. गाँवों में घूम कर तथा रेलवे कर्मचारियों से चंदा एकत्रित कर १९४१ तक वर्तमान छात्रावास के आधे भाग का निर्माण पूरा कर लिया. अब किराए के भवन से बोर्डिंग नए भवन में स्थानांतरण करवा दिया. इस हेतु १९४२ तथा १९४४ में बाड़मेर में किसान सम्मेलन आयोजित किए. इनमें चौधरी बलादेवरामजी मिर्धा, हाकिम गोवर्धनसिंह्जी, चौधरी मूलचंदजी नागौर, चौधरी रामदानजी ने छात्रावास को पूरा करने हेतु चंदे की अपील की. तिलवाड़ा पशु मेले से भी चन्दा एकत्रित किया. इन प्रयासों से छात्रावास का निर्माण १९४६ तक पूरा हो गया.  

बाडमेर जिला किसान सभा की स्थापना

चौधरी रामदानजी १४ मार्च १९४६ को बाड़मेर से रेलवे के प्रथम-रेलपथ-निरीक्षक पद से सेवानिवृत हो गए. इसके बाद आपने पूरा ध्यान समाज सेवा में लगा दिया. अब आपने जाट बोर्डिंग हाऊस बाड़मेर के साथ मारवाड़ किसान सभा का भी काम देखना शुरू कर दिया. किसानों की प्रगती को देखकर मारवाड़ के जागीरदार बोखला गए । उन्होंने किसानों का शोषण बढ़ा दिया और उनके हमले भी तेज हो गए । जाट नेता अब यह सोचने को मजबूर हुए कि उनका एक राजनैतिक संगठन होना चाहिए । सब किसान नेता २२ जून १९४१ को जाट बोर्डिंग हाउस जोधपुर में इकट्ठे हुए जिसमें तय किया गया कि २७ जून १९४१ को सुमेर स्कूल जोधपुर में मारवाड़ के किसानों की एक सभा बुलाई जाए और उसमें एक संगठन बनाया जाए । तदानुसार उस दिनांक कोमारवाड़ किसान सभा की स्थापना की घोषणा की गयी और मंगल सिंह कच्छवाहा को अध्यक्ष तथा बालकिशन को मंत्री नियुक्त किया गया. ९४६ में बलदेव रामजी मिर्धा ने मारवाड़किसान सभा की कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया जिसमें श्री नरसिंह्जी कच्छवाहा को अध्यक्ष व श्री नाथूरामजी मिर्धा को मंत्री बनाया तथा चौधरी रामदानजी को कार्यकारिणी का सदस्य नियुक्त किया. साथ ही बाड़मेर परगने में भी किसान सभा की एक इकाई का गठन कर श्री रामदानजी को वहां का अध्यक्ष नियुक्त किया. ३ मार्च १९४८ को श्री जयनारायणजी व्यास के नेतृत्व में जोधपुर में नयी सरकार बनी जिसमें मारवाड़ किसान सभा की और से श्री नाथूरामजी मिर्धा कृषि मंत्री बने. [28]इस सरकार ने किसानों के हित में १९४९ के शुरू में मारवाड़ लैंड रेवेन्यू एक्ट व मारवाड़ टेनेन्सी एक्ट १९४९ पारित कर दिए जिसमें लागबाग आदि समाप्त करते हुए किसान को अपनी जमीन का मालिक बना दिया. इन कानूनों के बनते ही श्री रामदान जी मालानी के गाँव-गाँव ढाणी-ढाणी जाकर किसानों को इन कानूनों की जानकारी दी और लागबाग द करवाई

लगबाग बंद होने से जागीरदार तिलमिला गए और अत्याछार बढ़ा दिए. किसान नेताओं पर कातिलाना हमला कर हत्याएं करना शुरू कर दिया. इन घटनाओं में मालानी में २७ लोगों ने प्राण गँवाए. इसे समय में रामदांजी पहाड़ बन कर किसानों के रक्षार्थ सामने आए और किसानों की हर प्रकार से मदद की. आप द्वारा बाड़मेर किसान सभा के अध्यक्ष तथा बाद में विधायक की हैसियत से जो सेवाएं आपने किसानों की करी आज तक भी बाड़मेर के किसान उनको याद कर आपके प्रति श्रद्धानत होते हैं.  मारवाड़ किसान सभा तथा १४ अगस्त १९४९ को जयपुर में गठित राजस्थान किसान सभा के अध्यक्ष श्री बलदेव राम जी मिर्धा व अन्य नेताओं के प्रयासों का परिणाम यह हुआ की १९५२ के प्रारम्भ में राजस्थान की सरकार ने जागीरदारी प्रथा समाप्त करने का अधिनियम पारित कर दिया. इससे राजस्थान का किसान सदा के लिए जागीरदारी प्रथा से मुक्त हो गया. १९५५ में राजस्थान टेनेन्सी एक्ट बन जाने के बाद तो किसान स्वयम अपने जमीन का मालिक बन गया. इस कार्य में श्री बलदेव राम मिर्धा और अन्य जाट नेताओं के साथ श्री रामदान जी का भी महत्वपूर्ण योगदान था.
सामाजिक सेवा

चौधरी रामदानजी मारवाड़ के अन्य जाट नेताओं की तरह किसानों में प्रचलित सामाजिक कुरीतियाँ हटाने के हामी थे. आप बाल विवाह, म्रत्यु-भोज, मुकदमेबाजी, अफीम, तम्बाकू, दीन-प्रथा[  आदि कुरीतियों के विरोधी थे और जीवनभर इनके खिलाफ संघर्ष करते रहे. श्री रामदानजी म्रत्यु-भोज को किसानों का दुश्मन मानते थे. अतः उन्होंने ब्याह-शादियों, किसान-सम्मेलनों. तिलवाडा चैत्री पशु मेला, राजनैतिक-सम्मेलनों आदि सभी अवसरों पर म्रत्यु-भोज को बंद करने का आव्हान करते थे. जब इसमें आपको आशातीत सफलता नहीं मिली तब इसे कानूनन बंद कराने का प्रयास किया. १९५७ में जब आप विधायक बने तब आपने मुख्यमंत्री श्री मोहन लाल सुखाडिया जी से आग्रह कर "राजस्थान म्रत्यु-भोज निवारण अधिनियम १९६०" विधान सभा में पारित करवाया. इसके परिणाम स्वरूप बाड़मेर में म्रत्यु-भोज में बहुत कमी आई. दीन-प्रथा समाप्त करने के लिए आपने सर्वप्रथम अपने परिवार की लड़कियों का धर्म-विवाह करके किसानों के सामने इस प्रथा के खिलाफ एक उदाहरण प्रस्तुत किया और इस प्रथा को समाप्त करने में सफल रहे.  आप लड़कों की शिक्षा के साथ लड़कियों की शिक्षा के भी हिमायती थे. बाड़मेर इलाके में स्त्री-शिक्षा का प्रचार आपके प्रयत्नों से ही हुआ. आपके प्रयासों का ही परिणाम था की १९५३ तक ३१८ लड़कियाँ मिडिल तक पढ़ने में सफल हुई. आपने किसानों के बच्चों की पढाई के साथ साथ द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बड़ी संख्या में जाट युवकों को सेना में भर्ती करवाया. १९५१ से १९५५ के बीच राजस्थान में पुलिस प्रशासन का विस्तार हुआ तो बड़ी संख्या में किसानों के बच्चो को पुलिस में नौकरी दिलवाकर किसानों का बड़ा भला किया.
परिवार का उत्थान

जहाँ आपने किसानों के बच्चों की शिक्षा व उनको नौकरियों में लगाने पर ध्यान दिया, उसी तरह अपने परिवार के बच्चों की शिक्षा पर भी विशेष ध्यान रखा. आपके पाँच पुत्र और चार पुत्रियाँ थी और उनको सबको उच्च शिक्षा दिलवाई. आपके सबसे बड़े पुत्र श्री केसरीमलजी को ऊंची शिक्षा दिलाने के बाद व्यापार के साथ ही जाट बोर्डिंग हाऊस जोधपुर को संभालने का जिम्मा सौंपा. दूसरे पुत्र लालसिंह को ऍम ऐ , एल एल बी करवाने के बाद जोधपुर में हाकिम के पद पर नियुक्त कराया. जिन्होंने राजस्थान में विभिन्न पदों पर रहकर महत्त्व पूर्ण दायित्व निभाया. तीसरे पुत्रगंगाराम चौधरी को एल एल बी की शिक्षा दिलाकर वकालत में लगाया और समाज सेवा का अवसर दिया. बाद में गंगाराम चौधरी ने राजनीती में आकर राजस्थान के विभिन्न विभागों में मंत्री रहकर जनता की सेवा की. चोथे पुत्र खंगारमलजी तथा पांचवें पुत्र फतहसिंह्जी को भी उच्च शिक्षा दिलवाई. उस समय आपका परिवार मारवाड़ में काफी बड़ा और प्रगतिशील था.
राजनीती के माध्यम से समाज सेवा

१९५२ के प्रथम आम चुनाव से पहले १९५१ के आख़िर में मारवाड़ किसान सभा व राजस्थान किसान सभा का कांग्रेस में विलय हो जाने पर चौधरी रामदानजी भी कांग्रेस में सम्मिलित हो गए. १९५३ में नया पंचायती राज अधिनियम लागू हुआ. आपके प्रयासों से अनेक किसान सरपंच चुने गए. इसके बाद तहसील पंचायत के चुनाव हुए जिसमें १९५४ में आप बाड़मेर तहसील पंचायत के सरपंच चुने गए. बाड़मेर में १९५३ से १९५५ तक हुए भूमि-बंदोबस्त में भी किसानों का आपने व आपके पुत्र श्री गंगारामजी ने बराबर मार्गदर्शन किया. भूमि के वाजिब लगान निर्धारित करवाए. १९५७ में द्वितीय आम चुनाव में गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्यासी के रूप में चुनाव लड़ा और विजयी रहे. १९५७ से १९६२ तक विधायक रहते बहुत समाज सेवा की. इस दौरान बाड़मेर में डाकू उन्मुलक करवाया तथा जागीर जब्ती क़ानून में जागीरों का अधिग्रहण करवाया. १९५९ में गुडामलानी पंचायत समिती के प्रधान पद पर पुत्र गंगारामजी को निर्वाचित करवाया. १९६० में म्रत्यु-भोज निवारण अधिनियम पास करवाकर बाड़मेर के किसानों को बर्बादी से बचाया. १९६२ में श्री रामदानजी ने राजनीती से सन्यास ले लिया और अपने उत्तराधिकारी के रूप में श्री गंगारामजी चौधरी को १९६२ के तृतीय आम चुनाव में कांग्रेस से गुडामलानी से विधायक जितवाया. बाड़मेर एरिया में आपके द्वारा की गयी सेवा के कारण श्री गंगारामजी बराबर बाड़मेर से चुनाव जीतते रहे तथा राजस्थान सरकार में कई विभागों के मंत्री रहे.  

शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

इन तस्वीरों में छिपी है सगी बहनों और डांस बार की एक शर्मनाक सच्चाई!

इन तस्वीरों में छिपी है सगी बहनों और डांस बार की एक शर्मनाक सच्चाई!  इन तस्वीरों में छिपी है सगी बहनों और डांस बार की एक शर्मनाक सच्चाई! 

नागपुर. हैदराबाद निवासी दो बहनें शहर के बीयर बार में नाचते हुए पकड़ी गईं। पुलिस ने बुधवार की मध्यरात्रि में वर्धा मार्ग स्थित ओपेल तंदूर बार व रेस्टोरेंट में छापेमारी की।

इस दौरान 5 युवतियों, ग्राहकों व बार मालिक समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। विधानमंडल के शीतसत्र के पहले उपराजधानी में गुलजार हो रहे डांस बार का पर्दाफाश होने से पुलिस प्रशासन में भी हड़कंप मचा है।

सामाजिक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालनेवाली पुलिस की अपराध शाखा की सक्रियता कसौटी पर है। पता चला है कि युवतियों को विशेष पैकेज पर स्टेज डांस के नाम पर बुलाया गया था। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

पकड़े गए आरोपियों में बार संचालक प्रवीण अशोक महाजन (40) निवासी स्नेहनगर, अर्पण दिलीप ठाकरे (20) इतवारी, राजेश श्रवणसिंह चौहान (45) मोहननगर, मनोज राजाराम सावरकर (45) पांचपावली व बृजेश रामनरेश पांडे (35) शिवणगांव मार्ग के अलावा मोनिका (25) निवासी भिलाई, चंचल (30) भिलाई, कविता (35) भिलाई, गीता (22) हैदराबाद व मनीषा (23) हैदराबाद शामिल हैं


वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को ओपेल तंदूर बार में डांस चलने की गुप्त सूचना मिली थी। उपायुक्त चंद्रकुमार मीणा ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को छापा मारने के निर्देश दिए। छापामार दल में थानेदार तुकाराम वहिले के अलावा उपनिरीक्षक राहुल सूर्यतल, संजय गुप्ता, शैलेंद्र चौधरी, दीपक इंगले व किरण पाटील शामिल थे


नीलामी: 36 करोड़ में बिकी एंटीक और दुनिया की सबसे महंगी घड़ी



यह है दुनिया की सबसे महंगी घड़ी। इस घड़ी को 1795 में अब्राहम लुईस ब्रिगेट ने बनाया था।

 

स्विस वॉच कंपनी ब्रिगेट के संस्थापक लुईस लीडिंग वॉचमेकर के तौर पर जाने जाते थे। उनके द्वारा बनाई गई इन सिंपेथिक घड़ियों को नेपोलियन और ब्रिटेन के जॉर्ज चतुर्थ ने भी उपयोग किया है।



इनका इस्तेमाल स्पेन और रूस के राजघरानो में भी किया गया । अब ऐसी सिर्फ 10 से 12 घड़ियां ही अस्तित्व में हैं। लुईस द्वारा बनाई गई सोने की यह घड़ी करीब 37 करोड़ रुपए में बिकी।

शादी तुड़वाने 331 किमी पहुंची एफबी फ्रेंड



शादी तुड़वाने 331 किमी पहुंची एफबी फ्रेंड
जयपुर। मेरठ की एक लड़की ने शुक्रवार को अपने फेसबुक फ्रेंड चितरांजन की शादी तुड़वाने के लिए जयपुर में जमकर हंगामा किया। शुक्रवार को ही चितरांजन की शादी होनी है और मेरठ से करीब 331 किलोमीटर दूर चलकर जयपुर आई लड़की एकता नहीं चाहती कि वह किसी ओर से शादी करे। शादी के घर इस हंगामे के बाद मौके पर पहुंची करधनी थाना पुलिस ने युवती की तरफ से मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मेरठ की इस युवती ने युवक के साथ कई बार जिस्माना संबंध स्वीकारने के साथ ही उसपर शादी का झांसा देने के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने इसकी तस्दीक के लिए युवती का मेडिकल करवाया है और आगे की कार्रवाई के लिए मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।जानकारी के अनुसार चितरांजन और एकता की पहचान फेसबुक पर हुई और फिर दोस्ती हो गई। इसी बीच युवक मेरठ पहुंच गया और वहां दोनों के बीच जिस्माना संबंध बन गए। युवती के अनुसार चितरांजन ने उसे शादी करने का वादा किया और इसी शत्तü पर वह उससे सेक्स को तैयार हुई। लेकिन अब वह मुकर गया और किसी ओर से शादी कैसे कर सकता है। पीडिता ने करघनी थाने पहुंच कर पुलिस को आपबीती बताई।
करधनी थाना प्रभारी कैलाश जिंदल ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की रहने वाली एकता ने प्रतापनगर निवासी चितरांजन पर फेसबुक पर दोस्ती और फिर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। एकता के अनुसार चितरांजन एकता से मिलने मेरठ गया और वहां युवती को शादी करने का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाए। जब एकता ने शादी करने का दबाव बनाया तो अचानक चितरांजन चकमा देकर जयपुर आ गया।

शस्त्र सेना झण्डा दिवस मनाया



शस्त्र सेना झण्डा दिवस मनाया
बाडमेर, 7 दिसम्बर।  शुक्रवार को सास्त्र सेना झण्डा दिवस मनाया गया। जिला कलेक्टर भानु प्रका एटूरू को जिला सैनिक काल्याण अधिकारी मेजर पी. एस. भाटी द्वारा झण्डा लगाकर सेना झण्डा दिवस का शुभारम्भ किया गया।

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर पी.एस. भाटी ने बताया कि यह दिवस युद्ध में भाहीद/विकलांग/पूर्व सैनिक/विधवाओं के कल्याणार्थ जन सहयोग से धन एकत्रित करने हेतु मनाया जाता है। उन्होने बताया कि इस वशर बाडमेर जिले को चार लाख रूपये की राि एकत्रित करने का लक्ष्य दिया गया है। उन्होने सभी विभागों को ध्वज भिजवा कर युद्ध में भाहीद/ विकलांग, पूर्व सैनिक/ विधवाओं के कल्याणार्थ अधिक से अधिक सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया है।

0-

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री खान आज देताणी आएगें

बाडमेर, 7 दिसम्बर। अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ राज्यमंत्री अमीन खान आज देताणी आएगें।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अल्पसंख्यक मामलात राज्यमंत्री खान 8 दिसम्बर को प्रातः 8.00 बजे जयपुर से प्रस्थान कर सायं 5.30 बजे देताणी पहुंचेगे तथा रात्रि विश्राम देताणी में करेंगे। 9 तथा 10 दिसम्बर को उनका आरक्षित कार्यक्रम रहेगा। वे 11 दिसम्बर को िव विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत राजबेरा, उण्डू, कामीर, आरंग व कानासर में जन सम्पर्क करेंगे तथा रात्रि विश्राम कानासर में करेंगे। वे 12 दिसम्बर को ग्राम चोचरा, धारवी कलां, बीसूकला, भीयाड में जनसम्पर्क करेंगे तथा रात्रि विश्राम सर्किट हाउस बाडमेर में करेंगे। इसके पचात वे 13 दिसम्बर को प्रातः 9.00 बजे बाडमेर से जालोर के लिए प्रस्थान कर जाएगें।

0-

जुआ खेलते तीन गिरफ्तार



जुआ खेलते तीन गिरफ्तार
 बाड़मेर कोतवाली पुलिस ने शहरी क्षेत्र में   तीन जनों को गिरफ्तार किया .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया शंकरलाल स.उ.नि. मय पुलिस पार्टी पुलिस थाना कोतवाली द्वारा मुखबीर की ईत्तला पर कस्बा बाड़मेर में फकीरो के कुंए के पास सार्वजनिक स्थान पर ताश के पतो से जुआ खेल रहे मुलजिम शंकराराम पुत्र नथाराम, पुरखाराम व मनोज को गिरफ्तार कर उसके कब्जा से 630/रूपये जुआ राशी बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली पर जुआ अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।


मारपीट और चोरी के मामले दर्ज 
बाड़मेर  उम्मेदाराम पुत्र सोनाराम कलबी नि. बालोतरा ने मुलजिम तखतसिंह पुत्र भेरूलाल मेगवाल नि. बिठूजा वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस के खेत में प्रवेश कर सामान चुराकर ले जाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना पचपदरा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इशी तरह श्मदनलाल पुत्र जेठमल सोनी नि. सुनारो का वास बाड़मेर ने मुलजिम अज्ञात के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि अज्ञात मुलजिम द्वारा मुस्तगीस की दुकान का ताला तोड़कर सोने चांदी के जेवरात चुराकर ले जाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इधर    पुनमाराम पुत्र रूखमणाराम जाट नि. धोरीमना ने मुलजिम चन्द्रप्रकाश पुत्र रूखमणाराम जाट नि. दूधू वगेरा 7 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस की गाड़ी को रूकवाकर मारपीट कर शीश्ो तोड़कर नुकसान पहुंचाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना धोरीमना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 

4.प्रार्थी श्री कचराराम पुत्र बनाराम मेगवाल नि. मिठडाउ ने मुलजिम जेसाराम पुत्र रूपाराम मेगवाल नि. मिठडाउ वगेरा 14 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस का रास्ता रोककर मारपीट करनाव गाड़ी के कांच तोड़ना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना बीजराड़ पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

विधायक जैन ने किया प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र राणीगॉव का किया आकस्मिक निरिक्षण।



विधायक जैन ने किया प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र राणीगॉव का किया आकस्मिक निरिक्षण।

बाड़मेर 7 दिसम्बर 2012 

बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र राणीगांव का किया आकस्मिक निरिक्षण व कई गावों का दौरा कर जन समस्याएं सुनी।

विधायक जैन ने शुक्रवार को ग्राम पंचायत राणीगांव में प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र का निरीक्षण किया मरिजों से समस्या सुनी व मुख्यमंत्री नि:शुल्क योजना की जानकारी ली। विधायक जैन ने सरणु व सरली ग्राम पंचायतों का दौरा किया। इस दौरान विधायक जैन ने सरणु व सरली में ंचौधरी समाज के सामाजिक कार्यक्रम मे शरीक हुए।इस दौरान विधायक ने उपस्थित लोगों की जन समस्याएं सुनी । उनके साथ कांग्रेस नेता मुकनाराम गोरसिया, पूर्व सरपंच दुदाराम चौधरी स्वरूपसिहं सरणु, जोगराजमल जैन राणीगांव थे।

बाड़मेरएक और मोटरसाईकिल चोर गेंग का पर्दाफाश दो गिरफतार,

एक और मोटरसाईकिल चोर गेंग का पर्दाफाश दो गिरफतार,

 8 बाईक चुराना कबुला, आरोपियों की तलाश के लिये अलगअलग टीमे गठित

 जल्द ही अन्य गिरोह पकड़े जाने की उम्मीद :

बाड़मेर बाड़मेर पुलिस ने बाईक चोर गिरोहों पर शिकंजा कसके हुए आज एक और बाईक चोर गिरोह को चोहटन से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की ,गुरूवार को बाड़मेर में एक बाईक चोर गिरोह को पुलिस ने दस्तयाब किया था ,पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के कड़े निर्देशों के बाद चेती पुलिस ने बड़ी कार्यवाही कर लगातार गिरोह को दस्तयाब किया . राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले में हो रही वाहन चोरी की वारदातो की रोकथाम हेतु वृत स्तर व थाना स्तर पर विशोष टीमे गठित की जाकर वाहन चोर गैंग को दस्तयाब करने हेतु विशोष निर्देश दिये गये जिसके फलस्वरूप जिले में लम्बे समय से सकि्रय बाईक चोर गिरोह का पर्दाफाश करने में जिला पुलिस को दो दिनो में दुसरी बड़ी सफलता मिली हैं। पुलिस थाना चौहटन टीम ने बाईक चोर गिरोह के दो आरोपियों को कस्बा चौहटन में दस्तयाब किया जाकर प्रारम्भिक पूछताछ में आरोपियों ने आठ (08) मोटर साईकल चोरी की लाना व बेचना कबुल किया है। उल्लेखनीय हैं कि पुलिस की अलगअलग टीमें बीते कई दिनों से बाईक व वाहन चोर गिरोह के सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है।
श्री हनुमानाराम वृताधिकारी वृत चौहटन के नेतृत्व में थानाधिकारी चौहटन श्री राजेन्द्र चौधरी के साथ गठित टीम के सदस्य चुतराराम हैडकानि., कानि. देवाराम, लाधुराम, बीजाराम, मोहनलाल, किशनसिंह ने गुरुवार को बाईक चोर गिरोह के आरोपी अनिल कुमार पुत्र जगदीशचन्द्र जाति धारीवाल निवासी चौहटन व भोमाराम पुत्र मोडाराम जाति जाट (सियोल) निवासी बांटा पुलिस थाना गुड़ामालानी को कस्बा चौहटन में गिरफतार किया गया जिनसे प्रारम्भिक पूछताछ में इन्होनें 08 मोटर साईकले चोरी की लाना कबुल किया जिनके कब्जा से चोरी की 02 मोटर साईकले बरामद की गई। गिरफतार मुलजिमानों से गहन पूछताछ की जा रही हैं जिनसे ओर भी मोटर साईकले बरामद होने की पूर्ण सम्भावना हैं।