रविवार, 9 दिसंबर 2012

बीकानेर सुहागरात से पहले आ गई मौत....

सुहागरात से पहले आ गई मौत....
बीकानेर। इसे किसकी बदनसीबी कहें। उस लड़की की...जिसने अभी पति से चार मीठी बातें भी नहीं की थी और जिसकी मेहंदी का रंग अभी फीका भी नहीं पड़ा था या फिर उस पति की...जिसने बीवी का चेहरा भी ढंग से नहीं देखा था।

बस...इसे कुदरत का खेल ही कह सकते हैं कि किसी को सुहागरात से पहले मौत आ जाए। कुछ ऎसा ही हुआ बीकानेर के नथूसर गांव के पंकज सोनी के साथ,जो नई नेवेली दुल्हन के लिए शादी के बाद पहला गिफ्ट खरीदने बाजार गया था लेकिन फिर कभी नहीं लौटा। लौटी तो सिर्फ उसकी लाश।

पंकज की दो दिन पहले ही शादी हुई थी। उसकी बारात रतनगढ़ गई थी। पंकज के घर में खुशी का माहौल था। रिसेप्शन की तैयारियां चल रही थी। इस बीच पंकज की लाश घर पहुंची तो मातम छा गया। घर वालों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। पत्नी तो समझ ही नहीं पाई थी कि हो क्या रहा है,जब वह बदहवास सी भागती हुई आई तो देखा कि पति का शव पड़ा है। वह वहीं बेहोश हो गई। चारों ओर चीख-पुकार से ऎसा लग रहा था मानो पूरा मोहल्ला रो रहा हो।

शनिवार को पंकज अपनी पत्नी के लिए गिफ्ट लेने बाजार गया था। उसने मां और पत्नी को कहा था कि वह जल्द ही लौट आएगा लेकिन जब शाम तक नहीं लौटा तो घर वालों ने नयेसर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत पंकज की तलाश शुरू कर दी। रविवार सुबह पुलिस को गजनेर रेलवे ट्रेक पर एक शव पड़ा मिला। पहचान के लिए पंकज के घर वालों को बुलाया गया। घर वालों ने शव देखते ही उसकी पहचान पंकज के रूप में की। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

अभी यह पता नहीं चल पाया है कि पंकज ने आत्महत्या की है या उसकी हत्या हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पंकज अपने घर में पिता के साथ सोने-चांदी की दुकान चलाता था। पंकज के एक भाई और दो बहनें है। पंकज इनमें से सबसे छोटा था।

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