रामदेवरा। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के विभिन्न जिलों से आए डेढ़ सौ से अघिक दर्शनार्थियों ने गुरूवार को यहां बाबा रामदेव की समाघि के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। गांव में दिनभर पाक दर्शनार्थियों की चहल पहल बनी रही।
सिंध से आए हिन्द
पाक के सिंध प्रांत में सांगड़, मीरपुर खास, बदीन एवं तड़वादम इलाकों से करीब डेढ़ सौ पाक दर्शनार्थी गुरूवार की सुबह बाबा की समाघि के दर्शन करने रामदेवरा पहुंचे। भारत पाक विभाजन के करीब छह दशक बाद भारत आने की खुशी के कारण उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। सभी परिवारजनों के साथ मिश्री, पताशा का भोग चढ़ाकर दोनों देशों के बीच अमन, चैन व खुशहाली की प्रार्थना की।
पाक के सिंध प्रांत में सांगड़, मीरपुर खास, बदीन एवं तड़वादम इलाकों से करीब डेढ़ सौ पाक दर्शनार्थी गुरूवार की सुबह बाबा की समाघि के दर्शन करने रामदेवरा पहुंचे। भारत पाक विभाजन के करीब छह दशक बाद भारत आने की खुशी के कारण उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। सभी परिवारजनों के साथ मिश्री, पताशा का भोग चढ़ाकर दोनों देशों के बीच अमन, चैन व खुशहाली की प्रार्थना की।
दर्शनार्थियों ने मेला परिसर क्षेत्र से चूड़ी, कंठी, माला व मिट्टी के बर्तनों आदि की जमकर खरीदारी की। सिंध का पहनावा पहने दर्शनार्थी आकर्षण का केन्द्र बने रहे।
पाक में हिन्दुओं की स्थिति बद्तर
सांगड़ जिले से आए किरतोमल, उदाराम एवं चेतनराम ने बताया कि भारत में आकर सुकून मिल रहा है। हमारे पूर्वज यहां रहा करते थे। विभाजन के बाद हम लोग पाक में बस गए। वहां पर तानाशाही के चलते हिन्दू अपने आप को सुरक्षित नहीं पाते है। सैंकड़ों हिन्दू परिवार भारत आकर अपने पूर्वजों से मिलना चाहते हंै, लेकिन पासपोर्ट व वीजा नहीं मिलने के कारण उनकी हसरत पूरी नहीं हो पा रही है। पासपोर्ट व वीजा प्रक्रिया में नरमाई बरती जानी चाहिए, ताकि गरीब तबके के लोग भी भारत आ सके।
सांगड़ जिले से आए किरतोमल, उदाराम एवं चेतनराम ने बताया कि भारत में आकर सुकून मिल रहा है। हमारे पूर्वज यहां रहा करते थे। विभाजन के बाद हम लोग पाक में बस गए। वहां पर तानाशाही के चलते हिन्दू अपने आप को सुरक्षित नहीं पाते है। सैंकड़ों हिन्दू परिवार भारत आकर अपने पूर्वजों से मिलना चाहते हंै, लेकिन पासपोर्ट व वीजा नहीं मिलने के कारण उनकी हसरत पूरी नहीं हो पा रही है। पासपोर्ट व वीजा प्रक्रिया में नरमाई बरती जानी चाहिए, ताकि गरीब तबके के लोग भी भारत आ सके।
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