रामदेवरा ,बाबा के दर्शनार्थ आए श्रृद्धालु संगीत रस से हुए सरोबार
रामदेवरा , 8 सितम्बर। बाबा रामदेव के भादवा मेले में दर्शनार्थ देश के कौने-कौने से रामदेवरा पहुंचे मेलार्थियों को दर्शन के साथ ही मनोरंजन का भी पूरा-पूरा लाभ मिल रहा है। मेले में आने वाले श्रृद्धालुओं को निःशुल्क अनेक सुविधाएं मिल रही है। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी कड़ी से कड़ी जुड़ रही है।
बुधवार रात्रि को मेला चैक में गीत एवं नाटक प्रभाग के अधीन मारवाड़ लोक कला मण्डल नागौर के तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया। जिसका शुभारम्भ बाबा रामदेव जी के प्राचीन प्रचलित भजन से हुआ। हाकमखां एवं उनके कलाकारों ने ढ़ौलक ,हाॅरमोनियम ,खड़ताल एवं अन्य वाद्य यंत्रों के माध्यम से मधूर स्वर लहरियों के साथ लोक संगीत एवं नृत्य प्रस्तुती से श्रोताओं को भक्ति रस से सरोबार सा कर दिया।
गायक हाकमखां ने बाबा के भजन मां मन्हें घोड़लियो मंगवा दे , लीले घौड़े रे असवार , लोकगीत बाबो सा खुदाई बावड़ी , पणियारी ,मोर बोले रे आबू रे पहाड़ो में आदि मधूर गीतों की नृत्य प्रस्तुतीयाॅं से श्रोतागण झूम उठे।
कार्यक्रम के मध्य में बाबा की लीलाओं व चमत्कार आधारित भावपूर्ण लोक भजनों में कलाकार रेवंताराम ने बाबा रामदेव जी के कपड़े के घोड़े पर सवार होकर मूर्त स्वरुप में ’’ माॅं मन्हें घोड़लियो मंगवा दे भक्ति गीत पर क्या प्रस्तुत दी कि दर्शक मौहक रुप से झूम उठे। इसी प्रकार मुकेश कलाकार ने मिले‘जुले लोक गीतों एवं दोहों के गायन पर साईकिल व्हील का ऐसा शानदार प्रस्तुतीकरण किया कि दर्शन आश्चर्यचकित हो गये। इस कलाकार ने चकरी को अपने सिर,हाथ एवं पैर घूटने पर बेहद संतुलन बनाए रखते हुए घुमा कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध सा कर दिया।
कार्यक्रम के अंत में गौरबंद प्रसिद्व गीत नायक-‘नायिका की जोड़ी के कार्यक्रम की आकर्षक प्रस्तुती दी। कार्यक्रम को देख कर पंजाब से आए दो युवा कलाकारों ने भी उत्साहित होकर पंजाबी भंगड़ा गीत प्रस्तुत कर वाहावाही लूटी। कार्यक्रम में विशेष रुप से हाकमखां के लोकगीत गायन एवं शौकतखां की ढौलक थाप को दर्शकों ने खूब सराया। खड़ताल पर अहमदखां और झूनझूने पर मूसेखां ने साथ निभाया। कार्यक्रम का सफल संचालन मारवाड़ लोक कला मण्डल के सत्यनारायण शर्मा ने किया तथा विविध सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की।
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रामदेवरा , 8 सितम्बर। बाबा रामदेव के भादवा मेले में दर्शनार्थ देश के कौने-कौने से रामदेवरा पहुंचे मेलार्थियों को दर्शन के साथ ही मनोरंजन का भी पूरा-पूरा लाभ मिल रहा है। मेले में आने वाले श्रृद्धालुओं को निःशुल्क अनेक सुविधाएं मिल रही है। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी कड़ी से कड़ी जुड़ रही है।
बुधवार रात्रि को मेला चैक में गीत एवं नाटक प्रभाग के अधीन मारवाड़ लोक कला मण्डल नागौर के तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया। जिसका शुभारम्भ बाबा रामदेव जी के प्राचीन प्रचलित भजन से हुआ। हाकमखां एवं उनके कलाकारों ने ढ़ौलक ,हाॅरमोनियम ,खड़ताल एवं अन्य वाद्य यंत्रों के माध्यम से मधूर स्वर लहरियों के साथ लोक संगीत एवं नृत्य प्रस्तुती से श्रोताओं को भक्ति रस से सरोबार सा कर दिया।
गायक हाकमखां ने बाबा के भजन मां मन्हें घोड़लियो मंगवा दे , लीले घौड़े रे असवार , लोकगीत बाबो सा खुदाई बावड़ी , पणियारी ,मोर बोले रे आबू रे पहाड़ो में आदि मधूर गीतों की नृत्य प्रस्तुतीयाॅं से श्रोतागण झूम उठे।
कार्यक्रम के मध्य में बाबा की लीलाओं व चमत्कार आधारित भावपूर्ण लोक भजनों में कलाकार रेवंताराम ने बाबा रामदेव जी के कपड़े के घोड़े पर सवार होकर मूर्त स्वरुप में ’’ माॅं मन्हें घोड़लियो मंगवा दे भक्ति गीत पर क्या प्रस्तुत दी कि दर्शक मौहक रुप से झूम उठे। इसी प्रकार मुकेश कलाकार ने मिले‘जुले लोक गीतों एवं दोहों के गायन पर साईकिल व्हील का ऐसा शानदार प्रस्तुतीकरण किया कि दर्शन आश्चर्यचकित हो गये। इस कलाकार ने चकरी को अपने सिर,हाथ एवं पैर घूटने पर बेहद संतुलन बनाए रखते हुए घुमा कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध सा कर दिया।
कार्यक्रम के अंत में गौरबंद प्रसिद्व गीत नायक-‘नायिका की जोड़ी के कार्यक्रम की आकर्षक प्रस्तुती दी। कार्यक्रम को देख कर पंजाब से आए दो युवा कलाकारों ने भी उत्साहित होकर पंजाबी भंगड़ा गीत प्रस्तुत कर वाहावाही लूटी। कार्यक्रम में विशेष रुप से हाकमखां के लोकगीत गायन एवं शौकतखां की ढौलक थाप को दर्शकों ने खूब सराया। खड़ताल पर अहमदखां और झूनझूने पर मूसेखां ने साथ निभाया। कार्यक्रम का सफल संचालन मारवाड़ लोक कला मण्डल के सत्यनारायण शर्मा ने किया तथा विविध सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की।
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